जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
सौरभ सोनी(जैन) पुत्र श्री अनिल कुमार सोनी(जैन), निवासी- 202, नवकार अपार्टमेन्ट, सिराजुद्दीन एडवोकेट की गली, बसन्त विहार मदनगंज-किषनगढ, जिला-अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. ब्रांच मैनेजर, ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लि., अजमेर रोड, मदनगंज-किषनगढ-305801
2. डिविजनल मैनेजर, ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लि. गण्ेष भवन, महात्मा गांधी रोड, अजमेर -305001
3. जनरल मैनेजर, ओरियण्टल इन्ष्योरेंस कम्पनी लि. ओरियण्टल हाउस, पोस्ट बाॅक्स नमबर 7037, ए-25/27, आसफ अली रोड, नई दिल्ली- 110002
4. कारपोरेट आॅफिसर, ई- मेडिटेक,ज्च्। ैमतअपबम स्जकण् प्लाट नं. 577, उद्योग विहार फैज-बी, गुडगांव(हरियाणा)
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 33/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री दीपक षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री राजेष जैन, अधिवक्ता अप्रार्थी सं. 1 से 3
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 14.07.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने स्वयं एवं अपने माता-पिता के नाम से अप्रार्थी बीमा कम्पनी से दिनंाक 28.12.2012 से 27.12.2013 तक की अवधि के लिए हैप्पी फॅमिली फ्लोटर इंष्योरेंस प्लान के अन्तर्गत एक मेडिकल हैल्थ पाॅलिसी रू. 3,00,000/- की प्राप्त की । इससे पूर्व उसकी माता श्रीमति कान्ता ने वर्ष 2008,2009व 2010 को प्रार्थी सहित अपने परिवार के लिए मेडिक्लेम पाॅलिसी प्राप्त की थी और इसी क्रम में प्रार्थी ने भी 2011 व 2012 में व उपरोक्त अनुसार बीमा पाॅलिसी प्राप्त की है।इसी क्रम में वर्ष 2012-13 का बीमा समाप्त होने से पूर्व ही उसके पिता अनिल कुमार सोनी ने ैुनंउवने ब्मसस ब्ंतबपदवउं व िज्वनदहम ूपजी क्ड का इलाज प्रिंस अलाय हास्पिटल , मुम्बई व भगवान महावीर कैन्सर हाॅस्पिटल, जयपुर में लिया । जिसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी के विभिन्न रजिस्ट्रेषन नम्बर पर दी । तत्पष्चात् उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष उसके पिता के इलाज में खर्च हुई कुल राषि रू. 3,80,342/- का क्लेम पेष किया । जिसे अप्रार्थी संख्या 4 ने अपने पत्र दिनंाक 24.7.2013 के उसके पिता को तम्बाकू की आदत से उक्त बीमारी होने केे कारण बीमा पाॅलिसी के सैक्षन-4 की षर्त संख्या 4.8 के आधार पर खारिज कर दिया । अप्रार्थीगण द्वारा उसका क्लेम खारिज करना सेवा दोष की परिधि में आता है । प्रार्थी ने परिवावद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रारम्भिक आपत्तियों में यह दर्षाया है कि प्रार्थी ने जो डिस्चार्ज टिकिट व दस्तावेजात प्रस्तुत किए उनके अनुसार प्रार्थी के पिता श्री अनिल कुमार सोनी को तम्बाकू चबाने की आदत एक से डेढ साल से थी और उनका इलाज किए जाने वाली बीमारी तम्बाकू बचाने के ।ककपबजपवद की परिणिती है । इसलिए प्रार्थी का बीमा क्लेम बीमा पाॅलिसी के क्लाॅज 4.8 के आधार पर भुगतान योग्य नहीं होने से खारिज कर पत्र दिनंाक 30.09.2013 के सूचित कर दिया गया । आगे पैरावाईज जवाब में इन तथ्यों को दोहराते हुए उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं किए जाने के कारण परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री प्रेमसुख माहेष्वरी, उपप्रबन्धक का षपथपत्र पेष किया है ।
3. प्रार्थी की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया है कि जो क्लेम अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा पाॅलिसी की षर्त संख्या 4.8 के आधार पर खारिज किया गया है, उचित नहीं है । प्रार्थी के पिता की बीमारी गुटखा खाने के कारण नहीं हुई है । इससे पूर्व भी समय समय पर ली गई पाॅलिसी का भुागतान किया जाता रहा है तथा तत्समय भी इस प्रकार की कोई स्थिति विद्यमान नहीं थी, क्लेम स्वीकार किया जाना चाहिए ।
4. अप्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने प्रमुख रूप से तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी द्वारा जो चिकित्सालय के डिस्चाई टिकिट व दस्तोवजात की फोटोप्रतियां प्रस्तुत की गई हंै, के अनुसार श्री अनिल कुमार सोनी को तम्बाकू चबाने की आदत के कारण हुआ है । अतः बीमा पाॅलिसी की ष्षर्तो के उल्लंघन के कारण क्लेम देय नहीं है ।
5. हमने परस्पर तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
6. हस्तगत प्रकरण में पाॅलिसी लिए जाने व पालिसी की अवधि के दौरान तथाकथित बीमारी का होना चुनौती की विषय नहीं है । मात्र विवाद का विषय यह है कि क्या बीमित की बीमारी उसके आदतन गुटखा चबाने की स्थिति को देखते हुए बीमा पाॅलिसी की षर्तो के उल्लंघन में क्लेम स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।
7. सर्वप्रथम हमंे बीमा पाॅलिसी की षर्त संख्या 4.8 का अवलोकन करना होगा जिसके अनुसार निम्न स्थिति है -
’’ ब्वदअंसमेबमदबमए हमदमतंस कमइपसपजलए निद कवूद बवदकपजपवद वत तमेज बनतमए बवदहमदपजंस मगजमतदंस ंदक पदजमतदंस कपेमंेमे वत कममिबजे व िंदवउंसपमेए ेजमतपसपजलए ंदल मितजपसपजलए ेनइ.मितजपसपजल वत ंेेपेजमक बवदबमंसपदह चतवबमकनतम अमदमतमंस कपेमंेमेए पदजमदजपवदंस ेमस.ि पदरनतलध्ेनपबपकमए ंसस चेलबीपंजतपब ंदक चेलमदमेवउंजपब कपेवतकेवउंजपब कपेवतकमते ंदक कपेमंेमेध्ंबबपकमदज कनम जव ंदक ध् वत नेम उपेनेम पत ंइनेम व िकतनहेध् ंसबवीवस वत नेम व िपदजवगपबंजपदह ेनइेजंदबमे व िेनबी ंइनेम व िंककपबजपवद मजगण् ’’
8. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने पत्र दिनंाक 30.9.2013 के अन्तर्गत प्रार्थी का क्लेम खारिज करने का प्रमुख आधार उसके द्वारा प्रस्तुत डिस्चार्ज टिकिट व दस्तावेजों के अनुसार बीमाधारक के तम्बाकु चबाने का आदतन डेढ वर्षों से आदी होना तथा इलाज की जाने वाली बीमारी का इसका ।ककपबजपवद होने के कारण बताया है । यहां यह उल्लेखनीय है कि अप्रार्थी बीमा कम्पनी इस तथ्य को सिद्व करने का सिद्विभार उन पर था । उन्हें यह सिद्व करना था कि बीमित को तत्सयम हुई बीमारी का सीधा परिणाम तम्बाबू चबाने के कारण रहा था । उनके द्वारा मात्र पूर्व इतिहास जो कि मेडिकल डिस्चार्ज कार्ड में डाक्टर द्वारा दर्षाया है ,को आधार बनाया है । मात्र इस आदत के कारण ही उक्त मरीज बताई गई बीमारी से ग्रसित रहा हो, यह सिद्व नहीं है ।
9. यहां यह उल्लेखनीय है कि उपलब्ध डिस्चार्ज टिकिट में मरीज को डेढ़ वर्ष से गुटखा चबाने की आदत से ग्रसित होना बताया है। बीमा कम्पनी ने क्लेम खारिज करने का जो पत्र दिनंाक 30.9.2013 जारी किया है, में मरीज की आदत तम्बाकू चबाने की बताई है । क्या गुटखा में तम्बाकु सम्मिलित है , इस तथ्य का सिद्विभार भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी पर था । अक्सर कई लोग गुटखा के रूप में अन्य चबाने वाले पदार्थो का भी उपयोग करते है यथा पान मसाला, सुपारी, मुखवाष, सौंफ इत्यादि । इस प्रकार के पदार्थ तम्बाकुयुक्त नहीं होते है ।
10. कुल मिलाकर सार यह है कि जो आधार अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम खारिज करने के लिए बताया गया है, को सिद्व नहीं करने की दषा में खारिज किया गया क्लेम उनकी सेवा में कमी को दर्षाता हंै । फलतः प्रार्थी का परिवाद मंच की राय में बीमा रिस्क कवर की सीमा तक स्वीकार होने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
11. प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से हैप्पी फॅमिली फ्लोटर इंष्योरेंस प्लान के अन्तर्गत मेडिकल हैल्थ पाॅलिसी पेटे बीमा क्लेम राषि रू. 3,00,000/- मय क्लेम खारिज करने की दिनंाक 30.9.2013 से तादायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर के प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू.10,000/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 14.07.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष