Makhan Lal Gupta filed a consumer case on 28 Apr 2015 against P.H.E.D, Department . in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/1347/2012 and the judgment uploaded on 11 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
परिवाद संख्या:-1347/2012 (पुराना परिवाद संख्या 288/2010)
श्री मक्खनलाल गुप्ता पुत्र स्वर्गीय श्री स्नेही लाल गुप्ता, निवासी- पुराना बस स्टैण्ड, कोठपुतली, जिला जयपुर ।
परिवादी
बनाम
01ण् जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, मुख्य कार्यालय- रेल्वे स्टेषन, गणपति नगर, जयपुर जरिये मुख्य अभियन्ता ।
02ण् जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, उपखण्ड कोठपुतली, जिला जयपुर जरिसये सहायक अभियन्ता ।
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री अभिनन्दन जैन, एडवोकेट
विपक्षीगण की ओर से श्री के.के.गर्ग, एडवोकेट
निर्णय
दिनांकः- 28.04.2015
यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 11.03.2010 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षी से एक पानी का कनेक्षन ले रखा हैं । जो परिवादी के नाम से खाता संख्या 38 के रूप में संघारित किया जा रहा हैं । परिवादी का यह पानी का कनेक्षन घरेलू श्रेणी का हैं जबकि विपक्षीगण परिवादी को वाणिज्यिक दर से बिल भेज रहे हैं । परिवादी को विपक्षीगण ने जून,2009 से दिसम्बर,2009 के मध्य में जब बिल्कुल पानी नहीं आ रहा था तब लगातार शुद्ध उपयोग 20,000 लीटर दिखाकर परिवादी से वाणिज्यिक कनेक्षन के हिसाब से औसत जल उपभोग का बिल भेजे । विपक्षीगण ने परिवादी को जून, जुलाई, अगस्त, नवम्बर एवं दिसम्बर,2009 के बिल क्रमषः 1705/-रूपये, 1917/-रूपये, 2049/-रूपये, 2,445/-रूपये एवं 2,577/-रूपये के भेजे । परिवादी का पानी का मीटर भी विपक्षीगण की लापरवाही से खराब पड़ा हैं, जिसे विपक्षीगण ने ठीक नहीं किया ।
इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा परिवादी के मीटर को ठीक नहीं कराने व परिवादी को जल उपभोग के बिल घरेलू के स्थान पर वाणिज्यिक दर से भेजकर सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 14 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया हैं कि परिवादी का जल कनेक्षन वास्तव में अघरेलू श्रेणी में आता हैं और अघरेलू श्रेणी के जल उपभोग की राषि परिवादी से वसूल की जा रही हैं । परिवादी अपने वाणिज्यिक श्रेणी के कनेक्षन को घरेलू श्रेणी मेें परिवर्ततन कराने के लिए कार्यवाही कर रहा हैं । परिवादी ने न तो अपना मीटर ठीक करवाया है और न ही मीटर प्रस्तुत किया हैं । जिसकी वजह से परिवादी को औसत जल उपभोग के बिल भेजे जा रहे हैं । इसमें विपक्षीगण का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री मक्खन लाल गुप्ता ने स्वयं का शपथ पत्र एवं कुल 03 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये । जबकि जवाब के तथ्यों की पुष्टि में विपक्षीगण की ओर से श्री रामलाल सैनी एवं श्री षिवचरण लाल गुप्ता के शपथ पत्र प्रस्तुत किये गयेे ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण मेें परिवादी को विपक्षीगण ने अगस्त,2009, सितम्बर,2009 एवं दिसम्बर,2009 के जो बिल भेजे हैं, उनमें परिवादी के जल कनेक्षन की श्रेणी छवद.क्वउमेजपब ;छव्क्द्ध अंकित हैं । इसलिए परिवादी को विपक्षीगण द्वारा जारी जल कनेक्षन की श्रेणी घरेलू हो, यह नहीं माना जा सकता । इस संबंध में परिवादी की ओर से पूर्व के बिल आदि भी प्रस्तुत नहीं किये गये हैं जिससे यह प्रमाणित हो सकें कि परिवादी का जल कनेक्षन घरेलू श्रेणी का हैं । इस विषय को परिवादी को विपक्षीगण से अपने आवेदन पत्र आदि तलब कराकर सिद्ध करना चाहिये था ताकि यह सिद्ध हो जाता कि परिवादी का जल कनेक्षन घरेलू श्रेणी का हैं । इसलिए परिवादी द्वारा ऐसी कोई संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई हैं जिसको आधार बनाकर यह माना जा सकें कि परिवादी को विपक्षीगण द्वारा जारी किया गया जल कनेक्षन, जिसका वर्तमान खाता संख्या 38 हैं, घरेलू श्रेणी का हैं । इसलिए विपक्षीगण ने विवादित बिलों के माध्यम से परिवादी से जो अघरेलू दर से जल उपभोग की राषि वसूल की हैं, वह त्रुटिपूर्ण नहीं कही जा सकती हैं ।
परिवादी के जल कनेक्षन का मीटर यदि काम नहीं कर रहा है तो परिवादी को मीटर बदलवाने का अधिकार प्राप्त हैं और इस संबंध में परिवादी को अपने स्तर पर कार्यवाही करना आवष्यक हैं । परिवादी ने विपक्षीगण को जो विधिक नोटिस दिनांक 18.07.2009 को दिया उसमें मीटर की खराबी और उसे ठीक कराने के संबंध में कोई तथ्य अंकित नहीं हैं । परिवादी द्वारा अपने परिवाद मंें भी मीटर की खराबी और उसे ठीक कराने के संबंध में कोई अनुतोष नहीं चाहा गया हैं । इसलिए परिवादी द्वारा मीटर बदलवाने के विषय में अपने परिवाद में कोई अनुतोष नहीं चाहने के कारण इस संदर्भ में पृथक से थ्पदकपदह देना अनावष्यक हैं ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किये जाने योग्य नहीं पाया जाता हैं और अस्वीकार किया जाता हैं ।
आदेश
उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी विपक्षीगण के विरूद्ध निरस्त किया जाता हैं ।
डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 28.04.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्या अध्यक्ष
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