Uttar Pradesh

StateCommission

CC/25/2016

Vijay Kumar Singh - Complainant(s)

Versus

Parsvnath Developers Pvt. Ltd. - Opp.Party(s)

S. K. Verma

05 Jan 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/25/2016
 
1. Vijay Kumar Singh
Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. Parsvnath Developers Pvt. Ltd.
Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Bal Kumari MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 05 Jan 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

परिवाद संख्‍या-25/2016

 

विजय कुमार सिंह पुत्र रामचरन सिंह निवासी टाईप IV/02 राजकीय महिला पालिटेक्निक, लखनऊ।

                                                                        परिवादी

                                                    बनाम्

  1. पार्श्‍वनाथ डेवलपर्स लिमिटेड, पार्श्‍वनाथ मेट्रो टावर, निकट शाहदरा मेट्रो स्‍टेशन, शाहदरा, नई दिल्‍ली, द्वारा डिप्‍टी जनरल मैनेजर (कामर्शियल)
  2. पार्श्‍वनाथ, प्‍लाट नम्‍बर-टीसी0जी0 8/8एण्‍ड 9/9 विभूति खण्‍ड, गोमती नगर, लखनऊ द्वारा सीनियर जनरल मैनेजर।
  3. लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा उपाध्‍यक्ष।                            

                                         विपक्षीगण

समक्ष :-

1-   मा0  न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी,      सदस्‍य।

 

1-  परिवादी की ओर से उपस्थित -   श्री नरविन्‍द कुमार सिंह।

2-  विपक्षी  की ओर से उपस्थित -   कोई नहीं।

 

दिनांक : 31-01-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय :

 

        आज यह पत्रावली परिवादी की ओर से परिवाद वापस लिये जाने हेतु प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की गयी है। परिवादी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री नरविन्‍द कुमार सिंह उपस्थित है। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

        परिवादी ने प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्‍तुत किया है कि वह परिवाद वापस लेना चाहते है अत: परिवाद निरस्‍त किया जाए।

        परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता ने हमारे समक्ष यह कथन किया है कि विपक्षी से सुलहवार्ता चल रही है और उसे पूरी आशा है कि विवाद का

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निस्‍तारण आयोग के बाहर हो जायेगा। अत: परिवादी परिवाद पर बल नहीं देना चाहता है।

        परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता के उपरोक्‍त कथन पर विचार करते हुए परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किया जाता है और परिवाद वापस लिये जाने के आधार पर निरस्‍त किया जाता है।

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                       (बाल कुमारी)

           अध्‍यक्ष                                   सदस्‍य

कोर्ट नं0-1,

प्रदीप मिश्रा, आशु0

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Bal Kumari]
MEMBER

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