जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-796/2011
हरिषंकर गुप्ता पुत्र स्व0 लक्ष्मी नरायण गुप्ता, निवासी-एच. 67/3 साहनी कालोनी, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. पंजाब नेषनल बैंक दि माल 17/13 एम.जी. रोड, कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
2. पंजाब नेषनल बैंक मेन ब्रांच मेन रोड हल्द्वानी द्वारा षाखा प्रबन्धक
3. प्रसार फाइनेन्स कंपनी लि0 षाखा-63 ब्लाक बदायू रोड, बरेली द्वारा कंपनी मैनेजर।
4. पंजाब नेषनल बैंक प्रधान कार्यालय-7 भीखाजी पैलेस नई दिल्ली पिन कोड-110607 द्वारा मुख्य महाप्रबन्धक।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 20.12.2011
निर्णय की तिथिः 16.05.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 से रू0 40,500.00, 10 प्रतिषत प्रतिमाह की दर से दिनांक 19.10.10 से भुगतान की तिथि तक दिलाया जाये। विपक्षी सं0-1, 2 व 3 से परिवादी को हुई षारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिये रू0 2,00,000.00 दिलाया जाये, परिवाद व्यय के रूप में रू0 10,000.00 दिलाया जाये। विपक्षी सं0-3 द्वारा झूठा आष्वासन व प्रसार प्रचार एवं कूटरचित किये गये कृत्य के लिए परिवादी को रू0 1,00,000.00 दिलाया जाये तथा विपक्षी सं0-3 द्वारा रू0 40,500.00, 10 प्रतिषत मासिक ब्याज की दर से दिनंाक 19.10.10 से तायूम भुगतान दिलाया जाये
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 की बैंक में खाता सं0-368900400086716 दिनांक 16.09.10 को खोला गया। दैनिक जागरण समाचार पत्र में छपे
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लोन विज्ञप्ति को पढ़ने के पष्चात अपने बेरोजगार लड़के को व्यवसाय कराने के लिए विज्ञप्ति में दिये फोन नं0-8954957639 से संपर्क किया, जिस पर विपक्षी सं0-3 ने मार्कषीट लोन को जीरो कमीषन पर तीन दिन में फाइनेन्स कर दिये जाने का कथन किया। विपक्षी सं0-3 ने कहा कि आपको जितना लोन चाहिए उसका 10 प्रतिषत रूपया बैंक में होना आवष्यक है। इसलिए परिवादी ने विपक्षी सं0-1 की बैंक में रू0 4,00,000.00 के लोन के लिए 10 प्रतिषत के हिसाब से रू0 40,000.00 जमा कर दिया। तत्पष्चात विपक्षी सं0-3 का मैनेजर परिवादी के घर दिनंाक 18.10.10 को आया और अपना नाम अष्वनी कुमार बताया और कंपनी का नाम प्रसार फाइनेन्स कंपनी लि0 विद्यमान षाखा 63 ब्लाक बदायूं रोड बरेली बताया। मैनेजर द्वारा बतायी गयी संपूर्ण औपचारिकतायें पूरी कर दी गयी, जिसमें तीन औपचारिकताएं आवष्यक हैंः-
1. आवेदक का खाता पंजाब नेषनल बैंक में होना चाहिए।
2. आवेदक को 50 रूपये का चेक देना होगा।
3. खाते में लोन की राषि का 10 प्रतिषत जमा लोन धारक के खाते में जमा होना चाहिए।
परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर दी गयीं। उपरोक्त समस्त कार्यवाही विपक्षी सं0-1 की जानकारी में थी, फिर भी विपक्षी सं0-1 ने अन्य विपक्षीगण की मिलीभगत से परिवादी के खाते से रू0 40,500.00 निकाल लिये, जिसके लिए विपक्षी सं0-1 पूर्णतया जिम्मेदार है। विपक्षी सं0-1 व 2 दोनों आपस में मिले हुए हैं और दोनों पक्षकारों ने तीसरे पक्षकार को रू0 40,500.00 का भुगतान करने में मदद की है। इसी से और यहीं से वाद का कारण उत्पन्न हुआ। परिवादी ने उक्त धनराषि 10 प्रतिषत मासिक ब्याज पर लेकर जमा किया था, जिसको विपक्षीगण ने मिलीभगत करके परिवादी के खाते से दूसरे दिन ही निकाल लिया। विपक्षीगण के उपरोक्त कृत्य से परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 पंजाब नेषनल बैंक की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत
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करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि अभिकथित चेक विपक्षी/ सं0-1 उत्तरदाता के द्वारा क्लीयर नहीं की गयी। विपक्षी उत्तरदाता के विरूद्ध कोई वाद कारण नहीं बनता है। अतः परिवाद, विपक्षी उत्तरदाता के विरूद्ध खारिज किया जाये।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 लगायत् 4 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 लगायत् 4 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-2 लगायत् 4 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 11.04.2013 को एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 12.12.11 एवं 07.12.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-3 के पक्ष में जारी चेक दिनांकित 18.10.10 की प्रति, पासबुक के स्टेटमेंट की प्रति व प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में रविषंकर श्रीवास्तव, षाखा प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 26.09.2012 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6. फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी का मुख्य कथन जो कि विचारणीय है, यह है
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कि क्या परिवादी के बैंक खाता, जिसका विवरण निर्णय के प्रस्तर-2 में दिया गया है, से रू0 40,500.00 अवैधानिक तरीके से निकाल लिये गये हैं और यदि हां, तो उसके उत्तरदायी सभी विपक्षीगण हैं या कोई विषेश विपक्षी है।
उपरोक्त के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किये गये हैं कि परिवादी के खाता सं0-368900400086716 से रू0 40500.00 अवैधानिक तरीके से निकाल लिये गये। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में सूची के साथ पंजाब नेषनल बैंक के पासबुक की छायाप्रति तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। विपक्षी सं0-1 की ओर से मात्र यह कथन किया गया है कि अभिकथित चेक विपक्षी सं0-1 के द्वारा क्लीयर नहीं की गयी। इसलिए विपक्षी सं0-1 का कोई उत्तरदायित्व नहीं बनता है।
उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में उपरोक्तानुसार प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपने कथन के समर्थन में कोई सारवान साक्ष्य अथवा कोई सारवान तथ्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। विपक्षी सं0-2 लगायत् 4 बावजूद तामीला नोटिस उपस्थित नहीं आये। परिवादी द्वारा स्पश्ट रूप से यह कथन किया गया है कि सभी विपक्षीगण की मिलीभगत से उसके खाते से उपरोक्त धनराषि निकाली गयी है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस निर्णय पर पहॅुचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, रू0 40,500.00 मय 9 प्रतिषत वार्शिक ब्याज तथा परिवाद व्यय रू0 5000.00 के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 40,500.00 मय 9 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।