राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
(जिला फोरम, झॉंसी द्वारा परिवाद संख्या-24/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-04-1999 के विरूद्ध)
अपील संख्या-1567/1999
- M/s Videocon Services Ltd., Plot No: 1590, B Wing, First Floor, Bidya Nagri Road, Kalina, Shantacruz (E), Mumbai.
- M/s Videocon International Ltd., Auto Care Compound, Adalat Road, Aurangabad.
अपीलार्थी/विपक्षीगण बनाम
- Sri Pawan Garg, Son of Sri G.N. Garg.
- Smt Nisha Garg, Wife of Sri Pawan Garg.
(Both residents of 380-A, Jokhan Bagh, Jhansi.)
प्रत्यर्थी/परिवादीगण
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - श्री अरूण टंण्डन।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
दिनांक : 21-09-2015
मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं। आदेश पत्र दिनांक 05-07-2013 से स्पष्ट है कि यह केस बहस हेतु चल रहा है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा लिखित बहस दाखिल की गयी है।
अपीलार्थी ने प्रस्तुत अपील जिला फोरम, झॉंसी द्वारा परिवाद संख्या-24/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-04-1999 के विरूद्ध प्रस्तुत की है
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार है कि प्रतिवादी के द्वारा 100 बाण्ड जारी किये गये जो कि एक पंकज शाह व किरन शाह के नाम था जो कि दिनांक 26-06-1995 को परिवादी को ट्रान्सफर हो गया जिसका प्रतिवादीगण ने दिनांक 07-08-1995 को इन्डार्समेंट किया। परिवादीगण ने विपक्षी संख्या-2 को दिया और बाण्ड को सरेन्डर किया जिसका रिडम्सन तिथि 20-02-1998 था और सर्टीफिकेट दिनांक 12-02-1993 को भेजा गया और परिवादीगण ने फार्म -15 और सहमति स्लिप भी भेजा लेकिन रिडम्सन की रकम प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने पत्र भेजा। प्रतिवादीगण को नोटिस जारी हुई और एकपक्षीय सुनवाई की गयी। जिला फोरम के द्वारा यह आदेश पारित किया गया कि परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है और यह आदेश दिया जाता है कि 2 महीने के अंदर 10 हजार रूपया व उस पर ब्याज अदा करे और प्रतिवादीगण 2,000/-रू0 हर्जाना और 1,000/-रू0 वाद व्यय भी अदा करें।
अपीलार्थी ने कहा कि यह शेयर का मामला था और यह जिला फोरम के क्षेत्राधिकार से बाहर है और उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है।
केस के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह समीचीन पाते है कि शेयस का मामला है और उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है और जिला मंच द्वारा पारित निर्णय विधि अनुरूप नहीं है और निरस्त होने योगय है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला फोरम, झॉंसी द्वारा परिवाद संख्या-24/1999 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-04-1999 निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(राम चरन चौधरी) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा