Chhattisgarh

Korba

CC/12/47

Harcharan shingh - Complainant(s)

Versus

Panjab National Bank - Opp.Party(s)

Shri R S Agrawal

26 Feb 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Korba (Chhattisgarh)
 
Complaint Case No. CC/12/47
 
1. Harcharan shingh
mesarsh Gulab Treding company office-03 sakuntala towar T.P. Nager korba
korba
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Panjab National Bank
Panjab National Bank,Division office Resource Mobilization,Rajendra Bhavan , Rajendra Place New Delhi
Delhi
Delhi
2. Panjab National Bank
Mandal Office Madina Manjil Medical College Road Raipur
Raipur
Chhattisgarh
3. Panjab National Bank
Branch Office TP Nagar Korba Tah-Korba
Korba
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. C.L.PATEL PRESIDENT
 HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL MEMBER
 HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY MEMBER
 
For the Complainant:
Shri R S Agrawal
 
For the Opp. Party:
Shri P.K. Agrawal
 
ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम कोरबा (छ0ग0)

                                             प्रकरण क्रमांकः- CC/12/47

                                           प्रस्तुति दिनांकः-17/09/2012

समक्षः- छबिलाल पटेल, अध्यक्ष

श्रीमती अंजू गबेल, सदस्य

श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, सदस्य

 

01.          हरचरन सिंह गुलाटी, उम्र-51 वर्ष,

पिता स्व0 श्री संत सिंह गुलाटी,

 

02.          श्रीमती इन्द्रजीत कौर गुलाटी, उम्र-47 वर्ष,

पति श्री हरचरन सिंह गुलाटी

पता- मेसर्स गुलाटी ट्रेडिंग कंपनी, कार्यालय-03,

शंकुतला टॉवर , टी0पी0नगर कोरबा

तह0 व जिला-कोरबा (छ0ग0).............................................आवेदकगण/परिवादीगण

 

विरूद्ध

 

01.          पंजाब नेशनल बैंक, रिसोर्स मोबलाईजेशन,

डिवीजन मुख्यालय-राजेन्द्र भवन, राजेन्द्र प्लेस,

नई दिल्ली, द्वारा-महाप्रबंधक,

 

02.          पंजाब नेशनल बैंक,

मंडल कार्यालय-मदिना मंजील,

मेडिकल कालेज रोड, रायपुर, द्वारा-डिवीजनल मैनेजर

 

03.          पंजाब नेशनल बैंक,

शाखा कार्यालय-टी0पी0नगर, कोरबा

तहसील व जिला-कोरबा (छ0ग0).........................अनावेदकगण/विरोधीपक्षकारगण

 

आवेदकगण द्वारा श्री आर.एस. अग्रवाल अधिवक्ता।

अनावेदकगण द्वारा श्री पी0 के0 अग्रवाल अधिवक्ता।

 

आदेश

           (आज दिनांक 26/02/2015 को पारित)

 

01.               परिवादी/आवेदकगण के द्वारा जमा की गयी एफ.डी.आर. की राशि  क्रमश: 1,50,000/-रू0 1,50,000/-रू0 एवं 5,000/-रू0 के संबंध में ब्याज की राशि  का भुगतान न कर सेवा में कमी किये जाने के आधार पर उपरोक्त राशि यों को एफडीआर की ब्याज सहित राशि  प्रदान किये जाने तथा 50,700/-रू0 शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि  तथा वाद व्यय एवं ब्याज की राशि दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्तुत किया गया है।

 

02.                          यह स्वीकृत तथ्य है कि आवेदक क्रमांक 01 के नाम पर एफ.डी. खाता क्रमांक 3305 एवं आवेदक क्रमांक 02 के नाम पर एफ.डी. खाता क्रमांक 3304 दिनांक 23/09/1998 एवं उक्त दोनो के संयुक्त नाम पर एफ.डी. खाता नंबर 274 दिनांक 09/04/1999 को अनावेदक क्रमांक 03 की  पंजाब नेशनल बैंक की शाखा कोरबा से क्रमश:  1,50,000/-रू0 , 1,50,000/-रू0 एवं 5,000/-रू0 जमा किये गये थे। शेष बाते विवादित है। 

 

03.                          परिवादी/आवेदकगण का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदकगण पति-पत्नि है, तथा एक साथ निवास करते है। आवेदक क्रमांक 01 एवं 02 ने प्रत्येक के नाम पर दिनांक 23/12/1998 को 06 माह के अवधि के लिए क्रमश:1,50,000/-रू0, 1,50,000/-रू0 का एफ.डी. खाता क्रमांक 3304 एवं 3305 अनावेदक क्रमांक 03 की शाखा कार्यालय टी.पी.नगर में कोरबा खोला गया था। जिस पर 09 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज सहित दिनांक 23/06/1999 को परिपक्वता राशि  देय था। इसी तरह दोनो आवेदकगण के नाम पर संयुक्तरूप से एफ.डी. खाता दिनांक 09/04/1999 को 5,000/-रू0 के संबंध में 60 माह के लिए क्रय किया गया था। जिसके संबंध में 10.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा जिसका परिपक्वता दिनांक 09/04/2004 था, उपरोक्त एफ.डी. जमा राशि के नवीनीकरण हेतु आवेदकगण, अनावेदक क्रमांक 03 की शाखा में गये, तब तत्कालीन अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गयी कि एफ.डी. खातों में जमा राशि  पर प्रचलित व प्रभावी ब्याज दर से एफ.डी. खातों का नवीनीकरण समय-समय पर आटोमेटिक हो रहा है, तथा जब तक भुगतान नहीं लिया जा रहा है तबतक उसका नवीनीकरण अपने-आप होता रहेगा। अनावेदक क्रमांक 03 के अधिकारियों के कथन पर विश्‍वास कर उपरोक्त तीनों एफ.डी. खातों की राशि  का आहरण आवेदकगण के द्वारा नहीं किया गया। आवेदकगण माह नवम्बर 2011 में उपरोक्त एफ.डी. खातों के राशि  के देय ब्याज एवं एफ.डी. के नवीनीकरण हेतु अनावेदक बैंक में संपर्क करने पर आवेदकगणों को जानकारी दी गयी की सन् 2000 से दिनांक 22/08/2008 तक की अवधि का ब्याज उक्त जमा राशि  का नहीं दिया  जायेगा तथा दिनांक 22/08/2008 से आगे की अवधि का ब्याज भुगतान बचत खाता में देय प्रचलित ब्याज दर से किया जायेगा। उपरोक्त जानकारी प्राप्त होने पर अनावेदकगण के द्वारा ए.जी.एम. पंजाब नेश नल बैंक, रायपुर को दिनांक 27/11/2011 को पत्र लिखा गया, जहॉं  से दिनांक 02/12/2011 को पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गयी कि उक्त बैंक के कोरबा शाखा प्रबंधक को आवष्यक निर्देश  जारी कर दिया गया है। आवेदकगण के द्वारा दिनॉंक  15/12/2011 को कोरबा शाखा प्रबंधक को लिखित पत्र देकर ब्याज की राशि  की जानकारी चाही गयी, तब दिनॉंक  30/03/2011 को मुख्यालय द्वारा जारी दिशा  निर्देश  के आधार पर जानकारी दी गयी कि दिनांक 22/08/2008 के पूर्व की अवधि के लिए ब्याज देय नहीं होगा तथा उस दिनांक से बचत खाता पर देय ब्याज दिया जायेगा। इस प्रकार सन् 2010-11 में दिशा  निर्देश  तय कर भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों  के उल्लंघन में दिनांक 22/08/2008 से पूर्व का ब्याज न देना एवं उसके बाद में अवधि का बचत खाते की दर से ब्याज दर देना सेवा में कमी है, क्योंकि उसकी जानकारी उपभोक्ता को नहीं दी गयी है। जिससे आवेगदकगण को मानसिक एवं आर्थिक क्षति हो रही है। आवेदकगण को उनके तीनों विवादित एफ.डी. जमा राशि  का भुगतान मियादी जमा खातों की राशि यों के लिए देय ब्याज दर से किया जाये, और मानसिक क्षति 50,000/-रू0 तथा अन्य व्यय 700/-रू0 भी अनावेदकगणों से आवेदकगण को दिलायी जाये।       

               

04.                          अनावेदकगण के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदकगण के द्वारा लिये गये तीनों विवादित एफ.डी.खातों के संबंध में पृथक-पृथक परिवाद पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए किंतु उसने ऐसा नहीं किया इसलिए परिवाद-पत्र निरस्त किये जाने योग्य है। अनावेदक क्रमांक 03 पंजाब नेश नल बैंेक की कोरबा शाखा इस मामले में पक्षकार हैं। इसलिए अनावेदक क्रमांक 01 एवं 02 को इस मामले से पृथक किया जाये। आवेदकगण को एफ.डी. जमा राशि  के खातो को आटोमेेटिक नवीनीकरण होते रहने के संबंध में कोई जानकरी नहीं दी गयी थी। अनावेदक क्रमांक 03 के द्वारा पंजाब नेश नल बैंक के मुख्यालय एवं रिजर्व बैंक ऑफ  इंडिया के द्वारा दिये गये दिशा  निर्देशों  के तहत समस्त व्यवसायिक कार्य एवं अन्य आवष्यक बैंकिंग कार्यों   का संपादान किया जाता है, इसी के तारतम्य में अनावेदक क्रमांक 03 के द्वारा दिनांक 02/02/2012 को अनावेदकगण को विवादित दो एफ.डी.आर. की दिनांक 24/06/1999 से ओव्हर ड्यू हो जाने के बाद उस पर किसी प्रकार की ब्याज की रकम दिनांक 21/08/2008 तक के लिए देय नहीं होने की सूचना दी गयी थी। पंजाब नेश नल बैंक की रिसोर्स मोबलाईजेश न डिवीजन के द्वारा सर्कुलर क्रमांक 19/2011 दिनांक 30/03/2011 को जारी किया गया, जिसके आधार पर ओव्हर ड्यू मियादी जमा रसीदों के संबंध में उसे बैंक में प्रस्तुति दिनांक से नवीनीकृत किया जाना था, भूतलक्षी अवधि से नही। एफ.डी. के संबंध में ओव्हर ड्यू अवधि के संबंध में बचत खाता में जमा राशि  को देय 3.50 प्रतिश त् की दर से ब्याज दिनांक 22/08/2008 से प्रचलित दर के आधार पर दिया जाना था। आवेदकगण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस प्रेषित किया था, उसके संबंध में अनावेदक क्रमांक 03 की ओर से अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब प्रेषित कर उनके एफ.डी. खाते के संबंध में दी जाने वाली ब्याज के संबंध में जानकारी दे दी गयी थी। आवेदकगणों के द्वारा की शिकायत  पर बैंकिंग ओम्बडसमेन (एम.पी. एवं छ.ग.) भोपाल के द्वारा शिकायत  क्रमांक सीजी 620/2011-12 को निरस्त किया जा चुका है। जिसमें बैंक के द्वारा की गयी कार्यवाही को बैंक के द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार होना पाते हुए आवेदकगण के शिकायत  पत्र को चलने योग्य नहीं पाया गया। आवेदकगण परिवाद-पात्र में दर्शित  तीनों एफ.डी. के संबंध में ब्याज की राशि  प्राप्त करने के अधिकारी नहीं है। आवेदकगण के द्वारा वाद कारण उत्पन्न होने के बाद निर्धारित अवधि पर दिनांक 21/08/2010 तक 02 वर्ष के अंदर परिवाद-पत्र पेश  नहीं किया गया है। इसलिए अवधि बाधित होने के कारण भी परिवाद-पत्र सव्यय निरस्त किया जावे। 

 

05.                          परिवादी/आवेदकगण की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तोवज तथा आवेदकगण का संयुक्त शपथ-पत्र दिनांक 17/09/2012 का पेश किया गया है। अनावेदकगण के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेजो के साथ प्रकाश चंद पात्रा, वरिष्ठ प्रबंधक, पंजाब नेश नल बैंक, कोरबा का शपथ-पत्र दिनांक 14/01/2013 का पेश किया गया है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।  

 

06.              मुख्य विचारणीय प्रश्‍न है कि:-        

    क्या परिवादी/आवेदकगणों द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद-पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है ?

 

07.                          आवेदकगण की ओर से पेश दस्तावेज क्रमांक ए-1 आवेदक क्रमांक 01 के नाम पर बहुलाभकारी जमा योजना के तहत मियादी जमा खाता क्रमांक 3305 है, उसमें दिनांक 23/12/1998 को 1,50,000/-रू0 06 माह के लिए जमा किये जाने से संबंधित है। जिसकी परिपक्वता अवधि पूरी होने पर दी जाने वाली राशि  1,56,826/-रू0 होना बताया गया है। इसी तरह दस्तावेज क्रमांक ए-2 आवेदक क्रमांक 02 के नाम पर बहुलाभकारी जमा योजना के तहत मियादी जमा खाता क्रमांक 3304 है, उसमें दिनांक 23/12/1998 को 1,50,000/-रू0 06 माह के लिए जमा किये जाने से संबंधित है। जिसकी परिपक्वता अवधि पूरी होने पर दी जाने वाली राशि  1,56,826/-रू0 होना बताया गया है। आवेदकगण के नाम पर संयुक्त रूप से 60 माह के लिए दिनांक 29/04/1999 को जमा की गयी 5,000/-रू0 की राशि  पर 10.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होना बताया गया है, उसकी मियादी जमा रसीद खाता क्रमांक 274 की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-3 है। उक्त तीनों दस्तावेजों के अनुसार आवेदकगण ने अनावेदक क्रमांक 03 पंजाब नेशनल बैंक की शाखा कोरबा में मियादी जमा के रूप में राशि  जमा किया था इसे अनावेदकगण के द्वारा स्वीकार किया गया है। 

 

08.                          अनावेदकगण की ओर से प्रस्तुत किये गये दस्तावेज क्रमांक आर-8 जो दिनॉंक  03/02/2003 से संबंधित है। वह नेदुंगड़ी बैंक लिमिटेड के पंजाब नेश नल बैंक में विलय होने पर मियादी जमा राशि यों के संबंध में किये गये प्रावधान से संबंधित है। वर्तमान मामला उक्त पूर्व के बैंक से संबंधित नहीं है।

 

09.                          अनावेदकगण ने दस्तावेज क्रमांक आर-9 आरबीडी सर्कुलर नंबर 26/ दिनांक 03/08/2009 से संबंधित है। जो पूर्व के आरबीडी जमा सर्कुलर नंबर 19/2001 दिनांक 03/09/2001 को अतिष्ठित करते हुए जारी किया गया था। जिसमें एफ.डी.आर. की ओव्हरड्यू जमा राशि  के संबंध में देय ब्याज के बारे में दर्षाया गया है। जो दिनांक 15/09/2009 से लागू होना बताया गया है। इसी तरह अनावेदकगण के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक आर-10 का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि वह सर्कुलर अनावेदक बैंेक के मुख्यालय नई दिल्ली के द्वारा जारी आरबीडी डीईपी सीआईआर नंबर 31 दिनॉंक  09/09/2009 का है। जिसमें ओव्हरड्यू एफ.डी. जमा राशि यों से संबंधित मामले में देय ब्याज दर से संबंधित है। जो सर्कुलन नंबर 19/2001 दिनांक 03/09/2001 तथा सर्कुलर नंबर 26/2009 दिनांक 03/08/2009 को अतिष्ठित करते हुए जारी सर्कुलर है। यह सर्कुलर दिनांक 15/09/2009 को लागू होना बताया गया है।

 

10.                          अनावेदकगण ने दस्तावेज क्रमांक आर-11 प्रस्तुत किया है जो कि आरबीडी जमा सर्कुलर नंबर 25 दिनॉंक  30/06/2010 से संबंधित है तथा दिनांक 01/08/2010 से प्रभावषील होना बताया गया है। जिसमें ओव्हरड्यू एफ.डी. खाते को नवीनीकरण के लिए प्रस्तुति दिनांक से आगे के लिए नवीनीकरण योग्य बताया गया है। इसी तरह दस्तावेज क्रमांक आर-12 आरएमडी डिपाॅजिट सर्कुलर नंबर 41 दिनांक 20/10/2010 तथा दस्तावेज क्रमांक आर-13 आरएमडी सर्कुलर नंबर 19/2011 दिनांक 30/03/2011 से संबधित है। जिसमें पूर्व के ओव्हरड्यू एफ.डी. खातों की राशि  के संबंध में देय ब्याज दर के संबंध में मार्ग दर्शक  सिद्धांत बताया गया हैं। उपरोक्त सर्कुलर के आधार पर वर्तमान मामले में प्रस्तुत परिस्थितियों का विचार किया जाना उचित होगा।

 

11.                          आवेदकगण की ओर से दस्तावेज क्रमांक ए-4 का पत्र दिनांक 27/11/2011 को अनावेदक क्रमांक 02 मंडल कार्यालय पंजाब नेश नल बैंक, रायपुर के पास प्रेषित कर निवेदन किया गया था, कि उपरोक्त तीनों विवादित एफ.डी. खाता की जमा राशि  के संबंध में दी जाने वाली ब्याज के बारे में एफ.डी.आर. दर पर ब्याज दी जाये इसके संबंध में आदेश  दी जावे। इसके अलावा आवेदकगण की ओर से दिनांक 15/12/2011 को दस्तावेज क्रमांक ए-5 का पत्र अनावेदक क्रमांक 03 की शाखा प्रबंधक के पास प्रेषित किया गया और उपरोक्त तीनों एफ.डी. जमा राशि  के संबंध में बचत खाते की दर से ब्याज का भुगतान करने हेतु निर्धारित नियम संबंधी दस्तावेजों को उपलब्ध कराने का निवेदन किया गया। अनावेदक क्रमांक 02 के द्वारा उसके बाद आवेदक क्रमांक 01 को दस्तावेज क्रमांक ए-6 का पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि शाखा प्रबंधक, कोरबा को तीनों एफ.डी. खाता के संबंध में कार्यवाही की जाने हेतु निर्देश  जारी किये गये है। अनावेदक क्रमांक 03 के द्वारा उक्त निर्देश  प्राप्त होने पर आवेदक क्रमांक 01 को प्रथम दोनों विवादित एफ.डी. के संबंध में बचत खाते की दर से ब्याज दिनांक 22/08/2008 से दिनांक 09/05/2012 तक की अवधि के लिए करीब 19800/-रू0 प्रत्येक एफ.डी. जमा राशि  के संबंध में ब्याज प्राप्त होना सूचित किया गया है, उक्त पत्र की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-7 है।   

  

12.                          आवेदकगण की ओर से अनावेदक क्रमांक 03 के द्वारा दिनांक 26/04/2012 को लिखे पत्र दस्तावेज क्रमांक ए-8 को प्रस्तुत किया गया है। जिसमें आवेदकगण को उपरोक्त विवादित तीनों एफ.डी. के संबंध में नवीनीकरण किये जाने हेतु प्रस्तुत की जाने की दिनांक से उसका नवीनीकरण किया जा सकना सूचित किया गया है। जिसमें यह भी सूचित किया गया है कि पूर्व के उक्त एफ.डी. के संबंध में उसके परिपक्वता तिथि के बाद से दिनांक 21/08/2008 तक का कोई ब्याज नहीं दिया जायेगा तथा उसके बाद दिनांक 22/08/2008 से बचत खाते में देय ब्याज दर से ही ब्याज दी जायेगी। अनावेदक क्रमांक 03 की ओर से आवेदकगण को दस्तावेज क्रमांक ए-10 का पत्र प्रेषित कर उनके प्रथम दोनों विवादित एफ.डी. खातों के संबंध में उन्हें दिनांक 23/06/1999 से दिनांक 21/08/2008 तक का ब्याज नहीं दिया जा सकना सूचित किया गया था। इसके अलावा आवेदकगण को सूचित किया गया था कि एफ.डी. रसीदों को अनावेदक क्रमंाक 03 के कार्यालय में नवीनीकरण हेतु जमा करें। उक्त पत्र के साथ अनावेदक क्रमांक 03 के द्वारा अनावेदक बैंक के सर्कुलर नंबर 19/2011 दिनांक 30/03/2011 की फोटोप्रति दिया गया था, जिसे आवेदकगण की ओर से भी दस्तावेज क्रमांक ए-9 के रूप में प्रस्तुत किया गया है।   

   

13.                          अनावेदकगण की ओर से पेश दस्तावेज क्रमांक आर-1 जो कि अनावेदक क्रमांक 01 पंजाब नेश नल बैंक के संभागीय मुख्यालय, नई दिल्ली से जारी किये गये सर्कुलर नंबर 19/2011 दिनांक 30/03/2011 की सत्यप्रति है तथा इस दस्तावेज को आवेदकगण की ओर दस्तावेज क्रमांक ए-9 के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उसके अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि एफ.डी. जमा राशि  के ओव्हरड्यू जमा रहने पर उसके नवीनीकरण के संबंध में बैंक के द्वारा पालन की जाने वाली प्रक्रिया दर्शायी  गयी है। उक्त दस्तावेज क्रमांक आर-1 में एफ.डी. के नवीनीकरण न किये जाने पर राशि  ओव्हरड्यू रहने पर दिनांक 22/08/2008 से 3.5 प्रतिश त् वार्षिक दर से ब्याज की राशि  दिये जाने का प्रावधान है। इस दिनांक के पूर्व की ओव्हरड्यू अवधि के लिए ब्याज की दर देय नहीं होना भी बताया गया है। यह उल्लेखनीय है कि इसी दस्तावेज में प्रथम पृष्ठ के अंतिम कंडिका में निम्नानुसार लिखा हुआ है

**Keeping in view the large number of Term Deposits under overdue category (prior to 01.11.2007 whereby auto renewals of FD came in to effect) and based on the fact there would be no loss to the customer and also no violation of RBI guldelines, it has been decided as under. 

इससे यह स्पष्ट होता है कि दिनांक 01/11/2007 के पहले तक अनावेदक  बैंक में जमा की गयी एफ.डी. राशियों से संबंधित खातों का आटोमेटिक नवीनीकरण किये जाने के प्रावधान रखे गये थे।

 

14.                          अतः वर्तमान मामले में अनावेदक क्रमांक 03 में जमा की गयी विवादित एफ.डी. खाता क्रमांक 3304 एवं 3305 जो कि दिनांक 23/12/1998 को क्रय किया गया था तथा दिनांक 29/06/1999 को उसकी अवधि पूर्ण होना था। उपरोक्त दोनों ही जमा एफ.डी. राशि  के संबंध में दिनांक 01/11/2007 के पूर्व आटोमेटिक नवीनीकरण अनावेदक बैंक के द्वारा किया जाना आवष्यक था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। ऐसी स्थिति में यह माना जायेगा कि अनावेदकगण के द्वारा उपरोक्त विवादित एफ.डी खातों की राशि  का नवीनीकरण दिनांक 23/06/2007 को आटोमेटिक आगामी 06 माह के लिए किया गया। जिसकी परिपक्वता दिनांक 23/12/2007 होती। इसलिए उक्त दोनो एफ.डी. खातों के संबंध में उन्हें आटोमेटिक नवीनीकरण होना माना जाता है।

 

15.                          अनावेदकगण के दस्तावेज क्रमांक आर-1 के सर्कुलर के अनुसार ही आवेदकगण की संयुक्त एफ.डी. खाता क्रमांक 274 जो दिनॉंक  09/04/1999 को क्रय किया गया था। जिसकी परिपक्वता दिनांक 09/04/2004 था। इसलिए दिनांक 01/11/2007 के पूर्व आटोमेटिक नवीनीकरण होने संबंधी सर्कुलर के अनुसार दिनांक 09/04/2004 को उक्त एफ.डी. राशि  05 वर्ष की अवधि के लिए नवीनीकृत हो गयी जिसकी पूर्णताअवधि दिनॉंक  09/04/2009 होगी। इस प्रकार उपरोक्त तीनों विवादित एफ.डी.खातो को आटोमेटिक नवीनीकृत नहीं होना मानकर अनावेदकगण के द्वारा उपभोक्ता की सेवा में कमी किया जाना ही माना जावेगा।

                               

16.                          अनावेदकगण ने उपरोक्त तीनों विवादित एफ.डी. के संबंध में उसका आटोमेटिक नवीनीकरण नहीं किया तथा दिनांक 21/08/2008 तक उक्त जमा राशि  पर ब्याज भी प्रदान नहीं किया जैसा कि दस्तावेज क्रमांक आर-2 के पत्र जो अनावेदक क्रमांक 03 ने दिनांक 02/02/2012 को आवेदकगण को लिखे थे, उसमें सूचित किया गया था। अनावेदकगण की ओर से दस्तावेज क्रमांक आर-3 के पत्र दिनांक 26/04/ 2012 के द्वारा आवेदकगण को सूचित किया गया कि दिनांक 22/08/2008 के बाद से उनके विवादित एफ.डी. खातों में जमा राशि यों पर बचत खाते के लिए दी जाने वाली प्रचलित दर से ब्याज की राशि  का भुगतान किया जायेगा। आवेदकगण को यह भी सूचित किया गया कि वे विवादित सभी एफ.डी. खातो का नवीनीकरण करा लें।  

 

17.                          अनावेदकगण की ओर से दस्तावेज क्रमांक आर-4 का पत्र जो उप सचिव बैंकिग लोकपाल कार्यालय भारतीय रिजर्व बैंक, भोपाल को लिखा गया था। प्रस्तुत किया गया और आवेदकगण के शिकायत  नंबर सीजी 620/2011-12 गुलाटी ट्रेडिंग कंपनी की शिकायत  के निराकरण हेतु अनुरोध किया गया था। उसके संबंध में बैंकिग लोकपाल के द्वारा 04/06/2012 को दस्तावेज क्रमांक आर-5 का पत्र आवेदक क्रमांक 01 के पास प्रेषित किया गया। उसमें आवेदकगण को सूचित किया गया कि अनावेदक बैंक के द्वारा मार्ग दर्शक  सिद्धांतों के पालन में कार्य किये जा रहे है, इसलिए उसकी शिकायत  को नस्तीबद्ध किया जा रहा है।  

    

18.                          इस प्रकार दस्तावेज क्रमंाक ए-9 जिसकी प्रतिलिपि अनावेदकगण की ओर से दस्तावेज क्रमांक आर-1 के रूप में पेश किया गया है, जिसके अनुसार एफ.डी.की राशि  का नवीनीकरण न होने पर दिनांक 22/08/2008 को या उसके बाद के लिए बचत खाते में जमा ब्याज की राशि  के संबंध में देय ब्याज की दर 3.5 प्रतिशत वार्षिक की दर से देय होना बताया गया है। उक्त सर्कुलर क्रमांक 19/2011 दिनांक 30/03/2011 को जारी हुआ है। जिसमें पूर्व के सर्कुलर आर.एम.डी. डीईपी सीआईआर नंबर 41/2010 दिनांक 20/10/2010 को जारी हो चुका था। को ही पुनः दुहराते हुए जारी किया गया ऐसी स्थिति में दिनॉंक  20/10/2010 के  पूर्व के विवादित तीनों एफ.डी. खाते में जमा राशि  के संबंध में ब्याज दर की जानकारी उपभोक्ता के रूप में आवेदकगण को रही हो या उन्हें अनावेदकगण के द्वारा सूचित कर विवादित एफ.डी. खातो की नवीनीकरण के लिए कहा गया हो ऐसा कोई दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पेश  नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में अनावेदकगण की ओर से आवेदकगण की तीनों विवादित एफ.डी. जमा राशि  के संबंध में दिनांक 22/08/2008 के पूर्व की अवधि के लिए ब्याज की राशि  बचत खाते में जमा के संबंध में ब्याज दर के अनुसार नहीं देना भी निश्चित  ही सेवा में कमी के रूप में माना जावेगा।

 

19.                          यह उल्लेखनीय है कि आवेदकगण ने अनावेदकगण की ओर से प्रेषित पत्र दस्तावेज क्रमांक ए-8 दिनांक 26/04/2012 के पालन में अपने विवादित एफ.डी.आर. खातों को अनावेदक क्रमांक 03 के पास प्रस्तुत नहीं किया है। जबकि प्रथम दोनो विवादित एफ.डी. खातों की पूर्णता अवधि दिनांक 23/12/2007 थी तथा एफ.डी. खाता नंबर 274 की पूर्णता अवधि आटोमेटिक नवीनीकरण के कारण दिनांक 09/04/2009 थी। अतः आवेदकगण को उपरोक्त दोनों विवादित एफ.डी. जमा खातों की पूर्णतः अवधि दिनॉंक  23/12/2007 से भी आगे के लिए नियमानुसार बचत खाते में जमा राशि  के संबंध में प्रचलित ब्याज दर से ब्याज की राशि  अनावेदकगण से प्राप्त करने का अधिकारी होना भी पाया जाता है। इसी तरह आवेदकगण को संयुक्त एफ.डी. जमा खाता की पूर्णता अवधि दिनॉंक  09/04/2009 से आगे अवधि के लिए बचत खाते में जमा राशि  के संबंध में प्रचलित ब्याज दर  से ब्याज की राशि  अनावेदकगण से प्राप्त करने का अधिकारी होना पाया जाता है।

 

20.                          इस प्रकार आवेदकगण के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के पास जमा की गयी तीनों  विवादित एफ.डी.खातों के राशि के संबंध में ब्याज की राशि  का भुगतान अनावेदकगण के द्वारा न किया जाकर सेवा में कमी की गयी इसलिए मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में राशि  आवेदकगण को दिलाया जाना उचित पाया जाता है। 

   

21.                          अनावेदकगण की ओर से तर्क किया गया है कि उनके द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा जारी किये गये सर्कुलर तथा मार्ग दर्शक  सिद्धांत एवं पंजाब नेश नल बैंक के द्वारा जारी किये गये सर्कुलर का पालन करते हुए आवेदकगण को उनके विवादित एफ.डी. खातों के संबंध में देय ब्याज की राशि  की गणना करते हुए भुगतान किये जाने हेतु कार्यवाही की गयी है। अनावेदकगण की ओर से आवेदकगणों के एफ.डी. जमा खातों के संबंध में दस्तावेज क्रमांक आर-14,आर-15 एवं आर-16 की गणना के अनुसार खातों के नवीनीकरण न कराकर एवं नवीनीकरण कराये जाने पर दी जा सकने वाली राशि  की गणना की गयी है। इसलिए आवेदकगण की सेवा मे कोई कमी नहीं की गयी और उनके द्वारा प्रस्तुत परिवाद-पत्र को निरस्त किया जावे। यह उल्लेखनीय है कि आवेदकगणों की विवादित एफ.डी.खातों के संबंध में आटोमेटिक नवीनीकरण उक्त जमा राशि यों के बाबत् न किया जाकर अनावेदकगण के द्वारा आवेदकगण की सेवा में कमी किया जाना पाया गया है। अतः अनावेदकगण का तर्क मान्य नही किया जा सकता है।    

 

22.                          वर्तमान परिवाद-पत्र का अवलोकन करने से यह स्पष्ट हो जाता है कि परिवाद-पत्र समयावधि के अंदर दिनांक17/9/2012 को प्रस्तुत किया गया है जब अनावेदकगण के द्वारा विवादित एफ.डी. खातों के संबंध में आटोमेटिक नवीनीकरण न कर एवं जमा राशि यों पर ब्याज की राशि  का भुगतान नहीं किये जाने की सूचना दस्तावेज क्रमांक ए-8 एवं ए-10 के पत्र के द्वारा क्रमश:  दिनांक 02/2/2012 एवं दिनॉंक 26/4/2012 को दी गयी थी। यह भी उल्लेखनीय है कि तीनों विवादित एफ.डी. खातों की राशि  अनावेदक क्रमांक 03 पंजाब नेश नल बैंक की शाखा कोरबा में जमा की गयी जिसमें से 5,000/-रू0 की राशि  आवेदकगण के नाम पर संयुक्त रूप से एफ.डी. खाता के रूप में जमा की गयी थी। इसलिए यह परिवाद-पत्र दोनों आवेदकगण की ओर से प्रस्तुत किया गया है उसे इस जिला फोरम के द्वारा सुनवाई योग्य पाया जाता है। 

 

23.                          इस प्रकार उपरोक्त तीनों विवादित एफ.डी. खातों के संबंध में प्रस्तुत किये गये उभय पक्ष के साक्ष्य के विवेचना के आधार पर परिवाद-पत्र को अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।

 

24.                          अतः मुख्य विचारणीय प्रश्‍न का निष्कर्ष ’’हॉं’’ में दिया जाता है। 

 

25.                          तद्नुसार परिवादी/ आवेदकगण की ओर से प्रस्तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत अंश तः स्वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदकगण के विरूद्ध निम्नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश  दिया जाता है किः-

 

अ.    आवेदक क्रमांक 01 हरचरन सिंह को एफ.डी. खाता क्रमांक 3305 के संबंध में अनावेदकगण दिनांक 23/06/1999 से आगे प्रति 06 माह की अवधि हेतु आटोमेटिक नवीनीकृत मानते हुए दिनांक 23/12/2007 तक के लिए मियादी जमा खाते के रूप में ब्याज की गणना करते हुए परिपक्वता पूर्ण होने के आधार पर तथा दिनांक 23/12/2007 से आगे की अवधि के लिए बचत खाते में जमा राशि  के संबंध में देय प्रचलित ब्याज की दर से राशि  का भुगतान अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः आज से दो माह के अंदर करें।

 

ब.    आवेदक क्रमांक 02 श्रीमती इंद्रजीत कौर को एफ.डी. खाता क्रमांक 3304 के संबंध में अनावेदकगण दिनांक 23/06/1999 से आगे प्रति 06 माह की अवधि हेतु आटोमेटिक नवीनीकृत मानते हुए दिनांक 23/12/2007 तक के लिए मियादी जमा खाते के रूप में ब्याज की गणना करते हुए परिपक्वता पूर्ण होने के आधार पर तथा दिनांक 23/12/2007 से आगे की अवधि के लिए बचत खाते में जमा राशि  के संबंध में देय प्रचलित ब्याज की दर से राशि  का भुगतान अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः आज से दो माह के अंदर करें।

 

स.    आवेदकगण के संयुक्त नाम पर जमा एफ.डी. खाता क्रमांक 274 के संबंध में अनावेदकगण दिनांक 09/04/2004 से आगे 60 माह की अवधि हेतु आटोमेटिक नवीनीकृत मानते हुए दिनांक 09/04/2009 तक के लिए मियादी जमा खाते के रूप में ब्याज की गणना करते हुए परिपक्वता पूर्ण होने के आधार पर तथा दिनांक 09/04/2009 से आगे की अवधि के लिए बचत खाते में जमा राशि  के संबंध में देय प्रचलित ब्याज की दर से राशि  का भुगतान अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः आज से दो माह के अंदर करें। 

 

द.    आवेदकगण को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 (दस हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः प्रदान करें।

 

इ.    आवेदकगण को वाद व्यय के रूप में 2000/-रू0(दो हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः प्रदान करें।

 

  

(छबिलाल पटेल)                  (श्रीमती अंजू गबेल)       (राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय)

अध्यक्ष                 सदस्य                   सदस्य

 
 
[HON'ABLE MR. C.L.PATEL]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL]
MEMBER
 
[HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY]
MEMBER

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