Uttar Pradesh

Chanduali

CC/19/2015

Ramkrit - Complainant(s)

Versus

Paramahansa Electrical&Electronic - Opp.Party(s)

Rakesh Singh

25 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/19/2015
 
1. Ramkrit
Vill-Kharoja,Th-Chakiya Chandauli
Chandauli
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. Paramahansa Electrical&Electronic
Sadupu Chkiya Chandauli
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Shashi Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 19                                सन् 2015ई0
रामकृत उम्र 70 वर्ष लगभग पुत्र स्व0 बन्धू निवासी खरौझा थाना चकिया जनपद चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
परमहंस इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रानिक्स सैदूपुर चकिया चन्दौली बजरिये प्रो0 अनिल केशरी उर्फ गुड्डू पुत्र श्यामसुन्दर केशरी सैदूपूर चकिया जनपद चन्दौली। 
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
 रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
 शशी यादव, सदस्या
                               निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1-    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी से टी0वी0 की कीमत रू0 3700/- तथा वाद व्यय,शारीरिक एवं मानसिक आघात व सामाजिक प्रतिष्ठा हेतु रू0 90000/- कुल रू0 93700/-दिलाये  जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2-    परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत करके संक्षेप में कथन किया है कि परिवादी ने दिनांक 6-4-2014 को विपक्षी के दूकान से एक कलर टी0वी0 एल0जी0 कम्पनी का रू0 3700/- नगद देकर खरीदा। परिवादी को विपक्षी ने अपनी दूकान की रसीद पर टी0वी0 की कीमत प्राप्त करके एक वर्ष की वारण्टी लिखकर दे दिया।उक्त टी0वी0 खरीदने के दो माह बाद खराब हो गयी तब परिवादी ने उक्त टी0वी0 को लेकर विपक्षी के यहॉं गया तो विपक्षी ने उक्त टी0वी0 व दूकान की असल रसीद अपने पास रख लिया और कहा कि टी0वी0 ठीक हो जायेगा। आप तीन दिन बाद आकर टी0वी0 और रसीद ले जाइयेगा। परिवादी तीन दिन बाद विपक्षी के दूकान पर गया तो विपक्षी ने कहा कि अभी टी0वी0 कम्पनी से बनकर नहीं आयी है कुछ समय बाद आइये तो आपकी टी0वी0 बनकर रखी रहेगी। परन्तु परिवादी कई बार विपक्षी के दूकान पर गया किन्तु विपक्षी ने न तो टी0वी0 बनाकर दिया और न ही उसे वापस किया और दिनांक 31-3-2015 को टी0वी0  देने से कत्तई तौर पर इन्कार कर दिया।परिवादी को विपक्षी ने अपने दूकान की कैशमेमो व वारण्टी कार्ड नहीं दिया बल्कि अपनी दूकान की रसीद दे दिया। जिससे परिवादी को मानसिक आघात लगा। इस आधार पर परिवाद प्रस्तुत करके उपरोक्त धनराशि दिलाये जाने हेतु परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है। 
3-    विपक्षी को इस फोरम द्वारा रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी। विपक्षी मय अधिवक्ता उपस्थित आये किन्तु उनके द्वारा जबाबदावा दाखिल नहीं किया गया। अतः यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय सुना गया।
4-    परिवादी की ओर से अपने परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र दाखिल किया गया है इसके अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में परिवादी ने टी0वी0 के रसीद की छायाप्रति,साक्ष्य शपथ पत्र,पुलिस अधीक्षक चन्दौली को भेजा 
                                                                                             2
गया प्रार्थना पत्र,रजिस्ट्री की रसीद,उप जिला मजिस्ट्रेट चकिया को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति दाखिल की गयी है।
5-    परिवादी की एक पक्षीय बहस सुनी गयी है। पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया।
6-    प्रस्तुत मामले में परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी की दूकान से दिनांक 6-4-2014 को एक एल0जी0 टी0वी0 रू0 3700/- में खरीदा था और विपक्षी ने इस पर एक वर्ष की वारण्टी दिया था। टी0वी0 खरीदने के 2 माह बाद ही वह खराब हो गयी। परिवादी उसे लेकर विपक्षी के यहॉं गया तो उसने टी0वी0 तथा असल रसीद अपने पास रख लिया और कहा कि टी0वी0 ठीक हो जायेगी 3 दिन बाद आकर ले जाइयेगा लेकिन विपक्षी परिवादी को बार-बार दौडाता रहा और अन्ततः दिनांक 31-3-2015 को उसने टी0वी0 देने से कत्तई तौर पर इन्कार कर दिया इसलिए परिवादी ने यह परिवाद दाखिल करके टी0वी0 या उसकी कीमत रू0 3700/- तथा वाद व्यय एवं शारीरिक व मानसिक आघात तथा सामाजिक प्रतिष्ठा की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 90000/- अर्थात कुल रू0 93700/- विपक्षी से दिलाये जाने हेतु यह परिवाद दाखिल किया है।
7-    प्रस्तुत मामले में विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित हुआ और वकालतनामा भी दाखिल किया किन्तु पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद उसकी ओर से कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया गया अतः इस परिवाद की सुनवाई विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से की जा रही है। 
8-    अपने अभिकथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना साक्ष्य,शपथ पत्र दाखिल किया है जिससे उसके परिवाद में किये गये अभिकथनों की पूर्ण रूप से पुष्टि होती है। इसके अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में परिवादी की दूकान परमहंस इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रानिक्स सैदूपुर, चकिया चन्दौली के रसीद की छायाप्रति दाखिल की गयी है जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि दिनांक 6-4-2014 को उक्त दूकान से रू0 3700/- में टी0वी0 खरीदी गयी है। परिवादी ने अपने परिवाद में स्पष्ट रूप से यह कहा है कि जब टी0वी0 खराब हो गयी और वह विपक्षी की दूकान पर टी0वी0 सही कराने गया तो मूल रसीद व टी0वी0 विपक्षी ने अपने पास रख लिया इसलिए मूल रसीद दाखिल नहीं की गयी है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि विपक्षी ने वारण्टी कार्ड व कैसमेमो नहीं दिया था केवल रसीद दिया था जिसकी मूल प्रति अपने पास रख लिया है। इसलिए परिवादी ने रसीद की छायाप्रति इस मुकदमें में दाखिल किया है।
9-    इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से पुलिस अधीक्षक चन्दौली को प्रेषित प्रार्थना पत्र दिनांकित 12-3-2015 की कार्बन कापी तथा रजिस्ट्री की रसीद दाखिल की गयी है इस प्रार्थना पत्र में भी परिवादी ने अपने परिवाद में किये गये अभिकथनों का उल्लेख करते हुए पुलिस अधीक्षक चन्दौली से यह प्रार्थना की है कि 
                                                                                              3
उसे विपक्षी से या तो नई टी0वी0 दिलवायी जाय या टी0वी0 की कीमत के रूप में रू0 3700/- दिलवाया जाय। 
10-    इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से उप जिला मजिस्ट्रेट चकिया जनपद चन्दौली को प्रेषित प्रार्थना पत्र दिनांकित 31-1-2015 की कार्बन प्रति भी दाखिल की गयी है और इस प्रार्थना पत्र में भी परिवादी ने अपने परिवाद में किये गये अभिकथनों का उल्लेख करते हुए यह प्रार्थना किया है कि उसे विपक्षी से या तो नई टी0वी0 दिलवायी जाय या टी0वी0 की कीमत के रूप में रू0 3700/- दिलवायी जाय।
    प्रिवादी की ओर से दिये गये उपरोक्त साक्ष्यों से उसके द्वारा परिवाद में किये गये अभिकथनों की पूर्ण रूप से पुष्टि होती है और परिवादी के उपरोक्त साक्ष्यों के खण्डन में पत्रावली पर कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। अतः उपरोक्त साक्ष्य अखण्डित होने के कारण विश्वास योग्य पाये जाते है और इनसे परिवादी के कथनों की पूर्णतः पुष्टि होती है।
    इस प्रकार फोरम की राय में परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है। मुकदमें के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए फोरम की राय में परिवादी को विपक्षी से टी0वी0 की कीमत रू0 3700/-शारीरिक,मानसिक एवं प्रतिष्ठा की क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 3000/- तथा वाद व्यय के रूप में रू0 2000/- अर्थात कुल रू0 8700/- दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है इसके अतिरिक्त परिवादी को दावा दाखिल करने की तिथि से विपक्षी द्वारा पैसा अदा करने की तिथि तक उपरोक्त धनराशि पर 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक व्याज दिलाया जाना भी न्यायोचित प्रतीत होता है।
                                                                                         आदेश
    परिवादी का परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह आज से 2 माह के अन्दर परिवादी को उसके द्वारा खरीदी गयी टी0वी0 की कीमत रू0 3700/-(तीन हजार सात सौ) तथा परिवादी को शारीरिक,मानसिक व सामाजिक क्षति के क्षतिपूर्ति हेतु रू0 3000/-(तीन हजार) तथा वाद व्यय के रूप में रू0 2000/-(दो हजार) अर्थात कुल रू0 8700/-(आठ हजार सात सौ) अदा करें। इसके अतिरिक्त विपक्षी परिवादी को उपरोक्त धनराशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि दिनांक 15-4-2015 से पैसा अदा करने की तिथि तक 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से व्याज भी इसी अवधि में अदा करेगा।

(शशी यादव)                                       (रामजीत सिंह यादव)
 सदस्या                                                अध्यक्ष
                                                 दिनांक-25-5-2016

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Shashi Yadav]
MEMBER

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