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Pradeep Kumar filed a consumer case on 06 Aug 2024 against Pawan Tanay Hospital and Trauma Center Through Manager in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/23/2022 and the judgment uploaded on 07 Aug 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 23/2022
परिवाद दाखिला तिथि :- 09.03.2022
निर्णय दिनांक:- 06.08.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
प्रदीप कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र उम्र 24 वर्ष निवासी वार्ड नंबर-4, कमला नगर रुरा, कानपुर देहात मो0नं0- 9651862800
........................परिवादी
बनाम
पवन तनय हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर द्वारा प्रबन्धक, कुशवाहा मार्केट, माती रोड अकबरपुर, कानपुर देहात-209301
..…................प्रतिवादीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी प्रदीप कुमार की ओर से सशपथ पत्र इस आशय का संस्थित किया गया है कि परिवादी को अपनी माँ श्रीमती शान्ति देवी की मृत्यु से हुयी क्षति की पूर्ति हेतु मु0 15,00,000/- रुपये व एडमिशन व इलाज हेतु जमा कराये गये मु0 9,000/- रुपये व 2,500/- रुपये व एम्बुलेन्स चार्ज मु0 5,000/- रुपये तथा परिवाद व्यय मय अधिवक्ता फीस मु0 15,000/- रुपये कुल 15,36,500/- रुपये विपक्षी से परिवादी को दिलाये जाने का आदेश पारित किये जाने हेतु दिनांक 09.05.2023 को जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी की माँ श्रीमती शान्ति देवी दिनांक 11.05.2021 को अचानक गम्भीर रूप से अस्वस्थ हो गयी तो परिवादी अपने पड़ोसी लल्लन बाबू पुत्र स्व0 देशराज व रन सिंह पुत्र ब्रजेश यादव के साथ प्रदीप दुबे की मारुति वैन से अपनी माँ श्रीमती शान्ति देवी को उक्त दिनांक 11.05.2021 को इलाज हेतु विपक्षी के अस्पताल लेकर गया जहां उक्त अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा प्रथमतः परिवादी की माँ का प्रारम्भिक चेक-अप किया गया । प्रारम्भिक चेक-अप के उपरांत उन्हें तत्काल हॉस्पिटल में एड्मिट करने की सलाह दी और विपक्षी की सलाह के अनुसार परिवादी ने उक्त दिनांक 11.05.2021 को अपनी माँ को विपक्षी के उक्त हॉस्पिटल में एड़मिट करा दिया तथा विपक्षी हॉस्पिटल ने परिवादी से माँ के एडमिशन व इलाज हेतु 9,000/- रुपये व 2,500/- रुपये जमा कराये जिनकी रसीदे मय फेहरिस्त दाखिल है । इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा परिवादी की माँ को कोरोना संक्रमण बताते हुये परिवादी की माँ की एच0आर0सी0टी0 थोरेक्स जाँच आवश्यक बताते हुये जाँच हेतु अविलंब रतन एम0आर0आई0 सेन्टर स्वरूप नगर कानपुर नगर ले जाने की सलाह दी तथा उक्त सेन्टर तक ले जाने हेतु विपक्षी हॉस्पिटल ने ऑक्सीजन सिलेन्डर युक्त एम्बुलेंस सेवा देने हेतु परिवादी से 5,000/- रुपये जमा कराये तत्पश्चात जाँच हेतु परिवादी की माँ को परिवादी के साथ भेज दिया । हॉस्पिटल द्वारा मुहैया करायी गयी एम्बुलेंस से जब परिवादी अपने पड़ोसियों के साथ अपनी बीमार माँ को लेकर रतन एम0आर0आई0 सेन्टर स्वरूप नगर कानपुर चला तत्समय विपक्षी द्वारा परिवादी को पूरा भरोसा दिया गया था कि यह एम्बुलेंस पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेन्डर युक्त है तथा रास्ते में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी । परिवादी जब अपनी बीमार माँ को उक्त सेंटर से जाँच कराकर जब वापस विपक्षी के हॉस्पिटल लौट रहा था कि तभी रास्ते में उक्त एम्बुलेंस का ऑक्सीजन सिलेन्डर खत्म हो गया और ऑक्सीजन की कमी के कारण परिवादी की माँ की तड़प-तड़प कर मृत्यु हो गयी । विपक्षी द्वारा परिवादी की माँ को एम्बुलेंस से भेजते वक़्त पर्याप्त ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने में जानबूझकर लापरवाही की गयी जबकि कोविड-19 पेशेंट को ऑक्सीजन की पर्याप्त प्रबन्ध करना विपक्षी की ज़िम्मेदारी थी । परिवादी की माँ पेंशनर थी और उन पर उनकी अविवाहित पुत्र व पुत्रियां आश्रित थी तथा उनके विवाह व परवरिश आदि की ज़िम्मेदारी परिवादी की माँ पर थी, उनकी आकस्मिक मृत्यु से उन पर आश्रित पुत्र-पुत्रियों के समक्ष गम्भीर संकट उत्पन्न हो गया है । विपक्षी द्वारा कोरोना संक्रमण से परिवादी की माँ की मृत्यु के सम्बन्ध में सर्टिफिकेट दिनांक 27.06.2021 को दिया गया था । परिवादी द्वारा विपक्षी को जरिये अधिवक्ता एक रजिस्टर्डलीगल नोटिस दिननित 06.07.2021 भेजी जो विपक्षी को यथावत प्राप्त हुयी जिस पर विपक्षी द्वारा परिवादी को दिनांक 12.07.2021 को फोन पर गम्भीर परिणामों की धमकी दी गयी तथा परिवादी को किसी भी तरह से क्षतिपूर्ति करने से साफ तौर से इनकार कर दिया गया । विपक्षी की चूक व लापरवाही के कारण परिवादी की माँ का आकस्मिक देहान्त हुआ और विपक्षी का उक्त कृत्य स्पष्ट रूप से Deficiency in Services/ Unfair Trade Practice है । न्यायहित में विपक्षी की चूक व लापरवाही के कारण परिवादी की माँ की आकस्मिक मृत्यु से हुयी क्षतिपूर्ति विपक्षी से परिवादी को दिलाये जाने का आदेश पारित किया जाना आवश्यक है । परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित किये गये, जिस पर विपक्षीगण की ओर से उनके अधिवक्ता दिनांक 03.08.2022 उपस्थित आये लेकिन कई अवसर दिये जाने के बावजूद उनकी ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । तत्पश्चात दिनांक 10.01.2023 को प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
परिवादीने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूंची कागज संख्या-5 से परिवादी प्रदीप कुमार के आधार कार्ड की छायाप्रति कागज संख्या-6/1, पवन तनय हॉस्पिटल द्वारा जारी रसीद संख्या-2350 मु0 9,000/- रुपया व रसीद संख्या-2351 मु0 2500/- की छायाप्रतियां कागज संख्या-6/2 व 6/3, रतन एम0आर0आई0 सेन्टर स्वरूप नगर, कानपुर द्वारा जारी रसीद संख्या-2773 दिनांकित 11.05.2021 की छायाप्रति कागज संख्या-6/4, Ratan MRI and Spiral CT Centre द्वारा जारी HRCT Thorax की रिपोर्ट की छायाप्रति कागज संख्या-6/5, पवन तनय हॉस्पिटल के कर्मचारी द्वारा लिखे गये पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6/6 व लीगल नोटिस की छायाप्रति कागज संख्या-6/7 लगायत 6/9 साक्ष्य में दाखिल की है ।
परिवादी प्रदीप कुमार द्वारा दस्तावेजों की एक अन्य सूंची से पवन तनय हॉस्पिटल द्वारा जारी रसीद संख्या-2350 मु0 9,000/- रुपया व रसीद संख्या-2351 मु0 2500/- की मूल प्रतियां, रतन एम0आर0आई0 सेन्टर स्वरूप नगर, कानपुर द्वारा जारी रसीद संख्या-2773 दिनांकित 11.05.2021 की मूल प्रति, Ratan MRI and Spiral CT Centre द्वारा जारी HRCT Thorax की रिपोर्ट की मूल प्रति, पवन तनय हॉस्पिटल के कर्मचारी द्वारा लिखे गये पत्र की मूल प्रति व श्रीमती शान्ति देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से दिनांक 16.03.2023 को परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी प्रदीप कुमार का साक्ष्य शपथपत्र पी0डबल्यू0-1 के रूप में दाखिल किया गया है । इसके साथ ही लल्लन बाबू पुत्र स्व0 देशराज का साक्ष्य शपथपत्र पी0डबल्यू0-2 के रूप में एवं रन सिंह पुत्र ब्रजेश यादव का साक्ष्य शपथपत्र पी0डबल्यू0-3 के रूप में दाखिल किया गया ।
इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से प्रदीप कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र, दीपक कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र, कु0 पूर्वा कुमारी गौड़ पुत्री स्व0 मानिक चन्द्र, कु0 सोनी कुमार गौड़ पुत्री स्व0 मानिक चन्द्र व संजय कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र (समस्त निवासीगण स्टेशन वार्ड कस्बा व पोस्ट रुरा तहसील अकबरपुर जनपद कानपुर देहात) द्वारा सहमति शपथपत्र दिनांकित 25.07.2024 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
परिवादी की ओर से लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी ।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली व साक्ष्य का परिशीलन किया ।
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य शपथपत्र एवं अभिलेखों का परिशीलन किये जाने से विदित है कि दिनांक 07.07.2022 के आदेश पत्रक से स्पष्ट होता है कि विपक्षी को दिनांक 11.03.2022 को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से नोटिस प्रेषित की गयी । दिनांक 07.07.2022 को विपक्षी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये और अपना वकालतनामा दाखिल किया परन्तु उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी । दिनांक 01.12.2022 को विपक्षी को जवाबदेही दाखिल करने के लिये अन्तिम अवसर प्रदान किया गया किन्तु विपक्षी की ओर से कोई जवाबदेही दाखिल नहीं की गयी। अंततः दिनांक 10.01.2023 को विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से कार्यवाही योजित की गयी ।
परिवादी के कथनानुसार विपक्षी के हॉस्पिटल में एडमिशन के बाद इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा परिवादी की माँ को कोरोना संक्रमण बताते हुये परिवादी की माँ की एच0आर0सी0टी0 थोरेक्स जाँच आवश्यक बताते हुये जाँच हेतु अविलंब रतन एम0आर0आई0 एण्डस्पायरल सी0टी0 सेन्टर स्वरूप नगर कानपुर नगर ले जाने की सलाह दी तथा उक्त सेन्टर तक ले जाने हेतु विपक्षी हॉस्पिटल ने ऑक्सीजन सिलेन्डर युक्त एम्बुलेंस सेवा देने हेतु परिवादी से 5,000/- रुपये जमा कराये तत्पश्चात जाँच हेतु परिवादी की माँ को परिवादी के साथ भेज दिया । विपक्षी हॉस्पिटल द्वारा मुहैया करायी गयी एम्बुलेंस से जब परिवादी अपने पड़ोसियों के साथ अपनी बीमार माँ को लेकर रतन एम0आर0आई0 सेन्टर स्वरूप नगर कानपुर चला तत्समय विपक्षी द्वारा परिवादी को पूरा भरोसा दिया गया था कि यह एम्बुलेंस पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेन्डर युक्त है तथा रास्ते में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी । परिवादी जब अपनी बीमार माँ को उक्त सेंटर से जाँच कराकर जब वापस विपक्षी के हॉस्पिटल लौट रहा था कि तभी रास्ते में उक्त एम्बुलेंस का ऑक्सीजन सिलेन्डर खत्म हो गया और ऑक्सीजन की कमी के कारण परिवादी की माँ की तड़प-तड़प कर मृत्यु हो गयी । विपक्षी द्वारा परिवादी की माँ को एम्बुलेंस से भेजते वक़्त पर्याप्त ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने में जानबूझकर लापरवाही की गयी जबकि कोविड-19 पेशेंट को ऑक्सीजन की पर्याप्त प्रबन्ध करना विपक्षी की ज़िम्मेदारी थी ।
परिवादी द्वारा दाखिल साक्ष्य शपथपत्र एवं सूंची पत्र के साथ दाखिल कागजातों के खण्डन में नोटिस तामीला होने के बावजूद व कई अवसर प्रदान किये जाने के बाद भी विपक्षी द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया ।
परिवादी प्रदीप कुमार द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र के खण्डन में विपक्षी द्वारा कोई साक्ष्य प्रतिशपथपत्र दाखिल नहीं किया गया है । अतः इस परिस्थिति में परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र को खण्डित किये जाने एवं उस पर अविश्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है ।
परिवादी की ओर से, आदेश दिनांकित 09.05.2023 के अनुपालन में उपजिलाधिकारी अकबरपुर कानपुर देहात द्वारा जारी पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र की छायाप्रति दाखिल की गयी है जिसके अनुसार मृतका शान्ती देवी पत्नी स्व0 मानिक चन्द्र जिनकी मृत्यु दिनांक 11.05.2021 को हुयी है के 6 पारिवारिक सदस्य (क्रम संख्या-1 से 6) श्री दीपक कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र, श्री प्रदीप कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र, श्री जितेन्द्र कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र, कु0 पूर्वा कुमारी गौड़ पुत्री स्व0 मानिक चन्द्र, कु0 सोनी कुमार गौड़ पुत्री स्व0 मानिक चन्द्र व श्री संजय कुमार पुत्र स्व0 मानिक चन्द्र के नाम अंकित हैं । पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र में अंकित मृतका शान्ती देवी के सभी वारिसान (जितेन्द्र कुमार को छोड़कर) द्वारा परिवादी प्रदीप कुमार के हक में सहमति शपथ पत्र दाखिल किया गया है जिसमें सभी वारिसान ने अपने शपथ पत्र में यह अभिकथन किया है कि प्रिया गुप्ता पत्नी स्व0 जितेन्द्र कुमार के हिस्से में आने वाली क्षतिपूर्ति राशि को पृथक करते हुये अवशेष क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान परिवादी के हक में किये जाने में शपथकर्ता को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है, पूर्ण सहमति है तथा शपथकर्तागण ने भविष्य में क्षतिपूर्ति राशि के लिये किसी प्रकार का दावा प्रस्तुत न किये जाने का अभिकथन किया है ।
अतः इन परिस्थितियों में परिवादी का परिवाद प्रतिवादी के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद, विपक्षी प्रबन्धक पवन तनय हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर कुशवाहा मार्केट माती रोड अकबरपुर, कानपुर देहात के विरुद्ध एकपक्षीय आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी पवन तनय हॉस्पिटल द्वारा की गयी सेवा में कमी के कारण विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को समस्त वरिसान की ओर से (श्रीमती प्रिया गुप्ता पत्नी स्व0 जितेन्द्र कुमार को छोड़कर) उनकी माता श्रीमती शान्ती देवी के मृत्यु के कारण परिवादी को हुयी क्षतिपूर्ति के फलस्वरूप सम्मिलित रूप से 2,50,000/- (दो लाख पचास हजार) रुपया मय 7% ब्याज सहित परिवादी को अदा करे एवं स्व0 जितेन्द्र कुमार की विधवा श्रीमती प्रिया गुप्ता को पृथक रूप से 50,000/- (पचास हजार) रुपया मय 7% ब्याज सहित बतौर क्षतिपूर्ति विपक्षी द्वारा अदा किया जायेगा, ब्याज की गणना आदेश के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक सुनिश्चित की जायेगी । इसके अतिरिक्त मानसिक क्षतिपूर्ति तथा वाद व्यय के एवज में 5,000/- (पाँच हजार) रुपया परिवादी को विपक्षी द्वारा अदा किया जाये ।
चूंकि परिवाद, परिवादी प्रदीप कुमार की ओर से दाखिल किया गया है अतः वाद व्यय एवं मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि मु0 5,000/- (पाँच हजार) रुपया परिवादी प्रदीप कुमार को देय होगी ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 06.08.2024
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