Uttar Pradesh

StateCommission

A/1017/2019

Branch Manager Nationa Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Pappu Qureshi - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

28 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1017/2019
( Date of Filing : 21 Aug 2019 )
(Arisen out of Order Dated 09/07/2019 in Case No. C/119/2018 of District Unnao)
 
1. Branch Manager Nationa Insurance Co. Ltd
House No. 23 Pitamber Nagar Distt. Unnao
...........Appellant(s)
Versus
1. Pappu Qureshi
S/O Sri Badruddin R/O House No. 973 Tallib Sarai City and Distt. Unnao
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Aug 2024
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या : 1017/2019

 

शाखा प्रबन्‍धक, नेशनल इं0कं0लि0 मकान नम्‍बर-23, पीताम्‍बर नगर जिला उन्‍नाव।

बनाम्

पप्‍पू कुरेशी पुत्र श्री बदरूद्दीन निवासी मकान नम्‍बर-973 तालिब सरांय शहर व जिला उन्‍नाव।

 

समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति  श्री अशोक कुमार,      अध्‍यक्ष।

 

दिनांक : 28-08-2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-119/2018 पप्‍पू कुरेशी  बनाम शाखा प्रबन्‍धक, नेशनल इं0कं0लि0 में जिला आयोग, उन्‍नाव  द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 09-07-2019 के विरूद्ध प्रस्‍तुत अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योजित की गयी है।

आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद  स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित निर्णय एवं आदेश पारित किया है:-

‘’अत: उपभोक्‍ता परिवाद संख्‍या-119/2018 पप्‍पू कुरैशी बनाम शाखा प्रबन्‍धक, नेशनल इं0कं0लि0 एतद्द्धारा स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को वाहन की कीमत 7,08,000/-रू0 तथा परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि दिनांक 25-07-2018 से उस पर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की गणना करते हुए प्रदान करें। इसके साथ ही साथ विपक्षी परिवादी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए 3000/-रू0 की धनराशि तथा वाद व्‍यय के लिए 1500/-रू0 की धनराशि भी प्रदान करें। ‘’

 

 

 

 

 

 

-2-

जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी बीमा कम्‍पनी  की ओर से यह अपील इस न्‍यायालय के सम्‍मुख  योजित की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित आए जब कि प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री सत्‍य प्रकाश पाण्‍डेय उपस्थित आए।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी डी0सी0एम0 ट्रक रजिस्‍टर्ड नम्‍बर यू0पी0 35 टी 5178 का पंजीकृत वाहन स्‍वामी है। परिवादी ने उपरोक्‍त वाहन का बीमा विपक्षी नेशनल इं0 कं0 से 7,08,000/-रू0 हेतु कराया  था, जिसकी वैधता ति‍थि दिनांक 17-01-2017 से 16-01-2018 तक के लिए थी। परिवादी का वाहन दिनांक 19/20-02-2017 की रात्रि चालक रईस पुत्र हनीफ निवासी मोहल्‍ला कासिम नगर थाना कोतवाली शहर व जिला उन्‍नाव के घर के सामने खड़ा था उसी रात्रि में परिवादी के वाहन को अज्ञात चोर रात में चुरा ले गये। सुबह जब चालक रईस ने देखा तब तो वाहन घर के सामने नहीं था इस बात की सूचना वाहन चालक ने परिवादी को दी और परिवादी उसी समय दिनांक 20-02-2017 को वाहन चोरी की रिपोर्ट लिखाने हेतु  प्रार्थना पत्र थाना कोतवाली सदर उन्‍नाव में दिया। थाना कोतवाली पुलिस ने परिवादी का प्रार्थना पत्र लेकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने का कथन करते हुए वाहन को तलाश करने का आश्‍वासन दिया। परिवादी ने उसी दिन प्रार्थना पत्र देकर विपक्षी के कार्यालय में वाहन चोरी होने की सूचना     दी। विपक्षी बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में भी परिवादी का प्रार्थना पत्र ले लिया गया तथा परिवादी को निर्देशित किया गया कि वे थाना कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराये तथा वाहन से संबंधित सभी कागजात हेतु दावा प्रपत्र विपक्षी के कार्यालय में जमा करें। परिवादी ने दिनांक 22-02-2017 को अपराध संख्‍या-223 वर्ष 2017 धारा-379 भारतीय दण्‍ड संहित के अन्‍तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित करायी। परिवादी के अनुसार वाहन से संबंधित कागजात, पंजीयन प्रमाण पत्र व बीमा आदि समस्‍त कागजात वाहन के अंदर रखे हुए थे जो वाहन के चोरी होने के साथ कागजात भी चोरी हो गये। वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र परमिट आदि सहायक परिवहन अधिकारी से प्राप्‍त करके तथा बीमा पालिसी विपक्षी के कार्यालय से प्राप्‍त

 

 

 

-3-

करके दावा प्रपत्र दिनांक 28-02-2017 को नेशनल इं0कं0लि0 के कार्यालय में जमा किया गया जिस पर विपक्षी द्वारा पावती रसीद दिनांक 02-03-2017 को प्रदान की गयी। विपक्षी के कार्यालय में वाहन से संबंधित दोनों मूल चाभियॉं दाखिल कर दी गयी। परिवादी अपने दावा के संबंध में जानकारी करता रहा और विपक्षी द्वारा बताया गया कि उक्‍त दावा की पत्रावली बंद कर दी गयी है क्‍योंकि पुलिस द्वारा अभी विवेचना की जा रही है और विवेचना के पश्‍चात ही कार्यवाही सम्‍भव होगी। पुलिस ने विवेचना के उपरान्‍त अंतिम रिपोर्ट लगा दी तथा वाहन का कोई सुराग नहीं मिला।

विपक्षी ने परिवादी से प्रथम सूचना रिपोर्ट घटना से संबंधित अन्‍य अभिलेख एक सप्‍ताह के अंदर मांगा उसके पश्‍चात परिवादी ने अभिलेख बीमा कम्‍पनी को उपलब्‍ध करा दिया। विपक्षी द्वारा यह पूछा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से प्रस्‍तुत की गयी है तथा दावा प्रपत्र 10 दिन के विलम्‍ब से प्रस्‍तुत हुआ है इसलिए इसका स्‍पष्‍टीकरण भी दिया जाए उसके पश्‍चात परिवादी ने समस्‍त अभिलेख विपक्षी को दिया।

विपक्षी द्वारा परिवादी के स्‍पष्‍टीकरण पर विचार न करते हुए अवैधानिक तरीके से परिवादी के दावा प्रपत्र को निरस्‍त कर दिया जब कि वाहन के चोरी होने की सूचना तत्‍काल उसी दिन दिनांक 20-02-2017 को थाने पर दी गयी थी और पुलिस ने जॉंच का आश्‍वासन भी दिया था तथा तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 22-02-2017 को दर्ज की गयी अत: विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी को वाहन की बीमा क्‍लेम की धनराशि अदा न करके तथा उसके बीमा दावे को गलत आधार पर अस्‍वीकार करके सेवा में कमी की है अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के सम्‍मुख योजित किया है।

विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया कि परिवादी द्वारा अपने वाहन को अज्ञात चोरी द्वारा उठा ले जाने का कथन किया गया है तथा दिनांक 22-02-2017 को वाहन स्‍वामी पप्‍पू कुरैशी द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी गयी । चालक रईस के मकान के पास वाहन को रात में खड़ा किया गया था जहॉ से वाहन चोरी हो गया जिसकी सूचना वाहन स्‍वामी को चालक द्वारा सुबह दी गयी। इससे स्‍पष्‍ट होता है कि कथत चोरी वाले दिन वाहन का कग्‍जा उसके चालक रईस के पास था। वाहन      स्‍वामी ने घटना के दो दिन बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखायी है तथा

 

 

 

-4-

10 दिन के बाद इसकी सूचना दी गयी है इससे स्‍पष्‍ट हो रहा है कि परिवादी ने जानबूझकर बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है वाहन चोरी की सूचना दिनांक 28-02-2017 को प्राप्‍त होने के पश्‍चात विपक्षी द्वारा परिवादी को समस्‍त औपचारिकताऍं पूर्ण करने के लिए पत्र भेजे गये परन्‍तु परिवादी ने उन पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया इसलिए पत्रावली बंद कर दी गयी। उसका दावा सही आधारों पर निरस्‍त किया गया है। उनकी ओर से सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की गयी है।

विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त विपक्षी बीमा कम्‍पनी के स्‍तर पर सेवा में कमी पाते हुए परिवाद  स्‍वीकार करते हुए निर्णय एवं आदेश पारित किया है जिसका उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है।

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। परिवादी द्वारा स्‍वयं सेवा में कमी कारित की गयी है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किया जावे।

प्रत्‍यर्थी  के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के अनुसार है अत: अपील निरस्‍त करते हुए विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जावे।

 

मेरे द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण  को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का सम्‍यक परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि परिवादी का वाहन अज्ञात चोरों द्वारा वाहन चालक के घर के पास से बीमा अवधि में ही चोरी किया गया है और पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल की गयी और वाहन काफी तलाश के बाद भी वाहन नहीं मिला । परिवादी ने विपक्षी द्वारा मांगे गये समस्‍त प्रपत्रों को भी विपक्षी को उपलब्‍ध करा दिये थे फिर भी बीमा कम्‍पनी द्वारा वाहन

 

 

 

5-

की बीमित धनराशि परिवादी को अदा नहीं की गयी है। विद्धान जिला आयोग द्वारा वाहन की बीमित धनराशि रू0 7,08,000/- परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित अदा करने का आदेश पारित किया है जिसका परिशीलन किया गया।

अत: समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से जिला आयोग द्वारा जो वाहन की बीमित धनराशि  रू0 7,08,000/-  अदा करने का आदेश पारित किया गया है उसे न्‍यायहित में संशोधित किया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है और विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए  वाहन की बीमित धनराशि रू0 7,08,000/- की 75 प्रतिशत धनराशि मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  की दर से ब्‍याज सहित परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक विपक्षी से परिवादी को दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है।

 

आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार  की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए विपक्षी बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को बीमित धनराशि रू0 7,08,000/-  की 75 प्रतिशत धनराशि परिवाद  प्रस्‍तुत करने की दिनांक से वास्‍तविक भुगतान की दिनांक तक मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज सहित अदा करेगी। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।

इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से एक माह की अवधि में सुनिश्चित किया जावे।

अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार अर्जित ब्‍याज सहित  जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु यथाशीघ्र प्रेषित की जावे।

 

 

 

 

 

 

-6-

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.