Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/131/2012

GIRIJESH RAI - Complainant(s)

Versus

P.H.I.SEEDS - Opp.Party(s)

SHUBH KARAN SINGH

21 Jan 2021

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/131/2012
( Date of Filing : 20 Nov 2012 )
 
1. GIRIJESH RAI
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. P.H.I.SEEDS
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. GAGAN KUMAR GUPTA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Jan 2021
Final Order / Judgement

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 131 सन् 2012

प्रस्तुति दिनांक 20.11.2012

                                                                                          निर्णय दिनांक 21.01.2021       

गिरीजेश राय पुत्र बद्री राय ग्राम- अमेठी, पोस्ट- बिठुआ, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. पी.एच.आई.सीड्स प्राoलिo तृतीय तल बाबूखान का मिलेनियम सेण्टर मकान नम्बर 6-3-1099/1100 राजभवन रोड सोमाजीगुडा हैदराबाद आन्ध्रप्रदेश द्वारा एम.डी.।
  2. मेसर्स मौर्या सीड स्टोर्स ग्राम व पोस्ट- ठेकमा, जिला- आजमगढ़ द्वारा रामसूरत मौर्या पुत्र स्वo भभूली मौर्या ग्राम व पोस्ट- ठेकमा, जिला- आजमगढ़।      
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह ग्राम अमेठी पोस्ट- बिठुआ, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़ का रहने वाला एक कृषक है। याची प्रतिवर्ष पांच एकड़ जमीन में धान लगाता है। जब भी उसे बीज की आवश्यकता होती है तो वह विपक्षी संख्या 02 से बीज क्रय करता है। क्योंकि विपक्षी संख्या 02 की क्षेत्र में काफी अच्छी शाख है। जब वह विपक्षी संख्या 02 की दुकान पर बीज खरीदने गया तो उसने बताया कि विपक्षी संख्या 01 उसके यहाँ बहुत ही अच्छा बीज पाइनियर ब्राण्ड धान हाइब्रिड बीज 27 पी.ओ.4 भेजा है। जिसकी पैदावार विपक्षी संख्या 01 के अनुसार प्रति एकड़ 30 से 35 कुन्टल होती है। याची आश्वस्त होकर उपरोक्त बीज लिया। लेकिन उसके पौधे में दाने नहीं आए। मौके पर गांव वाले गए और देखा कि 90% दाने नहीं आए हैं। यह नुकसान विपक्षी संख्या 01 द्वारा खराब बीज दिए जाने के कारण हुआ है। जब याची ने विपक्षी संख्या 02 से शिकायत किया तो उसने विपक्षी संख्या 01 से शिकायत करके याची को क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का आश्वासन दिया। लेकिन उसकी बात को सुना नहीं गया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को 1,75,000/- रुपया मय ब्याज अदा करें तथा आर्थिक व मानसिक क्षति के लिए भी 1,00,000/- रुपया अदा करें।     

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया

गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6ग पाइनियर ब्राण्ड धान हाइब्रिड बीज 27 पी.ओ.4 के क्रय की रसीद प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को यह परिवाद दाखिल करने का हक हाशिल नहीं था। यह कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी ने विपक्षी के यहाँ से 07.06.2008 को मुo 4620/- रुपए का पाइनियर ब्राण्ड धान हाइब्रिड बीज 27 पी.ओ.4 धान का बीज प्रजाति खरीदा और दिनांक 14.10.2008 को परिवादी ने विपक्षी को सूचित किया कि पौधे में दाना नहीं पड़ा है। विपक्षी संख्या 02 की शिकायत पर विपक्षी संख्या 01 कम्पनी का एम.डी.आर. अभिषेक कुमार मौर्या दिनांक 14.10.2008 को मौके पर आकर परिवादी के फसल का स्थल निरीक्षण किया तो उसने परिवादी की शिकायत सही पाया। इस प्रकार याची को अनुतोष देने का अधिकार विपक्षी संख्या 01 का है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने जो धान क्रय किया था उसकी रसीद पत्रावली में प्रस्तुत किया है। विक्रेता ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह कहा है कि कम्पनी का एम.डी.आर. मौके पर आकर के स्थल निरीक्षण किया तो उसने पाया कि परिवादी का कथन सही है। इस सम्बन्ध में यदि हम न्याय निर्णय “पी.एच.जे. सीड्स लिo एवं अन्य बनाम श्री सुब्रमण्या एवं अन्य 4सी.पी.जे. 512 (एन.सी.) 2015” प्रस्तुत किया है, जिसमें यह अवधारित किया है कि यदि बीज में खराबी पाई जाती है तो क्रेता एक उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। वह परिवाद प्रस्तुत करने के लिए सक्षम है। अतः उपरोक्त कारणों से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

          परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30 दिन परिवादी को उसके हुए नुकसान मुo 1,75,000/- रुपया (रु.एक लाख पचहत्तर हजार मात्र) अदा करें, जिस पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वह उपरोक्त धनराशि को अन्तिम भुगतान की तिथि तक विपक्षी संख्या 01 परिवादी को 09% वार्षिक ब्याज देने के लिए

हकदार है तथा विपक्षी संख्या 01 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को रुपए 10,000/- (रु. दस हजार मात्र) आर्थिक व मानसिक कष्ट हेतु अदा करे।  

 

 

 

                                                                            गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह                             

                                                          (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

           दिनांक 21.01.2021

                                                        यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                            गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                             (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. GAGAN KUMAR GUPTA]
MEMBER
 

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