ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि परिवादी के विधुत कनेक्शन सं0-090934 के बिल दिनांकित 12/10/2007 से आगे के बिल मीटर्ड यूनिट के अनुसार बनाकर परिवादी को उपलब्ध कराऐ जाये ताकि परिवादी उनका सुचारू रूप से भुगतान कर सके। परिवादी ने यह भी अनुरोध किया है कि बिल दिनांकित 13/11/2007 में 46,980/- रूपये की धनराशि किसी प्रकार परिवादी पर अधिरोपित की गयी है उसका पूर्ण विवरण परिवादी को उपलब्ध कराया जाये और उसका बिल अलग से परिवादी को दिया जाय। मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं आर्थिक हानि की मद में 25,000/- रूपया तथा वाद व्यय, अधिवक्ता शुल्क इत्यादि की मद में 5,500/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी विधुत कनेक्शन सं0- 090934 बुक सं0-0509 का धारक है। परिवादी बिजली का वैध उपभोक्ता है। दिनांक 28/06/2007 को परिवादी की चेकिंग की गयी थी चेकिंग में परिवादी का विधुत उपयोग और उपभोग सही पाया गया। चेकिंग रिपोर्ट में चेकिंग टीम द्वारा उल्लेख किया गया कि परिवादी को 5 कि0वाट क्षमता का विधुत भार स्वीकृत था किन्तु भूलवश उसके स्थान पर बिल में 1 कि0वाट अंकित हो रहा था जिसे विभागीय अभिलेखों में संशोधित कराया जाये। परिवादी को मीटर यूनिट के हिसाब से जो बिल प्राप्त हो रहे थे उनका वह भुगतान कर रहा था। परिवादी को बिल दिनांक 12/08/2007 मुवलिंग 9,427/-रूपया का प्राप्त हुआ जिसके सापेक्ष पार्ट पेमेंट के रूप में परिवादी ने 5,000/- रूपया विपक्षी के यहॉं जमा कर दिऐ। परिवादी को बिल दिनांकित 13/11/2007 मुवलिग 46,980/- रूपया का प्राप्त हुआ जिसमें 46,980/- रूपया ई.सी./ई.डी. ए.डी.जे. की मद में जोड़े गये थे। परिवादी उक्त बिल को लेकर विपक्षी के कार्यालय में गया वहॉं उसने चेकिंग रिपोर्ट भी दिखाई। विपक्षी के कार्यालय में भूल स्वीकार की गयी। परिवादी ने अनुरोध किया कि उसे सही बिल बनाकर दिया जाये किन्तु कई चक्कर लगाने के बाद भी उसे सही बिल बनाकर उपलब्ध नहीं कराया गया। परिवादी 5,000/- रूपया प्रतिमाह की दर से धनराशि विपक्षी को अदा करना चाहता है, किन्तु विपक्षी ने उसे बिल बनाकर नहीं दिया। परिवादी एकमुश्त धनराशि जमा करने में असमर्थ है क्योंकि गलती विपक्षी की थी। परिवादी के अनुसार उसने विपक्षी को नोटिस भी दिया, किन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं की गयी। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि मजबूरन उसे फोरम के समक्ष आना पड़ा और परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/8 दाखिल किया गया। प्रतिवाद पत्र में परिवादी द्वारा 5 कि0वाट का विधुत कनेक्शन लिया जाना तथा दिनांक 28/06/2007 को उसकी चेकिंग किया जाना तो स्वीकार किया गया है किन्तु परिवाद के शेष कथनों से इन्कार किया गया है। प्रतिवाद पत्र में कहा गया कि चेकिंग के समय यह पाया गया कि 5 कि0वाट स्वीकृत भार होने के बावजूद परिवादी की बिलिंग मात्र 1 कि0वाट की हो रही है। लिपिकीय त्रुटि के कारण कम्प्यूटर में 5 कि0वाट के स्थन पर .5 कि0वाट अंकित हो गया जिस कारण ऐसा हुआ। अग्रेत्तर कहा गया कि परिवादी ने जानबूझकर इस बात को छिपाया कि उसकी बिलिंग कम हो रही है। यह भी कहा गया कि परिवादी को व्यवसायिक कार्यों के लिए विधुत कनेक्शन दिया गया था। परिवादी ने माह सितम्बर, 2007 तक .5 कि0वाट भार के अनुसार बिलों का भुगतान किया जो गलत था। जुलाई, 1994 से अक्टूबर, 2007 तक परिवादी ने कम विधुत भार के बिल जमा किये, उसकी और माह अक्टूर, 2007 तक 1,30,888/- रूपया बकाया निकलता है जिसमें सरचार्ज सम्मिलित नहीं है। दिनांक 13/11/2007 का परिवादी को 59,292/- रूपया का बिल भेजा गया है जिसमें परिवादी की ओर निकलने वाले 1,30,888/- रूपया में से 46,980/-रूपये भी जोड़ दिऐ गये हैं अभी भी परिवादी की ओर 83,908/- रूपया 80 पैसे बकाया हैं। विपक्षी का कथन है कि परिवादी 1,30,888/- रूपया की अदायगी का जिम्मेदार है। यह कहते हुऐ कि फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है और परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ परिवाद को सव्यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
- प्रतिवाद पत्र के साथ संलग्नक के रूप में दिनांक 28/06/2007 की चेकिंग रिपोर्ट और परिवादी द्वारा देय 1,30,888/- रूपया 80 पैसे का विवरण दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-15/9 लगायत 15/13 हैं।
- परिवादी ने परिवाद के साथ बिल दिनांकित 12/10/2007, इसके सापेक्ष 5,000/- रूपया पार्ट पेमेन्ट के रूप में जमा करने की रसीद, चेकिंग रिपोर्ट दिनांकित 28/06/2007 एवं बिल दिनांकित 13/11/2007 की नकलों को दाखिल किया गया है, जो पत्रावली के कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-23/1 लगायत 23/5 दाखिल किया जिसके साथ उसने विपक्षी को दिये गये नोटिस दिनांकित 08/12/2007 और उसे भेजे जाने की डाकखाने की रसीद की फोटो प्रति, सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन परिवादी द्वारा विपक्षी के समक्ष प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दिनांकित 10/12/2007 और 24/01/2003 के मीटर सीलिंग सार्टिफिकेट की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-23/6 लगायत 23/9 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से श्री ए0के0 वर्मा अधिशासी अभियन्ता का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-24/1 लगायत 24/9 दाखिल किया गया जिसके साथ चेकिंग रिपोर्ट दिनांकित 28/06/2007 और परिवादी की ओर से अभिकथित रूप से निकलने वाले 1,30,888/- रूपया 80 पैसे के विवरण की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-24/10 लगायत 24/14 हैं। परिवादी ने रिज्वांइडर शपथ पत्र 25/1 लगायत 25/2 दाखिल किया। किसी पक्ष ने अवसर दिये जाने के बावजूद भी लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है। परिवादी को यह स्वीकार है कि दिनांक 28/06/2007 को उसके परिसर की विपक्षी की चेकिंग टीम द्वारा चेकिंग की गयी थी और चंकिंग में यह पाया गया था कि यधपि परिवादी को 5 कि0वाट क्षमता का विधुत भार स्वीकृत है, किन्तु उसकी बिलिंग 1 हार्स पावर लोड के हिसाब से हो रही थी। स्वीकृत रूप से परिवादी द्वारा विधुत की चोरी किया जाना नहीं पाया गया था।
- दिनांक 28/06/2007 को हुई चेकिंग की चेकिंग रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/25 है। चेकिंग टीम ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि किसी भूल की बजह से 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर के हिसाब से परिवादी की बिलिंग हो रही है जिसे अभिलेखों के अनुसार इसे संशोधित किया जाना चाहिऐ। विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-18 में यह स्वीकार किया गया है कि उक्त गलती कम्प्यूटर में 5.00 कि0वाट के स्थान पर .500 कि0वाट छप जाने की बजह से हुई थी। प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-19 में रिकार्ड में तद्नुरूप संशोधन किये जाने की भी बात कहीं गयी है।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने बहस के दौरान कहा कि 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर की बिलिंग होने में परिवादी की कोई गलती नहीं है, यह विपक्षी की विभागीय त्रुटि है। परिवादी 5 कि0वाट क्षमता के अनुसार नियमानुसार भुगतान करने के लिए तैयार है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कहना है कि कथित भूल में चॅूंकि परिवादी की कोई गलत नहीं है अत: परिवादी की ओर जो अन्तर की धनराशि निकलती हैं उस पर वह लेट फीस अथवा ब्याज अथवा पेनल्टी अदा करने का उत्तरदायी नहीं है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने बहस के दौरान यह कहा कि परिवादी को बताना चाहिऐ था कि उसे 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर के अनुसार बिल भेजे जा रहे हैं, परन्तु परिवादी ने नहीं बताया ऐसी दशा में गलती परिवादी की है उसे लेट फीस ,ब्याज, पेनल्टी इत्यादि से छूट नहीं दी जा सकती। हम विपक्षी की ओर से दिऐ गऐ तर्कों से सहमत नहीं हैं। विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र में स्वयं यह बात स्वीकार की गयी है कि कम्प्यूटर में गलत छप जाने की बजह से गलत बिलिंग हुई अत: अपनी गलती को छिपाने के लिए परिवादी को जिम्मेदार ठहराया जाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकताा। जैसा कि स्वयं परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि जब से उसकी बिलिंग 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर की हो रही है तब से दिनांक 25/10/2007 तक की अवधि का कार्यालय ज्ञापन 1 हार्स पावर के स्थान पर 5 कि0वाट स्वीकृत भार के अनुसार यदि उसे उपलब्ध करा दिया जाऐ तो वह उसका भुगतान करने के लिए तैयार है। हम इस मत के हैं कि जिस दिन से परिवादी को 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर की बिलिंग किया जाना प्रारम्भ हुआ है उस दिन से लेकर 26/10/2007 तक की अवधि का प्रतिमाह / 2 माह के हिसाब से कार्यालय ज्ञापन बनाकर परिवादी को उपलब्ध करवा दिया जाये ताकि परिवादी उसका भुगतान विपक्षी को कर सके। इस कार्यालय ज्ञापन में कोई लेट फीस,पेनल्टी अथवा ब्याज न लगाया जायेगा क्योंकि गलत बिलिंग में परिवादी की कोई गलती नहीं पायी गयी है। यहॉं हम यह उल्लेख करना आवश्यक समझते हैं कि विपक्षी की ओर से बहस के दौरान परिवादी का यह कथन स्वीकार किया गया है कि दिनांक 25/10/2007 के बाद की अवधि का परिवादी द्वारा नियमित भुगतान किया गया है। जहॉं तक परिवादी द्वारा किश्तों में अदायगी की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया गया है हमारे मत में इसे स्वीकार किया जाना उचित दिखाई नहीं देता। विपक्षी की ओर से ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नही किया गया जिससे प्रकट हो कि प्रश्नगत कनेक्शन घरेलू न होकर वाणिज्यिक है अत: विपक्षी की ओर से परिवाद की सुनवाई के क्षेत्राधिकार सम्बन्धी जो आपत्ति उठायी गयी है उसे हम अस्वीकृत करते हैं।
- उपरोक्तानुसार परिवाद निस्तारित होने योग्य है।
जिस तिथि से परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी के कनेक्शन की बिलिंग 5 कि0वाट के स्थान पर 1 हार्स पावर के अनुसार होना प्रारम्भ हुआ है उस तिथि से दिनांक 25/10/2007 तक की अवधि हेतु 1 हार्स पावर के स्थान पर 5 कि0वाट विधुत भार के अनुसार प्रतिमाह/ 2 माह के अनुसार विपक्षी परिवादी को कार्यालय ज्ञापन दो माह के भीतर जारी करेगा। इस कार्यालय ज्ञापन में परिवादी द्वारा उक्त अवधि हेतु अदा की जा चुकी धनराशि समायोजित की जायेगी। परिवादी इस धनराशि पर कोई लेट फीस, ब्याज अथवा पेनल्टी अदा करने का उत्तरदायी नहीं होगा। कार्यालय ज्ञापन उपलब्ध होने के दो माह के भीतर परिवादी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार धनराशि विपक्षी को अदा करेगा। परिवादी विपक्षी से परिवादी परिवाद व्यय की मद में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने का भी अधिकारी होगा। परिवाद तदानुसार निस्तारित किया जाता है। (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 25.07.2015 25.07.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.07.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबा 25.07.2015 25.07.2015 | |