ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी को निर्देशित किया जाऐ कि वह परिवादी को विधुत कनेक्शन सं0- 118597/2716 को पुन: जोड़े और इस विधुत कनेक्शन के परिवादी द्वारा इस्तेमाल में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करें। क्षतिपूर्ति की मद में 90,000/- रूपया और परिवाद व्यय की मद में 10,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने 2 कि0वाट क्षमता का एक घरेलू कनेक्शन सं0- 118597/2716 लिया था। परिवादी लगातार बिजली का बिल अदा करता आ रहा है। जनवरी, 2009 तक की अवधि का 241/- रूपये का अन्तिम बिल परिवादी ने दिनांक 07/02/2009 को अदा किया। जनवरी, 2009 के बाद परिवादी को कोई बिल प्राप्त नहीं हुआ। परिवादी ने सीतापुरी बिजली स्टेशन पर जाकर बिल राशि की जानकारी करनी चाही तो वहॉं मौजूद कर्मचारियों ने परिवादी से अवैध रूप से धन की मांग की और कहा कि यदि परिवादी रूपये नहीं देगा तो उसका कनेक्शन काट दिया जायेगा परिवादी ने यह मांग पूरी नहीं की। दिनांक 21/5/2009 को विपक्षी के कर्मचारी परिवादी की अनुपस्थिति में बिना कोई कारण बताऐ परिवादी का विधुत मीटर और केबिल उतार ले गऐ। परिवादी ने अपना कनेक्शन पुन: जोड़ने की विपक्षी से कई बार गुहार लगाई, किन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई। आर0टी0आई0 के माध्यम से भी परिवादी ने विधुत विच्छेदन के सम्बन्ध में सूचना हेतु विपक्षी को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, किन्तु उसका भी कोई जबाब परिवादी को नहीं दिया गया। परिवादी के अनुसार फोरम के समक्ष आने के अतिरिक्त उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- सूची कागज सं0-3/7 के माध्यम से परिवादी ने मीटर सीलिंग सर्टिफिकेट दिनांकित 6/2/2003, 7 फरवरी, 2009 को जमा कराऐ गऐ 241/- रूपये की रसीद, सोलर मोडयूल वारण्टी कार्ड और विपक्षी के जन सूचना अधिकारी को भेजे गऐ प्रार्थना पत्र की फोटो प्रतियोंको दाखिल किया,यह प्रपत्र पत्रावली के कागजसं0-3/8 लगायत 3/11 हैं।
- विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/10 दाखिल हुआ। प्रतिवाद में यह तो स्वीकार किया गया कि परिवादी को विघुत कनेक्शन अस्थाई रूप से दिनांक 21/5/2009 को विच्छेदित हुआ जिसकी पी0डी0 दिनांक 21/9/2009 को हुई, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कथन किया गया कि विपक्षी द्वारा परिवादी को नियमित रूप से बिल भेजे गऐ, किन्तु उसने उनका नियमित भुगतान नहीं किया। परिवादी का कनेक्शन दिनांक 21/5/2009 को विच्छेदित हुआ था। बिजली का मीटर और केबिल दिनांक 26/5/2009 को ही उतारा गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी ने जानबूझकर सही तथ्यों को छिपाकर असत्य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया, उसे कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। परिवादी के मकान पर लगे हुए बिजली कनेक्शन को परिवादी ने पड़ोस में रह रहे अपने भतीजे धर्मपाल सिंह के यहॉं अवैध रूप से लगवा दिया। दिनांक 18/1/2009 को चेकिंग के दौरान परिवादी मकान में बिजली की डायरेक्ट चोरी करते पकड़ा गया जिसकी मौके पर ही चेकिंग रिपोर्ट तैयार की गई, किन्तु परिवादी ने चेकिंग रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। इस चेकिंग के आधार पर परिवादी को 85,1709/- रूपये का असिस्मेंट का एक शोकॉज नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया जिसका परिवादी ने कोई उत्तर नहीं दिया। परिवादी के खिलाफ बिजली चोरी की एफ0आई0आर0 भी पुलिस में तत्काल कराई गई। परिवादी ने असिस्मेन्ट के खिलाफ कोई आपत्ति दाखिल नहींकी अत: चेकिंग रिपोर्ट दिनांकित 18/1/2009 के आधार पर किया गया असिस्मेन्ट फाइनल हो गया। परिवादी ने न तो असिस्मेन्ट की राशि जमा की और न ही कोई अपील की। मामला बिजली चोरीका है जिसकी सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को नहीं है। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्तर कहा गया कि चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट होने के बाद परिवादी ने अपने भतीजे के घर शिफ्ट किऐ गऐ अपने मीटर को उतार कर पुन: अपने आवास में लगा लिया जिसकी शिकायत परिवादी के भतीजे धर्म पाल ने एस0डी0ओ0 को की उसने एस0डी0ओ0 के समक्ष शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया। धर्म पाल के समर्थन में उसके पड़ोसी पवन कुमार और इतवारी ने भी शपथ पत्र प्रस्तुत किऐ। क्षेत्र के मीटर री्डर मुशर्रफ जमाल ने भी अपने शपथ पत्र दिनांक 23/5/2009 द्वारा धर्म पाल के मकान में लगे बिजली मीटर को धर्मपाल के मकान पर न मिलने की शिकायत की। विपक्षी के अनुसार उपरोक्त कथनों के आधार पर प्रकट है कि परिवादी स्वच्छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया है। विपक्षी की ओर से परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। प्रतिवाद पत्र के साथ संलग्नक के रूप में परिवादी के मकान पर दिनांक 19/1/2009 को की गई चेकिंग की चेकिंग रिपोर्ट, इस चेकिंग के आधार पर प्रस्तावित राजस्व निर्धारण, परिवादी के भतीजे धर्मपाल, उसके पड़ोसी पवन, बाबूराम तथा मीटर रीडर मुशर्रफ जमाल के शपथ पत्रों, परिवादी के विरूद्ध थाना कटघर में दर्ज कराई गई बिजली चोरी की एफ0आई0आर0, दिनांक 26/5/2009 को परिवादी के परिसर से मीटर उतारे जाने के प्रमाण पत्र तथा चेकिंग रिपोर्ट के आधार पर किऐ गऐ अस्सिमेन्ट के कार्यालय ज्ञापन की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-6/11 लगायत 6/19 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/7 दाखिल किया जिसके साथ उसने मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र दिनांक 6/2/2003को बतौर संलग्नक दाखिल किया।
- विपक्षी की ओर से अधिशासी अभियन्ता श्री ए0 के0 वर्मा का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/10 दाखिल हुआ। इस शपथ पत्र के साथ बतौर संलग्नक चैकिंग रिपोर्ट दिनांक 18/1/2009, प्रस्तावित राजस्व निर्धारण, परिवादी के भतीजे धर्म पाल और उसके पड़ोसी पवन, बाबूराम तथा मीटर रीडर मुशर्रफ जमाल के शपथ पत्रों, परिवादी के विरूद्ध दर्ज कराई गई बिजली चोरी की एफ0आई0 आर0, परिवादी के मकान से मीटर उतारे जाने के प्रमाण पत्र और परिवादी को भेजे गऐ कार्यालय ज्ञापन की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-15/11 लगायत 15/19 हैं।
- किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
- हमने विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी के आवासीय परिसर में 2 किलोवाट का विधुत कनेक्शन सं0-118597/2716 लगा हुआ था। माह जनवरी,2007 तक के विधुत बिल का भुगतान परिवादी ने किया था। 241/- रूपया का बिल परिवादी ने दिनांक 07/2/2009 को अदा किया।
- परिवाद कथनों के अनुसार जनवरी, 2009 के बाद विपक्षी की ओर से परिवादी को विधुत बिल नहीं भेजे गऐ जब उसने सम्बन्धित सब स्टेशन पर जानकारी करने की कोशिश की तो उससे अवैध धन की मांग की गई जिसकी प्रतिपूर्ति परिवादी ने नहीं की, फलस्वरूप दिनांक 21/5/2009 को विपक्षी के कर्मचारी परिवादी का विधुत मीटर और केबिल उतारकर ले गऐ और इस प्रकार उसका कनेक्शन काट दिया गया। इसके विपरीत विपक्षीगण का केस यह है कि परिवादी ने अपने उपरोक्त कनेक्शन का मीटर अपने भतीजे धर्मपाल के घर में लगा दिया और बिजली का डायरेक्ट उपभोग करना शुरू कर दिया। दिनांक 18 जनवरी, 2009 को परिवादी के परिसर की चेकिंग हुई थी जिसमें वह डायरेक्ट बिजली चोरी करते हुऐ पाया गया। उसके विरूद्ध थाने में बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बिजली चोरी के आधार पर परिवादी के विस्द्ध राजस्व निर्धारण किया गया जिसका नोटिस उसे भेजा गया, किन्तु परिवादी ने नोटिस का कोई उत्तर नहीं दिया अत: प्रस्तावित राजस्व निर्धारण रूपया 85,179/- अन्तिम हो गया। परिवादी ने इस धनराशि का भुगतान नहीं किया जिस बजह से दिनांक 21/5/2009 को अस्थाई रूप से उसका कनेक्शन काट दिया गया। विपक्षी की ओर से जो अपना केस प्रतिवाद पत्र में रखा गया है उसकी पुष्टि विपक्षी की ओर से दाखिल अभिलेखों से होती है। चेकिंग रिपोर्ट की नकल कागज सं0-6/11 से प्रकट है कि दिनांक 18/1/2009 को चेकिंग टीम ने परिवादी के आवासीय परिसर की चेकिंग की थी। चेकिंग के दौरान परिवादी पुराने केबिल में कट लगाकर वैध रूप से बिजली चोरी करते हुऐ पाया गया। कागज सं0-6/12 प्रस्तावित राजस्व निर्धारण का नोटिस है। कागज सं0-6।7 परिवादी के विरूद्ध थाना कटघर में लिखाई गई बिजली चोरी की रिपोर्ट है। कागज सं0-6/19 कार्यालय ज्ञापन की नकल है।
- परिवादी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र में धर्म पाल, पवन, बाबूराम एवं मीटर रीडर मुशर्रफ जमाल के शपथ पत्रों क्रमश: कागज सं0-15/3 लगायत 15/6 को असत्य होना कहा है किन्तु कथित रूप से अपने आवासीय परिसर की चेकिंग और बिजली चोरी किऐ जाने सम्बन्धी चेकिंग रिपोर्ट और थाने पर अपने विरूद्ध दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट को असत्य कहने का साहस नहीं कर पाया। पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों से यह मामला विधुत चोरी का प्रकट होता है।
- मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लिमिटेड बनाम अनीस अहमद, ए0आई0आर0 2013 सुप्रीम कोर्ट पृष्ठ-2766 में निम्न व्यवस्था दी गयी है:-
“ A “ complaint ” against the assessment made by assessing officer under Section 126 or against the offences committed under Sections 135 to 140 of the Electricity Act, 2003 is not maintainable before a Consumer Forum.”. 13. उपरोक्त विधि व्यवस्था के दृष्टिगत इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्य है। परिवाद खारित किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
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