Rajasthan

Jaipur-I

CC/366/2012

SURESH - Complainant(s)

Versus

ORIENTOL INS. COMPANY LTD - Opp.Party(s)

BHANU KUMAR SHARMA

04 Aug 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/366/2012
 
1. SURESH
SANJAY NAGAR AJMER ROAD JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTOL INS. COMPANY LTD
ANAND BHAWAN, S.C ROAD JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:BHANU KUMAR SHARMA, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 366/2012
1. सुरेश कुमार पुत्र श्री बालूराम, निवासी संजय नगर, अजमेर रोड़,           जयपुर Û
2. पुरण सिंह पुत्र श्री बालूराम, निवासी संजय नगर, अजमेर रोड़,           जयपुर Û
                                              परिवादी
               ं     बनाम

दी ओरियंटल इन्श्योरेंस कम्पनी , आनन्द भवन, संसार चन्द्र रोड़, जयपुर
              विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री भानु कुमार शर्मा - परिवादी

                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 22.03.12

                       आदेश     दिनांक: 28.01.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी के भाई दीवान सिंह की सड़क दुर्घटना में दिनांक 25.10.2011 को मृत्यु हो गई थी । दीवान सिंह मोटर साईकिल सॅंख्या आर.जे.14 बी सी-2758 का रजिस्टर्ड आॅनर था जिसका बीमा विपक्षी के यहां पर्सनल एक्सीडेंट टू आॅनर हैड के अन्तर्गत हुआ था। दीवान सिंह अपनी मोटर साईकिल से करीब रात्रि 9.20 बजे अजमेर रोड एक्सप्रेस हाईवे के पास, हीरापुरा, पासर हाउस की तरफ वाली रोड़ पर था जब अन्य मोटर साईकिल आर.जे.14 जे एस 8306 ने टक्कर मार दी जिससे दीवान सिंह की मृत्यु 25.10.2011 को हो गई । विपक्षी कम्पनी को सभी दस्तावेजात देते हुए क्लेम अदा करने का निवेदन किया परन्तु उसने क्लेम देने से इंकार कर दिया । इस प्रकार के तथ्य व अन्य तथ्य अंकित करते हुए परिवादी ने परिवाद में वर्णित अनुतोष चाहा है।
2. विपक्षी की ओर से अपने जवाब में यह तथ्य वर्णित किए हैं कि परिवादीगण ने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जो उन्हें मृतक दीवान सिंह का विधिक उत्तराधिकारी दर्शाता हो ना ही मृतक दीवान सिंह के उत्तराधिकारी की हैसियत से परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है । परिवादी का मृतक दीवान सिंह का भाई होना भी जानकारी के अभाव में अस्वीकार किया है । वाहन सॅंख्या आर.जे. 14 बीसी 2758 का बीमा होना स्वीकार किया है । विपक्षी का कहना है कि विधिक प्रतिनिधि/विधिक उत्तराधिकारी होने का कोई प्रमाण पत्र तथा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है जिस कारण क्षतिपूर्ति की राशि परिवादी को अदा नहीं की जा सकती है अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
3. मंच द्वारा परिवादी को सुना गया । विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है ।
4. विद्वान अभिभाषक परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद में वर्णित किए गए है उनका समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेजात से होता है और परिवाद स्वीकार करने की दलील दी है ।
5. विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है लेकिन विपक्षी की ओर से प्रस्तुत जवाब का अध्ययन किया गया ।
6. उभय पक्षों की ओर से प्रस्तुत अभिकथनों व परिवादी की ओर से प्रस्तुत दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अध्ययन किया तो पाया कि मोटर साईकिल नंबर आर.जे. 14 बी सी 2758 पर परिवादी का भाई दीवान सिंह जा रहा था और दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई ।  दी ओरियंटल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड (विपक्षी) की ओर से जो बीमा कवर नोट जारी किया गया है उसमें टी वी एस स्पाॅट , जो कि नयी हालत में थी के इंजन नंबर व चैसिस नंबर वर्णित किए गए हैं, का बीमा कम्पनी द्वारा 832/- रूपए प्रीमियम लेकर किया गया है तथा पी.ए. टू आॅनर के लिए 50/- रूपए प्राप्त किए हैं । अन्य दस्तावेजात में मृतक दीवान सिंह की शव परीक्षण रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की है जिससे दीवान सिंह की मृत्यु 25.10.2011 को दुर्घटना में होने के तथ्य का समर्थन होता है । दीवान सिंह के ड्राईविंग लाईसेंस की फोटोप्रति प्रस्तुत की है जो 27.04.2002 से 14.05.201 तक वैद्य होना दर्शाता है । प्रथम सूचना रिपोर्ट सॅंख्या 324/11 पुलिस थाना श्याम नगर में धारा 279/304 ए के अन्तर्गत दर्ज की गई है । इस से दुर्घटना में मृतक दीवान सिंह की मृत्यु होना समर्थित है । रजिस्ट्रेशन प्रमाण -पत्र वाहन सॅंख्या आर.जे. 14 बी सी 2758 का प्रस्तुत किया गया है जिसमें चैसिस नंबर एम डी 625 एम एफ 59 ए 3 जी 77516 व इंजन नंबर सी एफ 5 जी ए 1489252 वर्णित है जिसका समर्थन बीमा कवर नोट में वर्णित चैसिस नंबर व इंजन नंबर से हो जाता है । इससे यह भी प्रमाणित हो जाता है कि जिस वाहन का रजिस्ट्रेशनस मृतक दीवान सिंह के नाम से है वह वही वाहन है जिस पर दीवान सिंह यात्रा कर रहा था और जिसके दुर्घटनाग्रस्त होने से दीवान सिंह की मृत्यु हो गई । अत: बीमा कवर नोट के आधार पर मृतक दीवान सिंह के लिए बीमित राशि एक लाख रूपए दिलवाया जाना उचित प्रतीत होता है ।
7. अब देखना यह है कि राशि प्राप्त करने के लिए कौन अधिकृत है ?
8. परिवादी की ओर से अपने भाई पूरण सिंह की अनापत्ति दर्शाते हुए स्वयं को मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए अधिकारी होना कहा है । परिवादी मृतक का भाई है । इस सम्बन्ध में परिवादी ने बालूराम व बादामी देवी जो कि मृतक के माता-पिता है के मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए हैं और साथ ही सुरेश कुमार परिवादी ने अपने चुनाव आयोग का पहचान पत्र की प्रति पेश की है जिसमें उसे बालूराम का पुत्र दर्शाया हुआ है तथा पूरण सिंह के आधार कार्ड की प्रति प्रस्तुत की है जिसमें उसे बालूराम का पुत्र दर्शाया गया है । यह परिवाद सुरेश कुमार और पूरर्ण सिंह की ओर से प्रस्तुत किया गया है । इस सम्बन्ध में हमारे समक्ष राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, राजस्थान, जयपुर के निर्णय 185/2010 इण्डियन फारमर फर्टीलाईजर काॅ-आॅपरेटिव लिमिटेड, जयपुर बनाम जितेन्द्र कुमार निर्णय की प्रति प्रस्तुत की है जिससे परिवादीगण को समर्थन प्राप्त होता है । प्रकरण की परिस्थितियों में यह प्रकट होता है कि मृतक का अन्य कोई वारिस नहीं होने से उसके दोनों भाईयों ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है । अत: परिवादी का परिवादी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: परिवादीगण का परिवाद स्वीकार किया जाकर विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि मृतक दीवान सिंह की मृत्यु के फलस्वरूप 1,00,000/- रूपए अक्षरे एक लाख रूपए की मुआवजा राशि परिवादीगण को अदा करेगी तथा उक्त राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 22.03.2012 से अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देय होगा । इसके अलावा परिवादीगण को कारित मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 3500/- रूपए अक्षरे तीन हजार पाॅंच सौ रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा किए जावें।  परिवादीगण का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।   
    


( ओ.पी.राजौरिया )    (श्रीमती सीमा शर्मा)     (मिथलेश कुमार शर्मा)
     सदस्य              सदस्य              अध्यक्ष      

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         
निर्णय आज दिनांक 28.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)   (मिथलेश कुमार शर्मा)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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