राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या:-121/2018
(जिला फोरम, गोण्डा द्धारा निष्पादन वाद सं0-20/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.6.2018 के विरूद्ध)
Mahindra & Mahindra Ltd., Farm Division Marketing Office, Akurli Road, Kandiwali, East Mumbai-400101.
........... Rivisionist/Opp. Party
Versus
1- Parmeshwar Dutt Shukla, S/o Shri Vishun Dutt, aged about 47 years old, R/o Village- Ahirauliya, Pargana-Gonda, Tehsil & District- Gonda.
…….. Respondent/Complainant
2- Dealer, Prakash Tractor, near District Hospital, Station Road, Gonda.
…….. Respondent/ Opp. Party
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष
पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्ता : श्री काशीनाथ शुक्ला
विपक्षी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :-01.4.2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
निष्पादन वाद संख्या-20/2015 परमेश्वर दत्त शुक्ल बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड व एक अन्य में जिला उपभोक्ता प्रतितोष फोरम, गोण्डा द्वारा पारित आदेश दिनांक 07.6.2018 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण याचिका धारा-17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने निष्पादन वाद स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को निर्देशित किया है कि प्रश्नगत ट्रैक्टर को अपनी अभिरक्षा में लेकर वे ट्रैक्टर का मूल्य
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6,50,000.00 रू0 और वाद व्यय 2,000.00 रू0 तत्काल परिवादी को अदा करें।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री काशी नाथ शुक्ला उपस्थित आये। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री गजेन्द्र मिश्रा उपस्थित हो चुके है, परन्तु आज उपस्थित नहीं है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
उपरोक्त इजरा वाद, परिवाद सं0-184/2014 परमेश्वर दत्त शुक्ल बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड व एक अन्य में जिला फोरम, गोण्डा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 21.02.2015 के अनुपालन हेतु पंजीकृत किया गया है। जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद में निम्न आदेश पारित किया है:-
“परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को विक्रय किये गये ट्रैक्टर की पूर्ण मरम्मत व ठीक करके निर्णय पारित होने के दिनांक से एक माह में परिवादी को प्राप्त करा दे।
यदि उपरोक्त अवधि में ट्रैक्टर ठीक नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में विपक्षीगण परिवादी से ट्रैक्टर प्राप्त करके ट्रैक्टर का मूल्य 6,50,000.00 रू0 परिवादी को वापस करेगें विपक्षीगण परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में 2000.00 रूप का भुगतान करेगे।
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परिवादी ने लगभग एक वर्ष तक ट्रैक्टर को चलाया है अत: मानसिक कष्ट के रूप में क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती है।”
जिला फोरम के उपरोक्त आदेश से स्पष्ट है कि जिला फोरम ने विपक्षी को निर्देशित किया है कि ट्रैक्टर की पूर्ण मरम्मत व उसे ठीक कर ट्रैक्टर एक माह के अन्दर परिवादी को प्रदान करें और यदि उपरोक्त अवधि में ट्रैक्टर ठीक नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में विपक्षीगण परिवादी से ट्रैक्टर प्राप्त कर ट्रैक्टर का मूल्य 6,50,000.00 रू0 उसे वापस करे।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि पुनरीक्षणकर्ता के विरूद्ध उपरोक्त परिवाद में उपरोक्त आदेश एक पक्षीय रूप से उसकी अनुपस्थिति में पारित किया गया है और जब इस आदेश की प्रति उसके समक्ष प्रस्तुत की गई, तो उस तिथि से एक माह के अन्दर ट्रैक्टर को ठीक कर दिया गया है, परन्तु परिवादी ट्रैक्टर नहीं ले गया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि जिला फोरम ने वर्तमान इजरा वाद में पारित आदेश दिनांक 03.3.2016 के द्वारा निष्पादन वाद इस निर्देश के साथ निस्तारित किया था कि परिवादी अपना मरम्मत किया गया ट्रैक्टर विपक्षी से तत्काल प्राप्त करें और विपक्षी परिवादी को मरम्मत किए गये ट्रैक्टर पर 06 माह की वारण्टी दे।
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पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम के उपरोक्त आदेश दिनांक 03.3.2016 के विरूद्ध अपील सं0-846/2016 परमेश्वर दत्त शुक्ल बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड व एक अन्य राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई। जिसे राज्य आयोग ने स्वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आदेश दिनांकित 03.3.2016 को इस आधार पर अपास्त कर दिया कि निष्पादन वाद की कार्यवाही समाप्त करने से पूर्व जिला फोरम यह सुनिश्चित करें कि ट्रैक्टर को जिला फोरम के आदेश दिनांक 21.02.2015 के अनुसार पूर्ण रूप से ठीक कर दिया गया है और वह त्रुटि रहित हो चुका है। अत: जिला फोरम को पत्रावली पुन: विधि के अनुसार उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर निस्तारित करने हेतु प्रेषित की गई है। तब जिला फोरम ने प्रश्नगत आदेश पारित किया गया, परन्तु इस आदेश के पूर्व ट्रैक्टर की किसी तकनीकी विशेषज्ञ से जॉच कराकर यह जानने का प्रयास नहीं किया गया है कि ट्रैक्टर की मरम्मत की जा चुकी है और ट्रैक्टर पूर्ण रूप से त्रुटि रहित बनाया जा चुका है। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि बिना किसी तकनीकी परीक्षण आख्या के जिला फोरम ने जो यह माना है कि ट्रैक्टर के दोष का निवारण नहीं किया गया है, वह विधि विरूद्ध है।
मैंने पुनरीक्षणकर्ता के तर्क पर विचार किया है।
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जिला फोरम के निर्णय के अनुपालन हेतु यह देखा जाना आवश्यक है कि वास्तव में जिला फोरम के आदेश के अनुसार पुनरीक्षणकर्ता ने ट्रैक्टर की मरम्मत कर, त्रुटि निवारण कर दिया है, परन्तु यह सुनिश्चित करने हेतु ट्रैक्टर का तकनीकी परिक्षण, तकनीकी विशेषज्ञ से उभय पक्ष की उपस्थिति में कराया जाना और तकनीकी विशेषज्ञ की आख्या प्राप्त किया जाना आवश्यक है।
सम्पूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह स्पष्ट होता है कि जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश आधाररहित है। अत: पुनरीक्षण याचिका स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आदेश अपास्त करते हुए जिला फोरम को निर्देशित किया जाता है कि जिला फोरम प्रश्नगत ट्रैक्टर का उभय पक्ष या उनके विद्वान अधिवक्तागण की उपस्थिति में तकनीकी परीक्षण कराकर तकनीकी विशेषज्ञ से आख्या प्राप्त करें और उसके बाद उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार आदेश पारित करें।
उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 08.5.2019 को हाजिर हो।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-1