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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 64 सन् 2012
प्रस्तुति दिनांक 19.07.2012
निर्णय दिनांक 04.12.2019
प्रमोद राय पुत्र जिउतबन्धन राय निवासी मौजा- मदनपुर, पोस्ट- ठेकमा, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।
बनाम
- पी.एच.आई.सीड्स लिo तृतीय तल बाबूखान का मिलेनियम सेण्टर मकान नं. 6-3/-1099/1100 राजभवन रोड सोमाजी गुडा हैदराबाद आन्ध्रप्रदेश द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्टर।
- मेo मौर्या बीज भण्डर ग्राम व पोस्ट- ठेकमा बाजार, तहसील-लालगंज, जिला- आजमगढ़ प्रोo रामसूरत मौर्य पुत्र स्वo भभूती मौर्या ग्राम व ठेकमा, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।
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उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 02 से धान का बीज क्रय करने के लिए सम्पर्क किया और उसने कहा कि बीज हाइब्रिड है और एक एकड़ में लगभग 30-35 कुण्टल धान की पैदावार होती है। अतः परिवादी उसके बातों पर विश्वास करके दिनांक 06.06.2008 को उसने 6,600/- रुपये में 30 किलोग्राम धान का बीज खरीदा। जब उसने उसे खेत में बोया तो पौधा बढ़कर तैयार हो गया, लेकिन पौधों में ठीक से न फूल आया और न ही दाने आए। उसने इसकी शिकायत विपक्षी संख्या 02 से किया तो विपक्षी संख्या 02 कहा कि वह इसकी शिकायत विपक्षी संख्या 01 से करेगा। परिवादी विपक्षी संख्या 02 के यहाँ बारबार दौड़ता रहा। उसका शारीरिक व मानसिक नुकसान हुआ है। अतः परिवादी को विपक्षी से 1,75,000/- रुपये की धनराशि 12% वार्षिक ब्याज की दर से विपक्षी संख्या 01 से दिलवाया जाए। मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए 60,000/- रुपये तथा वाद खर्चा दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6 बीज क्रय करने की रसीद, कागज संख्या 7 व 8 रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत किया है।
P.T.O.
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विपक्षी संख्या 02 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र में किए गए कथनों से इन्कार किया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी विपक्षी संख्या 02 से पाईनियर हाइब्रिड धान का बीज प्रजाति 27पी.ओ.-4 खरीदा था तथा दिनांक 14.10.2008 को विपक्षी संख्या 02 के यहाँ शिकायत पत्र दिया था कि कम्पनी के निर्देशानुसार धान की रोपाई पांच एकड़ में किया था। फसल अच्छी तैयार हो गयी है बालिया अच्छी लगी है लेकिन दाने नहीं बने है। अतः उन्हें क्षतिपूर्ति दिलवाया जाए। उपरोक्त शिकायत विपक्षी संख्या 01 से किया। विपक्षी संख्या 02 ने मौके पर जाकर निरीक्षण कियि तो पाया कि परिवादी का कथन सही है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि विपक्षी संख्या 02 को परिवादी द्वारा किये गए परिवाद पत्र में कथन स्वीकार हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को 1,50,000/- रुपया (एक लाख पचास हजार रुपया) क्षति मय 09% वार्षिक ब्याज के साथ जो कि मुकदमा दाखिला की तिथि से देय होगा अन्दर तीस दिन अदा करे। तथा विपक्षी संख्या 01 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को आर्थिक व मानसिक कष्ट हेतु 10,000/- रुपया (दस हजार रुपया) भी अदा करे।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 04.12.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)