(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-957/2010
सम्राट ट्रैक्टर्स (सोनालिका) एजेन्सी तथा दो अन्य
बनाम
पेरूल्लाह पुत्र वलि मोहम्मद
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री एस.एस. रावत।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 06.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-157/2004, पेरूल्लाह बनाम सम्राट ट्रैक्टर्स (सोनालिका) एजेन्सी तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, अम्बेडकर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 4.5.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री एस.एस. रावत को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हैं।
2. विद्वान जिला आयोग ने प्रथमत: ट्रैक्टर की मरम्मत कराने तथा द्वितीयत: ट्रैक्टर इंजन की कीमत अंकन 1,75,000/-रू0 एवं मिस्त्री खर्च राशि अंकन 25,000/-रू0 कुल 2,00,000/-रू0 10 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 9.1.2004 को परिवादी ने अपने पुत्र असद उल्लाह के नाम से ट्रैक्टर
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खरीदा था, परन्तु उसके नाम से कृषि भूमि नहीं थी, इसलिए उसने अपने नाम से ट्रैक्टर खरीदा। दिनांक 13.7.2004 को ही ट्रैक्टर जुताई करते समय लोड कम लेने लगा, जिसकी शिकायत पर ट्रैक्टर की मरम्मत कर दी गई, इसके बाद दिनांक 22.8.2004 को ट्रैक्टर ठीक किया गया, परन्तु डीजल की खपत ज्यादा होती रही, इसलिए परिवादी ने दिनांक 28.8.2004 को ट्रैक्टर बदलने की नोटिस प्रेषित की।
4. विपक्षी का कथन है कि ट्रैक्टर में कोई कमी नहीं है। ट्रैक्टर बदलने की कोई गारण्टी नहीं दी जाती, केवल खराब भाग ही बदला जा सकता है। परिवादी की शिकायत के अनुसार केवल डीजल की खपत ज्यादा हो रही थी, जिसे दुरूस्त कर दिया गया था तथा परिवादी को ट्रैक्टर चलाकर दिखाया गया था, उस समय डीजल की खपत 4 लीटर प्रति घंटा थी। यह भी कथन किया गया कि स्वंय परिवादी पर अंकन 60,500/-रू0 एसेसिरीज के बकाया हैं, जिसका भुगतान नहीं किया गया और परिवाद प्रस्तुत कर दिया गया।
5. पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि एक साल के अन्दर ट्रैक्टर में खराबी आयी है। ट्रैक्टर लोड कम लेता है तथा डीजल की खपत ज्यादा होती है, इसलिए ट्रैक्टर की मरम्मत करने और विकल्प में ट्रैक्टर की कीमत अदा करने का आदेश पारित किया है।
6. चूंकि ट्रैक्टर दिनांक 9.1.2004 को क्रय किया गया। वारण्टी अवधि में ट्रैक्टर खराब हुआ। वर्ष 2004 में ही परिवाद प्रस्तुत कर दिया गया। अत: परिवाद भी वारण्टी अवधि में ही प्रस्तुत किया
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गया है, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा ट्रैक्टर की मरम्मत के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है, परन्तु ट्रैक्टर की कीमत वापस करने से संबंधित आदेश अनुचित है, यह आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04.05.2010 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि निर्णय/आदेश का द्वितीय भाग अर्थात् ट्रैक्टर इंजन की कीमत अंकन 1,75,000/-रू0 एवं मिस्त्री खर्च राशि अंकन 25,000/-रू0 कुल 2,00,000/-रू0 वापस लौटाए जाने से संबंधी आदेश अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2