सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-2648/2002
(जिला उपभोक्ता फोरम, बरेली द्वारा परिवाद संख्या-701/1992 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 10.08.1994 के विरूद्ध)
1. मैसर्स यूनाइटेड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन, लीची बाग, किला बरेली।
2. अश्वनी कुमार प्रोप0, मैसर्स यूनाइटेड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन, लीची बाग, किला बरेली।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम्
1. दि ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0, रजिस्टर्ड आफिस ओरियण्टल हाउस, असफ अली रोड, न्यू दिल्ली द्वारा सीनियर डिवीजनल मैनेजर, दि ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0, 35/ए/8 रामपुर गार्डेन, बरेली।
2. मैसर्स रमेश कुमार, दिनेश कुमार, केमिकल्स एण्ड किराना डीलर्स 12बी/33-एच-2, किदवई नगर, कानपुर, यू0पी0, द्वारा अटॉर्नी।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:-
1. माननीय श्री आलोक कुमार बोस, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 02.01.2017
मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, परिवाद सं0-701/1992, दि ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 व अन्य बनाम मैसर्स यूनाइटेड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन व अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बरेली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 10.08.1994 से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया है :-
‘’ विपक्षीगण परिवादीगण को 48,793/- रू0 व इस रकम पर दि0 7-11-89 से भुगतान के दिन तक 10 प्रतिशत का सालाना ब्याज व 2,000/- (दो हजार) रू0 क्षतिपूर्ति इस आर्डर के एक माह के अन्दर अदा करें। ‘’
उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील, विपक्षीगण/अपीलार्थीगण की ओर से योजित की गयी है।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रस्तुत अपील वर्ष 2002 से अंगीकरण पर सुनवाई हेतु लम्बित है, अत: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-30 की उपधारा (2) के अन्तर्गत निर्मित उत्तर प्रदेश उपभोक्ता संरक्षण नियमावली 1987 के नियम 8 के उप नियम (6) में दिये गये प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए पीठ द्वारा समीचीन पाया गया कि अंगीकरण पर इस अपील में उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर न्यायोचित आदेश पारित कर दिया जाये। तदनुसार पीठ द्वारा पत्रावली का गहनता से परिशीलन किया गया।
प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी फर्म रमेश कुमार, दिनेश कुमार ने 34 bags (each bags containing 30 Kg) M/s Comphor and Allied Products Ltd. B.ganj, Bareily से खरीदे थे, जिनका मूल्य रू0 97,930/- था और उक्त माल विपक्षी संख्या-1, मै0 यूनाइटेड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन लि0 द्वारा परिवादी फर्म, कानपुर में पहुँचाये जाने थे, परन्तु उपरोक्त 34 बैगों में से केवल 23 बैग ही दिनांक 07.11.1989 को दिये गये। इस प्रकार 11 बैग कम दिये गये। परिवादी फर्म ने अपने समस्त माल का बीमा परिवादी संख्या-1, दि ओरियण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 से करा रखा था, अत: क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद परिवादी संख्या-1, बीमा कम्पनी को मिलाते हुए विपक्षीगण के विरूद्ध योजित किया गया।
जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण तामीला के बावजूद उपस्थित नहीं हुए, अत: विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय रूप से निस्तारित किया गया, जिसके विरूद्ध वर्तमान अपील योजित की गयी है।
अपीलार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है और न ही उनकी ओर से प्रत्यर्थीगण को सूचनार्थ हेतु कोई पैरवी ही की गयी है। पत्रावली के परिशीलन से यह प्रकट होता है कि वर्तमान अपील वर्ष 2002 से अंगीकरण पर सुनवाई हेतु सूचीबद्ध चली आ रही है। पत्रावली के परिशीलन से यह भी प्रकट होता है कि अपीलार्थीगण द्वारा प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 10.08.1994 को अपास्त करने हेतु जिला फोरम के समक्ष लम्बित इजराय वाद संख्या-64/1995 में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसे जिला फोरम ने दिनांक 27.08.2002 को क्षेत्राधिकार के अभाव में खारिज कर दिया। तत्पश्चात अपीलार्थीगण की ओर से वर्तमान अपील, दिनांक 05.10.2002 को योजित की गयी है, जबकि मूल निर्णय/आदेश दिनांक 10.08.1994 का है। इस प्रकार वर्तमान अपील कालसीमा से बाधित है। पत्रावली के परिशीलन से यह भी प्रकट होता है कि अपीलार्थीगण की ओर से विलम्ब क्षमा हेतु कोई प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही अपील आधारों में विलम्ब क्षमा किये जाने हेतु कोई स्पष्टीकरण दिया गया है। तदनुसार वर्तमान अपील कालसीमा से बाधित होने के कारण निरस्त होने योग्य है। इसके अतिरिक्त पत्रावली के परिशीलन से यह तथ्य भी प्रकाश में आता है कि अधीनस्थ फोरम द्वारा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर प्रश्नगत आदेश पारित किया गया है, इसमें किसी प्रकार का विरोधाभाष अथवा असमाजस्यता नहीं है। अत: इसमें हस्तक्षेप करने का प्रथम दृष्टया कोई आधार नहीं बनता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील गुणदोष के आधार पर भी निरस्त होने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील कालसीमा से बाधित होने तथा सारहीन होने के कारण निरस्त की जाती है।
पक्षकारान को निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये। पक्षकारान अपना-अपना अपीलीय व्ययभार स्वंय वहन करेंगे।
(आलोक कुमार बोस) (संजय कुमार)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2