Mukesh Kumar filed a consumer case on 23 Mar 2015 against Phedex express in the Jalor Consumer Court. The case no is C.P.A 81/2014 and the judgment uploaded on 26 Mar 2015.
न्यायालयःजिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जालोर
पीठासीन अधिकारी
अध्यक्ष:- श्री दीनदयाल प्रजापत,
सदस्यः- श्री केशरसिंह राठौड
सदस्याः- श्रीमती मंजू राठौड,
..........................
1. मुकेश कुमार प्रोप0 इन्धा ग्रेनाइट इण्डस्ट्रीज, रिको इण्डस्ट्रीयल ऐरियां, जी-9, प्रथम चरण 592, रामपुरा काॅलोनी (गोडीजी) जालोर, तहसील व जिला- जालोर।
.......प्रार्थी।
बनाम
1.फेडेक्स एक्सप्रेस काॅर्पोरेशन, कोरियर सर्विस, प्लोट संख्या- 02, न्यू पाली रोड, भगत की कोठी के पास, जोधपुर जिला- जोधपुर।
2।फेडेक्स एक्सप्रेस काॅर्पोरेशन, कोरियर सर्विस, प्लोट संख्या- 03, ए0बी0 प्रथम अजमेर रोड, फ्लाई ओवर के पास, रत्नदीप बिल्डिगं, गोपाल बाडी केपास, अजमेर रोड, जयपुर।
...अप्रार्थीगण।
सी0 पी0 ए0 मूल परिवाद सं0:-81/2014
परिवाद पेश करने की दिनांक:-12-08-2014
अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ।
उपस्थित:-
1. श्री मुकेश कुमार अधिवक्ता प्रार्थी।
2. श्री अप्रार्थीगण अनुपस्थित (एकपक्षीय) ।
निर्णय दिनांक: 23-03-2015
1. संक्षिप्त में परिवाद के तथ्य इसप्रकार हैं कि प्रार्थी ग्रेनाईट टाईल्स एवं स्लेब की मैन्यू फैक्चरिंग व ट्रेडिंग का कार्य जालोर स्थित अपनी फर्म इन्घा ग्र्रेनाइट इण्डस्ट्रीज के माध्यम से करता हैं, तथा प्रार्थी , अप्रार्थी कोरियर सर्विस का उपभोक्ता हैं। तथा प्रार्थी
के अप्रार्थी की कोरियर कम्पनी में खाता संख्या -4914-9366-6 हैं, तथा आई. ई. सी. कोड 1313001562 हैं, तथा दिनांक 08-01-2014 के अनुसार अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के माल के कोरियर चार्ज के रूप में 92.5 किलोग्राम ग 278 रूपयै की जगह अप्रार्थी द्वारा 92.5 किलोग्राम ग 672/- रूपयै की दर लगाकर बिल भेजा गया। जबकि अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी को पूर्व में 270 रूपयै की दर बताई गई। बिल गलत तरीके से नियम विरूद्व बनाकर 672/- रूपयै की दर लगाकर बनाया गया हैं, तथा प्रार्थी को अप्रार्थी द्वारा रूपयै 61804/- का बिल संख्या इन्वायस नम्बर 7-952-30434 दिनांक 08-01-2014 का बिल गलत व नियम विरूद्व बनाकर प्रार्थी को थमा दिया गया हैं। तथा अप्रार्थी द्वारा अपनी गलती को मानकर प्रार्थी को उक्त गलत बिल के समायोजन की बात कही गई थी। लेकिन आज दिन तक उक्त एयरवे बिल संख्या- 802095755066 का समायोजन नहीं किया गया हैं, तथा प्रार्थी का माल चाईना सप्लायर्स से चाईना फैडेक्स ने रूकवा दिया। तब प्रार्थी दवाब में आकर उक्त 61,804/- रूपयै भरने हेतु तैयार हुआ, तो इण्डिया फैडेक्स ने रिवायज बिल रूपयै 1,03,500/- का भेज दिया, तथा अप्रार्थीगण द्वारा प्रार्थी को लगातार उक्त गलत बिल के भुगतान हेतु कहा जा रहा हैं, तथा धमकाया जा रहा हैं, तथा उक्त चाईना सप्लायर के पास पडे माल का भुगतान प्रार्थी पूर्व में कर चुका हैं। तथा 61,804/- रूपयै के बिल का वास्तविक मूल्य मात्र 25,000/-रूपयै के लगभग था, तथा इण्डियां फैडेक्स ने उक्त भुगतान का बिल चाईना फेडेक्स को ट्रान्सफर कर दिया, तथा चाईना फेडेक्स के दवाब में आकर चाईना सप्लायर्स ने प्रार्थी का 1,80,000/-रूपयै का माल रोक दिया, जिससे प्रार्थी को मानसिक व आर्थिक आघात हुआ हैं, तथा प्रार्थी ने अप्रार्थी के कोरियर सर्विस के कर्मचारी वैभव अग्रवाल जोधपुर, प्रबीर व अबीर जयपुर से भी बात की थी, जिन्होनें भी दर के सम्बन्ध में गलत बिल को समायोजित करने की बात बताई थी, तथा समायोजन का प्रार्थी को आश्वासन दिया था। तथा प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी के कोरियर सर्विस से दर की फोटो प्रति मांगी, तो उन्होनें देने से इन्कार कर दिया। तब प्रार्थी ने दिनांक 17-06-2014 को नोटिस जारी कराकर उक्त राशि का समायोजन करने की मांग की, लेकिन अप्रार्थीगण ने प्रार्थी के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया, एवं न ही राशि का समायोजन किया गया। इस प्रकार प्रार्थी ने यह परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व गलत व्यवहार व सेवा में त्रुटि से प्रार्थी को 3,00,000/- रूपयै का आर्थिक नुकसान हुआ उसके व मानसिक वेदना के 50,000/-रूपयै, व परिवाद व्यय के 5000/- रूपयै इस प्रकार कुल 3,55,000/- रूपयै दिलाये जाने हेतु यह परिवाद जिला मंच में पेश किया गया हैं।
2. प्रार्थी केे परिवाद को कार्यालय रिपोर्ट के बाद दर्ज रजिस्टर कर अप्रार्थीगण को जरिये रजिस्टर्ड ए0डी0 नोटिस जारी कर तलब किया गया, लेकिन अप्रार्थीगण बावजूद नोटिस तामिल के अनुपस्थित रहे, जिसके कारण दिनांक 10-10-2014 को अप्रार्थीगण के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
3. हमने प्रार्थी को साक्ष्य सबूत प्रस्तुत करने का पर्याप्त समय/अवसर देने के बाद, प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी, तथा पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन एवं अध्ययन किया, तो हमारे सामने मुख्य रूप से प्रथम विधिक विवाद बिन्दु उत्पन्न होता हैं कि क्या प्रार्थी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता हैं ?
उक्त विधिक विवाद बिन्दु को सिद्व एवं प्रमाणित करने का भार प्रार्थी पर हैं। तथा जिला मंच का भी सर्वप्रथम यह कर्तव्य हैं कि वह उक्त विधिक विवाद बिन्दु पर सर्वप्रथम विचार करे, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता होना सिद्व नहीं होता, या उपभोक्ता होना मान नहीं लिया जाता, तब तक उसके द्वारा पेश किये गये परिवाद पर कोई अनुतोष प्रदान नहीं किया जा सकता हैं। उक्त विधिक विवाद बिन्दु के सम्बन्ध में प्रार्थी ने अपने परिवाद पत्र एवं साक्ष्य शपथपत्र प्रस्तुत कर कथन किये हैं कि प्रार्थी , अप्रार्थी कोरियर सर्विस का उपभोक्ता हैं। तथा वह अप्रार्थी की कोरियर के माध्यम से बाहरी क्षैत्रो से ग्रेनाइट स्लेब व टाईल्स का आयात-निर्यात करता है। तथा प्रार्थी का अप्रार्थी की कोरियर कम्पनी में खाता संख्या -4914-9366-6 हैं, तथा आई. ई. सी. कोड 1313001562 हैं। उक्त कथनो के सत्यापन हेतु प्रार्थी ने ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया हैं, जिसके कारण प्रार्थी का कोरियर खाता होने का प्रतिफल अप्रार्थीगण को अदा किया गया हो। तथा प्रार्थी ने पत्रावली पर अप्रार्थी द्वारा जारी बिल नम्बर 7-952-30434 दिनांक 08-01-2014 का रूपयै 61804/- के बिल की प्रति पेश की हैं। उक्त बिल प्रार्थी ने अप्रार्थी को भुगतान किया हो, इस सम्बन्ध में प्रार्थी द्वारा कोई चैक या रसीद की प्रति पेश नहीं की गई हैं, तथा न ही ऐसा कोई दस्तावेज, सबूत पेश किया गया हैं, जिसके आधार पर प्रार्थी द्वारा अप्रार्थीगण को कोरियर सेवा देने का प्रतिफल अदा किया गया हो। इसप्रकार प्रार्थी , अप्रार्थीगण का उपभोक्ता होना सिद्व एवं प्रमाणित नहीं होता हैं, तथा जब प्रार्थी, उपभोक्ता होना सिद्व नहीं हैं, तो जिला मंच द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत किसी प्रकार का अनुतोष दिलाये जाने का क्षैत्राधिकार प्राप्त नहीं हैं। अतः प्रार्थी का परिवाद प्रार्थी के उपभोक्ता नहीं होने से अस्वीकार किये जाने योग्य हैं।
आदेश
अतः प्रार्थी मुकेशकुमार का परिवाद विरूद्व अप्रार्थी फेडेक्स एक्सप्रेस काॅर्पोरेशन, कोरियर सर्विस, प्लोट संख्या- 02, न्यू पाली रोड, भगत की कोठी के पास, जोधपुर जिला- जोधपुर व अन्य के विरूद्व प्रार्थी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता सिद्व नहीं होने से प्रार्थी का परिवाद अस्वीकार कर खारिज किया जाता हैं। खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करे।
निर्णय व आदेश आज दिनांक 23-03-2015 को विवृत मंच में लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
मंजू राठौड केशरसिंह राठौड दीनदयाल प्रजापत
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
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