Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/138/2010

Shri Rajpal Singh - Complainant(s)

Versus

P.V.V.N.L - Opp.Party(s)

19 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/138/2010
 
1. Shri Rajpal Singh
R/o Singhman Hazari, Katghar Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. P.V.V.N.L
Add:- EED-I Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 19 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षीगण को आदेशित किया जाय कि वे परिवादी से किसी प्रकार की  कोई धनराशि वसूल न करें क्‍योंकि परिवादी के विरूद्ध बिजली के बिल   की कोई धनराशि देय नहीं है। क्षतिपूर्ति की मद में 25,000/- रूपया और  परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगा है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी वि|qत कनेक्‍शन सं0-115254 का उपभोक्‍ता है। यह कनेक्‍शन एल0एम0वी0-2 श्रेणी का  है। परिवादी ने समय-समय पर बिलों के भुगतान किऐ हैं उसकी ओर  कोई धनराशि बकाया नहीं है। विपक्षी सं0-1 ने नियमानुसार बिजली की आपूर्ति नहीं की और सही बिल भी नहीं बनाऐ और अवैध रूप  से गलत बिल बनाकर परिवादी को परेशान किया जाता रहा है। बिजली  का केबिल और समस्‍त उपकरण विपक्षीगण उखाड़कर ले गऐ इसके बावजूद बिजली के बिलों की परिवादी से मांग की जा रही है। परिवादी ने दिनांक 31/3/2010 को ओ0टी0एस0 योजना का लाभ लेने हेतु 1000/- रूपया जमा किऐ, किन्‍तु परिवादी को ओ0टी0एस0 स्‍कीम का लाभ नहीं दिया गया, बल्कि आर0सी0 जारी करने की उसे धमकी दी जा रही है।  परिवादी का यह भी कहना है कि वह उच्‍च अधिकारियों से भी मिला किन्‍तु उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई तब उसने फोरम के समक्ष यह परिवाद योजित किया है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4  दाखिल किया। शपथ पत्र के साथ उसने ओ0टी0एस0 स्‍कीम हेतु दिनांक 31/3/2010 को जमा किऐ गऐ 1000/-रूपये की रसीद और ओ0टी0एस0  में पंजीकरण हेतु पंजीकरण फार्म मूल रूप में दाखिल किऐ, यह  प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/6 हैं।
  4. विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/7   दाखिल हुआ जिसमें यह तो स्‍वीकार किया गया है कि परिवादी व्‍यवसायिक प्रयोजन हेतु वि|qत कनेक्‍शन सं0-115254/2654 का उपभोक्‍ता है और यह कनेक्‍शन एल0एम0वी0-2 श्रेणी का है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से  इन्‍कार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कथन किया गया है कि  परिवादी ने ओ0टी0एस0 स्‍कीम का लाभ लेने हेतु दिनांक 31/3/2010 को  1000/- रूपया जमा किऐ थे जिस पर उसे 29340/-रूपये का बिल जमा करने हेतु दिया गया जो उसने जमा नहीं किया, अत: अब वह  ओ0टी0एस0 स्‍कीम का लाभ पाने का अधिकारी नहीं है। विशेष कथनों  में कहा गया है कि परिवादी ने तथ्‍यों को छिपाकर बदनियति से यह  परिवाद योजित किया है उसका यह कथन असत्‍य है कि उसने लगातार  बिजली के बिलों का भुगतान किया है। परिवादी ने भुगतान की कोई रसीद  भी दाखिल नहीं की वह स्‍वच्‍छ हाथों ने फोरम के समक्ष नहीं आया है। परिवादी को नियमित रूप से सही बिल भेजे गये, किन्‍तु उसने बिलों का  भुगतान नहीं किया जिसके लिए परिवादी स्‍वयं जिम्‍मेदार है। परिवादी ने  चॅूंकि बकाया जमा नहीं किया था अत: दिनांक 24/3/2005 को उसकी  लाइन काट दी गई। दिनांक 28/2/2006 को उसका मीटर भी पी0डी0 हेतु उतार लिया गया। उतारे गऐ मीटर की जॉंच की गई मीटर की सील सही  पाई गई, मीटर की रीडिंग 2634.2 थी। परिवादी मार्च 2005 तक की  बकाया राशि अदा करने का जिम्‍मेदार है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कथन  किया गया है कि ओ0टी0एस0 स्‍कीम में सरचार्ज माफ कर परिवादी को  29340/- रूपये का बिल दिया गया था जो उसने जमा नहीं किया। परिवादी का कनेक्‍शन एल0एम0वी0-2 श्रेणी का है जो व्‍यवसायिक प्रयोजन के  लिए स्‍वीकृत हुआ था ऐसी दशा में उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की  धारा-2(1)(डी) के अनुसार फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार  नहीं है क्‍योंकि परिवादी ‘’ उपभोक्‍ता ‘’  की श्रेणी में नहीं आता है। उक्‍त  कथनों के आधार पर परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की गई।
  5. प्रतिवाद पत्र के साथ कार्यालय ज्ञापन दिनांक 23/9/2010, मीटर सीलिंग सर्टिफिकेट दिनांक 28/2/2006, फिक्टिसियस ड्यूज को समाप्‍त  करने हेतु कमेटी के समक्ष प्रस्‍तुत फार्म तथा कार्यालय ज्ञापन दिनांकित 23/10/2010 परिवादी को भेजे जाने की डाकखाने की फोटो प्रतियों को  दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-11/8 लगायत 11/12  हैं।
  6. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/2  दाखिल किया।
  7. विपक्षीगणगण की ओर से श्री सुरेश चन्‍द्र अधिशासी अभियन्‍ता का  साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/7 दाखिल हुआ।
  8. किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।  
  9. बहस हेतु परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ। हमने विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी और पत्रावली का अवलोकन किया।
  10. विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि फोरम को परिवाद की  सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है क्‍योंकि परिवादी का कनेक्‍शन व्‍यवसायिक उद्देश्‍यों हेतु लिया गया था। यह कनेक्‍शन एल0एम0वी0-2 श्रेणी था जैसा कि परिवाद के पैरा संख्‍या-2 में परिवादी ने स्‍वयं स्‍वीकार किया है। हम  विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क से सहमत हैं। वेस्‍ट बंगाल स्‍टेट  इलैक्‍ट्रीसिटी डिस्ट्रिव्‍यूशन कम्‍पनी बनाम मे फलावर बिल्‍ड काम प्राईवेट , II (2016) सी0पी0जे0पृष्‍ठ-883 (एन0सी0) की निर्णयज विधि  में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह  अवधारित किया जा चुका है कि व्‍यवसायिक उद्देश्‍यों हेतु विघुत कनेक्‍शन  से सम्‍बन्धित विवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्‍ता फोरम को नहीं है। इस निर्णयज विधि के दृष्टिगत फोरम को वर्तमान परिवाद  की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।
  11. गुणावगुण के आधार पर भी परिवाद खारिज होने योग्‍य है। परिवादी ने यधपि अपने परिवाद पत्र में यह कथन किया है कि उसकी ओर बिजली के बिलों की कोई धनराशि देय नहीं है, किन्‍तु उसने बिलों के भुगतान की  कोई रसीद दाखिल नहीं की। इसके विपरीत विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र के साथ जो प्रपत्र दाखिल किऐ गऐ हैं उनसे प्रकट है कि परिवादी की  पी0डी0 दिनांक 28/2/2006 को हुई थी और दिनांक 23/9/2010 को कार्यालय ज्ञापन जारी करते समय उसकी ओर 32,861/-रूपया की धनराशि  बकाया थी। परिवादी के इस कथन में भी कोई बल नहीं है कि ओ0टी0एस0 का लाभ देने हेतु 1000/-रूपया जमा कर देने के बावजूद उसे विपक्षीगण ने ओ0टी0एस0 का लाभ नहीं दिया क्‍योंकि परिवादी ने ओ0टी0एस0 के तहत बनाये गऐ 29340/-रूपये की धनराशि का बिल जमा नहीं किया। परिवादी स्‍वच्‍छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया है उसका परिवाद प्रत्‍येक दृष्टिकोण से खारिज होने योग्‍य है।
  12.  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    19.07.2016           19.07.2016        19.07.2016

 

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 19.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      19.07.2016          19.07.2016         19.07.2016

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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