Rajasthan

Ajmer

CC/402/2013

ABDUL REHMAN - Complainant(s)

Versus

P.H.E.D - Opp.Party(s)

ADV SHOBIT PANTH

14 Jul 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/402/2013
 
1. ABDUL REHMAN
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. P.H.E.D
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

अब्दुल रहमान पुत्र श्री मोबीन खान, निवासी-ग्राम - इंदिरा काॅलोनी, पोस्ट माखुपुरा, पुराना बडगांव, अजमेर । 
                                                         प्रार्थी
                            बनाम
1.   अधिषाषी अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिक विभाग, नगर खण्ड द्वितीय,अजमेर । 
2.  प्रोपराईटर मैसर्स राज कन्स्ट्रक्षन्स कम्पनी, 53/23, केसरगंज, अजमेर । 
                                                        अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 402/2013
                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री षोभित पंत,  अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2. राजकीय अधिवक्ता अप्रार्थी  स.1
                  3. अप्रार्थी सं.2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 14.07.2015

1.             यह परिवाद  प्रार्थी ने ग्राम बडगांव का निवासी होने के साथ  साथ अन्य ग्रामवासियों का स्वयं को प्रतिनिधि बतलाते हुए पेष किया है । तथ्य संक्षेप में इस तरह से है कि  उनके गांव बडगांव में पानी की लाईन डालने के लिए  अप्रार्थी संख्या 2 फर्म को अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा  ठेका दिया गया था किन्तु अप्रार्थी संख्या 2 के आदमियों द्वारा पाईप लाईन डालते समय लापरवाही बरतते हुए ग्रामवासियों के जो घरेलु कनेक्षन थे उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया जिन्हें दुरूस्त कराने हेतु ग्रामवासियों ने अप्रार्थी संख्या 2 से   कई बार निवेदन किया लेकिन अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा यह कहा गया कि क्षतिग्रस्त पाईप लाईन को प्रार्थी  व ग्रामवासी ठीक करवा ले बाद में वह खर्चा दे देगा । ग्रामवासियों  व प्रार्थी ने अपने कनेक्षन के संबंध में क्षतिग्रस्त  लाईन को ठीक करवाया जिसमें  उनके रू. 19,715/- खर्च हुए  किन्तु अप्रार्थीगण ने प्रार्थी व अन्य ग्रामवासियेां को  यह राषि देने से मना कर दिया ।  प्रार्थी ने परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से अपने जवाब में दर्षाया कि ग्रामवासियों की ओर से प्रार्थी को  परिवाद लोन का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ग्रामवासियों ने प्रार्थी को किसी भी तरह से इस हेतु अधिकृत नही ंकिया इसके अतिरिक्त ग्रामवासियों ने अथवा प्रार्थी ने इस विभाग को कोई षिकायत इस संबंध में नही ंदी । यदि कोई षिकायत  दी जाती तो अवष्य उस पर कार्यवाही की जाती । इस तरह से इस अप्रार्थी के विरूद्व गलत रूप से वाद लाया गया है । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से जवाब पेष हुआ जिसमें भी प्रार्थी  ग्राम बडगांव के वासियों का प्रतिनिधि हो, तथ्य से इन्कार किया है साथ ही इस अप्रार्थी द्वारा  लाईन डालने का जो कार्य किया गया उक्त कार्य के वक्त  ग्रामवासियों के कनेक्षन को कोई क्षति कारित होने के तथ्य से इन्कार किया है ।  इस अप्रार्थी द्वारा  नई लाईन डालने का कार्य किया गया था और पूर्व से जो लाईन बिछी हुई थी उसको इस अप्रार्थी द्वारा न तो हटाया गया है और ना ही उसके स्थान पर कोई दूसरी लाईन डाली गई है । अतः प्राथी्र का यह परिवाद खारिज होने योग्य बतलाया । 
4.    साक्ष्य में प्रार्थी का ष्षपथपत्र परिवाद के समर्थन में पेष हुआ है । अप्रार्थी संख्या 1 के अभियंाता का ष्षपथपत्र जवाब के समर्थन में एवं अप्रार्थी संख्या 2 ने भी अपने जवाब के समर्थन में ष्षपथपत्र पेष किया है । प्रार्थी की ओर से एक अधिकार पत्र  संबंधी दस्तावेज पेष किए है जिसमें  क्रम संख्या 1 से 25 तक  में वर्णित लोगों द्वारा  प्रार्थी को ग्रामवासियों का प्रतिनिधि वर्णित होना दर्षाया है ।  
5.    हमने बहस सुनी एवं पत्रावली का अनुषीलन किया । 
6.    प्रार्थी अधिवक्ता की बहस परिवाद में वर्णित तथ्यों के अनुरूप ही रही एवं अधिवक्ता की बहस रही है कि प्रार्थी पक्ष की ओर से दिनांक 27.5.2013 को अप्रार्थी संख्या 1 को इस संबंध में नोटिस से भी सूचित किया गया जिसके संबंध में अप्रार्थी संख्या 1 के अभियंता द्वारा दिनांक 18.6.2013 के पत्र से यह भी सूचित किया कि उनके कार्यालय में कोई षिकायत ग्रामवासियों द्वारा इस ंसबंध में पेष नही ंहुई है  तथा यह भी उल्लेख किया कि  ठेकेदार के  आदमियों द्वारा यदि कोई तोडफोड की है तो इसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार है । प्रार्थी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है तथा ग्रामवासियों का अधिकार पत्र जिसमें करीब 25 व्यक्तियों के नाम व हस्ताक्षर है  प्रार्थी की ओर से पेष हुआ है । इस तरह से  प्रार्थी की ओर से लाया गया यह परिवाद स्वीकार होने योग्य है । 
7.    अधिवक्ता अप्रार्थी संख्या 1 की बहस भी उनके जवाब के अनुरूप ही रही तथा अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से बहस  क्र प्रक्रम पर कोई उपस्थित नहीं हुआ है अतः उनकी बहस  नहीं सुनी जा सकी । 
8.         सबसे पहले हमे यह  तय करना है कि क्या प्रार्थी एवं ग्राम पुराना बडगांव के निवासियान जिनकी ओर से अधिकार पत्र प्रार्थी को दिया जाना दर्षाया है, प्रार्थीगण के उपभोक्ता है ? परिवाद की चरण संख्या 1 में प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 का उपभोक्ता होना दर्षाया है ।  प्रार्थी अप्रार्थी का उपभोक्ता किस तरह से है ऐसा कोई विवरण नहीं दिया है । प्रार्थी  एव ग्रामवासी जिनकी सख्या परिवाद के संलग्न अधिकार पत्र के रूप में है, में से किसी के भी  जल कनेक्षन यदि उन्होने अप्रार्थी से लिए हो, के कोई बिल आदि पेष नहीं किए  हैं ।  परिवाद में यह भी  सही दर्षाया है कि चूंकि वे ग्राम पुराना बडगावं के निवासी है  अतः वे अप्रार्थी के उपभोक्ता है । हमारे  विनम्र मत में प्रार्थी व सूची में वर्णित लोग ग्राम पुराना बड गांव के निवासी है इस आधार पर अप्रार्थी के उपभोक्ता नहीं  कहे जा सकते इसके अतिरिक्त परिवाद में यह भी वर्णित नहीं किया है कि प्रार्थी व ग्रामवासी  पुराना बडगांव में अप्रार्थी संख्या 1  से क्या सेवाएं एव ंकिस तरह का प्रतिफल देकर प्राप्त की । अतः हम पाते है कि प्रार्थी की ओर से प्रार्थी तथा परिवाद के संलग्न सूची के लोग अप्रार्थी संख्या 1 के उपभोक्ता है । प्रार्थी की ओर से सिद्व नहीं  हुआ है । इसी तरह प्रार्थी संख्या 2 जिसके द्वारा पाईप लाईन  डालने का कार्य किया गया था, के भी प्रार्थी किस तरह से उपभोक्ता है न तो परिवाद में बतलाया है और ा ही कोई साक्ष्य पेष की गई है । अतः इस निर्णय बिन्दु का निर्णय इसी अनुरूप किया जाता है । 
9.    अगला प्रष्न हमारे समक्ष यह है कि क्या अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा पुराना बडगावं में  जो पानी की लाईन डाली  उससे प्रार्थी व संलग्न सूची के लोगों के पानी के कनेक्षन की लाईन क्षतिग्रस्त हुई एवं जिन्हें दुरूस्त करवाने में रू. 19715/- खर्च हुए ? 
10.    इस संबंध में हमने  जो बहस हुई उस पर गौर किया  व परिवाद का अध्ययन किया । प्रथमतः प्रार्थी व संलग्न सूची के लोगो के पानी के कनेक्षन थे  इस संबंध में कोई साक्ष्य अर्थात पानी के बिल व जल कनेक्षन नम्बर आदि का कोई विवरण या साक्ष्य पेष नहीं की है ।  परिवाद के समर्थन में संक्षिप्त षपथपत्र  प्रार्थी का ही पेष है । साक्ष्य के रूप में कोई ष्षपथपत्र प्रार्थी का नहीं है इसके अतिरिक्त संलग्न सूची में से किसी भी व्यक्ति का ष्षपथपत्र पत्रावली पर नहीं है । अप्रार्थी संख्या  2 की ओर से नई पाईप लाईन डालने का जो कार्य किया गया उसके क्रम में प्रार्थी व संलग्न सूची के व्यक्तियों के  घर की पाईप लाईन  क्षतिग्रस्त होने के सम्ंबध्ंा में कोई षिकायत प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी  संख्या 1 के कार्यालय में अथवा सहायक अभियंता के कार्यालय में नहीं की गई है ।  पाईप लाईन डालते समय कनेक्षन में क्षति किस तरह से व किस व्यक्ति के  कितनी क्षति हुई, का कोई विवरण परिवाद में पेष नहीं हुआ है और ना ही इस संबंध में कोई ष्षपथपत्र ही पेष हुआ है । क्षतिपूर्ति की राषि रू. 19715/- होना दर्षाया है लेकिन इस राषि का आंकलन किस आधार पर किया गया , के संबंध में भी कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं हे ।  इसके विपरीत अप्रार्थी संख्या 1  का कथन रहा है कि उसके कार्यालय में प्रार्थी अथवा ग्राम वासी पूराना बडगांव की ओर से कोई रिर्पोट या  सूचना इस संबंध में नहीं दी गई है । अप्रार्थी संख्या 2  ने अपना विस्तृत जवाब पेष किया जिसमें उसका स्पष्ट  कथन है कि उसने नई लाईन डाली थी तथा जो कनेक्षन लोगों के थे उनके संबंध में कोई क्षति इस अप्रार्थी  द्वारा कारित नहीं हुई थी । 
11.    उपरोक्त सारे विवेचन से हमारा निष्कर्ष है कि प्रार्थी या ग्राम वासी पुराना बडगांव  के लोग जिनकी संख्या अधिकार पत्र में वर्णित अनुसार दी गई है, के जल कनेक्षन थे एवं अपा्रर्थी संख्या 2 द्वारा उन कनेक्षन में कोई क्षति कारित की एवं प्रार्थी व ग्राम पुराना बडगांव वासियों को रू. 19715/- का कोई नुकसान हुआ है इस प्रकार यह निर्णय बिन्दु भी प्रार्थी की ओर से सिद्व नहीं हुआ है । 
12.    उपरोक्त विवेचन अनुसार निर्णय बिन्दु संख्या 1 व 2 प्रार्थी की ओर से सिद्व नही हुए है । परिणामस्वरूप प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है । अतः आदेष है कि
                       -ःः आदेष:ः-
13.            प्रार्थी का परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं होने से अस्वीकार  किया जाकर  खारिज किया जाता है । खर्चा पक्षकारान अपना अपना स्वयं वहन करें ।

  (श्रीमती ज्योति डोसी)                      (गौतम प्रकाष षर्मा) 
             सदस्या                                  अध्यक्ष

14.        आदेष दिनांक 14.07.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

              सदस्या                                अध्यक्ष
 
 ं

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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