Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/2175

Vipin - Complainant(s)

Versus

P N B - Opp.Party(s)

Isar Husain

25 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/2175
( Date of Filing : 11 Nov 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Vipin
a
...........Appellant(s)
Versus
1. P N B
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Nov 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2175/2011

Vipin S/O Kishan R/O Village Fattetyullapur

Versus  

Bank Prabandhak, Punjab National Bank & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री इसार हुसैन, विद्धान अधिवक्‍ता  

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री एस0एम0 वाजपेयी, विद्धान

                           अधिवक्‍ता

दिनांक :25.11.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.            परिवाद संख्‍या-457/2007, विपिन बनाम बैंक प्रबंधक, शाखा पंजाब नेशनल बैंक व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 14.10.2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि पक्षकारों के मध्‍य विवाद सिविल न्‍यायालय द्वारा    निस्‍तारित होने योग्‍य है न कि संक्षिप्‍त प्रक्रिया अपनाते हुए। नजीर यूको बैंक बनाम माला राम व अन्‍य तथा सी.सी.आई. चैम्‍बर्स को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड बनाम डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक लि0 में व्‍यवस्‍था दी गयी है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग का गठन अनुभवी व्‍यक्तियों के हाथों में होता है और केवल इस आधार पर उपभोक्‍ता  परिवाद को वापस नहीं लौटाया जा सकता कि इसमें जटिल प्रश्‍न सन्निहित हैं। चूंकि जिला उपभोक्‍ता आयोग के अध्‍यक्ष जिला स्‍तर के न्‍यायिक अधिकारी होते है। ऐसे में जटिल प्रश्‍न का निर्णय उनके स्‍तर से किया जा सकता है। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है तथा प्रकरण को जिला उपभोक्‍ता आयोग को गुणदोष के आधार पर निर्णयन हेतु प्रतिप्रेषित किया जाना उचित प्रतीत होता है।

आदेश

        प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा परिवाद सं0-457/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.10.2011 अपास्‍त जाता है तथा प्रकरण सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-457/2007 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित कर उपभोक्‍ता विवाद मानते हुए उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें। 

           पक्षकार दिनांक 21.02.2025 को जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों।         

         उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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