Uttar Pradesh

StateCommission

A/1999/1225

Union of India - Complainant(s)

Versus

P N Singh - Opp.Party(s)

M H Khan

12 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1999/1225
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union of India
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज् उपभोक्ता  विवाद प्रतितोष आयोग, 0 प्र0 लखनऊ।

                                सुरक्षित

          अपील संख्‍या-1225/1999   

 

यूनियन आफ इण्डिया द्वारा जनरल मैंनेजर एन0 ई0 रेलवे गोरखपुर एण्‍ड डीआरएम, वाराणसी।

                                                अपीलार्थी

                                  बनाम

पी0 एन0 सिंह पुत्र जे0 के0 सिंह, निवासी मृगुछाया निराला नगर गड़वार रोड जिला बलिया।

                                                प्रत्‍यर्थी                                                          

समक्ष:-

1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन सदस्‍य।

2-मा0 श्री संजय कुमार सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0 एच0 खान।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित।                  कोई नहीं।

दिनांक 30-12-2014

    मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित

   निर्णय

           प्रस्‍तुत अपील विद्वान जिला मंच बलिया द्वारा परिवाद संख्‍या-388/1997 पी0 एन0 सिंह बनाम यूनियन आफ इण्डिया एवं अन्‍य में पारित किये गये आदेश दिनांक 23-08-1997 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है जिसमें कि विद्वान जिला मंच ने यह आदेशित किया है कि अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी को 862/-रू0 आरक्षण शुल्‍क एवं रेल किराये की राशि इस आदेश के पारित होने के 2 माह के अन्‍दर विपक्षी करे तथा 600/-रू0 वाद व्‍यय के रूप में अदा करे यदि 2 माह के अन्‍दर अपीलार्थी/विपक्षी सम्‍पूर्ण धनराशि का भुगतान नहीं करता है तो इस सम्‍बन्‍ध में पुन: वाद संयोजित किये जाने पर उक्‍त धनराशि पर 24 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी देय होगा।

     संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने दिनांक 19-08-1997 को 1028 अप ट्रेन गोरखपुर दादर एक्‍सप्रेस में 3 यात्रियों के लिए आरक्षण बलिया से कराया था और 862/-रू0 ट्रेन का किराया दिया था उसे बोगी नम्‍बर एस-4 में 65, 66 और 67 बर्थ आरक्षित हुई थी किन्‍तु परिवादी उनके पिता उनकी पत्‍नी का नाम आरक्षित सूची में प्रकाशित नहीं किया गया और उसे ज्ञात हुआ कि बोगी 9303 में आरक्षित सीटों पर दूसरे यात्री बैठे हुए थे इस प्रकार परिवादी गन्‍तव्‍य स्‍थल पर नहीं पहुँच सका अत:

2

उसे 862/-रू0 एवं मानसिक एवं शारीरिक क्‍लेश के लिए 50,000/-रू0 दिलाया जाय।

     अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0 एच0 खान उपस्थित एवं प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0 एच0 खान के तर्कों को सुना गया।

     अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी का परिवाद आरक्षित टिकट पर यात्रा न किये जाने के कारण टिकट की धनराशि वापस दिलाये जाने के सम्‍बन्‍ध में है जिसके लिए उसे रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिव्‍यूनल एक्‍ट 1987 की धारा-13 (1) (बी0) के अन्‍तर्गत रेलवे ट्रिब्‍यूनल के समक्ष अपना परिवाद/प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना चाहिए था क्‍योंकि उपरोक्‍त अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत किसी अन्‍य न्‍यायालय को इसके श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय का अवलोकन किया गया जिससे कि यह विदित होता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने यात्रा न किये जाने के कारण अपने टिकट की धनराशि को वापस किये जाने हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया है जो कि केवल रेलवे क्‍लेम्‍स ट्रिब्‍यूनल एक्‍ट 1987 की धारा-13 (1) (बी0) के अन्‍तर्गत परिवाद रेलवे ट्रिब्‍यूनल के समक्ष प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए था क्‍योंकि उपरोक्‍त एक्‍ट की धारा-15 के अन्‍तर्गत किसी अन्‍य न्‍यायालय को इसके श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है अत: अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है प्रश्‍नगत निर्णय निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।  

                     आदेश

      अपील स्‍वीकार की जाती है प्रश्‍नगत परिवाद संख्‍या-388/1997 पी0 एन0 सिंह बनाम यूनियन आफ इण्डिया एवं अन्‍य में पारित किये गये आदेश दिनांक 23-08-1997 को निरस्‍त किया जाता है। परिवादी/प्रत्‍यर्थी अपना परिवाद/प्रतिवेदन को सक्षम न्‍यायालय/अधिकरण के समक्ष प्रस्‍तुत कर सकता है जो कि काल बाधित नहीं माना जाएगा।

वाद व्‍यय पक्षकार अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

     इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये।  

 

 

 (अशोक कुमार चौधरी)                                 (संजय कुमार)

 पीठासीन सदस्‍य                                             सदस्‍य

 मनीराम आशु0-2

 कोर्ट- 3  

 
 
[HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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