Rajasthan

Jhunjhunun

CC/596/2014

Nitin Jagid - Complainant(s)

Versus

P.N.B. Politecnik Kolej - Opp.Party(s)

Hajarilal

29 Jan 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/596/2014
 
1. Nitin Jagid
Pilani, Shurajagadh, jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. P.N.B. Politecnik Kolej
Bhakrota, Jaipur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख
हुक्म
                                             परिवाद संख्या 596/14
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
नितिन जांगिड़    बनाम   पी.एन.बी. पाॅलिटेक्निक कालेज, मुकन्दपुरा भाकरोटा, जयपुर (राज.)
                       जरिये प्रिंसिपल
                                                       नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 
29.01.2016.2015

                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री हजारी लाल सुनिया उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री बाबूलाल सैनी उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी मूल रूप से कस्बा पिलानी जिला झुंझुनू का निवासी है तथा विपक्षी एक पॅालिटेक्कि कालेज है जो निर्धारित फीस प्राप्त कर विद्यार्थियों को पाॅलिटेक्निक डिप्लोमा की डिक्री जारी करता है। विपक्षी संस्थान की ओर से एक प्रतिनिधि ने परिवादी व उसके पिता को पिलानी में सम्पर्क कर बताया कि विपक्षी संस्थान अत्यंत उच्च कोटि का है तथा छात्रावास की सुविधा भी है। दाखिला लेने के बाद यदि छात्र षिक्षण के संबंध में गुणवत्ता बाबत संतोष नहीं हो तो विपक्षी संस्थान जमाषुदा पूर्ण फीस वापिस अदा कर देगा। परिवादी ने विपक्षी संस्थान में शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिये Polytechnic Diploma in Civil Branch के प्रथम वर्ष में प्रवेष हेतु 29,500/-रूपये फीस जरिये रसीद संख्या 117 दिनांक 25.12.2011 को जमा करवादी व छात्रावास फीस के 15,000/-रूपये जमा करवा दिये। परिवादी ने जब विपक्षी संस्थान में अपनी पढाई प्रारंभ की तो ज्ञात हुआ कि विपक्षी संस्थान में षिक्षण कार्य काफी निम्न स्तर का है। छात्रावास में भी दैनिक दिनचर्या के उपयोग की मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव था। इसलिये परिवादी ने चार-पांच दिवस रहने के दौरान ही परिवादी का छात्रावास एवं संस्थान छोड दिया। परिवादी ने अपनी जमा करवाई गई फीस वापसी की मांग की तो विपक्षी ने 15-20 दिन बाद आकर ले जाने का आष्वासन दिया। परिवादी का पिता दिनांक 26.08.2014 को पुनः विपक्षी संस्थान में गया तथा फीस की मांग की तो विपक्षी ने फीस लौटाने से इन्कार कर दिया । परिवादी ने दिनांक 06.09.2014 को विपक्षी को नोटिस दिलवाया परन्तु विपक्षी संस्थान ने उसका कोई जवाब नहीं दिया तथा न ही फीस लौटाई। 


अन्त में परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार कर विपक्षी संस्थान से फीस की मूल राषि 44,500/-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने का निवेदन किया।   
      विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी द्वारा विपक्षी के पाॅलिटेक्निक कालेज में प्रवेष लेने हेतु जयपुर स्थित कालेज में आकर आवेदन भरा गया। पिलानी में विपक्षी का कोई संस्थान या प्रतिनिधि नहीं है। इसलिये परिवादी ने झुंझुनू जिला उपभोक्ता मंच में गलत तथ्यों के आधार पर  वास्तविक तथ्यों को छिपाकर परिवाद पेष किया है। विपक्षी संस्थान का जहां कार्यस्थल है अर्थात जहां षिक्षण संस्था चलायी जाती है, उसकी क्षेत्रीय अधिकारिता में ही मंच को क्षेत्राधिकार प्राप्त है। इस प्रकार इस मंच को यह परिवाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।  परिवादी द्वारा विपक्षी के जयपुर स्थित कालेज में दिनांक 25.12.2011 को प्रवेष लिया गया तथा हस्तगत परिवाद पत्र दिनांक 05.11.2014 को पेष किया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार परिवाद प्रस्तुत करने की अवधि 2 वर्ष होती है । परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद मियाद बाहर होने से प्रथमदृष्टया ही खारिज किये जाने योग्य है।
       अन्त में विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
      उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया। 
     परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध फीस की मूल राषि 44,500/-रूपये वापिस प्राप्त करने के लिये यह परिवाद प्रस्तुत किया है। विपक्षी पी.एन.बी. पाॅलिटेक्निक कालेज की कोई ब्रांच झुंझुनू जिले में स्थित नहीं है। परिवादी ने परिवाद पत्र भी पी.एन.बी. पाॅलिटेक्निक कालेज, मुकन्दपुरा भाकरोटा, जयपुर (राज.) जरिये प्रिंसिपल को पक्षकार बनाते हुये इस मंच के समक्ष प्रस्तुत किया है। विपक्षी की कालेज की कोई बा्रंच जिला झुंझुनू में नहीं है। जिला झुंझुनू में उक्त कालेज की ब्रांच नहीं होने से इस परिवाद पत्र की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता मंच, झुंझुनू को नहीं है।
          


          न्यायदृष्टांत 2010 डी.एन.जे. (एस.सी.) पेज 186 - सोनी सर्जिकल बनाम नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लि0 के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि विपक्षी का कार्यालय/ब्रांच आफिस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से परिवाद चलने योग्य नहीं है।
       उक्त न्यायदृष्टांत में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो सिद्धांत प्रतिपादित किये हैं, उनसे हम पूर्णतया सहमत हैं।
      अतः उक्त न्यायदृष्टांत की रोषनी में परिवादी का परिवाद पत्र इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से चलने योग्य नहीं है, जो निरस्त किया जाता है। परिवादी क्षेत्राधिकारिता वाले मंच में अपना परिवाद पेष करने हेतु स्वतंत्र है। परिवाद पत्र की प्रति के साथ आदेषिकायें रखी जाकर मूल परिवाद मय दस्तावेज के परिवादी को लौटा दिया जावे।
      आदेश आज दिनांक 29.01.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


       
    
    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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