राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2244/2012
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्नाव द्वारा परिवाद संख्या-171/2011 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05-09-2012 के विरूद्ध)
Rajendra Prasad Pandey S/o Shiv Kumar Pandey R/o Mohalla Brahmnagar, Shuklaganj, Plni Road, Unnao.
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम्
- Pepsico India Holdings Pvt. Ltd., A-2, UPSIDC, Industrial Area, Jainpur, Ramabai Nagar through Manager.
- Verma General Store through Proprietor Shravan Verma, Champa Purva, Shuklaganj, Distt. Unnao.
- Chotu Cold Drink Agency, Mishra Colony, Shuklaganj, Distt. Unnao through Properitor.
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - श्री राम गोपाल।
2- प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित - श्री विकास सिंह।
दिनांक : 02-02-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय :
परिवाद संख्या-171/2011 राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय बनाम् पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा0 लि0 व दो अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्नाव द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनांक 05-09-2012 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के परिवादी Rajendra Prasad Pandey की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
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आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने अपीलार्थी/परिवादी के द्वारा प्रस्तुत परिवाद खारिज कर दिया है।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री राम गोपाल उपस्थित आए। प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री विकास सिंह उपस्थित आए।
प्रत्यर्थीगण संख्या-2 और 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी संख्या-2 को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस दिनांक 16-09-2016 को भेजी गयी है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है अत: उस पर नोटिस का तामीला आदेश दिनांक 19-12-2016 के द्वारा पर्याप्त माना गया है।
हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता एवं प्रत्यर्थी प्रत्यर्थी संख्या-1 के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी ने उपरोक्त परिवाद विपक्षीगण पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा0लि0, वर्मा जनरल स्टोर जरिए प्रोपराइटर, श्रवण शर्मा चम्पा पुरवा शुक्लागंज, उन्नाव व छोटू कोल्ड ड्रिंक ऐजेन्सी, मिश्रा कालोनी, शुक्लागंज, जिला उन्नाव जरिए प्रोपराइटर के विरूद्ध जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने विपक्षी संख्या-1 द्वारा निर्मित मिरिन्डा बान्ड शीतल पेय की दो बोतलें दिनांक 17-06-2011 को विपक्षी संख्या-2 वर्मा जनरल स्टोर से 18/-रू0 में खरीदा, जो विपक्षी संख्या-1 पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा0 लि0 द्वारा निर्मित है और उसकी आपूर्ति विपक्षी संख्या-3 छोटू कोल्ड ड्रिंक ऐजेन्सी ने विपक्षी संख्या-2 वर्मा जनरल स्टोर को की थी।
परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी व उसके बच्चों ने उपरोक्त मिरिन्डा की दो बातलों में से एक बोतल पी ली, परन्तु दूसरी बोतल जब खोली
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गयी तो उसमें एक चींटा पड़ा था, तब अपीलार्थी/परिवादी ने उसी दिन इसकी शिकायत विपक्षी संख्या-2 वर्मा जनरल स्टोर से की और बोतल वापस लेने और लाट का समस्त माल विक्रय से रोकने को कहा, तब उसके द्वारा बताया गया कि विपक्षी संख्या-3 छोटू कोल्ड ड्रिंक ऐजेन्सी ने यह बोतल आपूर्ति की है और उससे बात करने पर ही वह बोतल वापस लेगा। तब दिनांक 20-06-2011 को अपीलार्थी/परिवादी ने नगर पालिका, शुक्लागंज, उन्नाव में शिकायत की, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई और विपक्षीगण द्वारा बोतल वापस नहीं ली गयी। तत्पश्चात् दिनांक 14-09-2011 को अपीलार्थी/परिवादी के पास विपक्षी संख्या-1 का प्रतिनिधि आया और बोतल के एवज् में पेय का मूल्य वापस करना चाहा तब अपीलार्थी/परिवादी ने कहा कि उस लाट का समस्त बचा माल जब्त करो तब वह अपनी बोतल वापस करेगा परन्तु वह प्रतिनिधि बहुत नाराज हो गया और कहा कि उसकी कम्पनी बड़ी है, शिकायत से कुछ नहीं बिगड़ने वाला है। तब उसके दूसरे दिन अपीलार्थी/परिवादी विपक्षी संख्या-2 के पास गया तो उसने बोतल वापस करने व कोई बात करने से मना कर दिया और कहा कि कम्पनी बोतल वापस लेने को तैयार नहीं है। अंत में विवश होकर अपीलार्थी/परिवादी ने उपरोक्त परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम के समक्ष विपक्षी संख्या-1 और 3 ने उपस्थित होकर अपना अलग-अलग लिखित कथन प्रस्तुत किया और परिवाद का विरोध किया।
प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 ने अपने लिखित कथन में कहा है कि अपीलार्थी/परिवादी उसका उपभोक्ता नहीं है।
प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने कहा है कि अपीलार्थी/परिवादी का यह कथन गलत है कि उसने(प्रत्यर्थी संख्या-3) ने प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 द्वारा निर्मित मिरिण्डा ब्राण्ड शीतल पेय की सप्लाई
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की है। उसने अपने लिखित कथन में यह भी कहा है कि उसकी छोटू कोल्ड ड्रिंक एजेन्सी नहीं है। वह अपने मकान 13/209 मिश्रा कालोनी शुक्लागंज, उन्नाव में जनरल मर्चेन्ट की दुकान में अन्य समानों में कोल्ड ड्रिंक भी बेचता है। उसने प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को कोई भी कम्पनी की कोल्ड ड्रिंक या मिरिण्डा ब्राण्ड शीतल पेय की कभी सप्लाई नहीं की है और न ही इस मामले में प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से उसकी कभी कोई बात हुई है। अपने लिखित कथन में प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने यह भी कहा है कि शुक्लागंज में पेप्सी की एजेन्सी विशाल इंटर प्राइजेज के नाम से है जिसके प्रोपराइटर श्री प्रमोद वाजपेयी है।
प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 नोटिस की तामीला के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है और न ही उसके द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद के कथन का खण्डन किया गया है।
जिला फोरम ने परिवाद पत्र एवं विपक्षीगण संख्या-1 और 3 के अभिकथन एवं प्रस्तुत साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 ही यह दिखा सकता था कि प्रश्नगत मिरिन्डा की बोतल उसे कहॉं से प्राप्त हुई थी और वह ही उनके खरीद के पर्चें प्रस्तुत कर सकता था, परन्तु उसके उपस्थित न होने से यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उसने मिरिन्डा की बोतल कहॉं से खरीदी थी। इसके साथ ही जिला फोरम ने अपने निर्णय और आदेश में उल्लेख किया है कि इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बोतल स्थानीय स्तर पर परिवादी अथवा विपक्षी संख्या-2 ने भरी है। इस प्रकार किसी भी विपक्षीगण की सेवा में कमी स्थापित नहीं होती है।
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उपरोक्त आधारों पर ही जिला फोरम ने यह निष्कर्ष निकाला है कि विपक्षीगण के विरूद्ध सेवा में कमी स्थापित नहीं होती है अत: जिला फोरम ने परिवाद खारिज कर दिया है।
परिवाद पत्र के कथन एवं प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 के लिखित कथन से यह स्पष्ट है कि अपीलार्थी/परिवादी ने मिरिन्डा की कथित बोतल प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से खरीदी थी। उसने यह बोतल प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 अथवा प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 से नहीं खरीदी है। प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के बताने से ही उसे इस बात की जानकारी हुई है कि यह बोतलें प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने उसे सप्लाई की है।
प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 ने नोटिस तामीला के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर यह कहने का साहस नहीं किया है कि उसे मिरिन्डा की बोतल प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने सप्लाई की थी और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 द्वारा यह बोतलें सप्लाई किये जाने का कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्य पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि यह मानने हेतु उचित और युक्तिसंगत आधार नहीं है कि अपीलार्थी/परिवादी ने जो मिरिन्डा की बोतल प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से खरीदी है उसकी प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को आपूर्ति की थी और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3, प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 का अधिकृत डीलर है जबकि प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 ने अपने लिखित कथन में स्पष्ट रूप से इस बात से इंकार किया है कि वह मिरिन्डा का अधिकृत डीलर नहीं है।
उपरोक्त विवेचना एवं सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-1 और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-3 एवं अपीलार्थी के बीच धारा-2-1-डी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-
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1986 के अन्तर्गत उपभोक्ता का संबंध सिद्ध नहीं है। अत: प्रत्यर्थी/विपक्षीगण संख्या-1 व 3 के विरूद्ध जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर कोई गलती नहीं की है।
उपरोक्त विवेचना से यह स्पष्ट है कि अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार उसने मिरिन्डा के बोतलें प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से 18/-रू0 में खरीदी थी और प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 ने नोटिस तामीला के बाद भी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर यह नहीं कहा है कि उसने मिरिन्डा की बोतलें अपीलार्थी/परिवादी को नहीं बेचीं थी। इसके विपरीत परिवादी ने परिवाद पत्र में कहे गये कथन का समर्थन शपथ पत्र प्रस्तुत कर किया है। अत: परिवाद पत्र के कथन एवं अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र के आधार पर यह सिद्ध है कि अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से 18/-रू0 में दो मिरिन्डा की बोतलें क्रय किया है जिसमें से एक मिरिन्डा बोतल के अंदर चींटा पड़ा पाया गया जो निश्चित रूप से आपत्तिजनक है और सेवा में त्रुटि दर्शाता है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों व साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 द्वारा कथित सेवा में कमी प्रमाणित है। अत: हमारी राय में जिला फोरम ने प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध परिवाद खारिज कर गलती की है। अत: हमारी राय में अपील स्वीकार करते हुए प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध परिवाद स्वीकार किया जाना और उससे अपीलार्थी/परिवादी को क्षतिपूर्ति दिलाया जाना उचित है।
अपीलार्थी/परिवादी द्वारा खरीदी गयी मिरिन्डा की कीमत 18/-रू0 है अत: हम इस मत के हैं कि अपीलार्थी/परिवादी को प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से
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यह 18/-रू0 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक ब्याज सहित दिलाया जाना उचित है।
हमारी राय में प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 से अपीलार्थी/परिवादी को परिवाद एवं अपील के व्यय के रूप में 5,000/-रू0 दिलाया जाना उचित है।
हमारी राय में अपील स्वीकार करते हुए परिवाद तद्नुसार प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध स्वीकार किया जाना उचित है।
आदेश
अपील प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्त करते हुए परिवाद आंशिक रूप से प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है तथा प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को आदेशित किया जाता है कि वह मिरिन्डा की कीमत 18/-रू0 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी को अविलम्ब दो माह के अदंर अदा करे। प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 को यह भी आदेशित किया जाता है कि परिवाद एवं अपील के व्यय के रूप में अपीलार्थी/परिवादी को 5,000/-रू0 और उपरोक्त अवधि में अदा करेंगे।
प्रत्यर्थी/विपक्षी संख्या-2 द्वारा उपरोक्त धनराशि उपरोक्त अवधि में अदा न किये जाने पर अपीलार्थी/परिवादी उसकी वसूली हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
कोर्ट नं0-1, प्रदीप मिश्रा, आशु0