Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/132/2013

Shri Imran Ahmed - Complainant(s)

Versus

P.V.V.N.L - Opp.Party(s)

09 Sep 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/132/2013
 
1. Shri Imran Ahmed
R/o Rafatpura Sabun Wali Gali, Thana Mugalpura, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. P.V.V.N.L
EED-I Civil Line, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने  अनुरोध किया है  कि  विपक्षीगण को  आदेशित  किया जाये कि  परिवादी को  जारी 17,295/- रूपया के  बिल   के स्‍थान पर  सही  रीडिंग के  अनुसार परिवादी से धनराशि वसूल करें। मानसिक कष्‍ट  की  मद  में  बतौर हर्जाना 25,000/- रूपया तथा  परिवाद व्‍यय  परिवादी ने  अतिरिक्‍त  मांगा है।
  2.   संक्षेप में  परिवाद कथन  इस प्रकार हैं  कि परिवादी ने एक मकान सं0- ई0डब्‍लू0एस0-18, आजाद नगर, धीमरी रोड, एम0डी0ए0 से खरीदा था। यह मकान अक्‍सर बन्‍द रहता है। परिवादी ने इस मकान में दिनांक 23/09/2010 को  एक किलोवाट का नया बिजली का कनेक्‍शन  लगवाया जिसका सर्विस कनेक्‍शन सं0-2703/143007 है। इस पर विपक्षीगण द्वारा नया इलैक्‍ट्रोनिक मीटर सं0- ई 00001 लगाया गया। परिवादी ने जब-जब जितना विधुत उपयोग किया उसका बिल उसने जमा किया। नवम्‍बर, 2012 व अप्रैल, 2013 में उक्‍त मीटर जम्‍प लेकर 26/04/2013 को 1600 के स्‍थान पर 5063 यूनिट दिखानेलगा। मई, 2013 के बिल की राशि 13,183/- रूपया आई जबकि याची का घर अक्‍सर बन्‍द रहता है। जब याची को मीटर  के जम्‍प होने का पता चला तो उसने एक प्रार्थना पत्र एस0डी0ओ0 दिया। एस0डी0ओ0 ने याची के मीटर पर चेक  मीटर लगाने के आदेश दिऐ। परिवादी ने चेक मीटर लगाने के लिए विपक्षीगण के कार्यालय में  दिनांक 06/05/2013  को 100/- रूपये जमा कर दिऐ। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण द्वारा परिवादी के मीटर पर चेक मीटर लगाने  के बजाऐ उसके स्‍थान पर दिनांक 07/06/2013 को एक नया मीटर सं0- एम01242100 ई 00010000000190 लगा दिया। जिस समय  नया  मीटर लगाया उस समय  पुराना मीटर 5223 यूनिट दिखा रहा  था। परिवादी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि माह अप्रैल, 2013 के बिजली के बिल में पुराना मीटर 1600 यूनिट दिखा रहा था जबकि विधुत उपभोग का  बिल 636 यूनिट का था। जून माह के बिल में मीटर विधुत उपभोग यूनिट 5063 दिखा रहा था बिल की राशि 13,079/- रूपये हो गई। समस्‍त तथ्‍यों  से अवगत कराते हुऐ परिवादी ने 30/07/2013 को एक प्रार्थना पत्र विपक्षी सं0-2 को दिया और उनसे अनुरोध किया कि गलत बिल की धनराशि खत्‍म करके परिवादी से सही बिल ले लें, किन्‍तु परिवादी के इस प्रार्थना पत्र पर रिसीविंग यह कहते हुऐ नहीं दी गई कि यहां रिसीविंग का कोई प्राविधान नहीं है। परिवादी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि जुलाई, 2013 में मीटर 5063 की जगह 5223 यूनिट दिखाने लगा और  बिल  राशि 14,327/- रूपया हो गई। दिसम्‍बर, 2013 में  यह राशि बढ़कर 17,295/- रूपये हो गई। परिवादी का आरोप है कि बिजली विभाग के कर्मचारी ने खराब मीटर को चेक करने के लिए एस0डी0ओ0 के आदेश के बावजूद और चेक  मीटर की फीस जमा कर दिऐ जाने के बावजूद न तो चेक मीटर लगाया और  न ही गलत बिलों को सही किया ऐसा करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है। विपक्षीगण के कृत्‍यों  से परिवादी को अत्‍यन्‍त मानसिक कष्‍ट भी  पहुँचा है।  परिवादी ने  परिवाद में  अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से परिवादी ने विपक्षी सं0-2 को सम्‍बोधित प्रार्थना पत्र दिनांकित 30/07/2013,बिल दिनांकित 11/08/2013, बिल दिनांकित 09/09/2013, बिल दिनांक 13/06/2013, नया  मीटर लगाऐ जाने का मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांक 07/06/2013, चेक ​मीटर लगाऐ जाने हेतु परिवादी द्वारा जमा किऐ गऐ 100/- रूपये की रसीद, एस0डी0ओ0 को सम्‍बोधित परिवादी के शिकायती पत्र, बिल दिनांकित 05/04/2013, बिल दिनांकित 28/11/2013 तथा दिनांक 01/10/2010 को  परिवादी के आवास पर लगाऐ गऐ बिजली के मीटर के सीलिंग प्रमाण पत्र की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/5 लगायत 3/12 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/4 दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में एस0डी0ओ0 को शिकायती पत्र दिया जाना तो स्‍वीकार किया गया, किन्‍तु शेष अभिकथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्‍तर कहा गया कि परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिसर में  दिनांक 01/10/2010 को घरेलू विधुत कनेक्‍शन  सं0-2703/143007 लगाया  गया था।  परिवादी को नियमित विधुत बिल भेजे गये, किन्‍तु उसने बिलों का  भुगतान नहीं किया और डिफाल्‍ट किया। परिवादी का मकान अक्‍सर बन्‍द  रहता है जिस कारण रीडिंग नहीं हो सकी इसके लिए परिवादी स्‍वयं जिम्‍मेार है। परिवादी ने विभाग में मीटर खराबी की शिकायत की थी जिस पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गयी और दिनांक 07/06/2013 को पुराने मीटर के स्‍थान  पर नया मीटर लगा दिया गया। परिवादी का बिल नये मीटर की औसत रीडिंग के अनुसार संशोधित कर दिया गया  जिसके अनुसार दिसम्‍बर, 2013 तक परिवादी को 17,746/- रूपया जमा करना था जो परिवादी ने जमा नहीं किया। विपक्षीगण ने यह कहते हुऐ कि परिवादी को कोई  वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ और उसने अनुचित दबाब बनाने के उददेश्‍य से असत्‍य  कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/4 दाखिल किया। विपक्षी की ओर से अवसर दिऐ जाने के बावजूद साक्ष्‍य  प्रस्‍तुत नहीं हुआ।
  6.   हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी की ओर से कोई  उपस्थित नहीं हुऐ।
  7.   परिवाद कथनों एवं प्रतिवाद पत्र के कथनों के अवलोकन से प्रकट है  कि पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि वर्ष 2010 में  परिवादी के आजाद नगर धीमरी रोड स्थित आवास पर विपक्षीगण ने बिजली  का मीटर लगाया था। यह  मीटर बाद में डिफेक्टिव हो गया जिसकी परिवादी ने बिजली विभाग में शिकायत की।  विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-29 में यह भी स्‍वीकार किया है कि दिनांक 07/06/2013 को परिवादी के उक्‍त मकान से पुराना डिफेक्टिव मीटर उतारकर उसके  स्‍थान पर नया मीटर बिजली विभाग द्वारा लगाया गया।
  8.   परिवाद कथनों के अनुसार पुराना मीटर नवम्‍बर, 2012 व अप्रैल, 2013 में जम्‍प लेकर अधिक यूनिट दर्शाने लगा और मई, 2013 में बिल की धनराशि 13,183/- रूपया दर्शित होने लगी। परिवादी के मकान दिनांक 7/06/2013 को लगाऐ गऐ नये मीटर की परिवादी ने कोई शिकायत नहीं की। उपरोक्‍त तथ्‍यों से स्‍पष्‍ट है कि विवाद नवम्‍बर, 2012 से दिनांक 07/06/2013 के बीच की अवधि का है।
  9.   परिवाद के साथ दाखिल रसीद की नकल कागज सं0-3/8 के अवलोकन से प्रकट है कि पुराने डिफेक्टिव मीटर पर चेक मीटर लगाने हेतु परिवादी ने  दिनांक 06/05/2013 को 100/-  रूपया फीस विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में  जमा की थी। परिवादी के शिकायती पत्र की नकल कागज सं0-3/9 के अवलोकन से प्रकट है कि खराब मीटर पर एस0डी0ओ0 ने चेक मीटर लगाऐ जाने के आदेश किऐ थे। स्‍वीकृत रूप से परिवादी के पुराने डिफेक्टिव मीटर पर चेक मीटर नहीं लगाया गया।
  10.   विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-30 में यह कथन किया है  कि नये मीटर की रीडिंग के औसत के आधार पर परिवादी का विधुत बिल संशोधित कर दिया गया है जिसके अनुसार माह दिसम्‍बर, 2013 तक  परिवादी को 17,746/- रूपया जमा कराना था। दिनांक 07/6/2013 को लगाऐ गऐ  मीटर की रीडिंग के औसत के आधार पर किस प्राविधान के तहत परिवादी का विधुत बिल संशोधित किया गया है ऐसा प्रतिवाद पत्र में कोई उल्‍लेख  नहीं है। जैसा कि हमने ऊपर कहा है कि विपक्षीगण की ओर से अवसर दिऐ  जाने के बावजूद भी कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं हुआ और बहस की तिथि पर भी  विपक्षीगण की ओर से बहस हेतु कोई  उपस्थित नहीं हुऐ। हमारे अभिमत में बिजली विभाग के एस0डी0ओ0 के आदेशानुसार डिफेक्टिव मीटर पर चेक  मीटर लगाया जाना चाहिए था, किन्‍तु ऐसा  नहीं हुआ। अब उचित यह दिखाई देता है कि नवम्‍बर, 2012 से एक वर्ष पूर्व के बिलों के औसत के आधार पर  नवम्‍बर, 2012 से दिनांक 07/6/2013 के बीच की अवधि हेतु परिवादी द्वारा  देय विधुत बिलों की धनराशि का निर्धारण किया जाऐ। इस अवधि की धनराशि पर परिवादी को लेट पेमेन्‍ट अथवा ब्‍याज की अदायगी हेतु बाध्‍य नहीं किया जायेगा। यहॉं हम यह स्‍पष्‍ट कर देना आवश्‍यक समझते हैं कि दिनांक 07/6/2013 की बाद की अवधि का कोई विवाद नहीं है अत: दिनांक 7/6/2013 से अग्रेत्‍तर अवधि के विधुत बिलों का भुगतान परिवादी नये मीटर के आधार पर करेगा। परिवादी को हम विपक्षीगण से परिवाद व्‍यय  और परिवादी को हुऐ अनावश्‍यक कष्‍ट की मद में क्षतिपूर्ति हेतु एकमुश्‍त  5,000/- (पाँच हजार रूपया केवल) अतिरिक्‍त दिलाया जाना न्‍यायोचित समझते हैं। परिवाद तदानुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

 

  नवम्‍बर, 2012 के बाद परिवादी को जारी विधुत बिलों को निरस्‍त किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि नवम्‍बर, 2012 से एक वर्ष पूर्व के बिलों के औसत के आधार पर नवम्‍बर, 2012 से दिनांक 07/6/2013 की अवधि हेतु परिवादी को प्रतिमाह के आधार पर कार्यालय ज्ञापन जारी किऐ जाये। परिवादी से लेट पेमेन्‍ट अथवा ब्‍याज वसूल नहीं किया जायेगा। परिवादी को दिनांक 07/6/2013 से अग्रेत्‍तर अवधि के लिए नये मीटर के अनुसार कार्यालय ज्ञापन पृथक से दिया जाये। इस आदेशानुसार कार्यालय ज्ञापन परिवादी को एक माह में उपलब्‍ध कराऐ जायें जिनका भुगतान परिवादी अग्रेत्‍तर 2 माह में करे विपक्षीगण से परिवादी परिवाद व्‍यय की मद में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपये केवल) तथा क्षतिपूर्ति की मद में 5,000/- (पाँच हजार रूपया केवल) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। यह धनराशि परिवादी 30 दिवस में  परिवादी को अदा हो। 30 दिवस में धनराशि अदा न होने की दशा में इस धनराशि पर परिवादी 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज विपक्षीगण से पाने का अधिकारी होगा।  

 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     09.09.2015           09.09.2015        09.09.2015

  1.  

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.09.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     09.09.2015           09.09.2015        09.09.2015

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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