Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/135/2013

Shri Anil Kumar - Complainant(s)

Versus

P.A.C.L India Ltd. - Opp.Party(s)

11 Aug 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/135/2013
 
1. Shri Anil Kumar
R/o Village Radua, Tehsil Billari, Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. P.A.C.L India Ltd.
Branch Office, Gandhi Plaza, Delhi Road. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 11 Aug 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षी सं0-1 से उसे पालिसी की परिपक्‍वता राशि 45,614/- रूपया दिलाई जाय। क्षतिपूर्ति की मद में 35,000/-रूपया तथा परिवाद व्‍यय की मद   में 15,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी के पिता स्‍व0  श्री चन्‍द्रपाल सिंह ने अपने जीवनकाल में दिनांक 17/8/2006 को विपक्षी सं0-1 से एक बीमा कराया था। बीमा राशि 20,000/- रूपया थी जिसका प्रमाण पत्र परिवादी के पिता के नाम विपक्षी सं0-1 ने जारी किया। पालिसी 8 वर्ष की थी जिसकी परिपक्‍वता राशि 45,614/- रूपया थी। पालिसी में परिवादी नामिनी था। पालिसी के प्रमाण पत्र की संख्‍या-084094616 तथा उसका सीरियल नं0-2667916 था।  दिनांक 13/9/2013 को परिवादी के पिता का स्‍वर्गवास हो गया। परिवादी  बतौर नामिनी परिपक्‍वता राशि प्राप्‍त करने का अधिकारी था, उसने विपक्षी सं0-1 से समस्‍त प्रपत्र भेजकर परिपक्‍वता राशि की मांग की, किन्‍तु विपक्षी सं0-1 ने धनराशि देने से यह कहकर मना कर दिया कि उक्‍त   पालिसी की राशि  कुमारी पिंकी पुत्री श्री सोमपाल सिंह निवासी पीपलसाना भोजपुर जिला मुरादाबाद के नाम की जा चुकी है। परिवादी ने आरोप लगाया कि विपक्षीगण ने आपस में साजिश रचकर और चारसोबीसी करके कूटरचित दस्‍तावेज तैयार किऐ और पालिसी की परिपक्‍वता राशि विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी सं0-2 के नाम ट्रांसफर कर दी। पूछने पर विपक्षी सं0-1   ने परिवादी को इस तरह ट्रांसफर का कोई कारण परिवादी को नहीं बताया।  परिवादी के अनुसार विपक्षीगण के यह कृत्‍य सेवा में कमी है, उसने परिवाद  में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4  दाखिल किया, उसने बीमा प्रमाण पत्र, अपने पिता के मृत्‍यु प्रमाण पत्र और विपक्षी सं0-1 द्वारा विपक्षी सं0-2 के नाम ट्रांसफर किऐ गऐ पालिसी  सम्‍बन्‍धी विवरण की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र  पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/8 हैं।
  4. विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत  11/3 दाखिल हुआ जिसमें कहा गया कि विपक्षी सं0-1 एक रियल स्‍टेट  कम्‍पनी है जो जमीन खरीदने – बेचने का काम करती है। परिवादी के  पिता स्‍व0 श्री चन्‍द्रपाल सिंह और उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 के मध्‍य भूमि  आवंटन के लिए करार निष्‍पादित हुआ था जिसका पंजीकरण सं0- यू.484094616 था। इस पंजीकरण को स्‍वर्गीय श्री चन्‍द्रपाल सिंह ने  विपक्षी सं0-2 को हस्‍तान्‍तरित कर दिया था। विपक्षी सं0-2 ने पंजीकरण की अवधि पूरी होने के बाद दिनांक 21/10/2013 को पूरा भुगतान डिमांड ड्राफ्ट दिनांकित 05/10/2013 द्वारा प्राप्‍त कर लिया है। विपक्षी सं0-1   की ओर से अग्रेत्‍तर कथन किया गया है कि पंजीकरण के हस्‍तान्‍तरण  और उसके लाभ हित को विपक्षी सं0-2 द्वारा प्राप्‍त करने को परिवादी ने चुनौती दी है जिसके लिए विस्‍तारपूर्वक साक्ष्‍य की आवश्‍यकता होगी जो फोरम के  समक्ष सम्‍भव नहीं है। इस प्रकार परिवाद फोरम के समक्ष चलने योग्‍य   नहीं है। यह भी कहा गया है कि मामला आरबीट्रेशन एक्‍ट,1996 के  प्राविधानों से भी बाधित है। परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं  हुआ। परिवादी के पिता ने अपने जीवनकाल में स्‍वयं प्‍लाट का  पंजीकरण  विपक्षी सं0-2 को हस्‍तान्‍तरित किया था और इस हेतु इन्‍डेमिनिटी वाण्‍ड  भी निष्‍पादित किया था। परिवादी ने धोखधड़ी और साजिश रचने सम्‍बन्‍धी  विपक्षीगण पर जो आरोप लगाऐ हैं वे आधारहीन और मिथ्‍या है। उक्‍त  कथनों के आधार पर परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना विपक्षी सं0-1 ने की।
  5. प्रतिवाद पत्र के साथ पत्र के साथ परिवादी के पिता द्वारा विपक्षी सं0-1 से किऐ गऐ करार और उसे विपक्षी सं0-2 के पक्ष में हस्‍तान्‍तरित  किऐ जाने सम्‍बन्‍धी विवरण, परिवादी के पिता द्वारा निष्‍पादित  इन्‍डेमिनिटी वाण्‍ड की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया  है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-11/4 लगायत 11/7 हैं।
  6. विपक्षी सं0-2 पर फोरम के आदेश दिनांकित 03/9/2014 द्वारा तामीला पर्याप्‍त मानी गई, किन्‍तु वह उपस्थित नहीं हुई। विपक्षी सं0-2  की ओर से कोई प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं हुआ अत: फोरम के आदेश  दिनांक 20/10/2014 द्वारा विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
  7. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/2   दाखिल किया जिसके साथ उसने परिवाद के साथ दाखिल प्रपत्रों को बतौर संलग्‍नक पुन: दाखिल किया, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-14/5  लगायत 14/8 हैं।
  8. विपक्षी सं0-1 की ओर से उसके अधिकृत प्रतिनिधि /शाखा प्रबन्‍धक   श्री मिर्सयाव खॉं ने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/2  दाखिल किया जिसके साथ प्रतिवाद पत्र के साथ दाखिल प्रपत्रों को बतौर  संलग्‍नक पुन: दाखिल किया गया, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-16/3 लगायत 16/6 हैं।
  9. परिवादी तथा  विपक्षी सं0-1 ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  10. हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍तागण के  तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-2 की ओर  से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  11. विपक्षी सं0-1 एवं परिवादी के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं  है कि परिवादी के पिता के आवेदन पर विपक्षी सं0-1 ने उनके नाम 20,000/- रूपया के ऐवज में दिनांक 17/8/2006 को एक प्‍लाट आवंटित   किया था और इस सन्‍दर्भ में परिवादी के पिता के नाम प्रमाण पत्र भी  जारी किया था। प्रमाण पत्र में  परिवादी नामिनी था। यह योजना 7 वर्ष के लिए था जो दिनांक 17/8/2013  को समाप्‍त होनी थी। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि  योजना की अवधि समाप्‍त होने के उपरान्‍त विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को परिपक्‍वता राशि 45,614/- रूपया अदा नहीं की बल्कि विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी सं0-2 से साजिश करके और  कूटरचित दस्‍तावेज तैयार करके आवंटन विपक्षी सं0-2 के नाम ट्रांसफर कर दिया और बाद में परिपक्‍वता राशि का भुगतान भी विपक्षी सं0-2  को कर दिया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार विपक्षीगण ने उक्‍त कृत्‍य धोखाधड़ी और चारसौबीसी से किऐ हैं।
  12. प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद को आधारहीन बताते हुऐ हमारा ध्‍यान विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्‍धक के  साक्ष्‍य शपथ पत्र और उसके साथ दाखिल संलग्‍नकों की ओर आकर्षित  किया। विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता ने कागज सं0-16/3, 16/4  एवं 16/5 को इगित करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी के पिता ने अपने जीवनकाल में आवंटित प्‍लाट का पंजीकरण विपक्षी सं0-2 के नाम ट्रांसफर  करवा दिया था और इस सन्‍दर्भ में उन्‍होंने विपक्षी सं0-1 के पक्ष में इनडेमिनिटी वाण्‍ड भी निष्‍पादित किया था। स्‍थानान्‍तरण के फलस्‍वरूप वर्ष 2013 में विपक्षी सं0-1 ने परिपक्‍वता राशि का भुगतान विपक्षी सं0-2 को कर दिया है। विपक्षी सं0-1 की ओर से यह भी कहा गया कि सारी कार्यवाही पारदर्शिता के साथ परिवादी के पिता के अनुरोध पर की गई थी जिसमें किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र अथवा अभिलेखों कूटरचना नहीं की गई। उन्‍होंने यह कहते हुऐ कि परिवाद को सुनने का फोरम को  अधिकार नहीं है, परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  13. महेश कुमार बनाम एम0जी0 मोटर्स I (2016)सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-110 (एन0सी0) की निर्णयज विधि में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि ऐसे मामले जहॉं प्रतिपक्षी पर धोखाधड़ी किऐ जाने विषयक आरोप लगाऐ गऐ हों और जिनके विनिश्‍चय हेतु दोनों पक्षों की ओर से विस्‍तृत साक्ष्‍य की आवश्‍यकता हो  ऐसे मामलों की सुनवाई जिला उपभोक्‍ता फोरम की समक्ष नहीं जा सकती। वर्तमान मामले के तथ्‍य महेश कुमार की उपर्युक्‍त रूलिंग से आच्‍छादित हैं। परिवादी ने विपक्षीगण पर आपसी साजिश रचकर और कूटरचित दस्‍तावेज तैयार करके प्‍लाट आवंटन को धोखाधड़ी से विपक्षी सं0-2 के नाम अन्‍तरित कर दिऐ जाने विषयक आरोप इस परिवाद में विपक्षीगण पर लगाऐ हैं जिनका विपक्षीगण ने खण्‍डन करते हुऐ उनका प्रतिवाद किया है ऐसी दशा में निर्णय हेतु मामले में  दोनों पक्षों की ओर से विस्‍तृत साक्ष्‍य की आवश्‍यकता होगी अत: महेश कुमार की उपर्युक्‍त निर्णयज विधि में दिऐ गऐ अभिमत के दृष्टिगत यह परिवाद फोरम के समक्ष चलने योग्‍य नहीं है।
  14. उपरोक्‍तानुसार परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      11.08.2016           11.08.2016        11.08.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 11.08.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      11.08.2016          11.08.2016         11.08.2016

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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