Rajasthan

Ajmer

CC/109/2014

NARENDRA SINGH - Complainant(s)

Versus

PANKEJ PHONE POINT - Opp.Party(s)

ADV ANIL SHARMA

24 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/109/2014
 
1. NARENDRA SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. PANKEJ PHONE POINT
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री नरेन्द्र सिंह  उम्र- लगभग-31, पुत्र स्व. श्री रामेष्वर लाल, निवासी- कृष्णा विला, प्लाट नं. 75, ग्लोबल काॅलेज के पीछे, लोहागल रोड, अजमेर - 305001

                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

1. मैसर्स पंकज फोन पाईन्ट, पुलिस लाईन चैराहा, अजमेर -305006
2. मैसर्स स्पाईस रिटेल लिमिटेड, अधिकृत सर्विस सेन्टर, बजाज टेलिकाॅम, 181/23, आर्यसमाज रोड, केसरगंज रोड, अजमेर । 
3. एस.मोबिलिटी लि.,एस ग्लोबल नाॅलेज पार्क, 19 ए एवं 19 बी, सेक्टर-125, नोएडा-201301(यू.पी.)
                                                -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 109/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अनिल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री अषोक मेघवंषी,अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
                  3.श्री ओम नारायण पालडिया, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.3  

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-24.05.2016
 
 1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 1 से  स्पाईस कम्पनी का मोबाईल माॅडल संख्या एमआई 495 जरिए बिल संख्या 2930 दिनंाक 11.7.2013 को रू. 8000/- में क्रय किया ।  इसकी  1 वर्ष की गारण्टी दी गई थी ।  जनवरी, 2014 में उक्त हैण्ड सैट के गर्म हो जाने की षिकायत  अप्रार्थी संख्या 1 से किए जाने पर उसने अप्रार्थी संख्या 2 के पास जाने की सलाह दी। उसने दिनंाक 31.1.204 को उक्त सेट दुरूस्ती हेतु जरिए जाॅब षीट अप्रार्थी संख्या 2 के पास जमा करा दिया,  जिसे  उसे दिनंाक 10.2.2014 को दिया गया  ।  घर लाकर चैक करने पर पुरानी समस्या यथावत रही  तो उसने  मोबाईल को पुनः ठीक करने हेतु दिनांक 20.2.2014 एवं  07.3.2014 को दिया ।  जिसे दिनंाक 19.3.2014 को दिया । इस प्रकार अप्रार्थीगण द्वारा उसे त्रुटिपूर्ण मोबाईल देकर सेवा में कमी की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी संख्या -1 ने  जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत हैण्ड सैट क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए  परिवाद में अंकित षेष तथ्यों को अस्वीकार करते हुए  परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । 
3.         अप्रार्थी  संख्या - 2 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी संख्या 2 के विरूद्व दिनांक19.1.2015  को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
4.    अप्रार्थी संख्या- 3 ने अपने जवाब में प्रारम्भिक आपत्ति उठाते हुए न्याय की दृष्टि में  परिवाद पोषणीय नहीं होने के कारण खारिज होने योग्य बताया है । अपनी ओर से किसी प्रकार के सेवा दोष में  कोई कमी  नहीं होना बताते हुए परिवाद को झूठा बताया है ।  स्वयं को ब्लैकमेल  करने व पैसे ऐंठने की नियत से दायर किए गए परिवाद को निरस्त होने योग्य बताते हुए पैरावाईज जवाब में हैण्ड सेट को वारण्टी अवधि के अधीन बताया । यह भी कथन किया है कि यदि सेट में किसी प्रकार की खराबी पाई जाती है  तो ऐसी वस्तु वारण्टी के अधीन होती है  और अधिकृत सर्विस सेन्टर पाई गई त्रुटियों को यथासम्भव दूर करते हैं । कुल मिलाकर इनकी ओर से अन्य तथ्यों से अनभिज्ञता  प्रकट करते हुए किसी प्रकार के दोषपूर्ण   कृत्य के लिए  स्वयं को जिम्मेदार नहीं ठहराने का कथन करते हुए परिवाद को खारिज होने योग्य बताया । 
5.    प्रार्थी के  विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रष्नगत हैण्ड सैट में खरीद किए जाने की वारण्टी अवधि के अन्दर बार बार खराब हो जाने के कारण इसको ठीक करने के लिए दिया गया था। उसके द्वारा अप्रार्थी  के पास सेट ठीक करने के लिए कई बार चक्कर लगाए गए। किन्तु किसी तकनीकी खराबी के कारण इसके पूर्णतया ठीक होना सम्भव नहीं  होना बताया गया। प्रार्थी लम्बे समय तक मोबाईल के खराब रहने के कारण इसके उपयोग उपभोग करने से वंचित रहा है  तथा उसे मानसिक  परेषानी व आर्थिक हानि हुई है जिसके लिए अप्रार्थीगण संयुक्त एवं पृथक पृथक रूप से जिम्मेदार हंै ।  परिवाद स्वीकार किया जाकर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए  । 
6.    अप्रार्थीगण की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि प्रष्नगत हैण्ड सैट   में पाई गई खराबी को अविलम्ब दूर किया गया व दुरूस्त किए जाने में जो  विलम्ब हुआ वह उनकी बस की बात नहीं थी । हैण्ड सैट में पाई गई खराबी को दुरूस्त कर दिया गया था।  इसको ठीक किए जाने  के बाद अर्थात 19.3.2014 के बाद हैण्ड सैट में कोई खराबी नहीं आई है ।  यदि किसी वस्तु में किसी प्रकार की  त्रुटि पाई जाती है तो  माननीय राज्य आयोग द्वारा अपील संख्या 804/14  मनोज कुमार बनाम रूप वाॅच कम्पनी  में पारित निर्णय के अनुसार  हैण्ड सेट में दोबारा खराबी होने की साक्ष्य तथा तथ्य उपलब्ध होने की स्थिति में यह नहीं माना जा सकता कि वास्तव में सैट में कोई दोष रहा हो ।  परिवाद खारिज होने योग्य बताया । 
7.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हंै और पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी  अवलोकन  कर लिया है ।  
8.    यह स्वीकृत स्थिति है कि प्रार्थी ने परिवाद के पैरा संख्या 2 में वर्णित अनुसार अप्रार्थी संख्या 1 से दिनांक 11.7.2012 को प्रष्नगत हैण्ड सेट क्रय किया  व  यह एक वर्ष की  वारण्टी में था । प्रार्थी द्वारा दिनंाक 31.1.2014 को हैण्ड सेट ठीक करने हेतु अप्रार्थी संख्या 1 से सम्पर्क किए जाने पर उसके निर्देषानुसार अप्रार्थी संख्या- 2 को सेट जरिए जाॅबकार्ड  दिया गया । प्रार्थी  को यह सैट दिनंाक 10.2.2014 को ठीक करके दिया गया । सैट में पुनः खराबी आने पर  दिनांक 20.2.2014 को उक्त सैट अप्रार्थी संख्या 2 के पास पुनः  सर्विस करने के लिए जमा कराया गया । दिनांक 27.2.2013 को अप्रार्थी संख्या- 2 के आष्वासन पर इसे प्रार्थी द्वारा प्राप्त किया गया व 4-5 दिन बाद पुनः  खराब होने पर दिनंाक 7.3.2014 को इसे अप्रार्थी संख्या - 2  के यहां सर्विस  हेतु दिया गया  व दिनांक 19.3.2014 को यह ठीक किया जाकर प्रार्थी को दिया गया ।  इन तथ्यों की पुष्टि बिल व जाॅब कार्ड से भी होती है ।
9.    अब प्रमुख रूप से प्रष्न यह है कि क्या  सैट बार बार खराब हुआ व बार बार ठीक कर दिए जाने के बाद भी इसमें लगातार खराबी बनी रही ?
क्या वारण्टी अवधि के अन्तर्गत इस प्रकार की खराबी के लिए अप्रार्थीगण जिम्मेदार है ?
10.    प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत हैण्ड सेट दिनंाक 11.7.2013 को खरीद किया गया है । इसकी वारण्टी अवधि  दिनंाक 10.7.2014 तक मानी जा सकती है । इस दौरान प्रार्थी अप्रार्थी के पास ा 3 बार मोबाईल में खराबी आने के कारण गया है व इसको ठीक कर अन्त में  दिनंाक 19.3.2014 को दिया गया है ।  हालांकि अपने परिवाद में  प्रार्थी द्वारा  इसके बाद भी मोबाईल का खराब रहना बताया है किन्तु इस बाबत् उसने अप्रार्थी के समक्ष इस  हेतु सम्पर्क किया  हा,े ऐसा  साक्ष्य पत्रावली में उपलब्ध नहीं है । यदि ऐसी स्थिति होती तो वह पूर्व की भांति अप्रार्थी के पास अपनी षिकायत लेकर जा सकता था । परिवाद में बहस के समय प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता से पूछा गया  कि  क्या अब भी प्रष्नगत सेट खराब है तो उनके द्वारा ऐसा नहीं होना बताया  एवं  दिनांक 
19.3.14 के बाद मोबाईल में कोई खराबी  नहीं होना जाहिर किया है । इस तथ्य को देखते हुए मंच की राय में अप्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त  विनिष्चय से हम सहमत है, जिसमें माननीय राज्य आयोग ने यह अभिनिर्धारित किया है कि मोबाईल  दोबारा खराब होने की स्थिति में कोई साक्ष्य अथवा तथ्य उपलब्ध नहीं होने के कारण यह नहीं माना जा सकता कि  हैण्ड सैट में कोई खराबी विद्यमान रही हो  तथा ऐसा होना अप्रार्थीगण के स्तर पर सेवा में कमी का परिचायक हो । 
11.      सार यह है कि उपरोक्त विवेचन के प्रकाष में प्रष्नगत सेट ठीक किए जाने के बाद  कोई खराबी नहंीं होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अप्रार्थीगण को सेवा में कमी का दोषी मानना न्यायोचित नहीं है  एवं परिवाद खारिज होने योग्य है । अतः आदेष है कि 
                           -ःः आदेष:ः-
12.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।
            आदेष दिनांक 24.05.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।


 (नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
 
    
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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