राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
परिवाद संख्या-50/2019
1. ऊषा अग्रवाल, उम्र लगभग 62 वर्ष, पत्नी अशोक कुमार अग्रवाल, निवासी-315/41 बाग महा नरायन, चौक, लखनऊ
2. रवि अग्रवाल, उम्र लगभग 35 वर्ष, पुत्र श्री अशोक कुमार अग्रवाल, निवासी-315/41 बाग महा नरायन, चौक, लखनऊ
3. स्मार्ट कान्फ्रेंस प्राइवेट लिमिटेड, रजिस्टर्ड आफिस स्थित 315/41 बाग महा नरायन, चौक, लखनऊ द्वारा निदेशकगण ऊषा अग्रवाल एवं रवि अग्रवाल, दोनों निवासी-315/41 बाग महा नरायन, चौक, लखनऊ
...................परिवादीगण
बनाम
1. ओयो रूम्स, रजिस्टर्ड आफिस स्थित दिल्ली रेक्टेंगल रीजस, लेवल4, रेक्टेंगल कामर्सियल काम्पलेक्स, डी-4, साकेत नई दिल्ली साउथ दिल्ली डी0एल0 110017, द्वारा डायरेक्टर/मैनेजिंग डायरेक्टर/सी0ई0ओ0
2. रितेश अग्रवाल, फाउण्डर एण्ड सी0ई0ओ0, ओयो रूम्स, रजिस्टर्ड आफिस स्थित दिल्ली रेक्टेंगल रीजस, लेवल4, रेक्टेंगल कामर्सियल काम्पलेक्स, डी-4, साकेत नई दिल्ली साउथ दिल्ली डी0एल0 110017
3. अभिनव सिन्हा, चीफ आपरेशन आफिसर (सी0ई0ओ0), रजिस्टर्ड आफिस स्थित दिल्ली रेक्टेंगल रीजस, लेवल4, रेक्टेंगल 1, कामर्सियल काम्पलेक्स, डी-4, साकेत नई दिल्ली, साउथ दिल्ली डी0एल0 110017
4. होटल ग्लोबल इन, 11, स्टेशन रोड, हुसैनगंज, निकट सिटी मान्टेसरी स्कूल, लखनऊ द्वारा स्वामी
5. होटल जी3, 82/74 गुरू गोविन्द सिंह मार्ग, लाल कुँआ, निकट हुसैनगंज क्रासिंग, लखनऊ-226001, द्वारा स्वामी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित : श्री पियूष मणि त्रिपाठी,
विद्वान अधिवक्ता।
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विपक्षी सं01, 2, 3 की ओर से उपस्थित : श्री आकाश सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी सं04 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
विपक्षी सं05 की ओर से उपस्थित : श्री अभिराम मिश्रा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 28.08.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद इस न्यायालय के सम्मुख परिवादीगण द्वारा निम्न अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया:-
I. DIRECT the opposite parties to pay a consolidated amount of Rs.25,00000/- (Twenty Five Lakhs Only) towards compensation and Damages.
II. DIRECT the opposite parties to restrain from the deficiency in service as well as Unfair Trade Practice.
III. DIRECT the opposite parties to pay a sum of Rs.15,00,000/- (Rupees Fifteen lacs only) as Punitive and Exemplary Damages.
IV. DIRECT the opposite parties to pay a sum of Rs.55,000/- (Rupees Fifty Five Thousand) as cost of this litigation.
V. This Hon’ble Commission may graciously be pleased to award separate compensation and damages to the complainants for the loss and inconvenience caused to them by the deficiency in services coupled with Unfair Trade Practice committed by the opposite parties.
VI. Any other order which this Hon’ble State Commission may deem fit and proper in the circumstances of the case may also be passed.
संक्षेप में परिवाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादीगण द्वारा Event Management से सम्बन्धित कार्य किये जाते हैं, जिस हेतु उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा संस्था से सम्बन्धित Event Management के कार्य हेतु नियुक्त किया जाता है। तदनुसार परिवादीगण द्वारा एक Event Management हेतु विपक्षी संख्या-1/2 ओयो रूम्स के माध्यम से विपक्षी संख्या-4 होटल ग्लोबल इन, 11, स्टेशन रोड, हुसैनगंज, निकट सिटी मान्टेसरी स्कूल, लखनऊ के
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यहॉं Event में आने वाले सभी आगन्तुकों एवं अतिथिगण को सुविधा प्रदान करने हेतु एवं उनके रहने का स्थान व कार्यक्रम हेतु उक्त होटल में बुकिंग हेतु 30,650/-रू0 दिनांक 11.01.2019 से दिनांक 14.01.2019 की अवधि हेतु जमा कराये गये।
यहॉं यह तथ्य उल्लिखित किया जाना आवश्यक है कि उपरोक्त Event चिकित्सकों से सम्बन्धित एक कान्फ्रेंस के रूप में आयोजित किया जाना था, जिसकी आयोजन तिथि दिनांक 11.01.2019 से दिनांक 14.01.2019 के मध्य निश्चित थी, जिस हेतु कुल 20 कक्षों की बुकिंग दिनांक 15.09.2018 को सुनिश्चित की गयी थी। बुकिंग नं0 NVIJ3029 विपक्षी संख्या-2 द्वारा दिनांक 17.09.2018 को नेट बैंकिंग के माध्यम से प्राप्त धनराशि के विरूद्ध रसीद प्राप्त करायी गयी, जो संलग्नक के रूप में परिवाद पत्र के साथ संलग्नक-2 पर विद्यमान है।
परिवादीगण का कथन है कि उपरोक्त धनराशि जमा करने के उपरान्त जब विपक्षी संख्या-4 के उपरोक्त होटल में अतिथिगण पहुँचे, जिनमें से अनेकों विदेशी प्रतिनिधि/चिकित्सक भी थे, तब विपक्षी संख्या-4 होटल के मैनेजमेन्ट द्वारा उनके साथ उचित व्यवहार न करते हुए उन्हें आरक्षित कक्षों का आवंटन नहीं किया गया तथा यह कहा गया कि उनके नाम की एवं परिवादीगण की संस्था द्वारा किसी प्रकार की कोई बुकिंग विपक्षी संख्या-4 के होटल में सुनिश्चित नहीं की गयी है।
परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी द्वारा कथन किया गया कि उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखने के पश्चात् परिवादीगण अत्यन्त विचलित हो गये तथा उनके द्वारा अन्ततोगत्वा एक अन्य होटल जी3, 82/74 गुरू गोविन्द सिंह मार्ग, लाल कुँआ, निकट हुसैनगंज क्रासिंग, लखनऊ में अतिथिगण की व्यवस्था की गयी जहॉं पर अन्ततोगत्वा चिकित्सकों की कान्फ्रेंस को सम्पादित किया गया।
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परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि विपक्षी संख्या-4 द्वारा न सिर्फ सेवा में कमी की गयी, वरन् अतिथिगण के साथ अनुचित व्यवहार भी किया गया तथा विपक्षी संख्या-4 के द्वारा किये गये उपरोक्त अकल्पनीय/अनपेक्षित व्यवहार के कारण विदेश से आये हुए अतिथियों पर संस्था एवं देश की अत्यन्त गलत छाप भी पड़ी।
मेरे द्वारा परिवादीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी, विपक्षी संख्या-1, 2 व 3 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री आकाश सिंह तथा विपक्षी संख्या-5 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अभिराम मिश्रा को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। विपक्षी संख्या-4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से विपक्षी संख्या-1, 2 व 3 के द्वारा की गयी सेवा में कमी के कारण विपक्षी संख्या-4 द्वारा अपेक्षित कक्षाओं का आवंटन नहीं किया गया एवं बुकिंग धनराशि प्राप्त करने के पश्चात् भी विपक्षी संख्या-4 द्वारा आगन्तुकों/अतिथियों का अनादर किया जाना स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।
तदनुसार प्रस्तुत परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या-1/2/3 एवं विपक्षी संख्या-4 द्वारा परिवादीगण को संयुक्त रूप से एक-एक लाख रूपये अर्थात् विपक्षी संख्या-1/2/3 द्वारा संयुक्त रूप से एक लाख रूपये एवं विपक्षी संख्या-4 द्वारा एक लाख रूपये (कुल धनराशि दो लाख रूपये) परिवादीगण के विरूद्ध विपक्षीगण द्वारा किये गये अवैधानिक/अनैतिक कार्य के कारण क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादीगण को परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 08 (आठ) प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा किया जाये। इसके साथ ही विपक्षी संख्या-1/2/3 एवं विपक्षी संख्या-4
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द्वारा परिवादीगण को संयुक्त रूप से बीस-बीस हजार रूपये (कुल धनराशि चालीस हजार रूपये) परिवाद व्यय के रूप में भी अदा किया जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1