Uttar Pradesh

StateCommission

A/1815/2014

Hsmuddin - Complainant(s)

Versus

Paschimanchal Vidyut Vitran Nigam LTD - Opp.Party(s)

Satya Prakash Pandey

24 Jul 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1815/2014
( Date of Filing : 10 Sep 2014 )
(Arisen out of Order Dated 22/08/2014 in Case No. C/133/2011 of District Muradabad-I)
 
1. Hsmuddin
R/O Nala Sambhal Distt Mkoradabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Paschimanchal Vidyut Vitran Nigam LTD
Adhishashi Abhiyaata Vidyut Vitran Khand Sambhal Moradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Jul 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1815/2014

हसीमुद्दीन

बनाम

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड

समक्ष:-                                                             

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री सत्‍य प्रकाश पाण्‍डेय, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनांक :24.07.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-133/2011, हसीमुद्दीन बनाम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, सम्‍भल द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.08.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री सत्‍यप्रकाश पाण्‍डेय को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।  

2.          जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद इस आधार पर खारिज कर दिया कि यह तथ्‍य साबित नहीं है कि विद्युत विच्‍छेदन के बाद विद्युत का उपयोग नहीं किया गया है, इसलिए अपीलार्थी/परिवादी बिल अदा करने के लिए उत्‍तरदायी है।

3.       अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जो विद्युत कनेक्‍शन लिया गया था, वह 14.04.2002 को विच्‍छेदित कर दिया गया था। इस कनेक्‍शन को कभी भी अपीलार्थी/परिवादी ने पुनर्स्‍थापित नहीं कराया। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा 20.05.2002 को 5,000/-रूपये जमा कराकर रसीद प्राप्‍त की थी, इसलिए अंकन 20,316/- रूपये के लिए जारी किया गया बिल विधि विरूद्ध है।

4.          बीमा कम्‍पनी का यह कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी ने अप्रैल 2002 के बाद भी विद्युत का उपयोग किया है, क्‍योंकि मीटर रीडिंग चढ़कर आयी थी, जिससे विद्युत का उपयोग किया जाना स्‍पष्‍ट है, इसलिए अपीलार्थी/परिवादी 20,316/-रू0 अदा करने के लिए उत्‍तरदायी है।

5.          जिला उपभोक्‍ता मंच ने अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत       किये गये साक्ष्‍य को विश्‍वसनीय न मानते हुए परिवाद खारिज किया है, परंतु स्‍वयं विद्युत विभाग द्वारा इस तथ्‍य की स्‍वीकृति पर कोई विचार नहीं किया कि अपीलार्थी/परिवादी का विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित कर दिया गया था और 6 माह तक कर दिया गया था। स्‍वयं इलेक्ट्रिसिटी सप्‍लाई कोड में व्‍यवस्‍था है कि यदि स्‍थायी विद्युत विच्‍छेद के पश्‍चात 6 माह तक उपकरण नहीं हटाये गये हैं तब विद्युत कनेक्‍शन स्‍थायी रूप से विच्‍छेदित माना जायेगा, चूंकि स्‍थायी विच्‍छेदन स्‍वयं विद्युत विभाग को स्‍वीकार है तथा दस्‍तावेज सं0 28 के अनुसार स्‍थायी विच्‍छेदन कराया गया है। इस दस्‍तावेज पर संबंधित कनिष्‍ठ अभियंता के हस्‍ताक्षर है। इसमें अंकित है कि मौके पर कोई मीटर उपलब्‍ध नहीं है। विद्युत विच्‍छेदन की तिथि 14.04.2002 है। यह रिपोर्ट कनिष्‍ठ अभियंता द्वारा तैयार की गयी है। अत: 14.04.2002 के पश्‍चात अगले 06 माह तक केवल न्‍यूनतम शुल्‍क वसूल किया जा सकता था और 06 माह पश्‍चात स्‍थायी विद्युत कनेक्‍शन स्‍वत: मान लिया जायेगा। अत: अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्युत विभाग दिनांक 14.04.2002 के पश्‍चात अगले 06 माह की अवधि तक केवल न्‍यूनतम शुल्‍क अदा करने के लिए उत्‍तरदायी है। किसी अन्‍य राशि को अदा करने के लिए अपीलार्थी/परिवादी उत्‍तरदायी नहीं है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

(सुशील कुमार)(राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      24.07.2023

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 

          

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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