ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाऐ कि वे परिवादी के घरेलू विद्युत कनेक्शन सं-2720/106271 के सम्बन्ध में मीटर रीडिंग के अनुसार अधिभार रहित विद्युत बिल परिवादी को जारी करें। मानसिक कष्ट एवं आर्थिक हानि की मद में 10,000/- (दस हजार रूपया) तथा परिवाद व्यय अतिरिक्त दिलाऐ जाने की भी परिवादी ने मांग की है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी घरेलू विद्युत कनेक्शन सं0-2720/106271 का उपभोक्ता है जिसका स्वीकृत भार 2 किलोवाट है। परिवादी विदृयुत बिलों का नियमानुसार भुगतान करता चला आ रहा है। विपक्षीगण का उत्तरदायित्व है कि वे मीटर में आयी रीडिंग के अनुसार विद्युत मूल्य का बिल परिवादी को जारी करते, किन्तु वर्ष 2009 – 2007 में परिवादी को गलत विद्युत बिल किऐ गऐ जिसका परिवादी ने प्रतिवाद किया। विपक्षी सं0-2 से मिलकर परिवाद ने बार-बार अनुरोध किया कि मीटर रीडिंग के अनुसार उसे अधिभार रहित विद्युत बिल उपलब्ध करायें जिस पर उन्होंने जॉंचोपरान्त कार्यवाही का आश्वासन दिया। दिनांक 31/03/2007 को परिवादी के आवास पर लगे विद्युत मीटर के स्थान पर नया इलैक्ट्रोनिक मीटर लगाया गया। परिवादी को विद्युत कर्मी ने सीलिंग प्रमाण पत्र सं0- 2312/34 दिनांकित 31/03/2007 प्राप्त कराया। उतारे गये पुराने मीटर की रीडिंग 5090 थी जिसे नया मीटर लगाने वाले विद्युत कर्मी ने सीलिंग प्रमाण पत्र पर अंकित किया। नया मीटर लगने के बाद भी उसे गलत विद्युत बिल प्रेषित किऐ जा रहे हैं। माह जुलाई, 2008 में परिवादी को एक विद्युत बिल सं0-00369 प्राप्त हुआ जिसमें परिवादी से 40,550/- रूपया की मांग की गयी। परिवादी के अनुसार यह मांग गलत है। दिनांक 25/07/2008 को परिवादी ने विपक्षी सं0-2 से मिलकर अवगत कराया कि वह अप्रैल, 2008 तक के बिलों का भुगतान कर चुका है और उसके उपरान्त दिनांक 20/05/2008 को उसने 829/- रूपये का भुगतान विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में किया इस पर विपक्षी सं0-2 के लिपिक ने परिवादी को बताया कि दिनांक 31/03/2007 को जो मीटर परिवादी के परिसर से उतारा गया था उसकी सील टैम्पर्ड पायी गयी है जिसके सापेक्ष परिवादी के विरूद्ध 36,700/- रूपया का राजस्व निर्धारण किया गया है। परिवादी पुन: विपक्षी सं0-2 से मिला और प्रत्यावेदन देकर उन्हें अवगत कराया कि परिवादी के परिसर से उतारे गऐ विद्युत मीटर की सील टैम्पर्ड नहीं थी, परिवादी ने कभी विद्युत की चोरी नहीं की, उसे राजस्व निर्धारण का कोई नोटिस नहीं मिला, किन्तु विपक्षीगण सुनवा नहीं हुऐ और उन्होंने विद्युत बिल संशोधित करने से इन्कार कर दिया। परिवादी के अनुसार उसके पास फोरम के समक्ष परिवाद दाखिल करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से लिखित उत्तर कागज सं0-12/1 लगायत 12/6 दाखिल किया गया। लिखित उत्तर में परिवादी को विपक्षीगण का उपभोक्ता होना तो स्वीकार किया गया। विपक्षीगण के अनुसार परिवादी डिफाल्टर है। विपक्षीगण के अनुसार परिवादी का यह कथन असत्य है कि वह विपक्षी सं0-2 से मिला था। परिवादी के परिसर से उतारे गऐ मीटर की सील टैम्पर्ड पायी गयी थी और उसका अस्सिमेंट नियमानुसार किया गया। विद्युत बिलों का भुगातन न करने के उद्देश्य से अनुचित दबाव बनाने हेतु परिवादी ने यह परिवाद बदनियति से योजित किया है। परिवादी ने दिनांक 20/05/2008 के भुगतान की जो रसीद दाखिल की है उस पर पार्ट पेमेन्ट अंकित है। परिवादी का यह कथन असत्य है कि उसने निरन्तर बिलों का भुगतान किया है। विपक्षीगण के अनुसार उसका पुराना मीटर 5090 रीडिंग पर उतारा गया था। पुराने मीटर की 132 यूनिट का भुगतान तथा नये मीटर की जुलाई, 2008 तक की रीडिंग 9726 इस प्रका रकुल 9858 यूनिट का माह जुलाई, 2008 तक का भुगतान परिवादी पर बाजिव था। परिवादी द्वारा समय-समय पर किऐ गऐ भुगतान को समायोजित करते हुऐ सील टैम्पर्ड होने का अस्सिमेंट 3,19/- रूपया, मीटर की कीमत 1000/- रूपया तथा माह जुलाई, 2008 तक का विद्युत मूल्य 36,579/- रूपया परिवादी की ओर बकाया है जिसको अदा करने का वह उत्तरदायी है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर यह भी कथन किया गया कि सील टैम्पर्ड होने के आधार पर किऐ गऐ अस्सिमेंट के सम्बन्ध में परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को नहीं है। उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की। लिखित उत्तर के साथ परिवादी के विरूद्ध सील टैम्पर्ड होने के आधार पर किऐ गऐ राजस्व निर्धारण एवं अन्य देयों का विवरण संलग्नक-1 के रूप में दाखिल किया गया है जो पत्रावली का कागज सं0-12/7 है।
- परिवादी ने परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/6 के माध्यम से पुराना मीटर उतारे जाने एवं नया मीटर लगाऐ जाने सम्बन्धी सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांक 31/03/2007, 20/05/2008 को जमा की गयी विद्युत बिलों की रसीद, बिल दिनांक 17/05/2008 एवं बिल दिनांकित 25/07/2008 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र कागज सं0-3/7 लगायत 3/9 हैं। परिवादी ने सूची कागज सं0- 3/11 के माध्यम से मूल विद्युत बिल दिनांकित 20/01/2008, भुगातन की रसीद दिनांकित 30/04/2008, बिल दिनांकित 17/05/2008, भुगतान की रसीद दिनांकित 20/05/2008, बिल दिनांकित 21/12/2007, भुगतान की रसीद दिनांक 27/12/2007 एवं विपक्षी सं0-2 की ओर से भेजे गऐ राजस्व निर्धारण का नोटिस दिनांकित 19/03/2008 को दाखिल किया गया है।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/2 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से विद्युत नगरीय वितरण खण्ड प्रथम, मुरादाबाद के अधिशासी अभियन्ता श्री अनूप कुमार वर्मा का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0- 14/1 लगायत 14/6 दाखिल किया गया इस शपथ पत्र के साथ संलग्नक-1 के रूप में परिवादी के विरूद्ध सील टैम्पर्ड के आधार पर किऐ गऐ राजस्व निर्धारण एवं अन्य देयों का विवरण एवं पुराने मीटर की जॉंच रिपोर्ट को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र कागज सं0- 14/7 ता 14/8 हैं।
- परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से अवसर दिऐ जाने के बावजूद लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी विपक्षीगण का विद्युत उपभोक्ता है और उसका घरेलू विद्युत कनेक्शन सं0-2720/106271 है। इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि दिनांक 31/03/2007 को परिवादी के परिसर पर पुराने मीटर के स्थान पर विपक्षीगण द्वारा नया विद्युत मीटर लगाया गया और यह नया विद्युत मीटर इलैक्ट्रोनिक मीटर था। परिवादी को मीटर लगाऐ जाने का सीलिंग प्रमाण पत्र भी दिया गया जैसा कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में स्वीकार किया है। पत्रावली में अवस्थित मीटर सीलिंग सार्टिफिकेट कागज सं0- 3/7 के अवलोकन से प्रकट है कि उतारे गऐ पुराने मीटर की रीडिंग 5090 थी।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि नया मीटर लगाऐ जाने के बाद भी परिवादी को निरन्तर गलत बिल प्रेषित किऐ जा रहे हैं। परिवादी चाहता है कि उसे अप-टू-डेट मीटर रीडिंग के अनुसार अधिभार रहित विद्युत बिल जारी किया जाऐ और इस हेतु उसने विपक्षीगण से अनुरोध भी किया, किन्तु विपक्षीगण द्वारा उसके अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने परिवाद के साथ दाखिल विद्युत बिल कागज सं0- 3/9 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि यह बिल गलत है इसमें 40,550/- (चालीस हजार पाँच सौ पचास रूपया) की मांग भी गलत है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार वह निरन्तर बिलों का भुगतान करता आ रहा है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि परिवादी ने कभी विद्युत चोरी नहीं की। इसके बावजूद अभिकथित रूप से यह दर्शाकर कि परिवादी के परिसर से दिनांक 31/03/2007 को उतारे गऐ पुराने मीटर की सील टैम्पर्ड पायी गयी थी, कथित चोरी के आधार पर परिवादी के विरूद्ध राजस्व निर्धारण भी कर दिया गया और राजस्व निर्धारण की राशि भी बिल कागज सं0-3/9 में सम्मिलित कर दी गयी। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने बिल कागज सं0-3/9 में राजस्व निर्धारण की राशि 36,700/- रूपया होना बताया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अनुरोध किया कि परिवादी के विद्युत कनेक्शन के सापेक्ष अप-टू-डेट मीटर रीडिंग के अनुसार अधिभार रहित विद्युत मूल्य के विद्युत बिल परिवादी को उपलब्ध कराऐ जाये
- हमने पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत तर्कों के प्रकाश में अवलोकन किया। परिवादी की ओर से यह कहा गया है कि परिवादी ने निरन्तर विद्युत बिलों का भुगतान किया है, किन्तु परिवादी ने नया इलैक्ट्रोनिक मीटर लगाऐ जाने के बाद प्राप्त सभी विद्युत बिल एवं सारी रसीदें दाखिल नहीं की जिस कारण परिवादी का यह तर्क स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है कि उसने निरन्तर सारे बिलों का भुगतान किया है। परिवादी की ओर से दाखिल रसीद कागज सं0-3/16 पर यह उल्लेख कि इस रसीद द्वारा जमा की गयी धनराशि पार्ट पेमेन्ट है, यह दर्शाता है कि परिवादी द्वारा सभी बिलों का निरन्तर भुगतान नहीं किया गया। विद्युत विभाग के अधिशासी अभियन्ता श्री अनूप कुमार वर्मा के साक्ष्य शपथ पत्र के साथ अभिकथित रूप से परिवादी द्वारा दिनांक 31/03/2007 के उपरान्त किऐ गऐ विद्युत उपभोग का विवरण दाखिल किया गया है। यह विवरण पत्रावली का कागज सं0-14/7 है। इस विवरण में परिवादी द्वारा समय-समय पर जमा की गयी धनराशि का समायोजन भी किया गया है। इस विवरण में परिवादी के परिसर से दिनांक 31/03/2007 को उतारे गऐ पुराने मीटर की रीडिंग को भी समायोजित किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस विवरण में विपक्षीगण द्वारा बतायी गयी अभिकथित विद्युत चोरी के सापेक्ष किऐ गऐ राजस्व निर्धारण की धनराशि 3,194/- रूपया भी सम्मिलित है। इस विवरण के अनुसार राजस्व निर्धारण की धनराशि 3,194/- रूपया है न कि 36,700/- रूपया जैसा कि परिवाद पत्र के पैरा सं0-9 में परिवादी ने कहा है। इस विवरण के अनुसार जुलाई, 2008 तक परिवादी की ओर 36,579/- (छत्तीस हजार पाँच सौ उनासी रूपया) देय दर्शाये गये हैं। परिवादी पक्ष यह दर्शाने में असफल रहा है कि इस विवरण कागज सं0-14/7 में क्या त्रुटि है। ऐसी दशा में परिवादी का यह कथन स्वीकार नहीं किया जा सकता कि उसे जारी बिल कागज सं0-3/9 गलत है।
- यहाँ एक तथ्य यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षीगण के अनुसार परिवादी के परिसर से दिनांक 31/03/2007 को जो मीटर उतारा गया था उसकी जॉंच करने पर पाया गया कि उसकी सील टैम्पर्ड थी। परिवादी ने जो अभिलेख पत्रावली में दाखिल किऐ हैं उनमें अभिकथित रूप से मीटर की सील टैम्पर्ड पाऐ जाने के आधार पर परिवादी को प्रेषित राजस्व निर्धारण का नोटिस भी है जो पत्रावली का कागज सं0-3/18 है। विपक्षीगण के साक्षी श्री अनूप कुमार वर्मा के साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-14 के साथ दाखिल जॉच आख्या कागज सं0-14/8 में इस बात का उल्लेख है कि पुराने मीटर की जाँच करने पर उसकी सील टैम्पर्ड पायी गयी थी। परिवादी को भेजे गऐ विद्युत बिल कागज सं0-3/9 में कथित विद्युत चोरी के सापेक्ष राजस्व निर्धारण की धनराशि भी सम्मिलित है जैसा कि विवरण पत्र कागज सं0-14/7 से प्रकट है। परिवादी ने अन्य के अतिरिक्त अभिकथित रूप से बताई जा रही विद्युत चोरी से इन्कार करते हुऐ इसके सापेक्ष किये गये राजस्व निर्धारण को भी गलत बताया है। मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लिमिटे बनाम अनीस अहमद, ए0आई0आर0 2013 सुप्रीम कोर्ट पृष्ठ-2766 में निम्न व्यवस्था दी गयी है:-
“ A “ complaint ” against the assessment made by assessing officer under Section 126 or against the offences committed under Sections 135 to 140 of the Electricity Act, 2003 is not maintainable before a Consumer Forum. ” 12 - पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य सामग्री, तथ्यों, परिस्थितियों तथा मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनीस अहमद के उपरोक्त मामले में दी गयी विधि व्यवस्था के दृष्टिगत परिवाद तथ्यत: एवं विधानत: दोनों ही दृष्टि से खारिज होने योग्य है। आदेश परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
23.06.2015 23.06.2015 23.06.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 23.06.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
23.06.2015 23.06.2015 23.06.2015 | |