Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/307/2017

PREM - Complainant(s)

Versus

ORIENTAL INSURANCE CO. LTD - Opp.Party(s)

NARESH SINGH

13 Oct 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/307/2017
( Date of Filing : 22 Sep 2017 )
 
1. PREM
GAHARA KAVARIE
MAHOBA
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. ORIENTAL INSURANCE CO. LTD
STATION ROAD
lucknow
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 13 Oct 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या-307/2017   

उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

               श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।

                                                   श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।                                          

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-22/09/2017

परिवाद के निर्णय की तारीख:-13/10/2020

1-श्रीमती प्रेम आयु लगभग 43 वर्ष पत्‍नी स्‍व0 महेश्‍वरीदीन।

2-संदीप आयु लगभग 14 वर्ष पुत्र स्‍व0 महेश्‍वरीदीन।

3-तुलसीदास आयु लगभग 12 वर्ष पुत्र स्‍व0 महेश्‍वरीदीन।

4-दीपू आयु लगभग 09 वर्ष पुत्र स्‍व0 महेश्‍वरीदीन।

5-कु0 कोमल आयु लगभग 02 वर्ष पुत्री स्‍व0 महेश्‍वरीदीन।

  याची संख्‍या-02 से 05 नाबालिग प्राकृतिक संरक्षिका याचिनी संख्‍या-01 श्रीमती

  प्रेम माता सगीयाचीगण-निवासी-ग्राम-गहरा (झलकारी बाई नगर, कबरई, थाना-

  कवरई, तहसील व जिला-महोबा (उ0प्र0)

                                        ..........परिवादिनीगण।                                                   

                           बनाम

1-ओरियन्‍टल इन्‍श्‍योरेंस कं0 लि0 वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक विकास द्वीप 22, स्‍टेशन रोडलखनऊ-226001 ।

2-उ0प्र0 सरकार द्वारा विशेष सचिवसंस्‍थागत वित्‍त विभागउ0प्र0 शासन, उ0प्र0 लखनऊ।

3-श्रीमान् जिलाधिकारी, जनपद-महोबा।

                                                          .........विपक्षीगण।                                                                                                                    

आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।

                           निर्णय

परिवादिनीगण ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी संख्‍या-01 बीमा कम्‍पनी से बीमा धनराशि 5,00,000/- रूपया व उस पर देय ब्‍याज,  मुबलिग-1,000/-रूपये प्रति सप्‍ताह के हिसाब से 32,000/-रूपये वास्‍तविक अदायगी तक अर्थदण्‍ड के रूप में,  एवं 10,000/-रूपये वाद व्‍यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि स्‍व0 महेश्‍वरीदीन पुत्र गोपी उपरोक्‍त पेशे से किसान थे जिसकी दिनॉंक-16/09/2016 को दुर्घटना के मृत्‍यु  हो गयी थी। उ0प्र0 सरकार द्वारा उ0प्र0 के समस्‍त किसानों (असीमित आय सीमा)  भूमिहीन कृषक,  कृषि से संबंधित क्रियाकलाप करने वाले, (मत्‍स्‍य पालक,  दुग्‍ध पालक,  सुवर पालक,  बकरी पालक,  मधुमक्‍खी पालक इत्‍यादि) घुमन्‍तू परिवार,  व्‍यापारी (जो किसी शासन योजना से अच्‍छादित नहीं हैं) बन श्रमिक दुकानदार,  फुटकर कार्य करने वाले,  रिक्‍शा चालक,  कुली एवं अन्‍य कार्य करने वाले ग्रामीण क्षेत्रों अथवा शहरी क्षेत्रों के निवसी जिनकी पारिवारिक आय 75,000/-रूपये प्रतिवर्ष से कम हो एवं जिनकी आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष के मध्‍य है, के हित में विपक्षी संख्‍या-02 ने विपक्षी संख्‍या-01 से एक सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना का अनुबन्‍ध किया था। अनुबन्‍ध के अनुसार 5,00,000/-रूपये का दुर्घटना बीमा किया गया था। यह पालिसी दिनॉंक-14/09/2016 से अग्रिम एक वर्ष के लिये है। परिवादिनी संख्‍या-01 ने अपने पति मृतक स्‍व0 महेश्‍वरीदीन पुत्र गोपी उपरोक्‍त की आकस्मिक मृत्‍यु के उपरान्‍त निर्धारित समयावधि के अन्‍दर समस्‍त आवश्‍यक प्रपत्र संलग्‍न करते हुए विपक्षी संख्‍या-03 के माध्‍यम से विपक्षी संख्‍या-01 को नियमानुसार बीमा दावा प्रेषित किया। वांछित बीमित धनराशि प्राप्‍त करने के लिये विपक्षीगणों के कार्यालयों के चक्‍कर लगाती रही,  परन्‍तु काफी समय व्‍यतीत हो जाने के बाद भी आज तक विपक्षी संख्‍या-01 द्वारा अनावश्‍यक बीमा दावा अपने स्‍तर पर लम्बित रखकर बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया गया, और न ही इस संबंध में कोई जानकारी दी गयी। बीमा दावा आज तक बीमा कम्‍पनी के स्‍तर पर लम्बित है, जो बीमा कम्‍पनी की सेवाओं में कमी एवं घोर लापरवाही प्रदर्शित करता है।

विपक्षी संख्‍या-01 ने अपना उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों से इनकार करते हुए कथन किया कि परिवादिनी के परिवाद में साक्ष्‍य का अभाव है। परिवादिनी का बीमा दावा प्राप्‍त होने पर उसकी भली-भॉंति जॉंच करवायी गयी तत्‍पश्‍चात् दावा निरस्‍त किया गया। उनका यह भी कहना है कि दुर्घटना दिनॉंक-06/09/2016 को हुई है और मृत्‍यु दिनॉंक-16/09/2016 को हुई,  इसलिए परिवादिनी इस योजना के अन्‍तर्गत आच्‍छादित नहीं है,  इस वजह से अस्‍वीकृत पत्र (Repudiation Letter) भेजा गया। विपक्षी संख्‍या-01 का यह भी कथन है कि प्रस्‍तुत परिवाद मात्र पैसे ऐंठने की उद्देश्‍य से किया गया है। कम्‍पनी सभी दावा देने की जिम्‍मेदार नहीं है। केवल बीमा शर्तों के अन्‍तर्गत दावा जो विधिक हो दे सकती है। विपक्षी का यह भी कथन है कि परिवादिनी जनपद महोबा की रहने वाली है और उसमें जिलाधिकारी महोदय, महोबा को अपना दावा प्रस्‍तुत किया,  इसलिए परिवादिनी का दावा सुनने का क्षेत्राधिकार इस फोरम को नहीं है। प्रस्‍तुत वाद इस न्‍यायालय में पोषणीय नहीं है। इस न्‍यायालय के बजाए परिवादिनी को एक गठित कमेटी के समक्ष ही अपना दावा प्रस्‍तुत करना चाहिए था। अत: कम्‍पनी ने सही प्रकार से परिवादिनी का दावा अपने पत्र दिनॉंकित-06/04/2017 के माध्‍यम से निरस्‍त किया है। इसलिए कोई अर्थदण्‍ड भी नहीं लगाया जा सकता। परिवादिनी का परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

परिवाद की कार्यवाही विपक्षी संख्‍या-02 एवं 03 के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

परिवादिनी एवं विपक्षी संख्‍या-01 ने अपने कथन का समर्थन शपथ पर किया है।

अभिलेख का अवलोकन किया,  जिससे प्रतीत होता है कि विपक्षी संख्‍या-1 ने परिवादिनी का दावा सिर्फ इसी आधार पर अमान्‍य कर दिया है कि दुर्घटना दिनॉंक-06/09/2016 की है,  जबकि यह योजना 14/09/2016 से लागू हुई है। परिवादिनी की ओर से कहा गया कि यद्यपि योजना 14/09/2016 से लागू हुई है परन्‍तु कृषक की मृत्‍यु दिनॉंक-16/09/2016 को हुई है। दुर्घटना भले ही पूर्व में हुई हो परन्‍तु मृत्‍यु दुर्घटना बीमा योजना लागू होने के पश्‍चात् हुई है और दुर्घटना होना विपक्षी ने स्‍वीकार भी किया है। पॉलिसी में यह कहीं भी अंकित नहीं है कि दुर्घटना योजना लागू होने के पश्‍चात् होनी चाहिए। पॉलिसी मृत्‍यु होने के पश्‍चात् ही प्रभावी होती है और बीमा राशि का भुगतान होता है। यदि दुर्घटना में कृषक को चोट लगी और बीमा योजना शुरू होने के पश्‍चात् कृषक की मृत्‍यु हुई है जैसा कि इस केस में है,  योजना लागू होने के तीसरे दिन कृषक की मृत्‍यु हुई है। अत: विपक्षी संख्‍या-01 बीमा कम्‍पनी का यह कर्तव्‍य है कि वह बीमित राशि का भुगतान मृतक कृषक के उत्‍तराधिकारियों को अद करे। योजना लागू करने का उद्देश्‍य यह है कि कृषक की मृत्‍यु होने पर उनके आश्रितों को एकाएक आर्थिक कष्‍ट उत्‍पन्‍न न हो जाए।  कृषक स्‍व0 महेश्‍वरीदीन की मृत्‍यु निश्चित तौर पर बीमा लागू होने के पश्‍चात् हुई है। अत: बीमित राशि के भुगतान का दायित्‍व भी विपक्षी संख्‍या-01 का है। ऐसी परिस्थिति में परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                       आदेश

परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्‍या-01 को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादीगण को मुबलिग-5,00,000/-(पॉच लाख रूपया मात्र) का भुगतान 06% वार्षिक ब्‍याज के साथ 45 दिनों के अन्‍दर अदा करेंगे। साथ ही साथ वाद दायर करने की तिथि तक मुबलिग-1000/-(एक हजार रूपया मात्र) प्रति सप्‍ताह के हिसाब से मुबलिग-32000/-(बत्‍तीस हजार रूपया मात्र) अर्थदण्‍ड एवं मुबलिग-5000/-(पॉंच हजार रूपया) वाद व्‍यय अदा करेंगें।  उपरोक्‍त राशि के अलावा वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि से भुगतान की तिथि तक मुबलिग-1000/-(एक हजार रूपया मात्र) प्रति सप्‍ताह की दर से अर्थदण्‍ड भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो सम्‍पूर्ण राशि पर 09% वार्षिक ब्‍याज की दर से भुगतेय होगी। परिवादिनी संख्‍या-01 नाबालिग परिवादियों के हिस्‍से की राशि उनके बालिग होने तक बैंक से नहीं निकालेगी।

 

 

(अशोक कुमार सिंह)     (स्‍नेह त्रिपाठी)             (अरविन्‍द कुमार)

     सदस्‍य              सदस्‍य                     अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                 लखनऊ।                                         

 

 

 

 

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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