Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/79/2007

Mohd. Saleem - Complainant(s)

Versus

P.V.V.N.L - Opp.Party(s)

20 Aug 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/79/2007
 
1. Mohd. Saleem
R/o Moh. Kisrol, Raheem Ullah Masjid, Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. P.V.V.N.L
EED-II , Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 20 Aug 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण आदेशित किया जाए कि वे परिवादी के वि|qत कनेक्‍शन के  सम्‍बन्‍ध में दिनांक 5/2/2004 तक आई मीटर रीडिंग के अनुसार वि|qत बिलों को संशोधित करें तथा विच्‍छेदित अवधि के समस्‍त बिलों को निरस्‍त   करके परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन पुर्नस्‍थापित करें। क्षतिपूर्ति की मद  में 5000/-रूपया और परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी घरेलू वि|qत कनेक्‍शन सं0-4561/078135 का उपभोक्‍ता चला आता है इसका स्‍वीकृत भार 2 किलोवाट है। विपक्षीगण का दायित्‍व है कि वे मीटर में आई रीडिंग के अनुसार वि|qत बिल उपभोक्‍ताओं को जारी करे, किन्‍तु उनके द्वारा इन विधिक उत्‍तरदायित्‍वों का पालन नहीं किया जाता। परिवादी को  निरन्‍तर फर्जी बिल प्रेषित किऐ गऐ। दिनांक 05 फरवरी, 2004 को  परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन वि|qत बकाया दर्शाकर काट दिया गया।  परिवादी ने अनेकों बार मीटर रीडिंग के अनुसार बिल बनाकर उपलब्‍ध  कराने को कहा, किन्‍तु उसे रीडिंग के अनुसार बिल नहीं दिऐ गऐ। बिना  नोटिस दिऐ उसका कनेक्‍शन काट दिया गया जब दिनांक 9/10/2005  को परिवादी इस सिलसिले में विपक्षी सं0-2 से मिला तो विपक्षी सं0-2  ने 2000/-रूपये लिऐ बिना परिवादी का मामला निस्‍तारित करने से साफ  इन्‍कार कर दिया। परिवादी के अनुसार वह बाजिव धनराशि अदा करने के   लिए तैयार है। परिवादी ने उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में  अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवादी ने वि|qत बिल दिनांकित 28 फरवरी, 2004 तथा वि|qत बिल दिनांकित 18/10/2006 की फोटो प्रतियों को परिवाद के साथ दाखिल किया, यह फोटो प्रतियां पत्रावली के कागज सं0-4/2 व 4/3 हैं।
  4. विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/5   दाखिल किया गया जिसमें परिवादी के नाम परिवाद पत्र के पैरा सं0-1   में उल्लिखित वि|qत कनेक्‍शन होना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष  परिवाद कथनों और उसमें विपक्षीगण पर लगाऐ गऐ आरापों से इन्‍कार  किया गया है। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी को नियमित रूप से सही बिल भेजे गऐ, किन्‍तु उसने बिलों का भुगतान नहीं किया। दिनांक 9/10/2005 को परिवादी न तो विपक्षी सं0-2 से मिला और न ही  परिवादी से कथित रूप से  2000/- रूपया की मांग की गई। विपक्षीगण पर अनुचित दबाव डालने के उद्देश्‍य से यह परिवाद दुर्भावनापूर्ण तरीके से  योजित किया गया है। परिवादी का यह आरोप असत्‍य है कि दिनांक 5/2/2004 को उसका बिजली का कनेक्‍शन काटा गया था। परिवादी ने यह स्‍पष्‍ट नहीं किया कि यदि कथित रूप से 5 फरवरी, 20004 को  उसका कनेक्‍शन काट दिया गया था तो 2004 के बाद से वह कहां से  बिजली का उपभोग कर रहा है, परिवाद टाइम वार्ड है। परिवाद के साथ  दिनांक 28 फरवरी, 2004 का जो बिल परिवादी ने संलग्‍न किया है उसमें  तथा उससे पूर्व वसूली के नोटिस परिवादी को भेजे जाने का उल्‍लेख है।   प्रतिवाद पत्र में यह भी कहा गया है कि वि|qत बिल केवल मीटर रीडिंग  के आधार पर नहीं बनते बल्कि जिस अवधि में उपभोक्‍ता द्वारा बिजली का कमी उपभोग किया जाता है उस अवधि में मिनीमम कन्‍जम्‍प्‍शन के  बिल  जारी करने का प्राविधान है। इसके अतिरिक्‍त इलैक्‍ट्रीसिटी ड्यूटी  और  सरचार्ज भी  नियमानुसार लगाया जाता है। उक्‍त कथनों के  अतिरिक्‍त यह कहते हुऐ कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ और उसने बिल जमा करने की कोई रसीद भी दाखिल नहीं की, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई है।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/2  दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से तत्‍कालीन अधिशासी अभियन्‍ता श्री नन्‍दकुमार का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/5 दाखिल  हुआ।
  6. किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  7. हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  8. परिवादी ने अपने परिवाद में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया कि उसका वि|qत कनेक्‍शन कब लगा था। उसने वि|qत बिलों के भुगतान की कोई रसीद भी  दाखिल नहीं की। नकल बिल कागज सं0-4/2 और 4/3 के अवलोकन से  प्रकट है कि परिवादी बिलों का भुगतान नहीं कर रहा था जिस कारण उसके विरूद्ध मनी रिकबरी एक्‍ट की धारा-3 के अधीन डिमांड नोटिस भेजे गऐ थे इसके बावजूद परिवादी द्वारा किसी प्रकार का भुगतान करने का  कोई प्रमाण पत्रावली पर उपल्‍बध नहीं है। परिवादी का यह कथन यदि  सत्‍य है कि दिनांक 5/2/2004 को उसका बिजली का  कनेक्‍शन विपक्षीगण ने काट दिया था तो उक्‍त तिथि के बाद वह बिजली का प्रयोग कहॉं से  कर रहा है, इसका कोई स्‍पष्‍टीकरण परिवादी की ओर से नहीं दिया गया  है। नकल बिल कागज सं0-4/3 की बिल तिथि 18/10/2006 है जिसमें परिवादी द्वारावि|qत उपभोग की अवधि दिनांक 31/7/2006 से  30/9/2006 तक दर्शाई गई है यदि दिनांक 5/2/2004 को परिवादी का  वि|qत कनेक्‍शन काट दिया होता तो उसके द्वारा नकल बिल कागज सं0-4/3 में उल्लिखित अवधि में वैधानिक रूप से बिजली का उपभोग किया  जाना सम्‍भव नहीं था। कहने का आशय है कि दिनांक 5/2/2004 को  परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन काट दिया गया था, यह तथ्‍य प्रमाणित  नहीं हुआ। परिवादी ने मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की नकल भी पत्रावली  में दाखिल नहीं की है अत: यह स्‍पष्‍ट नहीं होता कि परिवादी के परिसर  में बिजली मीटर कब लगा। परिवादी का उत्‍तरदायित्‍व था कि वह प्रमाणित करता कि उसे जो बिजली के बिल जारी किऐ गऐ थे वे फर्जी हैं किन्‍तु ऐसा प्रमाणित करने में वह सफल नहीं हुआ।
  9. जहॉं तक विपक्षीगण की ओर से उठाई गई इस आपत्ति का प्रश्न  है कि परिवाद टाइमवार्ड है इससे हम सहमत नहीं है क्‍योंकि विपक्षीगण ने दिनांक 31/7/20046 से 30/9/2006 तक की अवधि का वि|qत उपभोग  का बिल दिनांकित 18/10/2006 परिवादी के नाम परिवाद योजित करने से पूर्व जारी कर दिया था। परिवाद दिनांक 4/4/2007 को योजित हो गया  था। अत: हमारे विनम्र अभिमत में परिवाद कालबाधित नहीं है।
  10. परिवादी यह सिद्ध करने में असफल रहा है कि उसे बिजली के फर्जी  बिल भेजे गऐ थे और दिनांक 5/2/2004 को नॉन पेमेंट में उसका बिजली का कनेक्‍शन विपक्षीगण ने काट दिया था। परिवादी कोई अनुतोष पाने का  अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।    

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      20.08.2016           20.08.2016        20.08.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 20.08.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      20.08.2016          20.08.2016         20.08.2016

 

  1.         निर्णय  घोषित किया  गया।  आदेश  हुआ  कि ‘’ परिवाद खारिज किया जाता है।

 

      (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)  (पवन कुमार जैन)

         सामान्‍य सदस्‍य           सदस्‍य          अध्‍यक्ष

  •        0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

        20.08.2016         20.08.2016      20.08.2016

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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