जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 312/2018 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-31/07/2018
परिवाद के निर्णय की तारीख:-02.12.2021
मंजू राठौर पत्नी श्री जीतेन्द्र सिंह राठौर सेक्टर एन 324 आशियाना कानपुर रोड योजना लखनऊ। ..........परिवादिनी।
बनाम
फिनिक्स मॉल द्वारा होम टाउन सब्जी मण्डी बारह बिरवा आलम बाग लखनऊ द्वारा प्रबन्धक। .............विपक्षी।
आदेश द्वारा-
श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
एकपक्षीय निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षी से, क्रय किये गये त्रुटिपूर्ण डबल बेड की कीमत 20,900.00 रूपये मय ब्याज अथवा नया डबल बेड, मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक परेशानी की क्षतिपूर्ति हेतु 20,000.00 रूपया, एवं वाद व्यय 5000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने दिनॉंक 20.01.2018 को एक किंग साइज डबल बेड 20,900.00 रूपये में तथा साथ में गद्दे की कीमत 17282.00 रूपये में इस आशय से क्रय किया कि क्रय किये गए सामान में कोई त्रुटि अथवा विसंगत होने पर वापस किया जा सकेगा। परिवादिनी ने बजाज फाइनेन्स से ऋण स्वीकृत कराकर 38,154.00 रूपये का भुगतान किया तथा दिनॉंक 22.01.2018 को सामान की डिलीवरी विपक्षी द्वारा परिवादिनी के घर पर करायी गयी।
3. डबल बेड की फिटिंग करने हेतु विपक्षी का फिटर घर पर आया और उसने बताया कि डबल बेड में सिराहने की ओर क्रेकनेस है जिसकी वजह से बोल्ट की फिटिंग नहीं की जा सकती। अस्थाई रूप से बोल्ट लगाकर उसने अवगत कराया कि बेड कम्पनी द्वारा बदला जायेगा। परिवादिनी ने इस संदर्भ में विपक्षी के यहॉं कई बार शिकायत करायी और विपक्षी द्वारा चार बार जॉंच करायी गयी।
4. इसी बीच में डबल बेड के चारों कोने अपनी मूल अवस्था से दरार देकर अलग हो गए। विपक्षी के द्वारा भेजे गये फिटर द्वारा यह कथन किया गया कि बेड में कोई मरम्मत नहीं की जा सकती, क्योंकि गंभीर त्रुटियों के कारण डबल बेड बदला ही जायेगा।
5. परिवादिनी द्वारा विपक्षी के यहॉं कई चक्कर लगाए लेकन विपक्षी द्वारा लापरवाही और सेवा में त्रुटि अपनाते हुए कोई कार्यवाही नहीं की गयी और न ही शिकायत का समुचित निराकरण ही किया गया जिससे परिवादिनी को अत्यधिक मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक कष्ट झेलना पड़ा।
6. विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण परिवादिनी द्वारा विपक्षी को विधिक नोटिस दिनॉंक 23.07.2018 को भेजा गया, लेकिन विपक्षी ने लापरवाही व सेवात्रुटि अपनाते हुए कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।
7. परिवाद का नोटिस विपक्षी को जारी किया गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ अत: दिनॉंक 04.12.2018 के आदेश से विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
8. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। विदित है कि धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह परिवाद पत्र विपक्षी के विरूद्ध संस्थित किया गया है, जिसके तहत परिवादी ने सेवा में की गयी त्रुटि तथा मानसिक व शारीरिक एवं आर्थिक क्षति हेतु परिवाद संस्थित किया है।
9. परिवादिनी ने अपने कथानक के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है तथा विधिक नोटिस की प्रति, टैक्स इनवाइस, सेल्स ट्रांजेक्शन डिटेल्स की प्रति प्रस्तुत किया है।
10. परिवादिनी द्वारा परिवाद संस्थित किये जाने के पूर्व नोटिस विपक्षी को दी गयी थी, जिसका कोई उत्तर विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया।
11. पत्रावली का परिशीलन किया जिससे विदित होता है कि परिवादिनी ने विपक्षी फिनिक्स मॉल से एक किंग साइज डबल बेड 20,900.00 रूपये में क्रय किया। विपक्षी द्वारा डबल बेड की डिलीवरी परिवादिनी के घर पर करायी गयी, परन्तु जब उस बेड की फिटिंग करने हेतु विपक्षी का फिटर परिवादिनी के घर आया तथा उस बेड की फिटिंग करते समय उस फिटर द्वारा बताया गया कि संदर्भित बेड में सिरहाने की ओर क्रेकनेस है जिसकी वजह से बोल्ट की फिटिंग नहीं की जा सकती।
12. फिटर द्वारा अस्थाई रूप से बोल्ट लगाकर अवगत कराया कि बेड कम्पनी द्वारा बदला जायेगा। इस सन्दर्भ में परिवादिनी ने विपक्षी के यहॉं कई बार शिकायत की और विपक्षी द्वारा चार बार जॉंच करायी गयी, परन्तु फिर भी डबल बेड के चारों कोने अपनी मूल अवस्था से दरार देकर अलग हो गए। विपक्षी के फिटर ने यह कथन किया कि उपरोक्त बेड में कोई मरम्मत नहीं की जा सकती है। इस संदर्भ में परिवादिनी विपक्षी के यहॉं कई बार गयी, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादिनी ने उपरोक्त संदर्भ में विपक्षी को विधिक नोटिस दिया, किन्तु विपक्षी द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। परिवादिनी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि साक्ष्य के माध्यम से एवं दस्तावेजी साक्ष्य से किया है।
13. पत्रावली पर कोई भी ऐसा साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे कि परिवादिनी के कथन पर अविश्वास प्रकट किया जा सके। परिवादिनी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
14. मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों के तहत पीठ की राय में विपक्षी 20,900.00 रूपये डबल बेड की कीमत 09 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से भुगतान करेंगे तथा मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के रूप में मुबलिग-5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भुगतान करेंगे जिससे परिवादिनी के उददेश्य की पूर्ति हो।
आदेश
15. परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादिनी को मुबलिग 20,900.00 (बीस हजार नौ सौ रूपया मात्र) परिवाद दायर करने की तिथि से अंतिम अदायगी तक उक्त धनराशि पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज के साथ निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर भुगतान करें। यदि उपरोक्त आदेश का अनुपालन 45 दिन के अन्दर सुनिश्चित नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
16. परिवादिनी को निर्देशित किया जाता है कि उक्त धनराशि प्राप्त करते समय संदर्भित डबल बेड विपक्षी को प्राप्त कराये।
(अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।