जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 265/2016 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-26.07.2016
परिवाद के निर्णय की तारीख:-23.03.2023
Bhavna aged about 32 years D/o Shri M. Jha resident of C-2001/4 Indira Nagar Lucknow. ............Complainant.
बनाम
1- PNB Housing Finance Ltd. through its manager, 1st Floor, Commercial Complex, 9-A, Shahnazaf Road, Pandit House Lucknow.
2- General Manager, PNB Housing Finance Ltd. Regd Office 9th Floor Antriksh Bhawan, 22 Kasturba Gandhi Marg, New Delhi.
...............OPP Parties.
परिवादीगण के अधिवक्ता का नाम:-श्री वीरेन्द्र कुमार दुबे।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री आदिल अहमद।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण से 50499.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ, मानसिक क्षति उत्पीड़न व वाद व्यय के रूप में 1,10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी मकान संख्यासी-2001/4 इन्दिरा नगर, लखनऊ की निवासी है। परिवादिनी ने पी0एन0बी0 हाउसिंग स्कीम के तहत दिनॉंक 19.11.2000 को दो वर्ष के लिये 40,000.00 रूपये जिसकी रसीद संख्या 15601 द्वारा जमा किया, जिसकी परिपक्वता धनराशि 50,499.00 रूपये थी। परिपक्वता अवधि बीत जाने के बाद परिवादिनी द्वारा पी0एन0बी0 हाउसिंग फाइनेन्स लिमिटेड में परिपक्वता धनराशि 50,499.00 रूपये दिलाये जाने का अनुरोध किया गया। परन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को परिपक्वता धनराशि का भुगतान करने में कोई रूचि नहीं दिखायी गयी।
3. परिवादिनी ने विपक्षीगण को इस संबंध में कई अनुरोध पत्र एवं अनुस्मारक भी भेजे गये, परन्तु विपक्षीगण ने बिना किसी कारण भुगतान करने से मना कर दिया। विपक्षीगण ने सदैव उत्पीड़न व शोषण का प्रयास किया। अंत में हारकर परिवादिनी ने अपने अधिवक्ता श्री वीरेन्द्र कुमार दुबे के माध्यम से एक विधिक नोटिस दिनॉंक 14.12.2014 को विपक्षीगण को भेजकर धनराशि मय ब्याज के सात दिनों के अन्दर भुगतान करने का अनुरोध किया गया। परन्तु फिर भी विपक्षीगण द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया।
4. दिनॉंक 30.10.2015 को परिवादिनी ने पुन: एक पत्र विपक्षीगण को भेजा, जिस पर विपक्षीगण ने दिनॉंक 19.02.2016 को कस्टमर आई0डी0 449473 एवं एकाउन्ट नम्बर 1133000511200217 पर 15जी फार्म दाखिल करने हेतु कहा। विपक्षीगण उक्त परिपक्व धनराशि को स्कीम में Renew करने हेतु कह रहे थे, जो परिवादिनी को स्वीकार नहीं था। परिवादिनी ने स्पष्ट रूप से विपक्षीगण से कहा कि उसे अब किसी स्कीम में निवेश नहीं करना है, उसका पैसा मय ब्याज वापस किया जाए। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को परिपक्वता धनराशि का भुगतान समय से नहीं किया गया है, जो विपक्षीगण की सेवा में कमी व अनुचित व्यापार प्रक्रिया को दर्शाता है।
5. विपक्षीगण द्वारा परिवादी को आयोग के समक्ष लोक अदालत में समझौते के तहत दो चेक एच0डी0एफ0सी0 बैंक का चेक संख्या 038150 दिनॉंकित 18.10.2022 मुबलिग 86263.00 रूपये का तथा दूसरा चेक पी0एन0बी0 बैंक का चेक संख्या 271179 दिनॉंकित 18.10.2022 मुबलिग 59651.00 हस्तगत कराया गया। परन्तु समझौता नहीं हो सका। परिवादिनी व विपक्षीगण के बीच परिपक्वता धनराशि पर ब्याज को लेकर असहमति हो गयी और बाद में विपक्षीगण के पत्र दिनॉंकित 10.11.2022 द्वारा परिवादिनी से दोनों चेक वापस करने का अनुरोध किया गया। परन्तु परिवादिनी द्वारा उन्हें चेक वापस नहीं किये गये।
6. परिवादिनी का कथानक है कि एफ0डी0आर0 में जो शर्त रखी गयी थी उसके अनुसार उसे परिपक्वता वैल्यू पर 12 प्रतिशत ब्याज प्रति छमाही कम्यूलेटिव मिलना चाहिए।
7. परिवादिनी ने परिवाद के समर्थन में मौखिक साक्ष्य में शपथ पत्र तथा दस्तावेजी साक्ष्य में डिपॉजिट रसीद, नोटिस, लेटर, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है। विपक्षीगण ने भी पंजाब नेशनल का पत्र दाखिल किया है।
8. मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों व साक्ष्यों का सम्यक परिशीलन किया।
9. परिवादिनी द्वारा दिनॉंक 19.11.1998 को 40,000.00 रूपये विपक्षीगण के पास दो वर्ष की अवधि के लिए जमा किए थे जिसकी परिपक्वता अवधि दिनॉंक 19.11.2000 को परिपक्वता धनराशि 50,499.00 रूपये फिक्स थी। परिपक्वता अवधि पूर्ण हो जाने के बाद विपक्षीगण ने 50,499.00 रूपये का भुगतान नहीं किया। परिवादिनी ने विपक्षी से कई बार मौखिक व लिखित रूप से परिपक्वता धनराशि की मॉंग की गयी, परन्तु विपक्षीगण सदैव टालते रहे। अंत में परिवादिनी द्वारा पुन: दिनॉंक 30.10.2015 को एक पत्र विपक्षीगण को भेजा गया, जिसमें परिपक्वता धनराशि 50,499.00 रूपये मय ब्याज देने का अनुरोध किया गया। इस पर विपक्षीगण ने पत्र दिनॉंक 19.02.2016 द्वारा परिवादिनी को कस्टमर आई0डी0 449473 व खाता संख्या 1133000511200217 पर अवगत कराया गया कि वह अपनी धनराशि 50499.00 रूपये को दूसरी स्कीम में रिन्यू कराने के लिये 154 फार्म भरकर दें। परिवादिनी द्वारा उसे अस्वीकार कर दिया गया तथा पुन: अपना पैसा मय ब्याज वापस मॉंगा। अंतिम नोटिस देने के बाद परिवादिनी द्वारा उपभोक्ता आयोग में वाद दाखिल किया गया।
10. परिवादिनी ने इस संबंध में कम्पनी लॉबोर्ड द्वारा दिनॉंक 29.08.2006 को एक केस कोयम्बटूर लक्ष्मी इन्वेस्टमेंट बनाम मेम्बर ऑफ पब्लिक होल्डिंग का आदेश प्रस्तुत किया जिसमें कम्पनी कांट्रैक्टेड रेट 12.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की द र से ब्याज का भुगतान करे तथा निर्धारित अवधि के बाद 14.5 प्रतिशत की दर से देय होगा।
(a) The Company shall pay interest at the contracted rate up to the date of maturity till payment at 12.50 percent per annum. In the event of failure by the company to make repayment as per the scheme approved by the CLB, overdue interest shall by payable at 14.5 percent per annum.
उक्त विधि व्यवस्था लागू नहीं है, क्योंकि कान्ट्रैक्ट रेट 12.5 प्रतिशत की दर पहले से ही तय थी, इसलिए 12.5 प्रतिशत का आदेश पारित किया गया है और वर्तमान तथ्यों एवं परिस्थितियों में ऐसा कोई कान्ट्रैक्ट रेट दाखिल नहीं किया गया है। अत: यह विधि व्यवस्था भिन्न होने के कारण लागू नहीं है।
परिवादिनी द्वारा एफ0डी0 की रसीद, बॉड व पत्राचार से संबंधित पत्र व मा0 न्यायालय के उद्धरण प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी की परिपक्वता धनराशि निर्धारित समय पर भुगतान न करके सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है, जिससे परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक क्षति हुई है। अत: परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि एकल रूप से व संयुक्त रूप से परिवादिनी को एफ0डी0आर0 की परिपक्वता धनराशि 50,499.00 (पचास हजार चार सौ निन्यानबे रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से परिपक्वता अवधि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक निर्णय की तिथि से 45 दिन के अंदर अदा करेंगे। परिवादिनी को हुए मानसिक, आर्थिक उत्पीड़न एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 30,000.00 (तीस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। निर्धारित अवधि में यदि आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
निर्णय की प्रति पक्षकारों को नियमानुसार जारी की जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-23.03.2023