राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2181/2007
(जिला उपभोक्ता फोरम, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या-22/2007 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 01.09.2007 के विरूद्ध)
1. मुरली गौड़ पुत्र श्री प्रसाद गौड़।
2. कु0 किरन
3. कु0 सुधा, नाबालिंगान पुत्रीगण स्व0 श्री गोपीचन्द्र गौड़ द्वारा मुरली गौड़ बाबा एवं संरक्षक।
निवासीगण ग्राम मझरिया पत्रालय धनघटा थाना एवं तहसील धनघटा जिला सन्तकबीरनगर।
अपीलार्थीगण@परिवादीगण
बनाम्
पूर्वोत्त्र रेलवे द्वारा जनरल मैनेजर पूर्वोत्तर रेलवे पत्रालय, डाकघर, गोरखपुर, जनपद गोरखपुर पिन कोड 273001 ।
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री वी0पी0 शर्मा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 24.07.2015
माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बस्ती द्वारा परिवाद संख्या-22/2007 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 01.09.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा परिवाद खारिज कर दिया गया है।
पुकार कराये जाने पर अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा उपस्थित आये। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। यह अपील वर्ष 2007 से निस्तारण हेतु लम्बित है। अत: विद्वान अधिवक्ता को सुनने व अपील आधारों तथा जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में, केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादीगण/अपीलार्थीगण का कथन है कि मृतक गोपीचन्द्र गौड़ दिनांक 20.08.2005 को बान्द्रा, मुम्बई से गोरखपुर आने वाली ट्रेन से गोरखपुर के लिए चला और दिनांक 22.08.2005 को रेलवे स्टेशन गोण्डा में मृत पाया गया। गोण्डा में जिला अस्पताल के डा0 द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया गया। परिवादीगण द्वारा प्रश्नगत परिवाद रेलवे के विरूद्ध क्लेम पाने के लिए योजित किया गया।
जिला फोरम ने परिवाद को ग्राह्राता के बिन्दु पर ही सुनवाई करते हुए सारहीन होने के कारण खारिज कर दिया।
-2-
उपरोक्त आदेश से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया। जिला फोरम ने अपने निर्णय में यह पाया कि चूंकि मृतक गोपीचन्द गौड़ की मृत्यु रेलवे स्टेशन गोण्डा के पूर्व हुई और पोस्टमार्टम गोण्डा में किया गया, इसलिए वाद कारण गोण्डा में उत्पन्न हुआ। इसी आधार पर जिला फोरम ने परिवाद को ग्राहय नहीं माना है। अत: केस के तथ्यों एवं परस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते हैं कि जिला फोरम द्वारा पारित आदेश विधिकसम्मत है, जिसमें किसी प्रकार की विधिक त्रुटि नहीं हैं, तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
(राम चरन चौधरी) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-5