Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/102/2015

Mohd. Kamer - Complainant(s)

Versus

P.V.V.N.L - Opp.Party(s)

Shri Mahesh Dutt Sharma

06 Nov 2017

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/102/2015
 
1. Mohd. Kamer
R/o Village Tatarpur, Agwanpur, Thana Civil Lines Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. P.V.V.N.L
Add:-Sub Station Agwanpur Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MR. Satyaveer Singh MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Nov 2017
Final Order / Judgement

                  

 

परिवाद प्रस्‍तुतीकरण की तिथि: 17.08.2015

                            निर्णय का दिनांक: 06.11.2017

कुल पृष्‍ठ-06(1ता6)

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद।

 उपस्थित:-

  1.  श्री पवन कुमार जैन         .............. ­­­­­अध्‍यक्ष।
  2. श्री सत्‍यवीर सिंह             ………....... सदस्‍य।

परिवाद संख्‍या- 102/2015

मौ0 कमर पुत्र स्‍व0 छिददन निवासी ग्राम ततारपुर अगवानपुर थाना सिविल लाइन, जिला मुरादाबाद।                   .......परिवादी।              

बनाम

  1. पश्चिमांचल वि|qत वितरण निगम लि0 मुरादाबाद द्वारा  अधिशासी अभियन्‍ता दितीय मुरादाबाद।
  2. उपखण्‍ड अधिकारी वि|qत वितरण खण्‍ड अगवानपुर मुरादाबाद।

                                          .......विपक्षीगण।

निर्णय

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण द्वारा उसे जारी गलत बिल अंकन 69869/-रूपया रदद करते  हुऐ नये मीटर की रीडिंग के अनुसार पिछली अवधि का सही बिल जारी करें और परिवादी ने जो धनराशि पूर्व में अदा की है उसे समायोजित करें। क्षतिपूर्ति की मद में 25000/-रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/-रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं। उसने यह भी अनुरोध किया है कि कथित गलत बिल के आधार पर उसके विरूद्ध विपक्षीगण उत्‍पीड़न की कोई कार्यवाही न करें।
  2.    संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी घरेलू वि|qत कनेक्‍शन सं0-68168 का उपभोक्‍ता है जिसका वि|qत भार 1 कि0वाट  है। परिवादी बिलों का समय से भुगतान करता आ रहा है। दिनांक 27/3/2009 से 22/3/2014 तक की अवधि के जो बिल परिवादी को भेजे गऐ थे उनका वह भुगतान कर चुका है। दिनांक 14/7/2014 को परिवादी ने विपक्षी सं0-2 से पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उसका मीटर खराब हो गया है उसे बदलवा दिया जाऐ, किन्‍तु मीटर नहीं बदला गया। दिनांक 27/4/2015 को इसी आशय का विपक्षी सं0-2 को उसने पुन: प्रार्थना पत्र दिया, किन्‍तु उसका मीटर फिर भी नहीं बदला गया। दिनांक 28/4/2015 को परिवादी ने जिलाधिकारी, मुरादाबाद को मीटर बदलवाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया जिस पर जांच कराकर आवश्‍यक   कार्यवाही करने हेतु जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्‍ता को निदेशित   किया। दिनांक 14/5/2015 को परिवादी का खराब मीटर बदल दिया गया। परिवादी का अग्रेत्‍तर कथन है कि दिनांक 22/3/2015 से  15/4/2015 तक की अवधि का एक गलत बिल अंकन 64,137/- रूपया   उसे भेजा गया जो गलत होने के कारण उसने जमा नहीं किया।  परिवादी के मकान पर लगाऐ गऐ नये मीटर में दिनांक 16/5/2015 से 15/6/2015 तक की अ‍वधि में 40 यूनिट बिजली का उपभोग दर्शित  हुआ। परिवादी ने एक माह में इस 40 यूनिट उपभोग के हिसाब से   पुरानी अवधि का बिल ठीक करने और उसके द्वारा पूर्व में जमा किऐ  गऐ बिलों की धनराशि को समायोजित करने का विपक्षीगण से अनुरोध  किया, किन्‍तु वे गलत बिल को सही करने के लिए तैयार नहीं हैं।  परिवादी कलेक्‍ट्रेट मुरादाबाद में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है उससे विपक्षीगण मनमाने ढ़ंग से गलत बिल की राशि वसूल कर लेना चाहते हैं जिसका  उन्‍हें कोई अधिकार नहीं है। विपक्षीगण वि|qत कनेक्‍शन को जबरदस्‍ती काटने की भी धमकी दे रहे हैं। परिवादी ने उक्‍त कथनों के आधार पर   परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में उसने अपना शपथ पत्र कागज  सं0-3/33 लगायत 3/39 दाखिल किया।
  4.   परिवाद पत्र के साथ परिवादी ने दिनांक 27/3/2009 से  25/2/2014 तक की अवधि के मध्‍य समय-समय पर प्राप्‍त वि|qत बिलों   एवं उनके भुगतान की रसीदों की फोटो प्रतियों के अतिरिक्‍त प्रश्‍नगत   वि|qत बिल अंकन 68168/- रूपया, खराब मीटर बदलवाने हेतु विपक्षी  सं0-2 को दिऐ गऐ प्रार्थना पत्रों, जिलाधिकारी, मुरादाबाद को मीटर बदलवाने हेतु दिऐ गऐ प्रार्थना पत्र दिनांकित 28/4/2015 परिवादी का खराब मीटर बदलकर नया मीटर लगाऐ जाने सम्‍बन्‍धी पत्र दिनांकित 14/5/2015 तथा परिवादी द्वारा दिनांक 19/6/2015 को जिलाधिकारी,  मुरादाबाद को प्रस्‍तुत शिकायती पत्र जिसमें उसने गलत बिल को ठीक कराने का अनुरोध किया है, की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/9 लगायत 3/32 हैं।
  5.  विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/6 दाखिल किया जिसमें परिवादी का वि|qत कनेक्‍शन सं0-68168 भार 1 कि0 वाट के सापेक्ष घरेलू वि|qत कनेक्‍शन का उपभोक्‍ता होना और   परिवाद के पैरा सं0-3 से पैरा सं0-16 में उल्लिखित वि|qत बिलों की  धनराशि जमा किया जाना स्‍वीकार किया गया। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर  कथन किया कि परिवादी को अंकन 64,137/- रूपया का एक बिल जो   परिवाद का एनेक्‍चर सं0-31 है परिवादी को भेजा गया था, किन्‍तु  परिवादी ने उसे जमा नहीं किया, परिवाद के अनुरोध पर पुराना मीटर बदलकर उसके घर पर दिनांक 14/5/2015 को नया मीटर लगा दिया गया। विशेष कथनों में उन्‍होंने कहा कि परिवादी ने माह फरवरी, 2014 तक के वि|qत बिल समय-समय पर जमा किऐ, किन्‍तु उसके बाद नोटिस देने के बावजूद उसने बिल जमा नहीं किऐ। परिवादी का यह आरोप मिथ्‍या है कि उससे मीटर बदलवाने हेतु अवैध धनराशि की मांग की गई थी। परिवादी को जो बिल जारी किया गया है वह पुराने मीटर में आई रीडिंग और नये मीटर में आई रीडिंग को सम्मिलित करके विभागीय नियमानुसार सही बनाया गया है। परिवादी के अनुरोध पर  आई0डी0एफ0 के बने बिलों को विभाग ने नियमानुसार संशोधित भी  कर दिया है, किन्‍तु परिवादी संशोधित बिलों से भी सन्‍तुष्‍ट नहीं है।   विपक्षीगण के अनुसार बिजली का बिल जमा न करने पर वि|qत संयोजन  को काटना और बिलों की वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही करना  विभागीय प्रक्रिया है। परिवादी ने सही वि|qत बिल जमा न करके डिफाल्‍ट   किया है। प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किऐ जाने के समय तक परिवादी की  ओर 55,491/- रूपया बाजिव हो गऐ हैं। विपक्षीगण ने यह कहते हुऐ   कि परिवादी को सेवा प्रदान करने में उन्‍होंने कोई कमी नहीं की है,   परिवाद को विशेष व्‍यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।   प्रतिवाद पत्र के साथ संशोधित बिल की कैलकुलेशन शीट संलग्‍नक-1   के रूप में दाखिल की गई है, यह संलग्‍नक पत्रावली का कागज सं0-6/7 है।
  6.   प्रतिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में अधिशासी अभियन्‍ता श्री विनोद कुमार वर्मा ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया।
  7.   प्रतिवाद पत्र में उल्लिखित कथनों के जबाव में परिवादी ने रेप्‍लीकेशन दाखिल किया जो पत्रावली का कागज सं0-10/1 लगायत 10/4 है। रेप्‍लीकेशन में परिवादी द्वारा अपने परिवाद कथनों पर बल  देते हुऐ पुन: 64137/-रूपया के बिल को गलत बताया और कहा कि  यह बिल विपक्षीगण ने किस आधार पर भेजा है इसका कोई स्‍पष्‍टीकरण  उन्‍होंने प्रतिवाद पत्र में नहीं दिया। रेप्‍लीकेशन में भी परिवादी ने परिवाद  में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  8.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/8 दाखिल किया।
  9.   विपक्षीगण की ओर से अधिशासी अभियन्‍ता श्री विनोद कुमार वर्मा का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/3 दाखिल हुआ।
  10.   दोनों पक्षों की ओर से लिखित बहस दाखिल की गई।
  11.   परिवाद के पैरा सं0-3 लगायत पैरा सं0-15 में उल्लिखित वि|qत बिल एवं जमा रसीदों की एक सूची भी परिवादी ने दाखिल की जो  पत्रावली का कागज सं0-16 है।
  12.   हमने प‍क्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  13.   इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी घरेलू वि|qत कनेक्‍शन सं0-68168 का उपभोक्‍ता है, इस कनेक्‍शन का भार 1 कि0 वाट है। इस बिन्‍दु पर भी पक्षकारों के मध्‍य कोई विवाद नहीं है कि  परिवादी ने सूची कागज सं0-16 में उल्लिखित वि|qत बिल विपक्षीगण  के कार्यालय में जमा किऐ हैं। यह बिल दिनांक 27/3/2009 से  25/2/2014 तक की अवधि में परिवादी को प्राप्‍त हुऐ थे। इस बिन्‍दु पर भी कोई विवाद दिखाई नहीं देता कि दिनांक 28/7/2010 से दिनांक 14/5/2015 तक परिवादी का मीटर बदले जाने की तिथि तक के जो  बिल परिवादी को भेजे गऐ थे वे आई0डी0एफ0 में थे।
  14.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि खराब मीटर के  स्‍थान पर दिनांक 14/5/2015 को परिवादी के आवासीय परिसर पर विपक्षीगण ने नया वि|qत मीटर लगा दिया था। इस नऐ मीटर में   दिनांक 16/5/2015 से 15/6/2015 की अवधि हेतु 40 यूनिट बिजली  की खपत दर्शित हुई। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि  इस एक महीने के 40 यूनिट उपभोग के हिसाब से पुरानी अवधि के वि|qत बिलों को विपक्षीगण से ठीक कराया जाय और परिवादी ने पूर्व   में जो बिल जमा किऐ हैं उनकी धनराशि भी विपक्षीगण इसमें  समायोजित करें। 
  15.   प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि  यदि किसी उपभोक्‍ता के कनेक्‍शन का वि|qत मीटर खराब है और   उसके बिल आई0डी0एफ0 में भेजे जा रहे हैं तो खराब मीटर के स्‍थान   पर नया मीटर लगाऐ जाने के उपरान्‍त आई0डी0एफ0 की अ‍वधि हेतु बिलों को निर्धारित फार्मूल के अनुसार संशोधित किया जाता है ऐसा   नहीं है कि नये मीटर में जो कन्‍जम्‍प्‍शन आ रहा हो उसी कन्‍जम्‍प्‍शन के अनुसार आई0डी0एफ0 की अवधि के संशोधित बिल तैयार किऐ जाऐ। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि परिवादी का यह कथन कि नये मीटर में दर्शित एक माह के 40 यूनिट उपभोग के हिसाब से पुरानी अवधि के बिल ठीक किऐ जाने चाहिऐ स्‍वीकार किऐ जाने योग्‍य नहीं है। हम विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों से सहमत हैं।
  16.   विपक्षीगण की ओर से दाखिल प्रतिवाद पत्र के साथ वह कैलकुलेशन शीट बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई है जिसके आधार पर परिवादी के पुराने बिल को संशोधित किया गया है। इस कैलकुलेशन शीट से यह भी प्रकट है की परिवादी ने पूर्व में जो धनराशि जमा की थी उसे विपक्षीगण ने समायोजित कर दिया है। इस कैलकुलेशन शीट में परिवादी पक्ष त्रुटि इंगित नहीं कर पाऐ। हमने इस कैलकुलेशन शीट का भलीभाति अवलोकन किया। हमें इस कैलकुलेशन शीट में कोई त्रुटि दिखाई नहीं देती कैलकुलेशन शीट एवं समायोजन नियमानुसार है। कैलकुलेशन शीट में परिवादी की ओर जो धनराशि देय दर्शाई गई है  उसे परिवादी अदा करने के लिए बाध्‍य है।
  17.   उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं   कि परिवाद में अनुरोधित अनुतोष परिवादी पाने का अधिकारी नहीं है  और परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  18.  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

                                   (सत्‍यवीर सिंह)                          (पवन कुमार जैन)

                                                 सदस्‍य                                 अध्‍यक्ष

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 06.11.2017  को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

                                         (सत्‍यवीर सिंह)                        (पवन कुमार जैन)

                                                      सदस्‍य                                अध्‍यक्ष

                                                                 दिनांक 06-11-2017

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Satyaveer Singh]
MEMBER

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