(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1060/2011
Executive Engineer, Electricity Distribution Division, U P Power Corporation Ltd & other
Versus
Peetam Singh S/O Sri Reva Singh R/O Village:- Ravli Kalan
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :22.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-653/2003, पीतम सिंह बनाम अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड व अन्य में विद्वान जिला आयोग गाजियाबाद द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 27.05.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 1,080/-रू0 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश जारी किया है, साथ ही 77,106/-रू0 की डिमाण्ड नोटिस भी निरस्त किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने दिनांक 16.09.1991 को विद्युत कनेक्शन लेने के लिए आवदेन दिया था। दिनांक 16.09.1991 को 25/-रू0 और दिनांक 20.12.1991 को 1055/-रू0 जमा कराये थे, परंतु कभी भी विद्युत कनेक्शन चालू नहीं हुआ और बिल प्रेषित कर दिया गया। इस तथ्य को साबित मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया।
4. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि फीस 1991 में जमा करायी गयी है, जबकि परिवाद 2003 में प्रस्तुत किया गया, इसलिए यह कल्पना नहीं की जा सकती कि विद्युत कनेक्शन चालू नहीं हुआ, परंतु विद्युत कनेक्शन चालू होने के तथ्य को अपीलार्थी द्वारा संबंधित अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए साबित किया जा सकता था, परंतु ऐसी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गयी, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश को परिवर्तित करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2