राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
परिवाद संख्या-48/2023
1. अरूण कुमार यादव पुत्र स्व0 राधेश्याम सिंह यादव
2. विकास यादव पुत्र स्व0 राधेश्याम सिंह यादव
3. राजीव यादव पुत्र स्व0 राधेश्याम सिंह यादव
4. उमरावती देवी पत्नी स्व0 राधेश्याम सिंह यादव
समस्त निवासीगण- 62बी/1एच/2ए, सैनिक कालोनी, धूमनगंज, प्रयागराज ...........................परिवादीगण
बनाम
1. ग्रिवांस आफिसर, पी0एन0बी0 मेटलाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड चतुर्थ तल, विनायक टावर, 28बी (124ई/20 एम0जी0 मार्ग) सिविल स्टेशन, एम0जी0 मार्ग, इलाहाबाद-211001
2. दि चेयरमैन, क्लेम्स कमेटी, पी0एन0बी0 मेटलाइफ इण्डिया इंश्योरेंस कं0लि0 प्रथम तल, टेक्नीप्लेक्स 1, टेक्नीप्लेक्स काम्पलेक्स, आफ वीर सावरकर फ्लाईओवर, गोरेगांव वेस्ट, मुम्बई-400062, महाराष्ट्र ...........................विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित : परिवादी सं01 श्री अरूण कुमार
यादव, अधिवक्ता, स्वयं।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 25.09.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवादीगण की ओर से परिवादी संख्या-01 श्री अरूण कुमार यादव, अधिवक्ता स्वयं उपस्थित हैं, जिन्हें सुना। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
दिनांक 13.04.2023 को प्रस्तुत परिवाद में निम्न आदेश पारित किया गया था:-
“13-04-2023
Sri Arun Kumar Yadav, learned Counsel for the complainants appeared.
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Heard learned Counsel for the complainants.
Having heard the learned Counsel for the complainants and after perusal of the record we find that the matter requires consideration.
Issue notice to the opposite parties. Steps within a week. Notice within two weeks through registered post.
The opposite parties are directed to file their reply within four weeks.
List this case on 18-07-2023.”
उक्त आदेश के अनुपालन में विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से प्रेषित नोटिस के संबंध में कार्यालय द्वारा निम्न आख्या उल्लिखित की गयी:-
''25-05-23
विपक्षीगण को नोटिस जारी। रसीद सम्मुख चस्पा।
23-06-23
विपक्षी सं. 1 व 2 की ओर से प्रा0पत्र मय आपत्ति, लिखित कथन व वकालतनामा प्राप्त हुआ। पत्रावली पर संलग्न है। अधिवक्ता का नाम अंकित किया गया।''
विपक्षीगण बीमा कम्पनी की ओर से श्री अभिषेक भटनागर अधिवक्ता द्वारा वकालतनामा व लिखित कथन प्रस्तुत किया, जो पत्रावली पर उपलब्ध है। विपक्षीगण के अधिवक्ता श्री अभिषेक भटनागर परिवाद पुकार पर अनुपस्थित हैं, जबकि परिवादीगण की ओर से उपस्थित परिवादी संख्या-01 श्री अरूण कुमार यादव, अधिवक्ता प्रयागराज से प्रस्तुत परिवाद में परिवादीगण का पक्ष प्रस्तुत किये जाने हेतु आये हैं एवं उनके द्वारा परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का उल्लेख करते हुए कथन किया कि परिवादीगण के पिता/पति स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी से पी0एन0बी0 मेटलाइफ इंश्योरेंस पालिसी वर्ष 2020 में दिनांकित 20.03.2020 को प्राप्त की गयी थी। उपरोक्त बीमा पालिसी की प्रति परिवाद पत्रावली के पृष्ठ संख्या-6, 6ए,
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6बी, 6सी, 7, 7ए व 7बी पर संलग्नित है। उपरोक्त बीमा पालिसी ''पी0एन0बी0 मेटलाइफ मेरा टर्म प्लान'' के अन्तर्गत सम एश्योर्ड 1,00,00,000/-रू0 (एक करोड़ रूपये मात्र) का उल्लेख जारी बीमा पालिसी में है, जिसकी प्रति पत्रावली पर उपलब्ध है, जिसमें दिनांक 19.04.2020 उल्लिखित है, जिसमें बीमा प्रीमियम की धनराशि एक वर्ष में 71,448/-रू0 उल्लिखित पायी गयी तथा प्रीमियम की अवधि 25 वर्ष उल्लिखित है। प्रीमियम धनराशि प्रति वर्ष के हिसाब से देय है, जो कि परिवादीगण की ओर से उपस्थित परिवादी संख्या-1 श्री अरूण कुमार यादव, अधिवक्ता के कथनानुसार मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा नियमित रूप से मृत्यु से पूर्व तक लगभग 1,40,000/-रू0 अर्थात् लगभग दो वर्ष तक जमा की गयी।
मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव भारतीय सेना में कार्यरत थे, जो वर्ष 2016 में भारतीय सेना के लेफ्टिनेन्ट कर्नल के पद से अवकाश ग्रहण करने के उपरान्त अपने मूल निवास स्थल प्रयागराज में अपने परिवार के साथ रहने लगे, जिनके द्वारा अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् विपक्षी बीमा कम्पनी के द्वारा अपेक्षित सभी प्रपत्रों को प्राप्त कराते हुए ''पी0एन0बी0 मेटलाइफ मेरा टर्म प्लान'' बीमा पालिसी प्राप्त की गयी।
विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा मांगे गये सभी दस्तावेज के साथ वार्षिक आय से सम्बन्धित प्रपत्र बीमाधारक द्वारा प्राप्त कराये गये, जिसमें फाइनेंसियल वर्ष 2019-2020, आयकर विवरणी की प्रति भी प्राप्त करायी गयी, जो परिवाद पत्रावली के साथ संलग्नित है, जिसके परिशीलन से यह स्पष्ट पाया गया कि मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा असेसमेन्ट वर्ष 2020-2021 में कुल कर योग्य आय 24,31,870/-रू0 की गणना करते हुए कुल आयकर 5,39,561/-रू0 जमा किया गया, जिस विवरणी को विपक्षी बीमा कम्पनी के सम्मुख भी प्रस्तुत किया गया, फिर भी विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा यह कहते हुए कि मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव, जिनकी मृत्यु अकस्मात बीमारी के कारण दिनांक 04.04.2022 को
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हुई, द्वारा अपनी वार्षिक आय विपक्षी बीमा कम्पनी को लगभग 25,00,000/-रू0 बतायी गयी है, वह अनुचित है, जिस मात्र कारण हेतु परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते बीमा पालिसी के अन्तर्गत देय धनराशि को अमान्य किया गया व प्रार्थना पत्र निरस्त किया गया।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी के अधिवक्ता अनुपस्थित हैं। उनके द्वारा लिखित कथन में परिवादीगण द्वारा उल्लिखित परिवाद पत्र के तथ्यों को स्वीकार किया गया, जिसके प्रस्तर-09 में इस तथ्य का उल्लेख किया गया कि बीमाधारक द्वारा बीमा कम्पनी के प्रपोजल फार्म में सही आय का अंकन नहीं किया गया, साथ ही अपने आक्यूपेशन व वर्तमान स्वास्थ्य परिस्थितियों का विवरण भी सही ढंग से उल्लिखित नहीं किया, न ही परिवार के इतिहास का सही उल्लेख किया।
परिवादीगण की ओर से परिवादी संख्या-1 श्री अरूण कुमार यादव पुत्र स्व0 राधेश्याम सिंह यादव स्वयं उपस्थित हैं, जो व्यवसाय से अधिवक्ता हैं, जिनके द्वारा परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का सविस्तार विवरण एवं पुन: तथ्यों को विचारित किये जाने की प्रार्थना की।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी के अधिवक्ता अनुपस्थित हैं, जबकि परिवादी संख्या-1 श्री अरूण कुमार यादव द्वारा उन्हें पूर्व में ही इस तथ्य से व्यक्तिगत रूप से आज अवगत कराया गया था कि चूँकि वे प्रयागराज से इस परिवाद में, जो कि उनके पिता की मृत्यु एवं बीमा से सम्बन्धित है, में बहस करने हेतु आये हैं, अतएव विपक्षीगण बीमा कम्पनी के अधिवक्ता अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें, फिर भी विपक्षीगण बीमा कम्पनी के अधिवक्ता श्री अभिषेक भटनागर अनुपस्थित हैं, जो उनकी कार्यप्रणाली पर निश्चित रूप से प्रश्नचिह्न उद्धरित करता है।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित परिवादी संख्या-1 श्री अरूण कुमार यादव को विस्तार से सुनने के उपरान्त, पत्रावली
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के सम्यक परीक्षण एवं परिशीलन करने के उपरान्त तथा परिवादी संख्या-1 द्वारा इस तथ्य को उल्लिखित करते हुए यह कथन किया गया कि मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव भारतीय थल सेना के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में लेफ्टिनेन्ट कर्नल के पद से वर्ष 2016 में अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् पेंशन पा रहे थे, जो लगभग सवा लाख रूपये प्रतिमाह थी अर्थात् कुल वार्षिक पेंशन लगभग 15,00,000/-रू0 प्रतिवर्ष उनके द्वारा अवश्य प्राप्त की जा रही थी, साथ ही अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा अपने नाम से सेना से रीसेटेलमेन्ट प्राप्त करने के उपरान्त मृत्यु से विगत चार वर्ष पूर्व से सिक्योरिटी एजेंसी संचालित की जा रही थी। उक्त के संचालन से भी उन्हें आय प्राप्त हो रही थी। इसके अलावा आय के अन्य स्रोत अर्थात् सेविंग बैंक से अर्जित ब्याज व एफ0डी0आर0 से अर्जित ब्याज, जो वर्ष 2020-2021 में 2,80,244/-रू0 भी प्राप्त किया जा रहा था।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखने के उपरान्त मैं पूर्ण रूप से इस बात से सन्तुष्ट हूँ कि मृतक लेफ्टिनेन्ट कर्नल स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् लगभग पच्चीस से छब्बीस लाख रूपये प्रति वर्ष सकल आय प्राप्त की जा रही थी, जिसकी घोषणा तदनुसार मृतक लेफ्टिनेन्ट कर्नल स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा अपनी आयकर विवरणी वर्ष 2020-2021 में स्पष्ट रूप से 24,31,870/-रू0 उल्लिखित की गयी थी, जिसका अन्तिम वार्षिक अन्त दिनांक 31.03.2020 था। उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा लिया गया निर्णय पूर्णत: अविधिक, अव्यवहारिक व अनौचित्यपूर्ण है, जिसे अपास्त किया जाता है।
तदनुसार प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया जाता है:-
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आदेश
विपक्षीगण द्वारा बीमा पालिसी के अन्तर्गत मृतक स्व0 राधेश्याम सिंह यादव द्वारा उल्लिखित नामिनी के रूप में परिवादीगण को प्रति परिवादी 25,00,000-25,00,000/-रू0 (पच्चीस-पच्चीस लाख रूपये) की धनराशि दो माह की अवधि में प्राप्त करायी जावे।
विपक्षीगण द्वारा मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु परिवादीगण को प्रति परिवादी 25,000-25,000/-रू0 (पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये) की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दो माह की अवधि में प्राप्त करायी जावे।
विपक्षीगण द्वारा परिवाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 (दस हजार रूपये) की धनराशि परिवादिनी संख्या-4 उमरावती देवी पत्नी स्व0 राधेश्याम सिंह यादव को दो माह की अवधि में प्राप्त करायी जावे।
यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि इस आदेश का अनुपालन नियत अवधि में न करने की दशा में विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को देय धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दो माह की अवधि के पश्चात् परिवाद प्रस्तुत किये जाने की तिथि से भुगतान की तिथि तक देय होगा।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1