Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/91/2009

Shri Pushkar Suyal - Complainant(s)

Versus

P.V.V.N.L - Opp.Party(s)

04 Aug 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/91/2009
 
1. Shri Pushkar Suyal
R/o Shop 110 Helet Road, Moradabd Linepaar, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. P.V.V.N.L
E.E.D-I Civil Line Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 04 Aug 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाय कि वह परिवादी के बिजली मीटर की  सही रीडिंग ले और प्रार्थी द्वारा जमा किऐ गऐ रूपयों को समायोजित करते हुऐ उसका बिजली का बिल ठीक करे। क्षतिपूर्ति की मद में  50,000/- रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 5000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि हैलट रोड, मुरादाबाद  स्थित परिवादी की दुकान ’’ सत्‍या कम्‍प्‍यूटर्स ‘’ में वि|qत कनेक्‍शन सं0-1151/099786 लगा हुआ है। परिवादी का कथन है कि उसकी दुकान में   लगे मीटर की पिछले 2 वर्षों से रीडिंग नहीं ली जा रही और उसका बिल मीटर खराब दर्शाकर (आई0डी0एफ0) भेजा जा रहा है जबकि मीटर  बिल्‍कुल ठीक है। बिजली विभाग के एस0डी0ओ0 ने जॉंच करके मीटर को  सही बताया है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी परिवादी का बिल  ठीक नहीं किया जा रहा है और हर महीने आई0डी0एफ0 में ज्‍यादा रूपयों  का बिल परिवादी को भेजा जा रहा है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद  परिवादी के बिजली के मीटर की रीडिंग नहीं ली जा रही है। दिनांक 05/3/2009 को परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता द्वारा विपक्षी को नोटिस भी भिजवाया इसके बावजूद परिवादी की कोई सुनवाई नहीं की गई।   परिवादी के अनुसार परिवाद योजित करने के अतिरिक्‍त उसके पास कोई  विकल्‍प नहीं है अत: उसने यह परिवाद योजित किया। परिवादी ने परिवाद  में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ परिवादी ने सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से  विपक्षी को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 05/3/2009 की कार्बन कापी, इस नोटिस को भेजे जाने की डाकखाने की रसीद तथा असल वि|qत बिल दिनांकित 9/3/2009 मूल रूप में दाखिल किया गया है।
  4. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/3   दाखिल किया गया जिसके साथ मीटर चैकिंग रिपोर्ट दिनांकित 5/6/2009 और मीटर रीडिंगके अनुसार बनाऐ गऐ परिवादी के वि|qत बिल की फोटो कापh को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, यह संलग्‍नक पत्रावली के  कागज सं0-7/4 व 7/5 हैं। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्‍वीकार किया गया  कि परिवादी की दुकान में वि|qत कनेक्‍शन सं0-1151/099786 लगा  हुआ  है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विशेष कथनों में  कहा गया कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ तथा परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन एल0एम0वी0-2 श्रेणी का है अत: फोरम को परिवाद  की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। यह भी कहा गया कि सम्‍बन्धित जे0ई0 से परिवादी के मीटर को चेक कराकर रिपोर्ट मंगाई गई तो 24/5/2009 को मीटर की रीडिंग 1637 पाई गई। आई0डी0एफ0 में जमा धनराशि को समायोजित करते हुऐ इस रीडिंग के अनुसार संशोधित बिल 3050/- रूपये का बनाया गया। इस प्रकार आई0डी0एफ0 के बिल संशोधित  कर दिऐ गऐ हैं और परिवादी द्वारा की गई शिकायत सारहीन हो गई है।  आई0डी0एफ0 में बिल जारी होने के सम्‍बन्‍ध में प्रतिवाद पत्र में कहा  गया कि मीटर रीडिंग हेतु अधिकृत एजेन्‍सी मैसर्स सर्वलोक सर्विसेज,  मुरादाबाद द्वारा मीटर रीडिंग न भेजे जाने के आधार पर आई0डी0एफ0  के बिल भेजे गऐ और आई0डी0एफ0 में कम्‍प्‍यूटर द्वारा निर्धारित 104  यूनिट के बिल बनाऐ गऐ थे। अग्रेत्‍तर यह कहते हुऐ कि मीटर रीडिंग के  अनुसार परिवादी के बिल चॅूंकि संशोधित हो गऐ हैं अत: परिवादी की  शिकायत सारहीन हो गई, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की  प्रार्थना की गई।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/3   दाखिल किया जिसके साथ उसने विपक्षी के एस0डी0ओ0 को भेजे गऐ  पत्र दिनांकित 7/4/007, पत्र दिनांकित 26/2/2008, बिल दिनांकित  9/3/2009, दिनांक 31/3/2007 को जमा किऐ गऐ 5158/- रूपये की रसीद, बिल दिनांकित 07/2/2008,  बिल  दिनांकित 11/10/2008, दिनांक 08/11/2008 को जमा 2750/- रूपया और 2000/-रूपया की रसीदें,  दिनांकि 22/1/2003 को जमा 2243/- रूपये की रसीदें और बिल  दिनांक 29/10/2009, 28/12/2009 तथा 21/4/2010 की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-9/4  लगायत 9/12 हैं।
  6. विपक्षी की ओर से तत्‍कालीन अधिशासी अभियन्‍ता श्री राजेश कुमार मित्‍तल का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/3 दाखिल  हुआ जिसके साथ परिवादी के मीटर की चेकिंग रिपोर्ट और मीटर रीडिंग के आधार पर बनाऐ गऐ वि|qत बिलों की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक  दाखिल किया गया।
  7. परिवादी ने रिज्‍वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-12/1  लगायत 12/7   दाखिल किया जिसके साथ वि|qत बिल दिनांक 21/9/2010, बिल दिनांक 20/10/2010 तथा बिल दिनांकित 18/11/2010 की फोटो प्रतियों को   बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया।
  8. किसी भी पक्ष ने अपनी लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  9. हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।     
  10. परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी बिजली मीटर ठीक होने के बावजूद विपक्षी ने आई0डी0एफ0 में बिल बनाकर भेजे जो  गलत है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने बिल कागज सं0-3/7, अवर अभियन्‍ता की रिपोर्ट कागज सं0-7/4 तथा बिल कागज सं0-7/5 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ यह भी कहा कि चेक करने पर परिवादी का मीटर सही पाया गया और मीटर रीडिंग के अनुसार बिल तो विपक्षी ने बना दिया, किन्‍तु बिल कागज सं0-7/5 में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया कि परिवादी द्वारा पूर्व में जमा की गई धनराशि को किस प्रकार बिल में  समायोजित किया गया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादी के  साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ बतौर संलग्‍नक दाखिल बिल कागज सं0-9/12 को इंगित करते हुऐ यह भी तर्क दिया कि अब पुन: परिवादी को बिल  आई0डी0एफ0 के भेजे जा रहे हैं और इस प्रकार विपक्षी निरन्‍तर सेवा  में कमी कर रहा है।
  11. विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने सर्वप्रथम यह आपत्ति उठाई कि  परिवाद फोरम में पोषणीय नहीं है क्‍योंकि परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन   ‘’ कामर्शियल ‘’ है जिसकी सुनवाई का क्षेत्राधिकार फोरम को नहीं है।  गुणावगुण के आधार पर भी उन्‍होंने कहा कि परिवादी की दुकान बन्‍द  पड़ी होने के कारण मीटर की रीडिंग लेना सम्‍भव नहीं था ऐसी दशा में आई0डी0एफ0 के बिल भेजने के अतिरिक्‍त विपक्षी के पास कोई विकल्‍प नहीं था। अन्‍यथा भी मीटर रीडिंग के अनुसार परिवादी को चॅूंकि बिल उपलब्‍ध करा दिया गया है अत: परिवादी की शिकायत अब सारहीन हो  गई है। उन्‍होंने परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की। हम विपक्षी के  तर्कों से सहमत हैं।  
  12. परिवाद के पैरा सं0-2 में परिवादी ने स्‍वयं यह उल्‍लेख किया है  कि उसका बिजली का कनेक्‍शन दुकान में लगा हुआ है। इस प्रकार कनेक्‍शन कामर्शियल है।
  13. II (2016) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-383 (एन0सी0), वेस्‍ट बंगाल स्‍टेट  इलैइलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिव्‍यूशन कम्‍पनी बनाम में फलावर विल्‍डकाम प्राईवेट लिमिटेड की निर्णयज विधि में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि व्‍यापारिक प्रयोजनार्थ  लिऐ गऐ वि|qत कनेक्‍शन का विवाद सुनने का उपभोक्‍ता फोरम को अधिकार नहीं है क्‍योंकि ऐसे मामलों का परिवादी  ‘’ उपभोक्‍ता ‘’  नहीं है। इस निर्णयज विधि के अनुसार चॅूंकि फोरम को परिवाद की सुनवाई  का क्षेत्राधिकार नहीं है अत: परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  14. अन्‍यथा भी परिवाद स्‍वीकार किऐ जाने योग्‍य नहीं है। पत्रावली में  अवस्थित जूनियर इंजीनियर की रिपोर्ट कागज सं0-7/4 और बिल कागज  सं0-7/5 से प्रकट है कि परिवादी को मीटर रीडिंग के अनुसार बिल उपलब्‍ध   करा दिया गया था। जहॉं तक इस बात का प्रश्‍न है कि परिवादी की  दुकान के बिल आई0डी0एफ0 में क्‍यों भेजे गऐ इस सन्‍दर्भ में विपक्षी द्वारा प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-13 में आई0डी0एफ0 में बिल भेजने का  कारण स्‍पष्‍ट किया है। परिवादी की दुकान अक्‍सर बन्‍द रहती है इस  कारण भी मीटर रीडिंग नियमित रूप से न लिऐ जाने का एक कारण यह  भी है कि परिवादी की दुकान काफी समय से बन्‍द पड़ी है जैसा कि  परिवादी ने अपने शिकायती पत्र कागज सं0-9/4 में स्‍वयं स्‍वीकार किया है। इस प्रकार परिवादी को आई0डी0एफ0 में बिल भेजे जाने में विपक्षी की ओर से कोई कमी नहीं है। परिवाद गुणावगुण के आधार पर भी  खारिज होने योग्‍य है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      04.08.2016           04.08.2016        04.08.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 04.08.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      04.08.2016          04.08.2016         04.08.2016

 

 

 

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