Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/538

Akhilesh Tiwari - Complainant(s)

Versus

Pepsico India - Opp.Party(s)

S K Verma

27 Sep 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/538
( Date of Filing : 14 Mar 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Akhilesh Tiwari
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Pepsico India
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Sep 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या : 538/2014

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या-899/2007 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09-02-2012 के विरूद्ध)

 

Akhilesh Tiwari, S/o Late Shri Badri Narayan Tiwari, R/o House No. 117/P/351, Hitkari Nagar, Kakadev, Kanpur Nagar.

                                                  ...अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्

1- Manager/Saksham Adhikari, Pepsico India Holdings Ltd., A-2, U.P.S.I.D.C Industrial Area, Jainpur, Kanpur Dehat.

2- Ramdevi Enterprises, 9/31/12D-Block Panki, Kanpur Nagar.

3- Vipin Tea Stall, Sankat Mochan Hanuman Mandir Parishar, Panki, Kanpur Nagar.

                                              ..........प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण

 

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-          श्री संजय कुमार वर्मा।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-           श्री विकास सिंह।

समक्ष  :-

  1. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता,              पीठासीन सदस्‍य।
  2. मा0 श्री महेश चन्‍द,                    सदस्‍य

दिनांक :    25-10-2018

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-899/2007 अखिलेश तिवारी बनाम् प्रबंधक/सक्षम अधिकारी,पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्‍स लि0 व दो अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता फोरम,

 

2

कानपुर नगर द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क 09-02-2012 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

इस प्रकरण में परिवादी के अनुसार विवाद के संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा दिनांक 19-04-2007 को निर्मित स्‍पाइस की बोतल क्रय की। परिवादी ने जब बोतल का ढ़क्‍कन खुलवाना चाहा तो बोतल के अंदर दो मक्खियॉं दिखाई दी तो परिवादी ने बोतल  न खुलवाकर उसे अपने पास रख ली।  बोतल में पड़ी मक्ख्यिॉं देखकर परिवादी का जी घबरा गया और उसकी तबियत खराब हो गयी और परिवादी को डाक्‍टर को दिखाना पड़ा और उसे इलाज में रू0 16,000/- खर्च करने पड़े। परिवादी पेशे से एक अधिवक्‍ता है और टैक्‍स विभाग में विधि व्‍यवसायी है। परिवादी की तबियत खराब हो ने के कारण वह अपने काम पर नहीं जा सका जिससे वह अपने क्‍लाइंटों का कार्य समय से नहीं कर सका और उसकी साख खराब हुई तथा उसे रू0 3,00,000/- की आर्थिक क्षति हुई। परिवादी ने विपक्षीगण को नोटिस भेजा जिस पर विपक्षी संख्‍या-3 की ओर से कहा गया कि कम्‍पनी ने जो बोतल बेचने के लिए दी, विपक्षी संख्‍या-3 द्वारा वही  बोतल बेची गयी है। विपक्षी सं0-2 और 3 की ओर से कोई गलती नहीं की गयी है और यदि बोतल के पदार्थ में कोई दोष है तो इसके लिए विपक्षी संख्‍या-1 जिम्‍मेदार है। परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 से शिकायत की तो विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा लगातार आश्‍वासन दिया गया कि आपका जो भी नुकसान हुआ है वह उसकी भरपाई कर देंगे, लेकिन विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसलिए परिवादी ने परिवाद संख्‍या-899/2007 जिला फोरम कानपुर नगर के समक्ष योजित करते हुए हुए निम्‍न अनुतोष की याचना की गयी है:-

  1. यह कि वादी को पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्‍स लि0 ए-2 यू0पी0एस0आई0डी0सी0 इण्‍डस्ट्रियल एरिया, जैनपुर, कानपुर देहात के विरूद्ध रू0 3,16,000/- व उस पर उचित सरकारी ब्‍याज सहित डिक्री पारित की जाए तथा वादी को प्रतिवादी संख्‍या-1 से उक्‍त रकम दिलायी जाए।
  2. यह कि वादी को मा0 न्‍यायालय जो अन्‍य उचित उपशम समझे वह विपक्षी सं0-1 से दिलाया जाए।
  3. यह कि वादी को प्रतिवादीगण से वाद व्‍यय भी दिलाया जाए।
  4.  

विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया और कथन किया गया कि विपक्षी ने परिवादी  को सीधे कोई बोतल नहीं बेची है और न ही परिवादी से कोई धनराशि प्राप्‍त की है। परिवादी को विपक्षी के मध्‍य उपभोक्‍ता का कोई संबंध नहीं है। परिवादी का जो संबंध है वह विपक्षी संख्‍या-2 व 3 से है। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

विपक्षी संख्‍या-3 की ओर प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया और कथन किया गया कि विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा निर्मित बोतल को परिवादी ने दिनांक 05-05-2007 को खरीदा था। परिवादी विपक्षी से किसी प्रकार की क्षति प्राप्‍त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी को यदि कोई क्षति हुई है तो वह विपक्षी संख्‍या-1 व 2  से प्राप्‍त कर सकता है। उसकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं की गयी है। 

विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से मुकदमें की सुनवाई के समय कोई उपस्थित नहीं रहा है अत: उसके विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की गयी है।

जिला फोरम ने पक्षकारों द्वारा प्रस्‍तुत किये गये साक्ष्‍यों का परिशीलन करने तथा उनके तर्कों को सुनने के बाद आक्षेपित निर्णय दिनांक 09-02-2012 के द्वारा परिवादी का परिवाद निरस्‍त कर दिया है।

उपरोक्‍त आक्षेपित आदेश दिनांक 09-02-2012 से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री संजय कुमार वर्मा उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री विकास सिंह उपस्थित हुए। 

पीठ द्वारा उभयपक्षों  के विद्धान अधिवक्‍ताओं के तर्कों को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

अपील में जो आधार लिये गये है उनमें अभिकथन किया गया है कि विद्धान जिला फोरम ने तथ्‍यों तथा परिस्थितियों की अनदेखी कर प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश पारित किया है। निर्णय में परिवाद को निरस्‍त करने का भी कोई आधार नहीं बताया गया है। परिवाद के अभिकथनों की पुनरावृत्ति अपील के आधार में की गयी है।

4

पत्रावली के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि  विद्धान जिला फोरम ने यह अवधारित किया है कि जन विश्‍लेषक ने जिस स्‍पाइस बोतल के पदार्थ का विश्‍लेषण किया है। उसकी बोतल जन विश्‍लेषक ने अपनी रिपोर्ट में बोतल की पैकिंग तिथि दिनांक 19-04-2009 अंकित है। जबकि प्रश्‍नगत बोतल जिसके संबंध में यह परिवाद दायर  किया गया है वह दिनांक 05-05-2007 को विपिन टी स्‍टाल, पनकी, कानपुर से क्रय की गयी है।  अत: बोतल पैकिंग की तिथि से पूर्व स्‍पाइस बोतल क्रय करने का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। अर्थात जो बोतल जन विश्‍लेषक को भेजी गयी है वह प्रश्‍नगत बोतल से भिन्‍न थी। जन विश्‍लेषक ने जिस बोतल के पदार्थ का विश्‍लेषण किया है वह संदिग्‍ध पाई गयी है किन्‍तु उनमें मक्‍खी नहीं पाई गयी। परिवादी ने उक्‍त बोतल के दृव्‍य को पिया नहीं था। अत: उसे देखकर उसकी तबियत खराब होने की कथा बिल्‍कुल बनावटी है। परिवादी ने अपने इलाज पर रू0 16,000/- खर्च करने का भी कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं किया है तथा जो रसीदें प्रस्‍तुत की है वह मात्र रू0 1807/- की है।

विद्धान जिला फोरम ने समस्‍त अभिलेखों पर सम्‍यक विचारोपरान्‍त प्रश्‍नगत आदेश तथ्‍यों के आधार पर विधि अनुसार पारित किया है और उसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

अपील खारिज की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।

उभयपक्ष अपील स्‍तर पर अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

इस आदेश की प्रति सभी संबंधित पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाये।

 

(राज कमल गुप्‍ता)                                  (महेश चन्‍द)

 पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

कोर्ट नं0-3 प्रदीप मिश्रा, आशु0

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.