Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/2608

Union Of India - Complainant(s)

Versus

P. K. Gupta - Opp.Party(s)

G. S. Sikarwar

24 Jul 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/2608
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union Of India
Allahabad
...........Appellant(s)
Versus
1. P. K. Gupta
Kaushambi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2608/2003

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कौशाम्‍बी द्वारा परिवाद संख्‍या-161/2001 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-04-2002 के विरूद्ध)

 

यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सीनियर सुपरीटेन्‍डेन्‍ट आफ पोस्‍ट आफिसेज, इलाहाबाद।

पोस्‍ट मास्‍टर चरवा, पोस्‍ट आफिस कौशाम्‍बी।

                                    अपीलार्थी/विपक्षीगण                         

बनाम्

  1. प्रदीप कुमार गुप्‍ता।
  2. अनिल कुमार केसरवानी।

( पुत्रगण सूरज प्रसाद निवासीगण ग्राम चरवा, पोस्‍ट चरवा थाना चरवा, जिला कौशाम्‍बी)

                                        प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण

समक्ष :-

1-   मा0 श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्‍य।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

1-  अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - डा0 उदय वीर सिंह।

2-  प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित -   कोई नहीं।

 

दिनांक : 01-10-2015

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

अपीलार्थी ने प्रस्‍तुत अपील विद्धान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कौशाम्‍बी द्वारा परिवाद संख्‍या-161/2001 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-04-2002 से क्षुब्‍ध होकर योजित की है जिसमें विद्धान जिला मंच द्वारा परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए ''विपक्षीगण को आदेशित किया है कि वह 40,000/-रू0 मय 12 प्रतिशत ब्‍याज सहित मेच्‍योरिटी की तिथि से जमा किये जाने की तिथि तक परिवादीगण को अदा करेंगे।''

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ग्राम व पोस्‍ट चरवा, कौशाम्‍बी के स्‍थाई निवासी है और अपीलार्थी पोस्‍ट आफिस, कौशाम्‍बी से दिनांक 06-05-1995 को 10,000/-रू0 का 5/2 वर्ष की अवधि के लिए किसान विकास पत्र नम्‍बर-B/Z/2-889121 एवं B/Z/2-889824 दिनांक 04-05-1995 एवं दिनांक 06-05-1995 को खरीदा जिसकी परिपक्‍वता तिथि क्रमश दिनांक 04-11-2000 व दिनांक 06-11-2000 थी। परिपक्‍वता तिथि पर परिवादी/प्रत्‍यर्थीगण जब अपीलार्थी/विपक्षीगण के यहॉं जमा धनराशि लेने गये तो उनके द्वारा बताया गया कि आपके किसान विकास पत्र का कोई लेखा-जोखा हमारे रिकार्ड में नहीं है इसलिए भुगतान नहीं किया जा सकता है और यह कहा गया कि जारी किये गये किसान विकास पत्र दूसरे पोस्‍ट मास्‍टर श्री किशोरी लाल द्वारा जारी किये गये है और उनके द्वारा अनेकों लोगों का पैसा अपने पास रख लिया गया था व प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था इस प्रकार उनक द्वारा राजकीय धनराशि का गबन किया गया। श्री किशोरी लाल के विरूद्ध एफ0आई0आर0 भी दर्ज करायी जा चुकी है और अब आप अपना पैसा लेने हेतु एस0एस0पी0 डाकघर, इलाहाबाद के यहॉं सम्‍पर्क करें। एस0एस0पी0 डाकघर, इलाहाबाद से सम्‍पर्क करने पर उनके द्वारा भुगतान शीघ्र कराये जाने का आश्‍वासन दिया गया किन्‍तु भुगतान नहीं किया गया। इसलिए यह परिवाद संख्‍या-161/2001 योजित करने की आवश्‍यकता पड़ गयी।

अपीलार्थीगण द्वारा प्रत्‍यर्थीगण द्वारा किसान विकास पत्र खरीदा जाना स्‍वीकार किया गया और यह कहा कि पोस्‍ट मास्‍टर श्री किशोरी लाल द्वारा जो किसान विकास पत्र जारी किये गये थे उनका रिकार्ड उनके द्वारा अंकित नहीं किया गया है। उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही सम्‍पादित की गयीएवं आपराधिक प्रकरण भी संस्थित किया गया।  

 पीठ के समक्ष अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता डा0 उदयवीर सिंह उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।

हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क सुने तथा उनके तर्क के समर्थन में पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का परिशीलन किया।

अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि उनके स्‍तर से कोई गलती नहीं की गयी है और जो गलती हुई है वह किसान विकास पत्र खरीदे जाने के समय विभागीय कर्मचारी श्री किशोरी लाल पोस्‍ट मास्‍टर द्वारा की गयी है उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही सम्‍पादित की गयी एवं आपराधिक प्रकरण भी संस्थित किया गया। अपीलार्थी पोस्‍ट आफिस के विद्धान अधिवक्‍ता डा0 उदयवीर सिंह ने अपने लिखित तर्क के प्रस्‍तर-4 में यह तथ्‍य पीठ के समक्ष रखा कि विभाग द्वारा प्रत्‍यर्थी को दिनांक 12-07-2002 तत्‍पश्‍चात् दिनांक 19-02-2002 को प्रश्‍नगत विकास विकास पत्र की परिपक्‍वता धनराशि 40,000/-रू0 का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान करने में हुए विलम्‍ब के लिए विभाग उत्‍तरदायी है, क्‍योंकि विभागीय कर्मचारी श्री किशोरी लाल गुप्‍ता द्वारा गबन किया गया था। अब विचारणीय प्रश्‍न केवल इतना है कि क्‍या किसान विकास पत्रों की परिपक्‍वता धनराशि का भुगतान विलम्‍ब से किये जाने पर विभाग परिपक्‍वता धनराशि पर ब्‍याज देने के लिए बाध्‍य है अथवा नहीं। इस संबंध में वित्‍त मंत्रालय (Department of Economic Affairs) द्वारा निर्गत Notification No. GSR 821(E) दिनांकित 16-10-2003 में विलम्‍ब पर ब्‍याज देने का प्राविधान किया गया है। बचत खाते में देय ब्‍याज दर के अनुरूप ऐसे प्रकरणों में साधारण ब्‍याज की दर से तत्‍समय प्रचलित सेविंग बचत खातों के आधार पर देय ब्‍याज दर के अनुरूप होगा।

इसी संबंध में‍ किसान विकास पत्र रूल 1988 सेक्‍सन-6 गर्वमेंन्‍ट सेविंग सार्टिफिकेट एक्‍ट-1959 की धारा-12 में दिये गये प्रदत्‍त अधिकारों की पृष्‍ठभूमि में विद्धान जिला मंच द्वारा बी0ई0ए0 विज्ञप्तियों जी0एस0आर0-3-88 जिसकी संशोधन समय-समय पर किया गया है उनके नियमावली 13-ए परिपक्‍वता तिथि के बाद से ब्‍याज दिये जाने की व्‍यवस्‍था की गयी है नियम 12 ए उपखण्‍ड-अ में यह व्‍यवस्‍था पूर्णरूपेण स्‍पष्‍ट की गयी है कि ऐसे प्रकरणों में साधारण ब्‍याज की दर से तत्समय प्रचलित सेविंग बचत खाते के आधार पर ब्‍याज दिया जायेगा अत: बिलम्बित अवधि के संबंध में परिवादी नियम 13-ए के अन्‍तर्गत ही अतिरिक्‍त धनराशि ब्‍याज के रूप में पाने का अधिकारी है। चूंकि यह सेवा की बिसंगति का प्रकरण नहीं है अत: कोई भी क्षति व क्षतिपूर्ति की धनराशि जैसा कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-14 के अन्‍तर्गत व्‍यवस्थित है उनके अन्‍तर्गत देय नहीं होगा।

तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

 अपील आंशिक रूप से सव्‍यय स्‍वीकार की जाती है। विद्धान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कौशाम्‍बी द्वारा परिवाद संख्‍या-161/2001 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-04-2002 संशोधित करते हुए 12 प्रतिशत ब्‍याज के स्‍थान पर 06 प्रतिशत ब्‍याज दिये जाने का आदेश पारित किया जाता है। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।

पक्षकारों को निर्णय की प्रतिलिपि नियमानुसार प्राप्‍त करायी जाए।

 

 

  ( आलोक कुमार बोस )                     ( बाल कुमारी )

  पीठासीन सदस्‍य                              सदस्‍य

कोर्ट नं0-4

प्रदीप मिश्रा

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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