(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-306/2009
यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कं0लि0
बनाम
परमार्थ स्टील एण्ड अलायंस प्रा0लि0 कंपनी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : सुश्री सौम्या किदवई।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 20.06.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-31/2003, परमार्थ स्टील एण्ड अलायंस प्रा0लि0कं0 बनाम यूनाइटेड इंडिया इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, बिजनौर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.12.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्ता सुश्री सौम्या किदवई को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने बीमा कंपनी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने के अलावा अंकन 37,394/-रू0 अतिरिक्त क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
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3. अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी को अंतिम रूप से एवं पूर्ण संतुष्टि के साथ अंकन 74,071/-रू0 अदा किए जा चुके हैं, इसलिए इस राशि को प्राप्त करने के पश्चात उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत करने का कोई अवसर परिवादी के पास नहीं है। दस्तावेज सं0-22 पर अंकन 74,071/-रू0 का चेक दिनांकित 30.03.2001 की प्रति पत्रावली पर मौजूद है, इसके बाद दस्तावेज सं0-23 पर बीमा कंपनी द्वारा मैसर्स परमार्थ स्टील एण्ड अलायंस प्रा0लि0 को पूर्ण एवं अंतिम रूप से यह राशि अदा करने का प्रारूप/बाऊचर पत्रावली पर मौजूद है, जिस पर डायरेक्टर के हस्ताक्षर मौजूद हैं, जिससे आभास मिलता है कि अंकन 74,071/-रू0 पूर्ण संतुष्टि के साथ अंतिम रूप से प्राप्त कर लिया गया है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 63 के अनुसार जो राशि क्लेम की जाती है, उससे कम राशि स्वेच्छा से प्राप्त करने पर विपक्षी का उत्तरदायित्व समाप्त हो जाता है। प्रस्तुत केस में भी यही स्थिति मौजूद है, जो राशि क्लेम की गई है, उससे कम राशि स्वेच्छा से प्राप्त करने के कारण उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत करने का अवसर समाप्त हो जाता है। इस स्थिति में प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 11.12.2008 अपास्त किया जाता है।
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प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2