Uttar Pradesh

Mahoba

122/2014

PRADEEP KUMAR - Complainant(s)

Versus

PAVAN SRIVASTAVAGEETA MEMORIAL MADICAL COMPLEX - Opp.Party(s)

PRAVENDRA SINGH CHAUHAN

24 Dec 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 122/2014
 
1. PRADEEP KUMAR
MAHOBA
...........Complainant(s)
Versus
1. PAVAN SRIVASTAVAGEETA MEMORIAL MADICAL COMPLEX
JHANSI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV PRESIDENT
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:PRAVENDRA SINGH CHAUHAN, Advocate
For the Opp. Party: NONE, Advocate
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-122/2014                           उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्‍यक्ष,

                                                     डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                        श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य

प्रदीप कुमार यादव,एडवोकेट पुत्र श्री लखन लाल निवासी-मुहल्‍ला–भटीपुरा,महोबा कस्‍बा,तहसील व जिला-महोबा                                                                                                                                                                    परिवादी

                                                                                               बनाम

1.पवन श्रीवास्‍तव,डायरेक्‍टर गीता मैमोरियल मेडिकल कामप्‍लेक्‍स,यादव मेडिकल स्‍टोर वाली गली, मयूर बिहार कालोनी,मेडिकल कालेज गेट नंबर 1 के सामने झांसी जिला-झांसी उ0प्र0 

2.डा0रजत जैन,प्रोपराइटर कैलाश जैन मेडिकल कामप्‍लेक्‍स मेडिकल कालेज गेट नंबर-2 के सामने,करगवा रोड,झांसी जिला-झांसी उ0प्र0 ।

3.डा0राज कुमार वर्मा,लोकोस्‍कोपिक सर्जन एवं जनरल सर्जन प्रोफेसर मेडिकल कालेज,झांसी जिला-झांसी उ0प्र0 ।

4.मेडिकल सुप्रीडेंटेंड मेडिकल कालेज,झांसी जिला-झांसी उत्‍तर प्रदेश ।

5.मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी,झांसी जिला-झांसी उत्‍तर प्रदेश  

6.डा0राकेश सिंह पुत्र श्री रतन सिंह निवासी-सुभाषनगर,महोबा                                                                                     विपक्षीगण

निर्णय

श्री बाबूलाल यादव,अध्‍यक्ष द्वारा उदधोषित

      परिवादी प्रदीप कुमार यादव ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण पवन श्रीवास्‍तव,डायरेक्‍टर गीता मैमोरियल मेडिकल कामप्‍लेक्‍स,यादव मेडिकल स्‍टोर वाली गली, मयूर बिहार कालोनी,मेडिकल कालेज गेट नंबर 1 के सामने झांसी जिला-झांसी व 5 अन्‍य बाबत दिलाये जाने क्षतिपूर्ति धनराशि  व अन्‍य अनुतोष हेतु प्रस्‍तुत किया है ।

      संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी प्रदीप कुमार यादव,एडवोकेट पुत्र श्री लखन लाल यादव निवासी-मुहाल-भटीपुरा कस्‍बा व जिला-महोबा को पायलोनाइडस साइनस के रोग से ग्रस्‍त थे। परिवादी अपनी उपरोक्‍त बीमा‍री के उपचार हेतु विपक्षी सं01 पवन श्रीवास्‍तव,डायरेक्‍टर गीता मैमोरियल मेडिकल कामप्‍लेक्‍स के यहां मिला तथा उक्‍त बीमारी के बारे अवगत कराया तो विपक्षी सं01 पवन श्रीवास्‍तव ने कहा कि हमारी संस्‍था में विपक्षी सं01 डा0राज कुमार वर्मा,लोकोस्‍कोपिक सर्जन,मेडिकल कालेज,झांसी द्वारा आपरेशन सफलतापूर्वक किया जाता है । विपक्षी सं01 पवन श्रीवास्‍तव ने परिवादी को यह भी अवगत कराया कि उपरोक्‍त आपरेशन में 13,500/-रू0 शुल्‍क व 500/-रू0 प्रतिदिन प्राइवेट वार्ड में खर्चा आयेगा तथा दवाइयों व जांच के खर्चे अलग होंगे तथा विपक्षी सं01 पवन श्रीवास्‍तव ने विपक्षी सं03 डा0राज कुमार वर्मा को बुलाया और परिवादी से बात कराई । बात होने के उपरांत विपक्षी सं01 व 3 के कहने पर परिवादी ने दिनांक:10.09.2013 को 13,500/-रू0 आपरेशन शुल्‍क और प्राइवेट वार्ड का 5,000/-रू0 कुल 18,500/-रू0 विपक्षी सं01 के पास जमा कर दिया और इस जमा किये गये पैसे की परिवादी ने रसीद मांगी तो विपक्षी सं01 ने कहा कि आपरेशन हो जाने दीजिये । आपरेशन के बाद सभी रसीद व अभिलेख उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे । इस प्रकार विपक्षी सं01 के कहने पर परिवादी ने अपने सभी टेस्‍ट गीता पैथोलोजी लैब,झांसी से कराये और टेस्‍ट में आये खर्च मु05,000/-रू0 को भी अदा किया । इसी दौरान विपक्षी सं01 व 3 ने परिवादी को यह सूचित किया कि उनके यहां आपरेशन थियेटर की व्‍यवस्‍था न होने के कारण परिवादी का आपरेशन डा0रजत जैन प्रो0डा0 कैलाश मेडिकल सेंटर,मैडिकल गेट नं02 के सामने, करगुंवा रोड,झांसी में दिनांक:12.09.2013 को किया गया । परिवादी ने विपक्षी सं02 के यहां ओ0टी0 का 5,000/-रू0 अदा किया । तत्‍पश्‍चात परिवादी विपक्षी सं0 1 की संस्‍था में 10 दिन भर्ती रहा तथा विपक्षी सं01 प्रतिदिन आकर नियमित जांच करते रहे । इसी दौरान विपक्षी सं03 डा0राज कुमार वर्मा ने परिवादी को अवगत कराया कि अभी पस कल्‍चर की जांच होना शेष है इस‍के लिये परिवादी 5,000/-रू0 विपक्षी सं01 के यहां जमा कर दे,यह जांच मुम्‍बई से कराई जायेगी । परिवादी ने दिनांक:15.09.2013 को 5,000/-रू0 जमा कर दिये लेकिन पस कल्‍चर की जांच उनके द्वारा झांसी से ही कराई गई । तत्‍पश्‍चात दिनांक:22.09.2013 को विपक्षी सं03 डा0 राज कुमार वर्मा परिवादी  की जांच करने आये तो उन्‍होंने परिवादी को बताया कि अब वह घर जा सकता है और उसे प्रति सप्‍ताह जांच के लिये आना पडेगा तब परिवादी ने अपने आपरेशन के कागज मांगे तो उनके द्वारा कहा गया कि अगले सप्‍ताह आना तो उपलब्‍ध करा दिये जायेगें । परिवादी अपने घर आ गया । परिवादी दिनांक:29.09.2013 को अपनी जांच कराने विपक्षी सं01 के यहां गया,जहां विपक्षी सं03 डा0राजकुमार वर्मा द्वारा जांच की गई तथा परिवादी ने पुन:अपने कागज मांगे तो विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा कहा गया कि अभी संबंधित लिपिक नहीं आ रहा है तो परिवादी को फोन करके अवगत करा दिया जायेगा और डाक से भेज दिये जायेगें । परिवादी ने पुन: अपने आपरेशन के कागज मांगे तो विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा बहाना बनाया गया । अत: परिवादी ने उनकी शिकायत सुपरिडेंटेंड आफ मेडिकल कालेज,झांसी से की एवं सी0एम0ओ0 से की,जिस पर विपक्षी सं01 त 3 नाराज हो गये और बोले अब तुम शिकायत ही कर लो हम आपरेशन के कागज नहीं देगें । परिवादी का आपरेशन सफल नहीं हुआ और परिवादी को दिसम्‍बर,2013 में पुन: दर्द हुआ और परिवादी ने इसके संबंध में विपक्षीगण 1 त 3 को बताया तो उनके द्वारा कहा गया कि अब वह परिवादी का इलाज नहीं करेंगें तथा आपरेशन संबंधी कागजात भी नहीं देगें । विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा किया गया यह कृत्‍य अमानवीय व घोर सेवा की त्रुटि के अंतर्गत आता है और परिवादी को पुन: अपनी उक्‍त बीमारी का आपरेशन कराना पडा तथा विपक्षीगण सं01 त 3 द्वारा दी गई दवाओं का उसके शरीर पर बुरा असर पडा तथा परिवादी के पुन: आपरेशन कराने में 50,000/-रू0 खर्च हुये और वह इस समय अपना विधि व्‍यवसाय भी नहीं कर पाया । परिवादी ने इस संबंध में विपक्षी सं01 त 4 को नोटिस भी दिया लेकिन उनके द्वारा जबाब नहीं दिया गया तब परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से सूचना अधिकार अधिनियम,2005 के अंतर्गत भी आवेदन किया लेकिन विपक्षीगण द्वारा आज तक उसे परिवादी के आपरेशन से संबंधित कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये । ऐसी परिस्थिति में मा0 फोरम के समक्ष परिवादी द्वारा यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया तथा विपक्षीगण से आपरेशन में आये खर्च 84,000/-रू0 व आपरेशन के प्रपत्र की मांग की तथा इसके अलावा परिवादी ने वाद व्‍यय व मानसिक कष्‍ट के एवज में क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की प्रार्थना की है । ‍के    वादी विपक्षी संंी संं0   

      विपक्षी सं01त3 ने अलग-अलग अपनी प्रारम्भिक आपत्तियां दाखिल की हैं,जिसमें उन्‍होंने यह कहा है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं01 त 3 विरूद्ध गलत आधार पर न्‍यायालय के समक्ष तथ्‍यों को गुमराह कर के दाखिल किया गया है।उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम,1986 की धारा-11-2-ए-बी-सी में जो उल्लिखित है उसके अनुसार मा0फोरम के अंतर्गत वही वाद प्रस्‍तुत किया जा सकता है जिनमें विपक्षी अथवा उसका कोई शाखा कार्यालय अपने लाभ के लिये मा0 न्‍यायालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कार्य कर रहा हो।चूँकि उक्‍त परिवाद में विपक्षीगण की कोई शाखा मा0न्‍यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं है और न ही कोई सेवा उनके द्वारा महोबा आकर प्रदान की गई है।अत: परिवादी का परिवाद मा0 न्‍यायालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता है।तदनुसार उक्‍त परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने का आदेश पारित किये जाने की प्रार्थना की गई है । परिवादी ने विपक्षी सं06 को पक्षकार बनाया है उक्‍त डाक्‍टर को न तो विपक्षीगण जानते हैं और न ही विपक्षीगण 1त3 को उससे कोई मतलब या सरोकार है । ऐसी परिस्थिति‍ में उन्‍होंने इस परिवाद को क्षेत्राधिकार के आधार पर ही खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।     

विपक्षी सं06 डा0राकेश कुमार सिंह ने अपना अलग से जबाबदावा प्रस्‍तुत किया है,जिसमें उन्‍होंने परिवाद में कहे गये समस्‍त अभिकथनों से इन्‍कार किया है और अपने अतिरिक्‍त कथन में कहा है कि परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद असत्‍य एवं मनगढंत तथ्‍यों के आधार पर कपट का सहारा लेकर विधि विरूद्ध तरीके से झूठे वाद के कारण पर प्रस्‍तुत किया है,जो कि विपक्षी सं06 के विरूद्ध चलने योग्‍य नहीं है । विपक्षी सं06 के विरूद्ध कोई वाद का कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है और उसने विपक्षीगण सं06 को अनावश्‍यक रूप से क्षति पहंचाने हे‍तु पक्षकार बनाया है । विपक्षी सं06 के कार्यकर्ता अथवा एजेंट महोबा में कार्य नहीं करता है । संपूर्ण परिवाद में इस बात का कोई उल्‍लेख नहीं है कि विपक्षी सं06 द्वारा परिवादी के साथ कोई सेवा में त्रुटि अथवा व्‍यापारिक कदाचरण किया गया है । परिवादी का इलाज झांसी में हुआ है । इसलिये वाद का कारण भी झांसी में उत्‍पन्‍न हुआ है । ऐसी परिस्थिति में महोबा जिला उपभोक्‍ता फोरम को इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है और ऐसी परिस्थिति में उन्‍होंने परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।

विपक्षी सं04 व 5 ने कोई जबाबदावा प्रस्‍तुत नहीं किया गया है ।

      परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्‍वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग/1 लगायत 4ग/4 प्रस्‍तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्‍य में स्‍वयं के  अधिवक्‍ता होने संबंधी बार कांउसिल आफ उत्‍तर प्रदेश द्वारा जारी परिचय पत्र की छायाप्रति कागज सं05ग, गीता मैमोरियल काम्‍पलेक्‍स द्वारा जारी पर्चों की छायाप्रतियां 8ग/1 व 8ग/2, गीता पैथोलोजी लैबोरेटरी द्वारा जारी जांच रिपोर्ट की छायाप्रति 8ग/3,सेंटर माइक्रोबायोलोजी लैब द्वारा जारी रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं09ग/1,परिवादी द्वारा अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से विपक्षीगण को भेजे गये नोटिस की छायाप्रति कागज सं010ग/1 लगायत 10ग/3,सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति कागज सं011ग , मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक,मेडिकल कालेज,झांसी द्वारा परिवादी के अधिवक्‍ता को भेजे गये पत्र की छायाप्रति 12ग/1, मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी,झांसी द्वारा डा0रजत जैन,विपक्षी सं02 को लिखे गये पत्र की छायाप्रति 12ग/2, परिवादी द्वारा मुख्‍यमंत्री उत्‍तर प्रदेश शासन,लखनऊ को लिेखे गये पत्र की छायाप्रति कागज सं0 12ग/3 दाखिल किया गया है ।

विपक्षी सं01त3 की और से कोई अपने अभिकथन के समर्थन में शपथपत्र नहीं दिया है ।

विपक्षी सं0 6 डा0राकेश कुमार सिंह की और से अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र दाखिल किया गया,जो कि 21ग है ।

उपरोक्‍त अभिलेख के अलावा परिवादी प्रदीप कुमार की और से लिखित बहस भी दाखिल की गई है,जिसके जबाब में विपक्षी सं06 ने भी लिखित बहस दाखिल की गई है । 

अंतिम बहस के समय परिवादी तथा विपक्षी सं06 के ही विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थिति थे उनकी बहस सुनी गई त‍था तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया । परिवादी की और से यह बहस की गई है कि यह बात सत्‍य है कि परिवादी का इलाज झांसी स्थित चिकित्‍सालय एवं वहां कार्यरत चिकित्‍सक द्वारा किया गया है लेकिन विपक्षी सं06 डा0 राकेश कुमार सिंह चूंकि महोबा में निवास करता है तथा परिवाद में वाद का कारण झांसी के बजाय महोबा में ही उत्‍पन्‍न हुआ है । इस कारण मा0 फोरम को इस परिवाद को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है ।

इसके अलावा उनकी और से यह भी बहस की गई है कि विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा परिवादी का इलाज लापरवाहीपूर्ण तरीके से किया गया है इसलिये उसको अपनी बीमारी पायलो नाइडस साइनस का पुन: आपरेशन कराना पडा तथा विपक्षी सं01 त 3 द्वारा दी गई दवाइयों का शरीर में बुरा प्रभाव पडा,जिसके फलस्‍वरूप परिवादी को लगभग 50,000/-रू0 अतिरिक्‍त खर्च करना पडा तथा वह अपने विधि व्‍यवसाय भी 9 माह से नहीं कर सका है । अंत‍: उसको 84,000/-रू0 बतौर क्षतिपूर्ति दिलाये जाने की तथा आपरेशन संबंधी प्रपत्र में उपलब्‍ध कराये जाने के संबंध में भी क्षतिपूर्ति चाही है ।

इस संबंध में विपक्षीगण की और से यह कहा गया है कि विपक्षीगण 1 त 5 चूंकि झांसी में निवास करते हैं तथा विपक्षी सं06 डा0राकेश कुमार सिंह ने स्‍वयं अपने जबाबदावा में विपक्षीगण का प्रतिनिधि होने से इंकार किया है । ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद जिला उपभोक्‍ता फोरम,महोबा में पोषणीय नहीं है । अंत: उसका परिवाद खारिज किया जाये । विपक्षी सं01 त 3 ने परिवादी के इलाज के संबंध में कोई अभिकथन नहीं किया है और उन्‍होंने मात्र क्षेत्रीय अधिकारिता के आधार पर परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।

इस संबंध में फोरम ने पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया ,जिसमें यह तथ्‍य सही पाया गया कि परिवादी का इलाज विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा झांसी स्थित चिकित्‍सालय में किया गया है तथा विपक्षी सं06 से विपक्षीगण सं01 त 3 का कोई संबंध नहीं है । अंत: इस आधार पर परिवादी का परिवाद पोषणीय नहीं कहा जा सकता लेकिन उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार क्षेत्रीय अधिकारिता के साथ उस जिला फोरम को भी परिवाद की सुनवाई का अधिकार दिया गया है,जिसके अनुसार परिवादी को वाद का कारण उत्‍पन्‍न हुआ है । इसके अलावा परिवादी की और से जो अभिलेख दाखिल किया गया है उनमें से परिवादी द्वारा विपक्षीगण को दिये गये नोटिस कागज सं010ग/1 लगायत 10ग/3 है,यह नोटिस परिवादी को दिनांक:29.01.2014 अपने अधिवक्‍ता श्री प्रवेन्‍द्र कुमार सिंह चौहान के माध्‍यम से विपक्षीगण 1 त 4 को दी है,जिसमें कोई जबाब विपक्षी सं01 त 3 द्वारा नहीं दिया गया । ऐसी परिस्थिति में परिवादी को वाद का कारण महोबा में उत्‍पन्‍न हुआ है न कि झांसी में । तदनुसार परिवादी का परिवाद जिला उपभोक्‍ता फोरम,महोबा के अनुसार पोषणीय माना जायेगा । इस प्रकार विपक्षीगण का यह प्रतिवाद कि परिवादी का परिवाद को इस फोरम को सुनवाई का अधिकार नहीं है और परिवादी का परिवाद महोबा फोरम में पोषणीय माना जायेगा ।    

द्वितीय प्रश्‍न यह उठता है कि क्‍या विपक्षीगण 1 त 3 को परिवादी की चिकित्‍सा के दौरान कोई लापरवाही बरती है । इस संबंध में विपक्षी मा0 उच्‍च न्‍यायालय व मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय में यह निर्णय प्रतिपादित किया जा चुका है कि किसी चिकित्‍सक की लापरवाही तब तक नहीं मानी जायेगी जब तक कि किसी विशेषज्ञ चिकित्‍सक की राय मा0 न्‍यायालय में दाखिल की जाती है । परिवादी ने ऐसे किसी विशेषज्ञ चिकित्‍सक की राय दाखिल नहीं की इसलिये यह नहीं कहा जा सकता कि विपक्षीगण ने कोई लापरवाही बरती है और उनसे परिवादी को क्षतिपूर्ति दिलाई जाये । लेकिन इतना अवश्‍य है कि जैसा कि परिवादी ने कहा है कि परिवादी का विपक्षीगण 1 त 3 द्वारा किये गये इलाज में जो खर्च आया उससे संबंधित कोई प्रपत्र उनको प्राप्‍त नहीं कराये गये । जबकि इस संबंध में विपक्षी सं05 द्वारा विपक्षी सं01 त 3 को पत्र व्‍यवहार किया गया है तथा इसकी प्रतिलिपि परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता को भी दी गई है,जो कि अभिलेख कागज सं012ग/2 से स्‍पष्‍ट है । इस प्रकार विपक्षी सं01 त 3 चिकित्‍सा व्‍यय एवं आपरेशन से संबंधित प्रपत्र नहीं दिया जाना उनकी सेवा में त्रुटि माना जायेगा और इससे संबंधित अनुतोष परिवादी प्राप्‍त करने का अधिकारी है ।

                                आदेश

      परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 त 3 आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है । विपक्षी सं01 त 3 को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी को इस निर्णय के अंदर एक माह परिवादी की बीमारी पाइलो नाइडस साइनस के आपरेशन में आये खर्च एवं परिवादी के आपरेशन से संबंधित प्रपत्र परिवादी को उपलब्‍ध कराये । इसके अलावा विपक्षीगण 1 त 3 परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज 5,000/-रू0 एवं वाद व्‍यय के रूप में 2,500/-रू0 इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे । विपक्षी सं01 बीमा कंपनी उक्‍त आदेश का अनुपालन इस निर्णय के अंदर एक माह करे अन्‍यथा विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को उपरोक्‍त धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी देय होगा । 

डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी                                             श्रीमती नीला मिश्रा                   बाबूलाल   यादव

    सदस्‍य,                                                                    सदस्‍या,                                अध्‍यक्ष,

जिला फोरम,महोबा।                                            जिला फोरम,महोबा।             जिला फोरम,महोबा।

  28.07.2015                                                             28.07.2015                         28.07.2015

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Mr. BABULAL YADAV]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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