ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादिनी ने अनुरोध किया है कि उसके बीमा दावे से गलत तरीके से काट लिये गये 28,020/- रूपये 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित उसे विपक्षी से दिलाऐ जाये। विशेष क्षति की मद में 50,000/- रूपया और परिवाद व्यय की मद में 2,000/- रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी कार सं0-यू0के0 04-जी 9114 की पंजीकृत स्वामी है। दिनांक 23/06/2010 से 22/06/2011 की अवधि के लिए यह कार विपक्षी से बीमित है। दिनांक 23/03/2011 को परिवादिनी की कार का एक्सीडेन्ट हो गया। विपक्षी को सूचित किया गया और कार को रिपेयर हेतु मैसर्स आरचिड मोटर्स, मेरठ को भेज दिया गया। आरचिड मोटर्स ने रिपेयर का 1,22,210/- रूपये 70 पैसे का एस्टीमेट बनया। विपक्षी के सर्वेयर की सहमति से कार की रिपेयर हुई। परिवादिनी ने आरचिड मोटर्स को 61,310/- रूपया चैक द्वारा भुगतान किया। परिवादिनी ने क्लेम हेतु सभी औपचारिकताऐं पूर्ण की। विपक्षी ने उसे केवल 33,290/- रूपये का चैक भेजा, 28,020/- रूपया विपक्षी ने बिना किसी कारण दर्शाऐ काट लिये। विपक्षी सं0-2 ने इसकी शिकायत आई0आर0डी0ए0 से की, कोई कार्यवाही न होने पर परिवादिनी ने विपक्षी को कानूनी नोटिस भिजवाया, किन्तु विपक्षी गलत रूप से काट ली गयी 28,020/- रूपये की राशि परिवादिनी को देने के लिए तैयार नहीं हैं अत: परिवादिनी को यह परिवाद योजित करना पड़ा, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/5 संलग्नक सहित दाखिल किया गया। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्वीकार किया गया कि परिवादिनी की कार परिवाद में उल्लिखित अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी और एक्सीडेन्ट क्लेम के रूप में परिवादिनी को 33,290/- रूपया का चैक के माध्यम से भुगतान किया गया, किन्तु परिवाद में उल्लिखित शेष कथनों से इन्कार किया गया। अतिरिक्त कथनों में कहा गया कि जैसे ही विपक्षी को दुर्घटना की सूचना मिली परिवादिनी से क्लेम फार्म तथा एस्टीमेट की मांग की गयी, यह प्रपत्र और ड्राईविंग लाईसेंस प्राप्त होने पर विपक्षी ने सर्वेयर श्री पवन कुमार को नियुक्त किया जिन्होंने कार का निरीक्षण करके अपनी सर्वे रिपोर्ट विपक्षी को प्रस्तुत की। सर्वे रिपोर्ट में सर्वेयर ने 34,793/- रूपया 60 पैसे के भुगतान की संस्तुति की। साल्वेज वैल्यू 1500/- रूपया आंकलित की। साल्वेज वैल्यू काटकर सर्वेयर की संस्तुति के अनुरूप परिवादिनी को 33,290/- रूपया का चैक भेज दिया गया जो परिवादिनी को प्राप्त हो चुका है। विपक्षी के अनुसार उन्होंने सेवा प्रदान करने में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की है। अतिरिक्त यह भी कहा गया कि परिवादिनी को इसी पालिसी के सापेक्ष 44,725/- रूपया का एक अन्य ओ0डी0 क्लेम विपक्षी द्वारा पूर्व में दिया जा चुका है। उपरोक्त कथनों के आधार पर यह अभिकथित करते हुऐ कि परिवादिनी को कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ, परिवाद को सव्यय खारिज किये जाने की प्रार्थना की गयी।
- परिवादिनी ने सूची कागज सं0-3/5 के माध्यम से बीमा कवरनोट, कार रिपेयर का ओर्चिड फोर्ड का एस्टीमेट, और्चिड फोर्ड को परिवादिनी द्वारा किये गये भुगतान की डिपोजिट स्लिप, सुगन्ध कैपिटल प्रा0 लि0 की रिपेयर की कैश मीमो, परिवादिनी द्वारा कथित रूप से कम धनराशि के भुगतान के सम्बन्ध में भेजी गई शिकायत, आई0आर0डी0ए0 को भेजी गई कम्पलेन्ट, विपक्षी को भेजे गये कानूनी नोटिस, नोटिस भेजने की कोरियर की रसीद और उसकी पावती की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज संख्या-3/8 लगायत3/19 हैं।
- प्रतिवाद पत्र के साथ संलग्नक के रूप में विपक्षी ने सर्वेयर श्री पवन कुमार की सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 25/5/2011 तथा बीमा पालिसी को दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-7/6 लगायत 7/11 हैं।
- परिवादिनी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/6 दाखिल किया।
- विपक्षी की ओर से साक्ष्य में बीमा कम्पनी के सीनियर डिविजनल मैनेजर श्री आनन्द स्वरूप का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/5 दाखिल हुआ।
- परिवादिनी ने अपना रिज्वाइंडर शपथपत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/2 दाखिल किया।
- दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्द पर विवाद नहीं है कि परिवादिनी की कार दिनांक 23/06/2010 से 22/06/2011 तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी। बीमा अवधि के दौरान कार दुर्घटनाग्रस्त होने और दुर्घटना के सापेक्ष विपक्षी द्वारा परिवादिनी को 33,290/- रूपये दुर्घटना दावे के रूप में भुगतान किऐ जाने के बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है।
- परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी के सर्वेयर की सहमति से कार के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर कार की रिपेयर करायी गयी थी, रिपेयर हेतु परिवादिनी ने 61,310/- रूपया का भुगतान किया, किन्तु विपक्षी ने मात्र 33,290/- रूपये का ही भुगतान किया और 28,020/- रूपये अकारण काट लिये। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि ऐसा करके विपक्षी ने सेवा में कमी की है।
- प्रत्युत्तर में विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि कथित दुर्घटना में हुऐ नुकसान का आंकलन उनके सर्वेयर श्री पवन कुमार ने किया था, उन्होंने सर्वे करके लॉस असिस्मेन्ट रिपोर्ट विपक्षी को प्रस्तुत की। सर्वेयर ने साल्वेज वैल्यू काटकर 33,290/- रूपये की देयता की संस्तुति की और तदानुसार 33,290/- रूपये का चैक के माध्यम से विपक्षी ने परिवादिनी को भुगतान कर दिया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार विपक्षी ने सेवा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की। उन्होंने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के इस कथन का खण्डन किया कि वर्कशाप, जहॉं परिवादिनी की दुर्घटनाग्रस्त कार ठीक हुई थी, के बिल कागज सं0-3/11 लगायत 3/12 में उल्लिखित रिपेयर राशि 61,310/- रूपया को कम करने का विपक्षी अथवा सर्वेयर को कोई अधिकार नहीं था।
- अब यह देखा जाना है कि क्या 33,290/- रूपये का भुगतान करके विपक्षी ने सेवा में कोई कमी की है अथवा नहीं ?
- कार रिपेयर के बिल 3/11 -3/12 में अन्य के अतिरिक्त कम्प्रेशर आयल, ब्रैक फलूड, वाश फलूड पाउच, होज कनेक्शन, पैन आयल, सील आयल इत्यादि का भी खर्च सम्मिलित है। इस बिल में कुछ पार्टस प्लास्टिक के भी हैं। विपक्षी की लिखित बहस के साथ दाखिल बीमा पालिसी की शर्तों , जो 17/1 ता 17/2 पर दृष्टव्य हैं, के अनुसार प्लास्टिक, रबड़, नायलोन पार्टस पर 50 प्रतिशत डेप्रीसिऐशन काट लेने का विपक्षी को अधिकार है। कार की आयु के अनुसार भी डेप्रीसिऐशन अनुमन्य है। पालिसी की शर्त सं0-2 के अनुसार दुर्घटना के फलस्वरूप होने वाले तकनीकी, इलैक्ट्रीकल अथवा अन्य टूट-फूट के भुगतान की विपक्षी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। ब्रैक आयल, पैन आयल, कम्प्रेशर आयल इत्यादि दुर्घटना के फलस्वरूप हुऐ ऐसे नुकसान है जो बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार प्रतिपूर्ति योग्य नहीं हैं। प्लास्टिक, मेटल पार्टस इत्यादि के सन्दर्भ में भी डेप्रीसिऐशन अनुमन्य है, ऐसा पालिसी की शर्तों में उल्लेख है। परिवादिनी और बीमा कम्पनी के मध्य ये शर्तें करार का आधार हैं अत: इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारे अभिमत में बीमा पालिसी की शर्तों के अनुरूप विपक्षी ने अनुमन्य राशि 33,290/- रूपये का भुगतान करके सेवा में कोई कमी नहीं की।
16 - अन्यथा भी यदि यह मान लिया जाये कि विपक्षी ने परिवादिनी को पार्ट पेमेन्ट किया था जैसा कि परिवादिनी का कथन है, तब भी परिवादिनी कोई अनुतोष पाने की अधिकारिणीं नहीं है। परिवादिनी द्वारा दाखिल शिकायत कागज सं0-3/12 के अवलोकन से प्रकट है कि 33,290/- रूपया का चैक परिवादिनी को माह अक्टूबर, 2011 में मिल गया था, कम धनराशि के भुगतान की परिवादिनी ने शिकायत 27 मार्च, 2012 को अर्थात् चैक मिलने के लगभग 5 माह बाद की। प्रकट है कि 33,290/- रूपये की राशि परिवादिनी ने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से प्राप्त कर ली। 2013(2) सी0पी0आर0 पृष्ठ-235, मैसर्स श्री बालाजी वूलन मिल्स बनाम ओरिन्यटल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 के मामले में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा यह व्यवस्था दी गई है कि यदि बीमित व्यक्ति ने फुल एण्ड फाइनल सेटिलमेन्ट के रूप में पार्ट पेमेन्ट बीमा कम्पनी से प्राप्त कर लिया है और प्राप्ति स्वीकृति के रूप में डिस्चार्ज बाउचर पर स्वेच्छा से हस्ताक्षर कर दिये हैं तब बीमित व्यक्ति बीमा दावे को री-एजीटेट नहीं कर सकता। 17 - उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षी ने परिवादिनी को सेवा प्रदान करने में कोई लापरवही अथवा कमी नहीं की। परिवादिनी कोई अनुतोष पाने की अधिकारिणीं नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्य है। परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 05.08.2015 05.08.2015 05.08.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 05.08.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 05.08.2015 05.08.2015 05.08.2015 | |