जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 115/2014
मुकेश मंगतानी पुत्र श्री देवी दास मंगतानी, निवासी ए-171, त्रिवेणी नगर, गोपालपुरा बाईपास, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. पलक मोबाईल जरिए प्रोपराईटर/पार्टनर, पता 1663, बाबा हरिशचन्द्र मार्ग, रायसर प्लाजा, इंदिरा बाजार, जयपुर Û
2. माइक्रोमेक्स, हैण्ड आॅफिस माइक्रोमेक्स हाउस, 90 बी, सेक्टर 18, गुडगांव 122015 (हरियाणा) जरिए अधिकृत प्रतिनिधि Û
3. तिरूपति इन्फोटेक जी-72, बी-ब्लाॅक, गणपति प्लाजा, पिच्चा हट के पास, एम.आई.रोड़, जयपुर जरिए अधिकृत प्रतिनिधि Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री अखिलेश शर्मा - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 09.01.14
आदेश दिनांक: 24.03.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 1 से दिनांक 10.05.2013 को 10,100/- रूपए में केनवास-2 का माॅडल एक्स 110 खरीद किया था जिस पर एक वर्ष की वांरटी दी गई थी । मोबाईल क्रय करने से एक माह बाद उसमें खराबी आने लगी जिस पर विपक्षी के सर्विस सेंटर पर दिखाने पर उन्होंने मोबाईल रख लिया और 7 दिन में मोबाईल सही कर के वापिस देने का आश्वासन परन्तु इस बीच कोई अन्य मोबाईल उपलब्ध नहीं करवाया । परिवादी के 6-7 बार जाने के बाद मोबाईल लगभग 20 दिन बाद दिया गया और मोबाईल को बिल्कुल ठीक होना बताया । मोबाईल को उपयोग करने पर उसमें पूर्व की जैसे ही समस्या थी । दिनांक 23.11.2013 को विपक्षी सॅंख्या 3 के यहां मोबाईल पुन: ठीक होने हेतु दिया गया । दिनांक 26.11.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 को ई-मेल के जरिए शिकायत की । दिनांक 28.11.2013, 29.11.2013, 30.11.2013, 05.12.2013 को ई-मेल विपक्षी सॅंख्या 2 को दिए गए परन्तु कोई सन्तुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिला । दिनांक 05.12.2013 एवं 19.12.2013 को मोबाईल की समस्या के सम्बन्ध में नोटिस विपक्षीगण को प्रेषित किया गया परन्तु उसका कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ है । परिवादी का कथन है कि इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवादोष कारित किया है । परिवादी ने मोबाईल की कीमत 10100/- रूपए, मानसिक संता पके 50,000/- रूपए, आने-जाने के खर्चे के 5000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
मंच द्वारा परिवादी की ओर से पेश लिखित तर्को एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, मोबाईल खरीदने का बिल, विपक्षी को भेजे गए ई-मेल, विपक्षी को भेजे गए नोटिस की काॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के समक्ष कोई आधार नहीं है ।
परिवादी प्रस्तुत साक्ष्य से यह प्रमाणित कर सका है कि उसने जो मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 1 से क्रय किया था वह खरीद के लगभग एक माह बाद ही खराब होने लगा और विपक्षी के सर्विस सेंटर पर ठीक करने हेतु दिए जाने पर भी ठीक नहीं किया गया तथा विपक्षी मोबाईल निर्माता कम्पनी को शिकायत करने पर भी मोबाईल सही नहीं किया गया और ना ही बदल कर दिया गया । इस प्रकार विपक्षीगण ने मोबाईल सही नहीं तथा बदलकर नहीं देकर सेवादोष कारित किया है जिससे परिवादी को आर्थिक हानि के साथ-साथ मानसिक संताप होना स्वभाविक है।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण संयुक्त व अलग-अलग रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट को नि: शुल्क उसकी सन्तुष्टि रिकाॅर्ड करते हुए ठीक करेंगे और यदि यह सम्भव नहीं हो तो उसकी प्रकार का नया मोबाईल या उसकी कीमत 10,100/- रूपए अक्षरे दस हजार एक सौ रूपए खरीद की दिनांक 10.05.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेंगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 24.03.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (राकेश कुमार माथुर)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष