Rajasthan

Ajmer

CC/493/2013

KAMAL KANT SHARMA - Complainant(s)

Versus

PERAMOUNT HEALTH SERVICE - Opp.Party(s)

ADV BABITA SHARMA

12 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/493/2013
 
1. KAMAL KANT SHARMA
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. PERAMOUNT HEALTH SERVICE
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 12 Aug 2016
Final Order / Judgement

    

 


जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

कमलकान्त षर्मा पुत्र श्री जितेन्द्र कुमार षर्मा , उम्र- 34 वर्ष,  जाति-ब्राह्मण, निवासी- स्टेषन रोड, केसरगंज, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी

                            बनाम

1. पैरामाउनट हेल्थ सर्विस(टीपीए) प्रा.लि., डी-39, ओखला इण्डस्ट्रीयल एरिया, फेज-1, नई दिल्ली-110020 
2. यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी, रीजनल आॅफिस नम्बर 2, स्टेडियम हाउस, 5 फलोर, वीर नरीमान रोड़, चर्च रोड, मुम्बई- 400020
3. यूनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, एसबीबीजे बैंक के सामने, लोहागल रोड, अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या 493/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1ं बबीता षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री जी.एल.अग्रवाल, अधिवक्ता अप्रार्थी बीमा कम्पनी  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 23.08.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि  उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से एक ग्रुप हैल्थ इंष्योरेंस पाॅलिसी संख्या 021200/48/10/41/00005770 दिनंाक 3.12.2010 से 2.12.2011 तक की अवधि के लिए प्राप्त की थी। उसके पुत्र मास्टर रूद्राक्ष षर्मा को बुखार आने पर दिनंाक 2.11.2011 को श्री बालाजी अस्पताल, किमषनगढ में भर्ती कराया गया । जहां वह दिनंाक 21.9.2011 तक भर्ती रहा और च्लध्त्फप्ध्त्व्ध्क्तीप स्वूमत त्मचंतंजवतल ज्तंबज प्दमिबजपवद       नामक बीमारी का इलाज हुआ ।  तत्पष्चात् उसने बीमारी में खर्च हुई राषि रू. 15032/- की क्लेम समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया ।  किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने उक्त क्लेम राषि का भुगतान नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना करते हुए परिवाद के समर्थन में अपना ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत बीमा पाॅलिसी  मैक्स न्यूयार्क लाईफ इंष्योरेंस कम्पनी के जरिए प्राप्त करना दर्षाते हुए  आगे  जवाब परिवाद में कथन किया है कि प्रार्थी ने मास्टर रूद्राक्ष का दिनंाक 11.9.2011 से 21.9.2011 तक भर्ती होने की सूचना  दिनंाक 10.12.2011 को एक माह बाद दी  और विलम्ब का कोई कारण स्पष्ट नहीं किया । साथ ही  बालाजी अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान  अस्पताल को भुगतान किए गए मूल  भुगतान रसीद  की मांग  व देरी  सूचना दिए जाने का स्पष्टीकरण 15 दिन में प्रस्तुत किए जाने हेतु  पत्र दिनंाक 19.12.2011 के की गई। किन्तु प्रार्थी ने उक्त दस्तावेज  व अपना स्पष्टीकरण अप्रार्थी को उपलब्ध नहीं कराए । प्रार्थी ने भुगतान रसीद की फोटोप्रति प्रस्तुत की । जिसके अवलोकन से  यह पाया गया कि उसमें  भुगतान की कोई तारीख अंकित नहीं है और उक्त रसीद एक प्रिण्टेड रसीद न होकर प्रिस्क्रप्षन स्लिप पर बना कर दी गई है ।  प्रार्थी का क्लेम प्री-मैच्यार है और अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां लंबित है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है ।  
3.    प्रार्थी पक्ष का तर्क है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने  गु्रप इन्ष्योेेेेेरंस पालिसी के अन्तर्गत  बीमित होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान हुए खर्चे का क्लेम नहीं देकर अनुचित व्यापार व्यवहार का परिचय दिया है ।  परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए । 
4.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने खण्डन में तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी द्वारा विलम्ब से बीमा दावा  प्रस्तुत करने एवं बीमा कम्पनी को सूचित नहीं करने के साथ साथ मांग करने के बावजूद उचित व पर्याप्त कारण नहीं बताया है । इस कारण से उसका बीमा दावा लम्बित रहा है तथा परिवाद प्री-मैच्योर है । 
5.     हमने उभय पक्ष को सुना हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
6.                विवाद का बिन्दु  यह है कि क्या प्रार्थी पक्ष  का ग्रुप इन्ष्योरेंस पाॅलिसी के तहत बीमित होते हुए उसके इलाज में हुए खर्चे का क्लेम उसके द्वारा समस्त दस्तावेजात  प्रस्तुत किए जाने के बाद भी  बीमा कम्पनी द्वारा  स्वीकार नहीं किया गया है । 
7.    हालांकि प्रार्थी पक्ष ने ग्रुप इन्ष्यारेंस के तहत बीमित होने का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है किन्तु पत्रावली में उपलब्ध  अभिलेख के अनुसार अप्रार्थी संख्या 1 के माध्यम से  मैक्स न्यूयार्क लाईफ  इन्ष्योरेंस कम्पनी  के द्वारा प्रार्थी के पुत्र का हैल्थ इन्ष्योरेंस  पाॅलिसी के तहत  युनाईटेड इण्डिया इन्ष्योरेंस  लिमिटेड में बीमा करवाया गया तथा यह बीमा दिनंाक 2.12.2011 तक वैध था  ।  प्रार्थी की ओर से परिवाद में उनके पुत्र का बालाजी अस्पताल,किषनगढ में दिनंाक 2.11.2011 से 21.9.2001 तक भर्ती होना बताया है  तथा  उसने अपने पुत्र को भर्ती रखने की दिनंाक 11.9.2011 से 21.9.2011 बताई है । तिथियों में हेरफेर को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि  कब उनका पुत्र भर्ती हुआ तथा किस तिथि  से किस तिथि तक अस्पताल में भर्ती रहा । प्रार्थी पक्ष का यह कथन है कि उसने इलाज के दौरान हुए  खर्चे के बिल, जांच रिपोर्ट,  इन्डोर पेपर,  डिस्चार्ज समरी, इलाजकर्ता डाक्टर  के दस्तावेज अप्रार्थी संख्या 1 को दिनंाक 10.12.2011 को भिजवा दिए थे ।  अपने इन कथनों के समर्थन में उसकी ओर से ऐसा कोई प्रलेख पत्रावली में प्रस्तुत नहीं हुआ है जो यह दर्षित करता हो कि  उसके द्वारा उक्त  समस्त दस्तावेजात  अप्रार्थी संख्या 1 को दिनंाक 10.12.2011 को भिजवा दिए  गए  थे ।  अप्रार्थी का यह कथन रहा है कि प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा मांगे जाने  के बावजूद  दस्तावेज नहीं भिजवाए गए  व इस कारण प्रार्थी का बीमा दावा लम्बित है  एवं परिवाद प्री-मैच्योर है ।  पत्रावली में उपलब्ध पत्र दिनंाक 19.12.2011 जो उनके द्वारा मैक्स न्यूयार्क  लाईफ इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को भिजवाया गया है, में उनके द्वारा प्रार्थी से देरी  से क्लेम प्रस्तुत किए जाने का कारण व अस्पताल का बिल एवं मूल भुगतान रसीद मांगी गई है  ।  हालांकि प्रार्थी पक्ष द्वारा जो अभिलेख प्रस्तुत किए गए है, में दिनंाक 28.12.2011 को अप्रार्थी संख्या 1 को लिखा गया पत्र उपलब्ध है जिसमें उसने देरी से सूचना भेजने का कारण, जानकारी नहीं होना बताया है तथा मूल भुगतान रसीद व अस्पताल के मूल बिल को भेजना बताया है । चूंकि इन वांछित  प्रलेखों के अभाव में उसका क्लेम सेटल नहीं हुआ है, जैसा कि अप्रार्थी का प्रतिवाद है । अतः न्याय हित में मंच की राय में प्रार्थी पक्ष  को यह निर्देष दिया जाता है  कि  वह ऐसे  प्रलेख जिनमें खर्चे के बिल इत्यादि भी सम्मिलित  है, क्लेम देरी से प्रस्तुत किए जाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए  पुनः अप्रार्थी बीमा कम्पनी को प्रेषित करें । परिणामस्वरूप प्रार्थी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेष है कि 
                              :ः- आदेष:ः-  
8.       (1)    प्रार्थी को निर्देष दिए जाते हंै कि वह क्लेम से संबंधित समस्त आवष्यक दस्तावेज  व  क्लेम देरी से प्रस्तुत करने  का कारण  बताते हुए इस आदेष से एक माह की अवधि में  उचित माध्यम से बीमा कम्पनी के समक्ष आवेदन सहित प्रस्तुत करें  और अप्रार्थी बीमा कम्पनी को यह आदेष दिया जाता है कि वह  प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत उक्त दस्तावेज इत्यादि प्राप्त होने के एक माह के अन्दर  इस पर  न्यायोचित निर्णय लेकर प्रार्थी को सूचित करें । 
      (2)    प्रकरण की परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेंगें । 
             आदेष दिनांक  23.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
  

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.