जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
सुधा यादव.....................................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-303/2012
बेचू लाल उर्फ बेचे लाल आत्मज गंगा प्रसाद निवासी ग्राम चिरली, पोस्ट साढ तहसील परगना घाटमपुर जिला, कानपुर नगर।
................परिवादी
1. दि ओरियन्टल इष्ंयोरेन्स कंपनी लि0 मण्डलीय कार्यालय 111ए/6 अषोक नगर, कानपुर नगर द्वारा मण्डलीय प्रबन्धक।
2. बड़ौदा उ0प्र0 ग्रामीण बैंक षाखा साढ कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 16.05.2015
निर्णय तिथिः 08.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी के हक में व विपक्षीगण के विरूद्ध इस आषय का आदेष पारित किया जाये कि बीमित व मृत भैंस की वर्तमान कीमत रू0 20000.00 व वाद व्यय क्षति के रूप में रू0 10000.00 कुल रू0 30000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा एक भैंस दिनांक 29.12.10 को रू0 15000.00 में खरीदी गयी थी और बीमा कराया था। बीमा कराने के दौरान उक्त भैंस का पषु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी दिनांक 11.01.11 को जारी किया गया। बीमा की पॉलिसी सं0-223100/47/2011/1074 है, जो कि दिनांक 19.01.11 से 18.01.16 की अवधि का है। क्रय की गयी भैंस का ऋण रू0 15000.00 विपक्षी सं0-2 से लिया गया था। भैंस दिनांक 12.08.11 को अचानक बीमार हो गयी। समुचित इलाज के बावजूद भैंस की उसी दिन दिनांक 12.08.11 को मृत्यु हो गयी। जिसका षव परीक्षण भी कराया गया था।
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परिवादी द्वारा उक्त भैंस का क्लेम समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के पष्चात विपक्षी बीमा कंपनी को दिया गया किन्तु विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा दावा यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि दावाकर्ता का दावा पॉलिसी के नियमों व षर्तों का उल्लंघन करके किया गया है, इसलिए दावा देय नहीं बनता है। जबकि परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करके नियमानुसार दावा प्रस्तुत किया गया था। विपक्षी सं0-1 द्वारा ऋण की नोटिस जारी करने से परिवादी बहुत परेषान है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि अभिकथित भैंस जिसके कान में टैग नं0-ओ.आई.सी. 223100/23668 लगा था, की मृत्यु नहीं हुई है। परिवादी के किसी अन्य भैंस की मृत्यु हुई है। परिवादी द्वारा झूठे व गलत तथ्यों के आधार पर क्लेम प्रस्तुत किया गया है। मृतक भैंस की फोटो में उसके कान में कहीं भी टैग नहीं लगा है। बीमित भैंस का बीमा अधिकतम रू0 15000.00 का था। परिवादी का क्लेम विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा मृतक भैंस के कान में टैग न होने के कारण एवं परिवादी द्वारा बीमा पॉलिसी के नियम व षर्तों का उल्लंघन करने के कारण ही नोक्लेम किया गया है। परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी ने दिनांक 16.08.11 को विपक्षी उत्तरदाता को सूचना दी कि उसकी भैंस दिनांक 12.08.11 को षाम 5ः30 बजे मर गयी है। विपक्षी उत्तरदाता ने उसी दिन विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी को उक्त सूचना अग्रसारित कर दी थी, जो कि विपक्षी सं0-1 को दिनांक 17.08.11 को प्राप्त हो गयी। विपक्षी बीमा कंपनी ने पत्र दिनांक 17.08.11 द्वारा उत्तरदाता विपक्षी से दावा फार्म के साथ वांछित सूचनायें/प्रपत्र मांगे थे। विपक्षी उत्तरदाता ने अपने पत्र दिनांकित 10.09.
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11 के साथ परिवादी की भैंस का दावा प्रपत्र सभी आवष्यक संलग्नको एवं साक्ष्यों सहित विपक्षी सं0-1 को प्राप्त करा दिये। इसके बाद विपक्षी सं0-1 द्वारा कोई प्रपत्र विपक्षी सं0-2 से नहीं मांगे गये। बल्कि दिनांक 07.12.11 को उत्तरदाता विपक्षी को परिवादी का बीमा क्लेम निरस्त होने की सूचना दी। परिवादी द्वारा सभी सम्बन्धित औपचारिकतायें पूर्ण की जा चुकी थी। इसलिए उसका बीमा दावा स्वीकृत होना चाहिए था। बीमा दावा स्वीकार करना या न करना विपक्षी सं0-1 का उत्तरदायित्व है। परिवादी विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध कोई अनुतोश प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
5. परिवादी द्वारा अलग-अलग जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जवाब दावा में किये गये कथन के विरूद्ध अपने कथन प्रस्तुत किये गये हैं और पूर्व में स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद में किये गये कथन की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 15.05.12, 10.10.13, 16.06.14 एवं 05.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1 लगायत 10 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में डा0 एस0जे0 सिंह वरिश्ठ मण्डलीय प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 08.04.13 व 17.12.15 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
8. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्न कागज सं0-2/1 लगायत् 2/5 दाखिल किया है।
निष्कर्श
9. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों तथा परिवादी एवं विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
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उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विचारणीय बिन्दु यह है कि क्या परिवादी की भैंस की मृत्यु दिनांक 12.08.11 को हुई है और परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के बाद क्लेम दाखिल किया गया है, यदि हां तो प्रभाव?
उपरोक्त विचारणीय बिन्दु सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह कहा गया है कि समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करके क्लेम दाखिल किया गया था। विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा अवैधानिक रूप से परिवादी का क्लेम खारिज किया गया है। विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी के उपरोक्त कथन की पुश्टि अपने जवाब दावा में की गयी है। जबकि विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी के द्वारा यह कहा गया कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत भैंस के कान में लगा छल्ला विपक्षी बीमा कंपनी को नहीं दिया गया। इस प्रकार परिवादी द्वारा बीमा षर्तों का उल्लंघन किया गया है। इसलिए परिवादी का क्लेम खारिज किया गया है। इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा पुनः अपने जवाबुल जवाब में व लिखित कथन में यह कहा गया है कि उसके द्वारा प्रष्नगत बीमित भैंस के कान में लगा छल्ला सहित समस्त प्रपत्र विपक्षी बीमा कंपनी को दिये गये
उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को उपरोक्त वाद बिन्दु पर सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में उपरोक्त वर्णित सूची के साथ जो दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल किये गये हैं, उन दस्तावेजी साक्ष्यों से यह सिद्ध होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत भैंस को रू0 15000.00 में खरीदा गया था। दावा प्रपत्र में छल्ला नं0-ओ.आई.सी. 223100/23668 अंकित किया गयाहै। मृत्यु प्रमाण पत्र में भी उपरोक्त छल्ला नम्बर अंकित किया गया है। जिससे परिवादी के इस कथन की पुश्टि होती है कि प्रष्नगत भैंस का क्लेम परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकताओं के बाद विपक्षी बीमा कंपनी के यहां प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी बीमा कंपनी के द्वारा अपने कथन के समर्थन
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में षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि परिवादी के कथन का समर्थन विपक्षी सं0-2 के द्वारा भी अपने जवाब दावा में किया गया है। विपक्षी सं0-2 की ओर से सूची के साथ प्रस्तुत किये गये उपरोक्त वर्णित साक्ष्यों से भी परिवादी के कथन की पुश्टि होती है। विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी के द्वारा एक कथन यह किया गया है कि मृतक भैंस की फोटो से स्पश्ट होता है कि कान में छल्ला नहीं लगा है। किन्तु उक्त फोटो के देखने से विदित हेता है कि भैंस का एक साइड का कान छिपा हुआ है। अतः इस सम्बन्ध में भी विपक्षी बीमा कंपनी का कथन मान्य नहीं है।
उपरोक्तानुसार उपरोक्त वाद बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी बीमा कंपनी के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है।
विपक्षी सं0-2 के द्वारा यह कथन किया गया है कि विपक्षी सं0-2 को परिवादी द्वारा अनावष्यक पक्षकार बनाया गया है, इसलिए परिवाद विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध खारिज किया जाये। इस सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः विपक्षी सं0-2 का उपरोक्त कथन स्वीकार किये जाने योग्य है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्तानुसार उपरोक्त विचारणीय बिन्दु के सम्बन्ध में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से मृतक भैंस की बीमित धनराषि रू0 15000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक तथा परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है-उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी सं0-1 बीमा कंपनी, परिवादी को मृतक भैंस की बीमित धनराषि रू0 15000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली परिवादी से मोबाइल प्राप्त कर अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-2 सेवा में कोई कमी न किये जाने के कारण विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।