Rajasthan

Jaipur-IV

CC/1251/2012

Smt. Madhavi Sharma - Complainant(s)

Versus

Panasonic India Pvt, Ltd & Othes - Opp.Party(s)

Narendra Gupta & Others

30 Mar 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर

                    पीठासीन अधिकारी
     डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
                         डाॅ.अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य

परिवाद संख्या:-1251/2012 (पुराना परिवाद संख्या 204/2010)
श्रीमती माधवी शर्मा पत्नी डाॅक्टर संजय कुमार शर्मा, जाति ब्राह्मण, निवासी- मकान संख्या 81/96, नीलगिरी मार्ग, पटेल मार्ग, अग्रवाल फार्म, मानसरोवर, जयपुर । 

परिवादिनी
बनाम
01.मैसर्स इलेक्ट्रो प्लाजा, (ए यूनिट आॅफ एनविजन जयपुर सेल्स प्रा.लि.), रजिस्टर्ड  
  कार्यालय- काॅर्नर बुर्ज, गोयल टैण्ट हाऊस के ऊपर, छोटी चैपड़, जयपुर जरिये   
  निदेशक ।
02.मैसर्स इलेक्ट्रो प्लाजा (ए यूनिट आॅफ एनविजन जयपुर सेल्स प्रा.लि.), पता- डी 8 
  व 9,सिटी प्लाजा, बनीपार्क, जयपुर जरिये मैनेजर ।
03.पैनासोनिक इण्डिया प्रा.लि., लजीज रेस्टोरेन्ट के पास, न्यू सांगानेर रोड, जयपुर ।
04.पैनासोनिक इण्डिया प्रा.लि., कन्ज्यूमर सैल्स डिवीजन नम्बर 88, छठीं मंजिल, एस
  पी आई सी बिल्डिंग, अन्नेस गुण्डिया, माउण्ट रोड, चेन्नई । 
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादिनी की ओर से श्री नगेन्द्र गुप्ता/श्री फिरान खाॅं, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 1 एवं 2 की ओर से श्री पी.एल. शर्मा, एडवोकट
विपक्षी संख्या 3 एवं 4 के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही

निर्णय
               दिनांकः- 30.03.2015
यह परिवाद, परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 09.02.2010 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादिनी को अपनी घरेलू आवश्यकता हेतु एक ए.सी. एवं टी.वी. क्रय करना था । इसलिए परिवादिनी अपने पति के साथ विपक्षी संख्या 2 की दुकान पर गई तो विपक्षी संख्या 2 ने परिवादिनी को पैनासोनिक कम्पनी के प्लाज्मा 42 इंच माॅडल      पी.सी. 80 को क्रय करने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि इस टी.वी. की खरीद पर कम्पनी की ओर से एक स्क्रेच कार्ड दिया जा रहा है जिसमें न्यूनतम 3,000/-रूपये का गारण्टी ईनाम होगा तथा अधिक से अधिक सिंगापुर की ट्रिप हैं, प्लाज्मा टी.वी. की कीमत से अधिक राशि तक का उपहार हैं तथा साथ में तीन वर्ष तक की अवधि का गारण्टी कार्ड दिया जायेगा । परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 2 की इन बातों पर विश्वास एवं भरोसा कर विपक्षी संख्या 2 से एक पैनासोनिक प्लाज्मा      टी.वी. माॅडल नम्बर  पी.सी.-80 क्रय किया तथा उसी दिन वोल्टाज कम्पनी का 1.5 टन का एक स्पलिट ए.सी. भी क्रय किया । जिस पर विपक्षी संख्या 2 ने परिवादिनी को एक बिल संख्या एस.एच. 1804 दिनंाकित 27.10.2009 राशि 66,500/-रूपये का जारी किया । जिसका भुगतान परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 2 को जरिये चैक एवं बजाज फाईनेन्स कम्पनी से फाईनेन्स प्राप्त करके कर दिया । तब विपक्षी संख्या 2 ने उक्त दोनों आईटम्स की डिलेवरी उसी दिन शाम को परिवादिनी के घर पर करने के कहा तथा अगले दिन ए.सी. व प्लाज्मा टी.वी. का इन्स्टालेशन कम्पनी के इंजीनियर से करवाने का वायदा किया । साथ ही स्क्रेच कार्ड व वारण्टी कार्ड भी भिजवा देने का आश्वासन दिया ।
लेकिन विपक्षीगण ने अपने वायदे के विपरीत ए.सी. की डिलेवरी 10-12 दिन बाद की और परिवादिनी द्वारा क्रय किये गये और पूर्व के बिल पर अंकित प्लाज्मा टी.वी. माॅडल 42 इंच पी.सी. 80 के विपरीत दूसरे माॅडल का टी.वी. 42 इंच सी.-10 दो माह के विलम्ब से दिनांक 27.12.2009 को भिजवाया । और इसके साथ पुनः एक डुुप्लीकेट बिल भी भेजा गया । साथ ही विपक्षीगण ने ए.सी. का इन्स्टालेशन अपने खर्चें पर नहीं करवाया और टी.वी. के साथ दिये जा रहे स्क्रेच कार्ड और वारण्टी कार्ड भी नहीं भिजवाया । इस संदर्भ में विपक्षीगण से शिकायत करने पर उन्होंने कोई कार्यवाहीं नहीं की । जो विपक्षीगण का सेवादोष हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादिनी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 15 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं ।
 विपक्षी संख्या 1 एवं 2 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादिनी द्वारा विपक्षी की फर्म से टी.वी. व ए.सी. खरीदने के समय उक्त टी.वी. के साथ स्क्रेच कार्ड की स्कीम कम्पनी द्वारा दी जा रही थी । विपक्षीगण कम्पनी के डीलर मात्र है । परन्तु उस समय उक्त स्कीम वाला टी.वी. स्टाॅक में विपक्षीगण के पास उपलब्ध नहीं होने से परिवादिनी को यह बता दिया गया था कि विपक्षीगण के पास स्टाॅक में आने पर दे दिया जायेगा । अगर उक्त स्कीम का टी.वी. नहीं मिलेगा तो दूसरा टी.वी. उपलब्ध करवा दिया जायेगा । इसके लिए परिवादिनी सहमत हो गई थी तथा दिनांक 27.10.2009 को उक्त समस्त बातें परिवादिनी को बता दी गई थी । अपने वायदे के अनुसार स्कीम वाला टी.वी. विपक्षीगण के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण परिवादिनी को बिना स्कीम वाला टी.वी. 42 इंच पी.वी.80 व ए.सी. भिजवा दिया गया था । इसलिए परिवादिनी का यह कथन कि उसको स्कीम वाला टी.वी. व स्क्रेच कार्ड नहीं दिया गया, गलत हैं । परिवादिनी ने अपने परिवाद में स्क्रेच कार्ड पर 3,000/-रूप्ये का गारन्टीड ईनाम होने एवं सिंगापुर का ट्रिप होने के तथ्य भी गलत अंकित किये हैं । विपक्षीगण ने परिवादिनी के आवास पर सामान की डिलेवरी करवा दी थी व ए.सी. का इन्स्टालेशन परिवादिनी ने जान-बूझकर नहीं करवाया और बाद में करवाया । जिसका चार्ज 4,680/-रूपये परिवादिनी ने नहीं दिया तथा इस राशि की अदायगी से बचने के लिए परिवादिनी ने झूठा परिवाद पेश किया है । जिसे खारिज किया जावें ।
विपक्षी संख्या 3 एवं 4 के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई हैं ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादिनी श्रीमती माधवी शर्मा एवं डाॅक्टर संजीव कुमार शर्मा के शपथ पत्र तथा प्रदर्श-1 से प्रदर्श-7 दस्तावेज कुल 09 पृष्ठों में प्रस्तुत किये ।  जबकि विपक्षी संख्या 1 एवं 2 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में      श्री नटवर लाल गोस्वामी का शपथ पत्र एवं कुल 11 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
विपक्षी संख्या 1 एवं 2 की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत किये गये ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादिनी ने विपक्षीगण से एक टी.वी. और ए.सी. दिनंाक     27.10.2009 को जारी किये गये टंज प्दअवपबम प्रदर्श-1 के माध्यम से क्रय किये       थे । परिवादिनी को विपक्षीगण द्वारा दिनांक 27.10.2009 को 42 इंच प्लाज्मा पीवी 80 टी.वी. विक्रय करने हेतु यह टंज प्दअवपबम प्रदर्श-1 जारी किया गया था । इस टी.वी. पर विपक्षी संख्या 1 व 2 के अनुसार स्क्रेच कार्ड की स्कीम निर्माता कम्पनी द्वारा दी जा रही थी और विपक्षी संख्या 1 व 2 मात्र डीलर हैं । परिवादिनी को विपक्षीगण ने उक्त टी.वी. का टंज प्दअवपबम काटते समय इस तथ्य से अवगत करा दिया था कि इस स्कीम का टी.वी. उपलब्ध नहीं होगा तो दूसरा टी.वी. परिवादिनी को उपलब्ध करवा दिया जावेगा और ये सारी बातें विपक्षीगण ने परिवादिनी को बता भी दी थी । परन्तु बाद में कम्पनी का यह टी.वी. पैनासोनिक 42 इंच प्लाज्मा पीवी.80 उपलब्ध नहीं हुआ तो विपक्षीगण ने दिनांक 27.12.2009 को परिवादिनी को पैनासोनिक प्लाज्मा 42 इंच सी-10 माॅडल का टी.वी. उपलब्ध कराया और इस टी.वी. की डिलेवरी परिवादिनी को दिनंाक 27.12.2009 को प्रदर्श-1 टंज प्दअवपबम काटने के दो माह दी । इसके संबंध में परिवादिनी को दिनंाक 27.10.2009 को ही एक डुप्लीकेट बिल विपक्षी संख्या 2 के स्तर पर जारी किया गया हैं, जो प्रदर्श-2 हैं । इस प्रदर्श-2 बिल पर इलेक्ट्रो प्लाजा के ।नजीवतप्रमक ैपहदंजवतल के हस्ताक्षर उपलब्ध हैं । जबकि प्रदर्श-1 बिल, जिसमें परिवादिनी को पैनासोनिक 42 इंच पीवी 80 टी.वी. उपलब्ध कराने का उल्लेख हैं, इस पर विपक्षी संख्या 2 के किसी भी कर्मचारी/अधिकारी के हस्ताक्षर उपलब्ध नहीं हैं । इस बिन्दु के संबंध में परिवादिनी का कथन हैं कि विपक्षी संख्या 1 व 2 ने अपने जवाब में टी.वी. के साथ स्क्रेच कार्ड देने की बात स्वीकार की हैं । लेकिन विपक्षी संख्या 1 व 2 ने जो जवाब नोटिस दिया हैं उसमें वास्तव में ऐसा कोई तथ्य उनके द्वारा स्पष्ट रूप से स्वीकार नहीं किया गया हैं । इसके आगे यह बात भी विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि परिवादिनी को जब टीवी. दिनांक 27.12.2009 को उपलब्ध करवाया गया तो परिवादिनी ने इस टी.वी. की रसीद प्रदर्श-3 पर केवल निम्न पृष्ठाकंन किया हैंः-
श्प्देजंससमक जूव उवदजीे ंजिमत चनतबींेम पद ेचपजम व ितमचमंजमक तमुनमेजेण्श् 
इस प्रकार इस रसीद में भी परिवादिनी ने विपक्षीगण से स्क्रैच कार्ड और वारण्टी कार्ड दिलाये जाने की कोई याचना नहीं की हैं । बाद में जब यह प्रदर्श-3 रसीद मंच के समक्ष प्रस्तुत की गई हैं तो फोटो काॅपी पर अलग से हाथ से श्छव ॅंततंदजल ब्ंतकश् बाॅल पेन से अंकित किया हैं । इस पर किसी भी व्यक्ति के हस्ताक्षर नहीं हैं । इसलिए इस रसीद दिनंाकित 27.12.2009 प्रदर्श-3 पर किया गया यह पृष्ठाकंन वास्तव में जब रसीद दिनांक 27.12.2009 को तैयार की गई थी, तब उपलब्ध नहीं था, यह निष्कर्ष निकलता हैं ।
अतः इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए यह प्रमाणित नहीं हैं कि परिवादिनी कोे विपक्षीगण ने वारण्टी कार्ड तथा स्क्रैच कार्ड दिलाये जाने के संबंध में कोई आश्वासन दिया था । लेकिन निर्विवाद रूप से परिवादिनी द्वारा विपक्षी संख्या 2 को टी.वी. की कीमत पेटे 24,122.80 रूपये दिनंाक 27.10.2009 का अदा कर दिये गये     थे । इसके दो माह बाद परिवादिनी को उक्त टी.वी. की डिलेवरी की गई हैं जिससे अपने आप मेें विपक्षीगण का सेवादोष परिलक्षित होता हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादिनी अब विपक्षीगण से स्वयं को हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिूपर्ति के रूप में 2,500/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारिणी हैं । इसके अतिरिक्त स्क्रेच कार्ड एवं वारण्टी के बिन्दु पर परिवादिनी का कोई प्रकरण नहीं बनना पाया जाता हैं । ऐसे ही जो प्दअवपबम विपक्षी संख्या 1 व 2 की ओर से ए.सी.इन्स्टालेशन के विषय में दिनंाक 25.12.2009 को 4,680/-रूपये की प्रस्तुत की गई हैं, उसके संबंध में भी विपक्षीगण की कोई त्रुटि हमारे विनम्र मत में परिलक्षित नहीं होती हैं । क्योंकि परिवादिनी ने ऐसी कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की हैं जिससे यह सिद्ध हो सके कि विपक्षीगण को उक्त ए.सी. का इन्स्टालेशन बिना किसी कोस्ट के करना था । इसलिए इस संबंध में विपक्षीगण का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होता हैं और इस संबंध में विपक्षीगण परिवादिनी के विरूद्ध सिविल न्यायालय में कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र हैं । 
                         आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादिनी आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता हैं कि परिवादिनी विपक्षीगण से विवादित       टी.वी. की डिलेवरी विलम्ब से देने से स्वयं को कारित आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 2,500/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं । स्क्रेच कार्ड एवं वारण्टी कार्ड के संदर्भ में परिवादिनी का कोई प्रकरण नहीं बनना पाया जाता हैं और इस संदर्भ में परिवादिनी विपक्षीगण से कोई अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं हैं ।           ए.सी. इन्स्टालेशन चार्ज राशि 4,680/-रूपये की वसूली के संदर्भ में विपक्षीगण परिवादिनी के विरूद्ध सिविल न्यायालय में कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र हैं ।
विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादिनी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करायेंगे ।

अनिल रूंगटा          डाॅं0 अलका शर्मा         डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                       सदस्या                               अध्यक्ष

निर्णय आज दिनांक 30.03.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।

अनिल रूंगटा          डाॅं0 अलका शर्मा         डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                           सदस्या                                 अध्यक्ष

 

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