बलजिंदर सिंह S/o श्री किशन सिंह filed a consumer case on 18 Feb 2015 against PACL इंडिया लिमिटेड in the Hanumangarh Consumer Court. The case no is CC/15/26 and the judgment uploaded on 26 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, हनुमानगढ (राज0)
पीठासीन अधिकारी सुश्री चन्द्रकला यादव- अध्यक्ष
सदस्य श्रीमती दर्शना अग्रवाल
उपभोक्ता परिवाद संख्या- 26/2015
बलजिन्द्र सिंह पुत्र श्री किशन सिंह जाति जटसिख निवासी लहराखाना वाया भुच्चों मंडी तहसील भठिंडा जिला भंठिडा (पंजाब) - परिवादी/प्रार्थी
बनाम्
1- पी.ए.सी.एल. लिमिटेड कम्पनी, शाखा कार्यालय कचहरी रोड भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय के सामने हनुमानगढ जंक्शन जरिए शाखा प्रबंधक
2- पी.ए.सी.एल. लिमिटेड कम्पनी, सैवंथ फलोर गोपालदास भवन, 28 बाराखम्बा रोड नई दिल्ली जरिए प्रबंध निदेशक -अप्रार्थी
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित: 1- परिवादी अधिवक्ता श्री मोहनलाल मुन्जाल
2- अप्रार्थी के प्रतिनिधि श्री मोदन सिंह
-ः निर्णय:- दिनांक 18-02-2015
द्वारा सुश्री चन्द्रकला यादव- अध्यक्ष
प्रार्थी/परिवादी की ओर से यह परिवाद इस जिला मंच के समक्ष दिनांक 10-12-14 को पेश किया गया। संक्षेप में परिवाद के मुख्य तथ्य इस प्रकार से हैं कि परिवादी ने अप्रार्थी द्वारा चलाई जा रही बचत स्कीम में 05 वर्ष 06 माह के लिए 575035 रूपये छमाही के हिसाब से कुल 63250/- रूपये जमा कराए। उक्त अवधि की समाप्ति पर परिवादी को 90920/- रूपये देय थे। अप्रार्थी ने परिवादी को रजिस्ट्रेशन नं0 यू 049084461 जारी किया था । परिवादी ने परिपक्वता पर उक्त राशि लौटाने का निवेदन किया लेकिन आज तक अप्रार्थी ने राशि अदा नहीं की है इसे सेवा में कमी बताते हुए परिवादी ने परिपक्वता राशि मय ब्याज दिलाने सहित अन्य हर्जा खर्चा दिलाने का निवेदन किया है। परिवाद के समर्थन में कथित जमा का स्टेटमैंट पेश किया है।
अप्रार्थी की ओर से परिवाद का जवाब पेश किया गया । अप्रार्थी कम्पनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कम्पनी है। अप्रार्थी कम्पनी न तो वित्तिय संस्थान है और न ही नाॅन बैंकिंग फायनेसियल कम्पनी है बल्कि अप्राथी रीयल एस्टेट कम्पनी है और वह पूरे देश में कृषि भूमि का विक्रय और डवलपमैंट कर उसे ग्राहकों को आवंटित करती है। परिवाद झूठे तथ्यों के आधार पर पेश किया गया है। परिवादी को कोई वाद कारण हासिल नही हैै अप्रार्थी की सेवा में कोइ कमी नहीं है । धारावार जवाब में अन्य बातों के अलावा मुख्य रूप से कहा है कि अप्रार्थी ने कोई जमा प्राप्त नहीं की बल्कि अनुबंध की टर्म एंड कंडीशन के अनुसार प्लाट के लिए अग्रिम प्रतिफल के रूप में 63250/- रूपये की राशि जमा कराई हैं। यह भी कथन किया कि अप्रार्थी ने कभी भी प्लाट के एवज में कोई राशि अदा करने का आश्वासन नहीं दिया था। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने एक आपराधिक प्रकरण में अप्रार्थी कम्पनी के खाते फ्रीज कर दिए हैं जिसके विरूद्ध अप्रार्थी ने माननीय उच्च न्यायालय में गुहार की है जो मामला अभी लंबित है। अप्रार्थी कम्पनी भुगतान करने में असमर्थ है और परिवादी को इस तथ्य की जानकारी है। इस प्रकार अप्रार्थी ने अपनी सेवा में कमी से इन्कार किया है।
हमने बहस सुनी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गयां। मौजूदा केस में परिवादी की ओर से अपने प्रश्नगत खाता का दस्तावेज पेश किया गया है जिसे अप्रार्थी ने चुनौति नहीं दी है । इस विवरण के अनुसार परिवादी का रजिस्ट्रेशन नं0 यू 049084461 है । अप्रार्थी के स्वीकृत अनुसार परिवादी ने समस्त किश्तों की राशि 63250/- रूपये जमा कराई हैं। परिवादी का खाता दिनांक 27-10-2014 को मेच्योर हो चुका है इसलिए परिवादी अनुबंधानुसार अपनी जमाशुदा राशि की मेच्योरटी वैल्यू 90920/- रूपये प्राप्त करने का अधिकारी है। अप्रार्थी ने परिपक्वता पर राशि का भुगतान नहीं कर सेवा में कमी कारित की है इसलिए परिवादी उक्त राशि के अलावा इस राशि पर परिपक्वता से अदायगी तक ब्याज और हर्जा खर्चा प्राप्त करने का भी अधिकारी पाया जाता है अतः परिवाद निम्न प्रकार से स्वीकार किया जाता है।
आदेश
परिणामतः प्रार्थी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेश है कि वह दो माह की अवधि मध्य परिवादी के खाता रजिस्ट्रेशन सं0 यू 049084461 की परिपक्वता राशि 90920/- रूपये तथा इस राशि पर खाते की परिपक्वता दिनांक 27-10-2014 से अदायगी तक 18 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज और मानसिक पीड़ा एवं परिवाद खर्च के रूप में 2100/- रूपये अदा करे।
(दर्शना अग्रवाल)
सदस्य
(चन्द्रकला यादव)
अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 18-2-2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया।
(दर्शना अग्रवाल)
सदस्य
(चन्द्रकला यादव)
अध्यक्ष
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.