Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/108/2015

MOhd. Ubaid - Complainant(s)

Versus

P.A.C.L India Ltd. - Opp.Party(s)

Shri Suresh Singh

05 May 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/108/2015
 
1. MOhd. Ubaid
R/o Rasoolpur Hameerpur, Post Fatehpur, Tehsil Bilari, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. P.A.C.L India Ltd.
Add:-Manager 1,2 Floor Gandhi Complex Majhola, Dehli Road, Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

एकपक्षीय निर्णय

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे पालिसी की मैच्‍युरिटी की रकम अंकन 77,000/- रूपया 18  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की  मद में 1,50,000/- रूपया तथा परिवाद व्‍यय की मद में 10,500/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप  में  परिवाद कथन  इस  प्रकार हैं कि  दिनांक 12/2/2008 को परिवादी ने विपक्षीगण से एक पालिसी संख्‍या- यू084171183 ली थी। पालिसी 6 वर्ष की थी जिसकी परिपक्‍वता तिथि 12/2/2014 थी। परिवादी को 735/- रूपया मासिक किश्‍तें अदा करनी थी। परिवादी के अनुसार उसने निरन्‍तर सभी मासिक किश्‍तें अदा कीं। मैच्‍युरिटी की तारीख से पूर्व उसने मूल पालिसी वाण्‍ड और किश्‍तें जमा करने की  आखिरी रसीद विपक्षी संख्‍या-1 के कार्यालय में इस अनुरोध के साथ  जमा की कि उसकी मैच्‍योरिटि की राशि उसे दे दी जाऐ। अनेकों चक्‍कर  लगाने के बावजूद परिवादी को मैच्‍युरिटी राशि का भुगतान नहीं किया गया। बार-बार पूछने पर परिवादी को बताया गया कि शीघ्र ही उसका भुगतान हो जाऐगा किन्‍तु भुगतान नहीं हुआ तब परिवादी ने दिनांक 03/9/2015 को अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से एक कानूनी नोटिस विपक्षीगण को भिजवाया। इसके बावजूद भी परिवादी को भुगतान नहीं किया गया। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण ने उसका भुगतान न करके सेवा में कमी की है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ  जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/3 दाखिल किया। सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से उसने पालिसी वाण्‍ड, आखिरी किश्‍त जमा करने की रसीद दिनांकित 13/1/2014 तथा विपक्षीगण को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 03/9/2015 की नकलों को परिवादी ने दाखिल किया। इनके अतिरिक्‍त  नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की असल रसीदें भी परिवादी ने दाखिल की। यह प्रपत्र पत्रावली के कागज संख्‍या-3/5 लगायत 3/9 हैं।
  4.  विपक्षी सं0-2 पर फोरम के आदेश दिनांक 21/12/2015 तथा  विपक्षी सं0-1 पर फोरम के आदेश दिनांक 01/2/2016 द्वारा तामीला पर्याप्‍त मानी गई, किन्‍तु न तो वे उपस्थित हुऐ और न उन्‍होंने प्रतिवाद पत्र दाखिल किया। विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद  की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
  5. एकपक्षीय साक्ष्‍य में परिवादी ने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 दाखिल किया।
  6.  परिवादी ने लिखित बहस भी दाखिल की।
  7.  हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  8.  परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 के माध्‍यम से अपने परिवाद कथनों को सशपथ दोहराया और उन्‍हें प्रमाणित किया है।  परिवाद  के  साथ  दाखिल पालिसी  रजिस्‍ट्रेशन रसीद कागज सं0-3/5, पालिसी डाकुमेन्‍ट कागज सं0-3/6 तथा अन्तिम  किश्‍त की अदायगी की रसीद की नकल कागज सं0-3/7 से यह प्रमाणित  है कि परिवादी ने विपक्षीगण से दिनांक 12/2/2008 को एक पालिसी  सं0- यू084171183 ली थी। पालिसी की अवधि 6 वर्ष थी। परिवादी ने  निरन्‍तर मासिक किश्‍तें अदा कीं और अन्तिम किश्‍त उसने दिनांक 13/1/2014 को अदा की। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के माध्‍यम  से इस तथ्‍य को भी प्रमाणित किया है कि उसने अन्तिम भुगतान की  रसीद सहित मूल पालिसी वाण्‍ड विपक्षी सं0-1 को पालिसी की मैच्‍युरिटी रकम के भुगतान हेतु समय से भेज दी थी, किन्‍तु उसका भुगतान नहीं किया गया। पालिसी वाण्‍ड की नकल के अवलोकन से प्रकट है कि  मैच्‍युरिटी वैल्‍यू 77000/- रूपया थी।
  9. परिवादी परिवाद कथनों को सिद्ध करने में सफल रहा है उसे  विपक्षीगण से पालिसी की मैच्‍युटिी राशि अंकन 77000/- रूपया और  उस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। उक्‍त के अतिरिक्‍त क्षतिपूर्ति की मद   में परिवादी को 2000/- (दो हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद   में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया् अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी  उचित दिखाई देता है। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

                                                                                                      आदेश

       परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 77000/-(सतहतर  हजार               रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। क्षतिपूर्ति की मद में 2000/- (दो हजार रूपया) और  परिवाद व्‍यय        की मद में 2500/- (दो  हजार  पाँच सौ रूपया) परिवादी अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। परिवादी को समस्‍त धनराशि का  भुगतान एक माह में        किया जाय।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     05.05.2016        05.05.2016        05.05.2016

 

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 05.05.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       05.05.2016       05.05.2016        05.05.2016

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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